मेरा नाम सैलेश है, में आज आप लोगों को इंडियन जूनून में हुई चुदाई की एक कहानी सुनाने जा रहा हू जो की कुछ साल पहले की सच्ची घटना है | आपको तो पता ही है की इंडियन जूनून कितना ख़राब होता है, तभी तो इंडियन जूनून दुसरे जूनून से बुरा होता है | में अपने परिवार के साथ मुंबई मे रहता था, मेरे पापा उधर ही बिज़नस करते है, हमारा घर दो माले का था, तो ऊपर हम लोग रहते थे, और नीचे खाली था | उसके कुछ दिनों बाद पापा ने बोला की दो मिया - बीवी नीचे रहने के लिए आने वाले है, अगले ही दिन सुनील (पति) आया और सामान रख कर गया, उसके दूसरे दिन ही सारा सामान लेके दोनों पति पत्नी आगए | जब वो लोग आए थे तब में घर मे नही था, शाम को जब में घर मे आया, तो अपने आखो मे येकिन ही नही कर पाया | उसकी देसी बीवी पूरी रासिली आम लग रही थी जो पुरे दिन वो घर मे अकेली ही रहती थी | उसका पती शाम को ७ बजे घर आता था | इतनी सेक्सी आंटी मैने आज तक नही देखा था, जब भी में उसको देखता था तो वो भी कुछ देर देखती फिर पलके झपका लेती थी |
एक दिन तो गजाब ही हो जाया, जब मम्मी ने मुझे कहा की नीचे वाली आंटी को हलवा देके आ . .!! तो मेंरे खुशी का कोई ठिकाना नही रहा, में तुरंत ही चला गया | जब उन्होंने दरवाज़ा खोला तो में मेरी आखे खुली की खुली ही रह गयी | उन्होंने एक सफेद रंग का टॉप पहना था जो की इतनी टाईट थी की उनका निप्पल इतनी खूबसूरती से दिख रही थी | उन्होने बड़े प्यार से मुझसे कहा बाहर ही खड़े रहोगे या अंदर भी आओगे | में अंदर गया और बैठा, घर मे वो अकेली थी | वो एक गुलाबी रंग की टाईट पैंट पहनी थी जिसमें वो जब बार - बार झुक रही थी तो उनके गांड का पूरा शेप बन रहा था, जिसको देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया | मैंने उनसे उनका नाम पूछा, तो उन्होंने कहा, उनका नाम प्रीती है | उसके बाद वो खुद ब खुद ही सब कुछ बोलने लगी | उनका शादी कुछ तिन साल पहले हुआ था |
दिन बीतते गए, हमारी दोस्ती और गहरी होती चले गए | एक वक्त आया जब वो अपने बारे मे सब कुछ बोल पड़ी | वो बता रही थी की उसका पति कभी भी बच्चा पैदा नही कर सकता लेकिन उसके पति को लगता है, की दोष प्रीती में है | दिन पे दिन में प्रीती के लिए मैं जरुरत बन गया | वो मेरे साथ ज्यादा खुश रहती थी | एक दिन मेरा सबर का बाँध टूट गया, और मैने अचानक उसेके रसीले होठो मे कस कर ही दिया | वो चोक गयी, और मुझसे बोली ये क्या कर रही हो . .?? जिसपे मैं बड़े ही रोमांटिक अंदाज मे बोला, वही जो तुम देख रही हो . . !! वो नराज हो गई, और बोली ऐसा नही हो साकता | मैने पूछा क्यों नही हो सकता तो वो बोली अगर मेरे पति को ये पता चल गया तो वो मुझको मार डालेगा | मैने बोला, मरना तो सब को है एक दिन तो फिर मरने से पहले थोरा प्यार कर लेते है . .!! ये सुनते ही वो हंस पड़ी और बोली तुम बहुत बदमाश हो, उसका मतलब मुझे हरी झंडी मिल गई | और फिर मे जल्दी से दरवाजा बंद किया और उसको पकड़ के उसके बेड रूम मे लेकर गया |
मैने इंडियन जूनून में उस वक्त की इज्जत करते हुए जल्दी से उसकी नाइटी को निकाला | आंटी के नाईटी के उतरते मैं जोरों से उनके चुचे दबाने लगा फिर मैं अपने हाथ को गांड से चुचों पे लेकर आया खूब मज़े में दबा रहा था | आंटी मेरे सामने नंगी थी और अब चुदाई के लिए मुझे जोर देने लगी और इसी बात पर मैंने उन्हें अपने सामने मोरनी के माफिक झुका दीया जहाँ पीछे से मैं उनकी चुत में अपने लंड के पेचीदा झटके पेले जा रहा था | आंटी अपनी चुत के दाने पर थूक लगाती हुई आह्ह्ह आःह्ह्ह्ह्ह कर मसल रही थी और मैंने भी बिना रुके आंटी की नशीली चुत को पेलते हुए उनकी चुदाई का रसीला हो चूका था और अपने मुठ को झड़ने की कगार पर आ चूका था | आंटी बोली की मैं मैं अपने मुठ को उनकी चुत में ही छोड़ उन्हें निहाल कर दूँ और मैंने भी राहत भरी सांस लेते हुए आंटी की चुत में ही अपने लंड का मुठ छोड़ डाला | अब आंटी का कोई बच्चा हो या ना हो उससे आंटी को कतई भी फर्क नहीं पड़ता, बस उनकी जिस्म की आग मुझसे हमेशा ही भुज जाती है | कैसा लगा आपको मेरे इंडियन जूनून की कहानी |
