आज मेरे पास आ जाओ

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Antarvasna, hindi sex kahani: मैं कॉलेज के लिए तैयार हो रहा था और मैंने मां से कहा मां जल्दी से मेरे लिए नाश्ता लगा दो मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही है तो मां कहने लगी कि ठीक है बेटा अभी तुम्हारे लिए नाश्ता लगा देती हूँ। मां ने मेरे लिए नाश्ता लगा दिया और मैंने जल्दी से नाश्ता किया मैंने जैसे ही नाश्ता किया तभी मेरा दोस्त संतोष भी घर पर आ चुका था संतोष ने मुझे कहा कि रजत क्या तुम अभी तक तैयार नहीं हुए हो मैंने उसे कहा मैं तो तैयार हो चुका हूं। हम दोनों घर से साथ में निकले घर से थोड़ी दूर जाने पर ही मेरी मोटरसाइकिल में तेल खत्म हो गया तो संतोष मुझे कहने लगा कि क्या तुमने अपनी मोटरसाइकिल में तेल नहीं भरवाया था। मैंने संतोष को कहा मुझे ध्यान ही नहीं रहा संतोष मुझे कहने लगा कि मुझे लगता है की अब हमें यहीं पर मोटरसाइकिल को खड़ा कर देना चाहिए और हम लोगों को बस में ही कॉलेज जाना चाहिए।

मैंने संतोष को कहा हां तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो हम लोगों को अब बस में ही यहां से कॉलेज जाना चाहिए। मैंने अपनी मोटरसाइकिल को दुकान के बाहर खाली जगह पर लगा दिया और हम लोग बस का इंतजार करने लगे। मैंने अपनी घड़ी में समय देखा तो उस वक्त 9:30 बज रहे थे हम लोगों को कॉलेज के लिए वैसे भी देर हो चुकी थी लेकिन फिर भी हम लोग बस का इंतजार कर रहे थे। 10 मिनट इंतजार करने के बाद जब बस आ गई तो हम लोग बस में चढ़ गए मैंने इधर उधर ना नजर दौड़ाई और देखा कि क्या कहीं बस में बैठने के लिए जगह है तो मुझे कहीं भी कोई जगह नहीं मिली। संतोष और मैं आपस मे बात कर रहे थे तभी बस रुकी मैंने जब देखा तो बस स्टॉप पर बस रुकी हुई थी थोड़ी देर वहां पर बस रुकी और कुछ लोग बस में चढ़े तभी मैंने एक सुनहरे बालों वाली और कजरारे आंखों वाली लड़की को देखा तो मैं सिर्फ उसकी तरफ ही देखता रहा। संतोष मुझसे बात कर रहा था लेकिन मुझे तो ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे मैं उस लड़की को देखकर उसके ख्यालों में कहीं खो गया हूं।

