कंधे पर पैर रखकर चूत चौडी कर दी

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Antarvasna, kamukta: पापा मुझे कहने लगे कि राजेश बेटा जल्दी से तैयार हो जाओ हमें देर हो रही है मैंने पापा से कहा पापा बस अभी तैयार हो जाता हूं। मैं कुछ देर पहले ही ऑफिस से आया था लेकिन मुझे पापा मम्मी ने यह बात नहीं बताई थी कि वह लोग उनके दोस्त के घर जा रहे हैं। रविंद्र अंकल हमारे फैमिली फ्रेंड है और वह पापा के बहुत अच्छे दोस्त हैं पापा और रविंद्र अंकल साथ में ही पढ़ा करते थे कुछ समय पहले ही रविंद्र अंकल रिटायर हुए हैं और पापा भी बस कुछ दिनों बाद रिटायर होने वाले थे हम लोग एक दूसरे के घर अक्सर आया जाया करते थे। मैं तैयार हो गया और हम लोग रविन्द्र अंकल के घर चले गए उस दिन जब हम लोग उनके घर गए तो रविंद्र अंकल और सुधा आंटी घर पर ही थे। सुधा आंटी मुझे कहने लगी कि राजेश बेटा तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है तो मैंने उन्हें कहा आंटी मेरी जॉब तो अच्छी चल रही है, मैंने उन्हें कहा कि क्या रोहन घर नहीं आया तो वह कहने लगे कि बेटा तुम्हें तो पता ही है जब से वह जॉब करने के लिए गया है तब से वह घर ही कितनी बार आया है।

आंटी और अंकल चाहते थे कि रोहन अब मुंबई में ही नौकरी करे लेकिन रोहन तो अब जॉब करने के लिए अमेरिका चला गया था और वह वही सेटल होना चाहता था। रोहन से मेरी अच्छी बातचीत है और उससे अभी भी मेरी फोन पर बात हो जाती है रोहन ने ही मुझे बताया था कि वह अब अमेरिका में ही सेटल होना चाहता है लेकिन उसने यह बात अपने पापा मम्मी को नहीं बताई थी। हम लोग अंकल और आंटी के साथ काफी समय तक रुके और उसके बाद हम लोग घर लौट आए जब हम लोग घर लौट रहे थे तो उस वक्त मैंने देखा कि हमारी सोसायटी के गेट पर एक लड़की और लड़का खड़े थे वह लोग आपस में बात कर रहे थे। उस वक्त रात के 12:00 बज रहे थे तो हम लोग सीधे अपने घर आ गए जब हम लोग अपने घर आए तो मुझे भी काफी थकान महसूस हो रही थी इसलिए मैं भी जल्दी ही सो गया। अगले दिन सुबह जब मैं उठा तो मां मेरे लिए चाय लेकर आई और मां कहने लगी कि बेटा चाय पी लो मैंने मां से कहा मां अभी मैं बाहर टहलने के लिए जा रहा हूं। हमारे घर के बाहर ही एक पार्क है जो कि हमारी सोसाइटी के अंदर ही है मैं वहां पर टहलने के लिए चला गया और जब मैं उस पार्क में गया तो मैं पार्क में काफी देर तक बैठा हुआ था।