एक दिन तो गजाब ही हो जाया, जब मम्मी ने मुझे कहा की नीचे वाली आंटी को हलवा देके आ . .!! तो मेंरे खुशी का कोई ठिकाना नही रहा, में तुरंत ही चला गया | जब उन्होंने दरवाज़ा खोला तो में मेरी आखे खुली की खुली ही रह गयी | उन्होंने एक सफेद रंग का टॉप पहना था जो की इतनी टाईट थी की उनका निप्पल इतनी खूबसूरती से दिख रही थी | उन्होने बड़े प्यार से मुझसे कहा बाहर ही खड़े रहोगे या अंदर भी आओगे | में अंदर गया और बैठा, घर मे वो अकेली थी | वो एक गुलाबी रंग की टाईट पैंट पहनी थी जिसमें वो जब बार - बार झुक रही थी तो उनके गांड का पूरा शेप बन रहा था, जिसको देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया | मैंने उनसे उनका नाम पूछा, तो उन्होंने कहा, उनका नाम प्रीती है | उसके बाद वो खुद ब खुद ही सब कुछ बोलने लगी | उनका शादी कुछ तिन साल पहले हुआ था |
दिन बीतते गए, हमारी दोस्ती और गहरी होती चले गए | एक वक्त आया जब वो अपने बारे मे सब कुछ बोल पड़ी | वो बता रही थी की उसका पति कभी भी बच्चा पैदा नही कर सकता लेकिन उसके पति को लगता है, की दोष प्रीती में है | दिन पे दिन में प्रीती के लिए मैं जरुरत बन गया | वो मेरे साथ ज्यादा खुश रहती थी | एक दिन मेरा सबर का बाँध टूट गया, और मैने अचानक उसेके रसीले होठो मे कस कर ही दिया | वो चोक गयी, और मुझसे बोली ये क्या कर रही हो . .?? जिसपे मैं बड़े ही रोमांटिक अंदाज मे बोला, वही जो तुम देख रही हो . . !! वो नराज हो गई, और बोली ऐसा नही हो साकता | मैने पूछा क्यों नही हो सकता तो वो बोली अगर मेरे पति को ये पता चल गया तो वो मुझको मार डालेगा | मैने बोला, मरना तो सब को है एक दिन तो फिर मरने से पहले थोरा प्यार कर लेते है . .!! ये सुनते ही वो हंस पड़ी और बोली तुम बहुत बदमाश हो, उसका मतलब मुझे हरी झंडी मिल गई | और फिर मे जल्दी से दरवाजा बंद किया और उसको पकड़ के उसके बेड रूम मे लेकर गया |
मैने इंडियन जूनून में उस वक्त की इज्जत करते हुए जल्दी से उसकी नाइटी को निकाला | आंटी के नाईटी के उतरते मैं जोरों से उनके चुचे दबाने लगा फिर मैं अपने हाथ को गांड से चुचों पे लेकर आया खूब मज़े में दबा रहा था | आंटी मेरे सामने नंगी थी और अब चुदाई के लिए मुझे जोर देने लगी और इसी बात पर मैंने उन्हें अपने सामने मोरनी के माफिक झुका दीया जहाँ पीछे से मैं उनकी चुत में अपने लंड के पेचीदा झटके पेले जा रहा था | आंटी अपनी चुत के दाने पर थूक लगाती हुई आह्ह्ह आःह्ह्ह्ह्ह कर मसल रही थी और मैंने भी बिना रुके आंटी की नशीली चुत को पेलते हुए उनकी चुदाई का रसीला हो चूका था और अपने मुठ को झड़ने की कगार पर आ चूका था | आंटी बोली की मैं मैं अपने मुठ को उनकी चुत में ही छोड़ उन्हें निहाल कर दूँ और मैंने भी राहत भरी सांस लेते हुए आंटी की चुत में ही अपने लंड का मुठ छोड़ डाला | अब आंटी का कोई बच्चा हो या ना हो उससे आंटी को कतई भी फर्क नहीं पड़ता, बस उनकी जिस्म की आग मुझसे हमेशा ही भुज जाती है | कैसा लगा आपको मेरे इंडियन जूनून की कहानी |