आज मेरे साथ रूक जाओ

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Antarvasna, hindi sex kahani: मेरे कॉलेज की कुछ दिनों की छुट्टियां पड़ी हुई थी इसलिए मैं अपने घर लखनऊ जा रही थी मैं बेंगलुरु में पढ़ाई करती हूं और कुछ दिनों के लिए मैं लखनऊ जाना चाहती थी मैं अब लखनऊ गई तो मैं अपने परिवार से मिलकर काफी खूश थी। मेरे पापा का प्रॉपर्टी का बिजनेस है पापा अभी तक अपने ऑफिस नहीं गए थे मैंने पापा से कहा कि क्या आप आज घर पर ही रहने वाले हैं? तो पापा कहने लगे कि हां पायल बेटा आज मैं घर पर ही रहने वाला हूं तुम इतने दिनों बाद जो घर आई हो। पापा उस दिन घर पर ही रुक गए थे मेरी छोटी बहन खुशबू भी अपने स्कूल से लौट चुकी थी और जब वह घर आई तो वह मुझे कहने लगी कि दीदी मैं आपसे कितने दिनों बाद मिल रही हूँ। वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हुई और हम लोग उस दिन साथ में मेरे मामा जी के घर गए जब हम लोग मेरे मामा जी के घर गए तो वहां पर हम लोगों ने रात का डिनर किया।

मामा जी हमारे परिवार की बहुत नजदीक हैं पापा के बिजनेस में जब लॉस हो गया था तो मामा जी ने उस वक्त पापा की बहुत मदद की थी। मैं लखनऊ आकर बहुत ज्यादा खुश थी और मैं कुछ दिनों तक लखनऊ में ही रहने वाली थी तो मैं अपने पुराने दोस्तों से भी मिली। जब मैं अपने पुराने दोस्तों से मिली तो मुझे बहुत अच्छा लगा मैं अपनी सहेली गुंजन से भी मिली गुंजन लखनऊ से ही कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर रही है हम लोग साथ में स्कूल पढ़ा करते थे। गुंजन ने मुझे कहा कि तुम तो बेंगलुरु चली गई हो लेकिन मैं यहीं लखनऊ में पढ़ाई कर रही हूं मैंने गुंजन को कहा लेकिन तुम अपने परिवार के साथ तो हो मैं तो अपने परिवार से दूर हूं और कभी कबार मुझे लगता है कि मैं कॉलेज छोड़ कर घर वापस आ जाऊं लेकिन पापा ने मुझे वहां पढ़ने के लिए भेजा है इसलिए मैं पढ़ाई कर रही हूं। गुंजन के साथ मैं काफी समय तक बात करती रही फिर मैने गुंजन को कहा मैं अब घर जा रही हूं उसने कहा ठीक है हम लोग कल मुलाकात करते हैं।