संतोष मुझे कहने लगा कि रजत तुम्हारा ध्यान किधर है तो मैंने उसे कहा हां संतोष कहो ना, मैंने संतोष को जब उस लड़की की तरफ देखने को कहा तो संतोष मुझे कहने लगा कि रजत हमारा कॉलेज आने वाला है। मैंने संतोष को कहा संतोष तुम कॉलेज के लिए उतर जाना मैं आज कॉलेज नहीं आ पाऊंगा संतोष मुझे कहने लगा रजत आज हमे कॉलेज जाना जरूरी है। मैंने संतोष को कहा नहीं संतोष तुम कॉलेज चले जाओ और फिर संतोष बस से उतर गया मैं सिर्फ उसी लड़की की तरफ देख रहा था वह अभी तक बस से उतरी नहीं थी। जब वह बस से उतरी तो मैंने देखा कि वह बस से उतरकर वहां से काफी आगे की तरफ जा रही थी मैं उसके पीछे पीछे जा रहा था फिर मैंने देखा कि वह किसी बड़ी बिल्डिंग में चली गई। वह जब उस बिल्डिंग के अंदर गयी तो मैंने वहां खड़े गार्ड से पूछा यहां पर किसका ऑफिस है तो उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया लेकिन मुझे यह तो पता चल चुका था कि वह लड़की यही जॉब करती है। मैं काफी देर तक वहां खड़ा रहा लेकिन उसके बाद संभावनाएं बहुत कम थी कि मैं उस लड़की को दोबारा देख पाता उस दिन तो मैं घर लौट आया। संतोष ने मुझे शाम के वक्त फोन किया और कहा कि आज तुम उस लड़की के पीछे चले गए तुमने यह बिल्कुल भी ठीक नही किया। मैंने संतोष को कुछ भी नहीं कहा और अगले दिन मैं कॉलेज जा रहा था लेकिन मेरे दिमाग में अभी तक उस लड़की का ही ख्याल था मैं जब भी अपनी आंखें बंद करता तो उसका चेहरा जैसे मेरे सामने आ जाता। मैं चाहता था कि मैं उससे बात करूं लेकिन मैं उससे बात नहीं कर सकता था यह मेरे लिए संभव नहीं था। मैंने एक दिन फैसला किया कि आज मैं बस से ही कॉलेज जाऊंगा और मैं बस से ही उस दिन कॉलेज गया लेकिन मुझे नहीं पता था कि मुझे वह लड़की मिल जाएगी और जब मैंने उसे देखा तो मैं अंदर ही अंदर बहुत खुश हो चुका था। मैं चाहता था कि उस लड़की से मैं बात करूं मैं उस दिन भी उस लड़की का पीछा करते हुए उसके ऑफिस तक पहुंच गया था जब वह जा रही थी तो तभी उसके हाथ से उसका पर्स नीचे गिर गया। शायद उसे इस बात का ध्यान नहीं था मैंने उसका पर्स उठाया और उसे आवाज़ देते हुए कहा मैडम आपका पर्स गिर गया है तो वह पीछे पलटी। जब वह पीछे पलटी तो मैंने उसकी तरफ बड़े ध्यान से देखा, वह मेरे पास आई तो मैंने उससे बात करनी चाही लेकिन मेरी हिम्मत ही नहीं हुई।

जब उसने मुझसे बात की तो मैं बहुत ज्यादा खुश था और उसने मुझे अपना नाम भी बताया उसका नाम कावेरी है। उस दिन के बाद से मैं कुछ ज्यादा ही खुश हो चुका था मैं अक्सर कावेरी को मिलने की कोशिश करता लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था। एक दिन जब मुझे कावेरी दिखी तो उसने मुझसे बात की और कहने लगी कि तुम तो वही हो ना जो उस दिन मुझे मिले थे और तुमने मेरा पर्स लौटाया था मैंने उसे कहा हां। वह मुझे कहने लगी कि मैंने उस दिन तुम्हारा नाम नहीं पूछा मैंने उसे अपना नाम बताया और जैसे उस दिन के बाद से तो कावेरी और मेरी अच्छी दोस्ती होने लगी थी। कावेरी और मैं एक दूसरे को मिलने लगे थे लेकिन मैं कावेरी से अपने दिल की बात कहना चाहता था परंतु यह सब इतना आसान नहीं था। हम दोनों की बात आगे बढ़ती जा रही थी इसी दौरान मेरे कॉलेज की अंतिम वर्ष की परीक्षा भी खत्म हो चुकी थी। कावेरी से मैं जब भी मिलता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता मैं चाहता था कि कावेरी के साथ कुछ समय मैं अकेला रहूँ लेकिन मेरे लिए यह मुमकिन नहीं था।

