ऐसी चुदाई कभी ना की थी

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Antarvasna, hindi sex stories: हम उच्च श्रेणी के बंगाली परिवार से आते हैं मैं 40 साल का हूँ और मेरी पत्नी 35 की है हमारी शादी को 10 साल हो चुके हैं और हमारा एक बेटा है। हमारे पास एक आलीशान इलाके में एक शानदार बंगला है मैं अपने पारिवारिक व्यवसाय की देखभाल करता हूं जो मुझे अपने माता-पिता से विरासत में मिली है मेरी पत्नी हमारे बेटे और घर की देखभाल करती है। मुझे अपने काम के सिलसिले में अक्सर शहर से बाहर रहना पड़ता है हम लोग कई वर्षों से कलकत्ता में रह रहे हैं। जब मेरा विवाह सुमोना के साथ हुआ तो उससे पहले हम दोनों ने मिलने का फैसला किया और जब हम दोनों की मुलाकात पहली बार हुई तो सुमोना को मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा। सुमोना ने मेरे सामने अपनी कुछ शर्तों को रखा जिन्हें कि मुझे आज तक भुगतना पढ़ रहा है सुमोना ने घर की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है और वह घर की जिम्मेदारी को बड़े अच्छे से निभा रही है। मैं अपने काम की व्यवस्था के चलते घर में कम ही समय दे पाता हूं एक दिन मैं घर पर ही था उस दिन सुमोना मुझे कहने लगी कि रवि क्या आप आज घर पर ही हैं तो मैंने सुमोना को कहा हां मैं आज घर पर ही हूं सुमोना ने मुझे बताया कि आज उसकी छोटी बहन विदेश से आने वाली है।

जब सुमोना ने मुझे यह बताया तो मैंने सुमोना से कहा वह कब आने वाली है सुमोना कहने लगी कि आज शाम तक वह आ जाएगी तो क्या आप उसे एयरपोर्ट से ले आएंगे। मैंने सुमोना को कहा ठीक है मैं तुम्हारी बहन सुचिता को ले आऊंगा, मुझे पता ही नहीं चला कि कब 4:00 बज गए। सुमोना ने मुझे कहा आप अभी तक तैयार नहीं हुए मैने सुमोना को कहा सुमोना मेरे दिमाग से पूरी तरीके से ख्याल ही निकल गया था। जब मैंने सुमोना को यह बात कही तो सुमोना कहने लगी कि आप जल्दी से तैयार हो जाइए मैं जल्दी से तैयार होकर एयरपोर्ट के लिए निकल चुका था एयरपोर्ट हमारे घर से आधे घंटे की दूरी पर ही है इसलिए मैं आधे घंटे बाद एयरपोर्ट पहुंच चुका था। मैं सुचिता का इंतजार कर रहा था सुचिता कि फ्लाइट जैसे ही लैंड हुई तो थोड़ी देर बाद सुचिता मुझे दिखाई दी लेकिन सुचिता के साथ एक युवक भी था मैं यह देखकर थोड़ा चौक जरूर गया क्योंकि मैंने उस युवक को पहली बार ही देखा था। सुचिता ने जब मुझे देखा तो वह मेरे पास आई मैंने सुचिता से पूछा सुचिता तुम्हारा सफर कैसा रहा सुचिता कहने लगी कि जीजाजी सफर अच्छा रहा। सुचिता की पढ़ाई खत्म हो चुकी थी सुचिता ने मुझे अपने साथ आये युवक से परिचय करवाया उसका नाम सोहन है।