मैं कुछ दिनों तक घर पर ही थी तो उस दौरान मैं गुंजन से हर रोज मिलती रही अब मैं वापस बेंगलुरु लौट आई थी मैं जब बेंगलुरु वापस लौटी तो मुझे कुछ दिनों तक बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि मैं अपने परिवार से दूर जो थी लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक लगने लगा था। मैं अपनी कॉलेज की पढ़ाई भी खत्म कर चुकी थी क्योंकि यह मेंरे कॉलेज का आखरी वर्ष था मेरे कॉलेज की पढ़ाई अब पूरी हो चुकी थी और उसके बाद मैं बेंगलुरु में ही एक आईटी कंपनी में जॉब करने लगी। हालांकि पापा चाहते थे कि मैं लखनऊ आ जाऊं लेकिन मैंने फैसला किया कि मैं अब बेंगलुरु में ही जॉब करूंगी मेरी कॉलेज में प्लेसमेंट के माध्यम से ही जॉब लग गई थी और उसके बाद मैं बेंगलुरु में ही जॉब करने लगी। अभी तक तो मैं कॉलेज के हॉस्टल में रहती आई थी लेकिन अब मैं अलग रहने लगी थी जिस वजह से कुछ दिनों के लिए पापा और मम्मी मेरे पास रहने के लिए भी आए थे और आप मेरी जॉब अच्छे से चल रही थी। ऑफिस में जॉब करने के दौरान मेरी मुलाकात शांतनु से हुई शांतनु से जब मैं मिली तो मुझे उससे बात करना अच्छा लगा लेकिन मुझे नहीं पता था कि शांतनु के दिल में मेरे लिए क्या चल रहा है। शांतनु मुझसे प्यार कर बैठा था परंतु मैं इन सब चक्कर में नहीं पड़ना चाहती थी एक दिन शांतनु ने मुझे अपने दिल की बात कह दी तो मैंने शांतनु को साफ तौर पर कह दिया की देखो शांतनु हम लोग अच्छे दोस्त बन कर रह सकते हैं लेकिन मैं प्यार व्यार के चक्कर में नहीं पड़ना चाहती मैं अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहती हूं। शांतनु ने मुझे कहा ठीक है पायल जैसा तुम्हें ठीक लगता है उस दिन के बाद शांतनु ने मुझे कभी भी इस बारे में नहीं कहा हम दोनों अभी भी अच्छे दोस्त हैं और वह हमेशा ही मेरी काफी मदद करता है। शांतनु बेंगलुरु का ही रहने वाला है और वह पहले किसी और कंपनी में जॉब करता था लेकिन कुछ समय पहले ही उसने यह कंपनी ज्वाइन की थी। शांतनु ने मुझे अपने दोस्तों से मिलवाया और शांतनु के दोस्तों से मिलकर मुझे अच्छा लगा। एक दिन हमारे ऑफिस में शांतनु की हमारे सीनियर से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई जिस वजह से शांतनु ने ऑफिस छोड़ दिया और वह किसी दूसरी जगह जॉब करने लगा था। शांतनु ने मुझे कहा कि मुझे अब वहां पर जॉब करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा जिस वजह से मैंने वहां रिजाइन दे दिया।

शांतनु दूसरी कंपनी में जॉब करने लगा था हम लोग अक्सर एक दूसरे से मिलते थे मैं इस बीच लखनऊ भी गई थी और मैं जब लखनऊ गई तो पापा मुझे कहने लगे कि पायल बेटा अब तुम घर वापस आ जाओ। मैंने पापा से कहा पापा मुझे बेंगलुरु में ही जॉब करने दीजिए वहीं पर मैं जॉब करना चाहती हूं पापा ने उसके बाद मुझे कुछ नहीं कहा पापा मुझसे और खुशबू से बहुत प्यार करते हैं इसलिए वह चाहते थे कि मैं वापस बेंगलुरु से लौट आऊं लेकिन मैंने पापा को मना कर दिया था। मुझे भी कई बार ऐसा लगता कि मुझे क्या लखनऊ वापस चले जाना चाहिए एक दिन मैंने शांतनु से इस बारे में बात की तो शांतनु मुझे कहने लगा कि पायल तुम्हें यही जॉब करनी चाहिए और तुम्हें अपनी जिंदगी के बारे में सोचना चाहिए तुम अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी सकती हो। शांतनु की बात मुझे अच्छी लगी और मैंने शांतनु को कहा तुमने मेरी काफी बड़ी प्रॉब्लम सॉल्व कर दी शांतनु कहने लगा कि मैंने भला तुम्हारी प्रॉब्लम कैसे सॉल्व कर दी। मैंने उसे बताया कि मैं तो कब से इस बात के लिए परेशान थी कि मुझे क्या करना चाहिए क्योंकि कई बार मुझे लगता कि मुझे लखनऊ चले जाना चाहिए लेकिन अब तुम्हारे कहने से शायद मुझे भी लगने लगा है कि मुझे बेंगलुरु में रहकर ही जॉब करनी चाहिए।