एक दिन मैंने कावेरी के साथ बात की और कहा कि मैं तुम्हारे साथ कुछ समय बिताना चाहता हूं तो कावेरी ने मुझे कहा कि रजत लेकिन यह संभव नहीं हो पाएगा। उस दिन तो कावेरी ने इस बात को टाल दिया लेकिन मैं चाहता था कि मैं कुछ समय कावेरी के बिताऊं। कावेरी और मेरी सिर्फ बाते ही होती थी एक दिन मैंने कावेरी से मिलने की बात कही तो कावेरी ने मुझे कहा ठीक है आज मैं तुमसे मिलती हूं। जब उस दिन हम दोनों मिले तो मुझे कावेरी से मिलकर बहुत अच्छा लगा। मैंने कावेरी से अपनी दिल की बात कह दी, कावेरी ने मुझे कहा यह नही हो सकता लेकिन उसने मुझे कोई भी जवाब नहीं दिया। मैं सोचने लगा क्या कावेरी मुझे प्यार करती है? कहीं ना कहीं कावेरी के दिल में भी कुछ चल रहा था जब हम लोगों ने मिलने का फैसला दोबारा से किया तो उस दिन कावेरी ने अपने दिल की बात कह दी हालांकि मैं उस वक्त कुछ भी नहीं करता था और मैं सोचने लगा कि क्या यह सब उचित होगा। कावेरी और मेरा रिश्ता आगे बढ़ने लगा था और हम दोनों एक दूसरे से मिलने लगे थे। हम दोनों की मुलाकात बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी इसी दौरान एक दिन कावेरी ने मुझे अपने घर पर बुलाया वह घर पर अकेली थी। मैं कावेरी को अच्छी लड़की समझता था, उसने मुझसे सेक्स करने के बात कहीं मैंने कावेरी को अपनी बाहों में ले लिया। मैं तो चाहता ही था कि कावेरी के साथ में सेक्स कर पाऊ मेरे लिए यह अच्छा मौका था शायद ही मैंने कावेरी के बदन को बड़े ही अच्छे से महसूस करना शुरू किया जब मैं उसके बदन को महसूस कर रहा था तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था और कावेरी भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी उसने मुझे कहा मैं ज्यादा देर तक अपने आपको रोक नहीं पाऊंगी। मैंने कावेरी से कहा क्या तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसोगी? कावेरी ने कहा हां क्यों नहीं कावेरी ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया वह मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक ले रही थी।

उससे मेरे अंदर की गर्मी और भी अधिक बढ़ने लगी थी उसने मेरे लंड से पानी बाहर निकाल कर रख दिया था अब ना तो मैं अपने आपको रोक सका और ना ही कावेरी अपने आप पर काबू कर पाई। मैंने उसके बदन से सारे कपड़े उतार दिए थे और उसके गोरे बदन को देखकर भला मैं कहां पीछे रहने वाला था। मैंने भी उसके बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक चाटा मैंने उसकी चूत के अंदर अपनी जीभ को डालना चाहा तो उसकी चूत से पानी कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा और वह अपने आप पर बिल्कुल भी काबू ना कर सकी। उसने मेरे लंड को अपनी चूत मे लगा लिया मैंने अपने लंड को उसके चूत के अंदर डालने की कोशिश की लेकिन उसकी चछत बहुत ही ज्यादा टाइट थी इसलिए मेरे लिए यह सब आसान नहीं था परंतु फिर भी मैंने कोशिश करते हुए उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल ही दिया। कावेरी की चूत के अंदर मेरा लंड जाते ही कावेरी की सील टूट चुकी थी लेकिन मैं इस बात से हैरान था कि कावेरी सेक्स के लिए इतनी ज्यादा भूखी है। मैने उसे पूछा तुमने पहले भी किसी के साथ सेक्स किया है?

वह मुझे कहने लगी नहीं इससे पहले मैंने किसी के साथ सेक्स नही किया है मैंने अपने मुंह में कई बार लंड लिया है। मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था कावेरी की चूत से अब कुछ ज्यादा ही बहार की तरफ निकल रहा था। मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया था काफी देर तक मैंने कावेरी के बदन के मजे लिए आखिरकार मेरा वीर्य गिर चुका था और उसके बाद कावेरी और मेरे बीच ना जाने कितनी बार सेक्स संबंध बने। कावेरी को मुझसे अपनी चूत मरवाने में बहुत मजा आता है। हम दोनों हर रोज एक दूसरे से मुलाकात करते हैं और जब भी हम लोग एक दूसरे से मिलते हैं तो हमे बहुत ही खुशी होती है। मैं अब जॉब करने लगा हूं और मैं अपनी जॉब से भी बहुत खुश हूं और मेरे जीवन में सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा है कावेरी भी मेरा साथ बखूबी देती है।
 
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