जब मैं घर लौटा तो मां मेरे लिए नाश्ता बना रही थी मैं भी अब अपने ऑफिस के लिए तैयार होने लगा और जब मैं ऑफिस के लिए तैयार हो चुका था तो मैंने नाश्ता किया और मैं अपने ऑफिस के लिए निकल गया। उस दिन रास्ते में बहुत ही ज्यादा ट्रैफिक था इसलिए मुझे ऑफिस पहुंचने में लेट हो गई थी, मैं जब ऑफिस पहुंचा तो ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था और काम खत्म करने के बाद जब मैं घर लौटा तो मुझे वही लड़की दिखी जो रात को सोसायटी के गेट पर एक लड़के के साथ बात कर रही थी। मैंने उस लड़की को दूसरी बार ही देखा था उसके बाद भी मैं उसे अक्सर आते-जाते देखा करता था। एक दिन मैंने उससे बात कर ही ली मैं उस वक्त दुकान में सामान ले रहा था तो वह लड़की भी वहां पर खड़ी थी मैंने उससे हाथ मिलाते हुए अपना नाम बताया और उसे कहा मेरा नाम राजेश है, वह कहने लगी मेरा नाम कावेरी है। मैंने उससे पूछा कि क्या आप इसी सोसाइटी में रहती हैं तो वह मुझे कहने लगी कि हां मैं इसी सोसाइटी में रहती हूं और मुझे यहां आये अभी 15 दिन ही हुए हैं। उसने मुझसे पूछा कि क्या आप भी यहीं रहते हैं तो मैंने उसे बताया कि हां मैं यहीं रहता हूं। उस दिन तो हम लोगों की ज्यादा बात नहीं हुई लेकिन उसके बाद भी हम लोग एक दूसरे से बात करने लगे मैं जब भी कावेरी को मिलता तो उससे जरूर बात किया करता लेकिन मेरे मन में अभी भी एक सवाल था कि उस रात कावेरी जिस लड़के से बात कर रही थी आखिर वह था कौन। एक दिन मैंने कावेरी से इस बारे में पूछ ही लिया और मैंने जब कावेरी को कहा कि मैंने एक दिन तुम्हें एक लड़की के साथ देखा था तो कावेरी ने कुछ नहीं कहा वह कहने लगी राजेश मुझे अभी देर हो रही है मैं तुमसे बाद में मिलती हूं।

वह यह कह कर चली गई लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आया आखिर वह किससे बात कर रही थी और वह लड़का था कौन? कावेरी और मैं एक दूसरे से मिलते थे। एक दिन मैंने कावेरी से कहा कि कावेरी क्या आज मूवी देखने के लिए चले तो कावेरी ने भी मना नहीं किया उसे अब मुझ पर भरोसा हो चुका था और उस दिन हम लोग मूवी देखने के लिए चले गए। जब हम लोग मूवी देखने के बाद घर लौट रहे थे तो कुछ देर हम लोग साथ में ही बैठे रहे और मैंने जब कावेरी से उस लड़के के बारे में पूछा तो कावेरी ने उस दिन मुझे सच बता दिया। कावेरी ने मुझे कहा कि राजेश वह लड़का मेरा पति था और हम लोगों की शादी सिर्फ 6 महीने तक ही टिक पाई 6 महीने के बाद मैंने उसे डिवोर्स दे दिया लेकिन वह मुझे परेशान कर रहा है और वह चाहता है कि हम दोनों दोबारा से रिलेशन में रहे। कावेरी ने उस दिन मुझे अपनी आपबीती बताई और कहने लगी कि वह जयपुर की रहने वाली है और उसका परिवार जयपुर में ही रहता है उसने सार्थक के साथ शादी की थी और वह मुंबई में ही उसके साथ रहने लगी थी। यह बात उसके परिवार वालों को पता नहीं थी लेकिन सार्थक के बदलते व्यवहार से वह बहुत ज्यादा परेशान हो चुकी थी इसलिए उसने उसे डिवोर्स देने का फैसला कर लिया और अब वह अलग रहती है लेकिन सार्थक उसे अभी भी परेशान करता है जिस वजह से कावेरी बहुत ही ज्यादा तनाव में थी।