मैं अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दे रही थी और मेरा प्रमोशन भी हो चुका था मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे जॉब करते हुए एक वर्ष से ऊपर हो चुका है। मुझे यस बात तो मालूम थी कि शांतनु मुझसे प्यार करता है लेकिन मेरे मना करने के बाद उसने कभी भी मुझसे इस बारे में कोई बात नहीं की थी। शांतनु अच्छा लड़का है और उसे मैं भी पसंद करती हूं लेकिन मुझे यह बात पता थी कि मेरे परिवार वाले कभी भी शांतनु को स्वीकार नहीं करेंगे इसलिए मैंने शांतनु से अपने रिश्ते को कभी आगे बढ़ने ही नहीं दिया। जब हम दोनों का रिश्ता आगे बढ़ रहा था तो उसी वक्त मैंने शांतनु को इस बात के लिए मना कर दिया था शांतनु को इस से कोई आपत्ति नहीं थी। हम लोग अक्सर एक दूसरे से मिला करते। एक दिन शांतनु और मैं एक पार्टी में गए हुए थे उस दिन मैं कुछ ज्यादा ही नशे मे हो गई थी। शांतनु को मुझे घर तक छोड़ने के लिए आना पड़ा वह मुझे घर तक छोड़ने के लिए आया उसके बाद वह कहने लगा मैं अब चलता हूं। मैंने उस दिन शांतनु को अपने साथ ही रुकने के लिए कहा वह मेरे साथ ही रुक चुका था। मुझे नहीं मालूम था कि उस रात हम दोनों के बीच में सेक्स हो जाएगा शांतनु और मैं आपस में एक दूसरे से बात कर रहे थे। शांतनु कहने लगा पायल तुम्हें बहुत ज्यादा नशा हो चुका है इसलिए तुम सो जाओ परंतु मैं कहां सोना चाहती थी। मैंने शांतनु को किस कर लिया शांतनु ने भी मुझे किस किया। शांतनु मुझे कहने लगा मैं अब जा रहा हूं लेकिन मैंने शांतनु को रोक लिया। मैंने जब उसके सामने अपने कपड़े उतारे तो वह अपने आपको ना रोक सका उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया।

उसने मेरे गोरे बदन को अपनी बाहों में लिया तो वह बड़े अच्छे से मेरे बदन को सहला रहा था उसने मेरी चूत पर अपनी उंगली को लगाया तो मैं बहुत ही ज्यादा गरम हो गई। मेरी चूत से इतना पानी बाहर निकलने लगा कि मैं अब रह नहीं पा रही थी मैंने शांतनु से कहा तुम अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दो। शांतनु ने अपने मोटे लंड को बाहर निकाला उसका लंड बहुत ही काला था जब उसने अपने काले लंड को मेरी चूत पर लगाया तो मेरी चूत से और भी ज्यादा पानी बाहर की तरफ को निकालने लगा। मैंने उससे कहा तुम अपने लंड को मेरी चूत में डाल दो अब हम दोनों ही नहीं रह पा रहे थे इसलिए उसने अपने मोटे लंड को मेरी चूत के अंदर प्रवेश करवा दिया उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो मैं जोर से चिल्लाई। उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर दबोच लिया वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा मैं अपने पैरों को खोलने लगी जिससे कि आसानी से मेरी चूत के अंदर बाहर लंड रहा था।

उसका लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था तो मेरी चूत से और भी ज्यादा खून निकल रहा था। मेरी चूत से इतना ज्यादा खून बाहर की तरफ को निकल चुका था कि मैंने उसे कहा अब मैं अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रही हूं। उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया और उसने मुझे इतनी तेजी से धक्के दिए कि मेरी चूतडो पर उसका लंड टकराने लगा। वह मुझे कहने लगा तुम्हें चोदने में बहुत मजा आ रहा है मेरा सारा नशा दूर हो चुका था और मैं शांतनु का पूरा साथ दे रही थी। मैं पूरी तरीके से चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी और शांतनु को भी मैंने सेक्स का बहुत ही अच्छे से सुख दे दिया था। शांतनु मुझे कहने लगा ऐसे ही तुम मेरा साथ देते रहो मैंने शांतनु का साथ बहुत ही अच्छे से दिया। शांतनु ने मुझे बहुत देर तक चोदा करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद शांतनु पूरी तरीके से गर्म होने लगा उसने अपने वीर्य को मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया। उसका वीर्य मेरी चूत मे गिर चुका था उसके बाद शांतनु और मैं सो चुके थे। अगले दिन जब हम लोग मिले तो हम दोनों ने एक दूसरे से इस बारे में कुछ भी बात नहीं की लेकिन उसके बाद भी हम लोगों के बीच कई बार सेक्स संबंध बने।
 
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