ऐसा मत करो मै नहीं रह पाऊंगी

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Antarvasna, hindi sex kahani: मेरा नाम रमेश है मैं दिल्ली का रहने वाला हूं दिल्ली में मेरे पिताजी का कपड़े का व्यापार है और वह कई सालों से कपड़े का व्यापार करते आ रहे हैं मैं भी काफी समय से उन्हीं के साथ काम कर रहा हूं। मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है लेकिन एक दिन मैं अपने दोस्त को फोन कर रहा था तो गलती से मेरा फोन किसी और ही नंबर पर चला गया और जब सामने से एक लड़की ने फोन उठाया तो उससे मेरी बात होने लगी। पहले दिन तो हम लोगों की बात ज्यादा नहीं हो सकी क्योंकि हम दोनों एक दूसरे से अनजान थे और मैं कभी भी उससे मिला नहीं था लेकिन उसके बाद मुझे उससे बात करना अच्छा लगा और मैं ममता से बात करने लगा। ममता से बात करते हुए मुझे करीब 6 महीने हो चुके थे और इन 6 महीनों में हम दोनों की बात काफी आगे बढ़ चुकी थी हम दोनों एक दूसरे से मिलना चाहते थे लेकिन ममता मुझसे दूर थी ममता चेन्नई में रहती थी उसका परिवार चेन्नई में कई सालों से रह रहा है उसके पिताजी चेन्नई में ही एक अधिकारी हैं और ममता के बारे में मुझे काफी कुछ चीजें पता थी।

हम दोनों एक दूसरे से अक्सर फोन पर ही बातें किया करते थे ममता मुझे अपने हर रोज की दिनचर्या के बारे में बताती थी हम लोग रात के वक्त हर रोज फोन पर बातें किया करते थे। हम दोनों एक दूसरे से हमेशा ही बातें करते थे जिस वजह से यह बात मेरी मां को भी पता चल चुकी थी मेरी मां मुझे हमेशा कहती की बेटा तुम ममता से इतना बात करते हो तो उसे मिल क्यों नहीं लेते। मैंने एक दो बार अपनी मां की बात भी ममता से करवाई थी लेकिन ममता मुझसे काफी दूर थी और मैं उससे मिल नहीं पाया था कभी भी मुझे मौका नहीं मिल पाया था कि मैं ममता से मिल पाऊं। मेरी मौसी जो कि दिल्ली में ही रहती हैं और वह सरकारी नौकरी पर हैं उनका ट्रांसफर अब चेन्नई में हो चुका था मेरी मौसी का ट्रांसफर चेन्नई में होने के बाद जब उन्होंने मुझे यह बात बताई तो मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं ममता से मिलूंगा।