सुचिता ने मुझे बताया कि सोहन मेरे साथ कॉलेज में पढ़ाई करता है और सोहन ने मुझसे कहा कि मैं भी तुम्हारे साथ कोलकाता आना चाहता हूं तो मैं सोहन को अपने साथ ले आई। मैंने उन दोनों से कहा कि चलो अब हम लोग घर चलते हैं हम लोग मेरी कार में बैठ चुके थे और घर के लिए निकले। जब सुमोना सुचिता से मिली तो वह दोनों ही बहुत खुश थे सुचिता ने सुमोना को गले लगा लिया और कहा दीदी कितने वर्षों बाद तुमसे मिल रही हूँ। मैं सोहन के साथ बैठ कर बात कर रहा था सोहन से मैंने उसके बारे में पूछा तो सोहन ने मुझे अपने बारे में बताया सोहन ने बताया कि वह अमेरिका में कई वर्षों से रह रहा है उसका परिवार अमेरिका में ही सेटल है इसलिए वह कोलकाता आना चाहता था। मैंने सोहन से कहा कि क्या तुम पहली बार ही कोलकाता आ रहे हो तो सोहन कहने लगा कि हां मैं पहली बार ही कोलकाता आ रहा हूं। अब उन दोनों को घुमाने की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर थी इसलिए मुझे कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ रही थी मैंने अपने मैनेजर को फोन कर के कह दिया था कि तुम ऑफिस का सारा काम संभाल लेना मैं कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर हूं। सुमोना भी चाहती थी कि हम लोग शुचिता और सोहन के साथ घूमने के लिए जाएं इसलिए हम लोगों ने घूमने का प्लान बनाया और हम लोग सुबह के वक्त तैयार होकर घूमने के लिए निकल पड़े। मैंने कोलकाता की शहर सोहन और शुचिता को करवा दी वह दोनों बड़े ही खुश थे जब शाम को हम लोग घर लौटे तो उन्होंने घर में काम करने वाली मेड को खाना बनाने के लिए कहा और उसने खाना बनाना शुरू किया। करीब एक घंटे बाद खाना बन चुका था और हम सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे सुमोना और सुचिता ने खाने की पूरी व्यवस्था कर दी और हम लोगों ने खाना शुरू किया। अब हम लोग खाना खाते खाते ही दूसरे से बात कर रहे थे सुचिता कहने लगी कि जीजा जी मैं भी कुछ दिनों बाद घर चली जाऊंगी। मैंने सुचिता को कहा तुम कुछ दिन सुमोना के साथ ही बिताओ सुमोना को भी अच्छा लगेगा वह भी घर पर अकेली रहती है।

सुमोना कहने लगी सुचिता तुम्हारे जीजा जी बिल्कुल ठीक कह रहे हैं तुम कुछ दिन मेरे साथ ही रहो। सोहन भी काफी दिनों तक हमारे साथ ही था अब सोहन वापस लौटने की बात कहने लगा और सोहन ने अपने फ्लाइट की टिकट बुक करवा ली। सोहन को छोड़ने के लिए मैं एयरपोर्ट गया मैंने सोहन को कहा सोहन जब भी समय मिले तो तुम घर पर आ जाना सोहन कहने लगा ठीक है जब मुझे समय मिलेगा मैं जरूर आपसे मिलने के लिए आऊंगा। सोहन वापस लौट चुका था और मैं अपने काम पर ध्यान देने लगा था मैं सुबह के वक्त अपने ऑफिस चला जाया करता और कई बार मुझे शहर से बाहर भी जाना पड़ता। सुचिता कुछ दिनों के लिए हमारे साथ ही थी तो सुमोना का भी मन लग जाता था और सुमोना भी इस बात से खुशी थी की उसकी बहन सुचिता उसके साथ है। मैं ऑफिस से जल्दी घर लौट आया था तो मैंने सुचिता से पूछा कि तुम आगे क्या सोच रही हो तो सुचिता कहने लगी कि जीजा जी मैं तो विदेश जाने के बारे में ही सोच रही हूं मैं चाहती हूं कि मैं वापस चली जाऊं।