मैंने उसे समझाया और कहा देखो कावेरी तुम चिंता मत करो तुम्हारी जिंदगी में सब कुछ ठीक हो जाएगा। कावेरी कहीं ना कहीं सार्थक के व्यवहार से परेशान थी उसने मुझे जब यह बात बताई तो मुझे काफी बुरा लगा। हम दोनों एक दूसरे से तो मिलते ही रहते थे लेकिन कावेरी कहीं ना कहीं परेशान थी जो कि उसके चेहरे पर साफ नजर आती थी। एक दिन मैं और कावेरी साथ में बैठे हुए थे उस दिन हम लोग बात कर रहे थे लेकिन अचानक से वह मुझे कहने लगी राजेश सार्थक ने हम दोनों को देख लिया तो वह ना जाने हमारे बारे में क्या सोचेगा। मैंने उसे कहा लेकिन तुम यह क्यो सोच रही हो वह बहुत घबरा गई थी मैंने उसे गले लगा लिया जब मैंने ऐसा किया तो उसके अंदर की आग बढ़ने लगी थी और उसके स्तन मेर छाती से टकराने लगे थे जिस कारण मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं कावेरी के स्तनों को महसूस कर रहा था जब मैंने उसे किस किया तो वह भी मुझे किस करने लगी और कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। हम दोनों ही पूरी तरीके से गरम हो चुके थे हम दोनों की गर्मी अब कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी और हम दोनों इतने अधिक गर्म हो चुके थे कि मैंने उसे कहा मुझे लगता है मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूं। वह मुझे कहने लगी मुझे भी ऐसा ही लग रहा है और यह कहते ही मैंने उसके कपड़े उतार दिए मैंने उसकी ब्रा को फाड़ दिया था और उसके सुडौल स्तन मेरे हाथ में थे उसके बूब्स को मैं अपने मुंह मे लेकर उनका रसपान करने लगा वह भी फोन मेरे सामने अपने बदन को सौंप चुकी थी मेरे लिए तो बहुत ही अच्छा मौका था क्योंकि मैं उसके बदन को देखकर अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था। मैंने भी अपने मोटे लंड को बाहर निकाला और जब मैंने अपने लड को उसके स्तनों के बीच में रगडना शुरू किया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा मैं जब उसके स्तनों के बीच में अपने लंड को रगड़ रहा था तो मैंने उसे कहा मुझे बहुत ही मजा आ रहा है।

अब उसने भी मेरे लंड को अपने हाथ में लेते हुए उसे हिलाना शुरू किया मेरा लंड मोटा होने लगा था और जब उसने उसे अपने मुंह के अंदर समाया तो मैंने उसे कहा मुझे बहुत मजा आने लगा है। वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक लेकर बड़े अच्छे से चूसने लगी और उसके अंदर की गर्मी अब लगातार बढ़ती जा रही थी उसने मेरे अंदर कि गर्मी को इतना बढा कर रख दिया था कि मैंने उसे कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं। मैंने भी उसके दोनों पैरों को खोलते हुए उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया और जैसे ही मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मुझे मजा आने लगा और वह भी खुश हो गई थी। उसने मुझे कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसे कहा मुझे इतना मजा आ रहा है कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया और जब अपने कंधों पर मैंने उसके पैर को रखा तो उसकी चूत और खुल चुकी थी मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बड़ी तेजी से करना शुरू कर दिया।

जब मैंने ऐसा किया तो वह बहुत जोर से सिसकारियां लेने लगी उसकी सिसकारियां अब और अधिक बढ़ने लगी थी मैंने अपने हाथो से उसके स्तनों को दबाना शुरू किया और उसके होठों को भी चूमने लगा था। जब मैं उसके होठों को चूम रहा था तो उसकी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी और मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को आसानी से कर रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है और मै उसे बड़ी देर तक ऐसे ही धक्के मार रहा था काफी देर तक मैंने उसको चोदा और उसकी गर्मी को शांत करने की कोशिश की लेकिन अब हम दोनों ही पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे। हमारे बदन से गर्माहट बाहर निकलने लगी थी मैंने उसे कहा मुझे लगने लगा है कि मैं ज्यादा देर तक तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊगा इसलिए मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बहुत देर तक किया जैसे ही मैंने अपने वीर्य को उसकी चूत के अंदर गिराया तो वह खुश हो गई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ गया। मैंने उसे कहा मजा तो मुझे भी बहुत आ गया है।
 
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