मैं चाहता था कि मैं मौसी के साथ ही कुछ समय के लिए चेन्नई चले जाऊं मौसी ने अभी अपना सामान भी शिफ्ट नहीं किया था और मैं उनके साथ चेन्नई जाने के लिए तैयार था। मैंने मौसी को बताया कि मैं आपके साथ चेन्नई आ रहा हूं तो मौसी ने कहा कि ठीक है रमेश मेरी भी मदद हो जाएगी क्योंकि मुझे वहां पर अपना सामान शिफ्ट करने में काफी परेशानी होने वाली थी। मैं मौसी के साथ चेन्नई चला गया उनका ट्रांसफर चेन्नई में हो चुका था इसलिए वह वहां पर अब काफी समय तक रहने वाली थी मैं जब चेन्नई गया तो मैंने यह बात ममता को बता दी थी ममता इस बात से बहुत खुश थी और ममता के बारे में मेरी मौसी को भी पता था क्योंकि मेरी मां ने ममता के बारे में मौसी को बता दिया था। जब हम लोग चेन्नई पहुंचे तो उसके बाद हम लोग घर का सामान शिफ्ट कर रहे थे मैंने मौसी की काफी मदद की मैं ममता से मिलने के लिए बहुत बेताब था लेकिन अभी तक मैं ममता को मिल नहीं पाया था मैं ममता से फिलहाल तो दूर था। मैं जब ममता को पहली बार मिला तो मैं ममता से मिलकर बहुत खुश हुआ हम दोनों एक कॉफी शॉप में मिले और उस कॉफ़ी शॉप में जब हम लोगों की पहली मुलाकात हुई तो मैं उस मुलाकात से बहुत खुश हुआ। मैंने ममता से कहा ममता मुझे कभी उम्मीद भी नहीं थी कि मैं तुमसे मिल पाऊंगा लेकिन हम दोनों एक दूसरे से मिलकर बहुत ही ज्यादा खुश थे और ममता के साथ उस दिन मैंने काफी अच्छा समय बिताया। मैं कुछ दिन चेन्नई में ही रुकने वाला था मैंने अपने घर पर भी बात बता दी थी की मैं चेन्नई से कुछ दिनों बाद लौटूंगा। मौसी एक दिन मुझे कहने लगी कि बेटा कुछ दिनों के लिए शोभित भी चेन्नई आना चाहता है शोभित अभी स्कूल की पढ़ाई कर रहा था और वह कुछ दिनों के लिए चेन्नई आना चाहता था उसकी स्कूल की छुट्टियां पड़ी हुई थी इस वजह से वह मौसी के पास आना चाहता था। कुछ दिनों बाद शोभित चेन्नई आ चुका था जब वह चेन्नई आया तो मैं ही उसे लेने के लिए रेलवे स्टेशन गया था और मैं शोभित को लेकर घर चला आया मैं और शोभित कुछ दिनों तक साथ में रहने वाले थे।

मैंने शोभित से कहा कि तुम्हारे स्कूल की कितने समय की छुट्टियां हैं तो वह मुझे कहने लगा कि भैया मेरे स्कूल की 15 दिनों की छुट्टियां हैं उसके बाद हम लोग अपने स्कूल में अपने एनुअल फंक्शन की तैयारी करने वाले हैं। शोभित की 12वीं के एग्जाम नजदीक आने वाले थे और उनके स्कूल में एनुअल फंक्शन भी होने वाला था मैंने शोभित से कहा जब तुम्हारे स्कूल की पढ़ाई पूरी हो जाएगी तो उसके बाद तुम भी मौसी के साथ यहीं आ जाओगे। वह कहने लगा हां भैया मैं उसके बाद मम्मी के साथ ही चेन्नई में रहकर पढ़ाई करना चाहता हूं मैं जब शोभित से बात कर रहा था तो ममता का फोन मुझे आया और मैं ममता से बात करने लगा। ममता मुझे कहने लगी कि रमेश मुझे तुमसे मिलना था तो मैंने ममता को कहा ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आता हूं। मैं ममता से मिलने के लिए चला गया मैंने शोभित को कहा कि मैं थोड़ी देर बाद घर लौट आऊंगा शोभित कहने लगा ठीक है भैया। शोभित घर पर ही था और मैं ममता से मिलने के लिए उस कॉफी शॉप में चला गया जिसमें हम लोग पहली बार मिले थे हम दोनों एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश हुए।