मैंने सुचिता से कहा क्या तुम अब वहीं रहना चाहती हो वह कहने लगी कि हां जीजा जी मैं अब वहीं रहना चाहती हूं। सुचिता पर विदेश का रंग पूरी तरीके से चढ़ चुका था इसलिए वह चाहती थी कि वह विदेश में ही रहे और इस बात से वह बड़ी खुश थी सुचिता और सुमोना घर पर ही रहते थे। मैं ऑफिस से लौटता तो जब भी मुझे समय होता तो मैं उन दोनों को अपने साथ घुमाने के लिए लेकर जरूर जाता। एक दिन में जल्दी उठा उस दिन सुमोना मुझे कहने लगी आज मेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही है। मैंने सुमोना को कहा क्या मैं तुम्हें डॉक्टर के पास ले चलूं? वह कहने लगी नहीं रहने दीजिए मैं आराम कर लेती हूं सुमोना रूम में ही आराम करने लगी और मैं दूसरे रूम में चला गया। उस वक्त सुबह के 7:00 बज रहे थे जब मैं दूसरे कमरे में गया तो मैंने देखा सुचिता सोई हुई थी लेकिन सुचिता के लटकते हुए स्तन जब मैं देख रहा था तो मेरे अंदर की गर्मी बढ़ रही थी मैं भी सुचिता के पास जाकर बैठा। मैंने उससे उठाया नहीं और उसकी तरफ मैं देखता रहा वह बड़ी गहरी नींद में थी लेकिन उसे देखकर मुझे अच्छा लग रहा था मैं उसे देखता ही रहा। जब उसकी नींद खुली तो वह मुझे कहने लगी जीजा जी आप यहां क्या कर रहे हैं? मैंने उसे कहा बस ऐसे ही यहां बैठा हुआ था आज सुमोना की तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मैं जब तुम्हारे रूम में आया तो मैंने देखा तुम सोई हुई थी मैं तुम्हारे पास ही बैठ गया। मेरी नजर सुचिता के स्तनों पर थी उसके स्तन देखकर मेरा लंड खड़ा हो चुका था मेरे खड़े लंड को सुचिता देख रही थी वह मुझसे कहने लगी जीजा जी आप बड़े अच्छे हैं यह कहते ही वह मेरी गोद में बैठ गई। जब उसने अपनी चूतड़ों को मेरे लंड पर टिकाया तो मेरा लंड बाहर की तरफ हिलोरे मारने लगा मेरा लंड सुचिता की चूत के अंदर जाने के लिए तैयार था सुचिता की चूत से निकलता हुआ पानी मेरी गर्मी बढ़ा रहा था। मैंने जब अपनी उंगलियों को उसकी चूत पर फेरना शुरू किया तो वह अपने आपको बिल्कुल रोक ना सकी और मुझे कहने लगी मेरी चूत से पानी निकल रहा है। मैंने उसे कहा रुको मैं तुम्हारी चूत को चाटता हूं?

मैंने उसकी छोटी सी निक्कर को उतारते हुए उसकी पैंटी को भी उतारा। मैने जब उसकी चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो उसकी कोमल और मुलायम चूत को चाट कर मुझे बड़ा मजा आ रहा था शायद पहली बार ही कोई उसकी चूत को चाट रहा था इसलिए वह बड़ी ज्यादा मचल रही थी। वह जितनी ज्यादा मचल रही थी मेरा लंड उसकी चूत मे जाने के लिए तैयार था मैंने भी अपने लंड को उसकी चूत पर सटाया मैने जैसे ही अपने लंड को अंदर की तरफ डालना शुरू किया तो वह चिल्लाने लगी मेरा लंड उसकी चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था। वह मुझे कहने लगी जीजा जी आपने तो मेरी सील तोड़ दी मैंने उसे कहा लेकिन मुझे तुम्हें चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है मैं उसे लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था जिस गति से मैं उसे धक्के मारता वह बड़ी खुश नजर आ रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल पोज मे बनाते हुए चोदना शुरू किया वह मुझे कहने लगी जीजा जी मुझे आप और तेजी से धक्के मारो।

वह पहली बार ही अपनी चूत के अंदर किसी के लंड को समा रही थी इसलिए तो वह मेरा पूरा साथ दे रही थी उसने मेरे अंदर की गर्मी को इतना ज्यादा बढ़ा दिया कि मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर होता तो मुझे उसकी चूत के अंदर लंड डालने मे मजा आता। मेरी शादी को इतने वर्ष हो चुके थे इसलिए मेरी पत्नी से मेरे सेक्स संबध ठीक नही थे मै अपनी सेक्स लाइफ से खुश नहीं था। मैं भी अपने काम में बड़ा बिजी रहता था इसी वजह से तो मैं सुमोना के साथ सेक्स नहीं कर पाता था लेकिन सुमोना की बहन सुचिता ने मेरी सारी कमी को दूर कर दिया था और सुचीता ने मेरा साथ बहुत ही अच्छे से दिया। मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था और मेरा वीर्य बाहर आने के लिए तैयार था। मैंने अपने वीर्य को सुचिता की योनि में ही गिरा दिया उसकी योनि से मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसके योनि से मेरा वीर्य टपक रहा था वह बड़ी खुश नजर आ रही थी। सुचित हमारे साथ ही रुकी हुई थी जब भी मैं उसे चोदता तो वह खुश हो जाती।
 
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