ममता मुझे कहने लगी कि रमेश मेरा घर पर बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था तो मैंने सोचा कि तुमसे मैं मुलाकात कर लूं इसलिए मैं तुमसे मिलने के लिए चली आई। मैं और ममता उस दिन साथ मे काफी देर तक बैठे रहे फिर ममता ने मुझे कहा रमेश मुझे तुम्हारे साथ अकेले में समय बिताना है। हम दोनों के रिलेशन को काफी समय हो चुका था मैं ममता के साथ उस दिन जब पार्क मे बैठा हुआ था तो वहां आसपास मैंने देखा कोई भी मुझे नजर नहीं आ रहा था मैंने ममता के होठों को चूम लिया। उसके नरम और गुलाबी होठों को चूम कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने उसके होठों से खून भी निकाल कर रख दिया था। जब मैंने उसकी चूत को दबाना शुरू किया तो वह मचलने लगी और मुझे कहने लगी रमेश ऐसा मत करो मैं अपने आपको नहीं रोक पाऊगी। ममता के अंदर की आग को मैने जगा दिया था अब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे। मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश था कि मैं ममता के साथ सेक्स करने वाला हूं। ममता मुझे अपने घर पर ले गई क्योंकि उसके घर पर कोई भी नहीं था हम लोग ममता के घर पर चले गए। जब ममता ने मेरे मोटे लंड को बाहर निकालकर अपने मुंह में लिया तो मैंने ममता से कहा तुम मेरे लंड को ऐसे ही अपने मुंह के अंदर लेती रहो। ममता ने अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को ले लिया था वह बहुत ही अच्छे से मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी। उसने मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर किया और उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से उसने मेरे लंड सकिंग किया। मेरे अंदर की गर्मी को वह पूरी तरीके से बढ़ा चुकी थी अब मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था। मैंने ममता के कपड़े उतारकर उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो उसकी योनि से तरल पदार्थ बाहर की तरफ को निकलने लगा था उसकी चूत से तरल पदार्थ बाहर की तरफ को इतना अधिक निकलने लगा था कि वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया उसकी चूत के अंदर जब मैंने अपने लंड को डाला तो वह बहुत जोर से चिल्लाई और उसकी चूत के अंदर मेरा लंड जा चुका था।

वह इतनी तेजी से चिल्लाने लगी मैं उसे और भी तेज गति से चोदने लगा लेकिन जब मैंने देखा कि ममता की चूत से कुछ ज्यादा ही खून बाहर की तरफ को निकल रहा है तो मैंने उसे कहा तुम्हारी चूत से तो बहुत ज्यादा खून बाहर निकल रहा है। वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी अपने आपको नहीं रोक पा रही हूं वह अपने पैरों को आपस में मिलाने लगी। उसकी चूत के अंदर बाहर मेरा लंड हो रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था वह बड़ी मादक आवाज में सिसकियां ले रही थी। उसकी सिसकियां लगातार तेज आवाज में बढ़ती जा रही थी वह मुझे कहने लगी तुम ऐसे ही मुझे चोदते रहो। मैंने उसे बहुत देर तक ऐसे ही धक्के मारे मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी।

मेरे अंदर की गर्मी इस कदर बढ़ने लगी कि मैंने उसे कहा तुम मेरा साथ ऐसे ही देती रहो। वह मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है वह बिल्कुल भी नहीं रह पा रही थी और उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर की तरफ को निकल आया था। मैंने उसकी चूत पूरी तरीके से छिल कर रख दी थी मेरा मोटा लंड भी पूरी तरीके से छिल चुका था। मैंने उसे कहा मुझे बहुत ही मजा आ रहा है जिस प्रकार से मैं तुम्हें चोद रहा हूं आखिरकार मेरा वीर्य उसकी चूत के अंदर गिर ही गया। जब मेरा वीर्य ममता की चूत मे गिरा तो हम दोनों ही बहुत खुश थे ममता मुझे कहने लगी रमेश आज मुझे बहुत अच्छा लगा जिस प्रकार से तुमने मेरी सील तोड़ी। मैंने ममता की सील तोड़ दी थी और उसे मैंने अपना बना दिया था। मैं बहुत ज्यादा खुश था मैं कुछ दिनों तक चेन्नई मे रहा उसके बाद मैं वापस दिल्ली लौट आया था। जब हम लोग दिल्ली वापस लौट आए तो मुझे काफी अच्छा लगा हम लोग दिल्ली वापस लौट आए थे उसके बाद भी मै ममता से फोन पर बात करता रहता हूं।
 
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