चिकनी जांघ देख दोस्त को दिया धोखा [ Part-2]

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पहले भाग मे आपने पढ़ा कि कैसे मैने अपने दोस्त की गर्लफ़्रेंड कर्तिका की चिकनी जांघ और नंगी चूत देखकर दीवाना हो गया और चुदाई का नशा कुछ ऐसा चढा कि बर्थ डे को ही चोदने का प्लान बन गया। मैने उसे इशारा कर दिया था तो आगे पढिए...

उसकी जांघ और तलवो की छुअन मेरे लंड में आग लगा गई। मैंने अपने बाएं हाथ से उसके तलवो को सहलाना शुरु किया और उसके चेहरे से साफ़ लग रहा था कि इस बर्थ डे पर उसे कुछ अलग गिफ़्ट चाहिए। हमने डिनर पूरा किया और अभिशेक ने कर्तिका को उसके घर छोड़ दिया। मैं अपना लंड लिये अपने फ़्लेट पर आ गया। अभी सोचा कि आज कर्तिका के मस्त चूचो के नाम पर मूठ मार लूं लेकिन अचानक से फ़ोन बजा। देखा तो कर्तिका का फ़ोन था। सेक्सी आवाज में उसने कहा- मुझे गिफ़्ट नही दोगे। मैने कहा बोलो ना क्या चाहिए, वो बोली मेरे तलवो ने जिस लंड को महसूस किया है वो काफ़ी तगड़ा था, क्या वो गिफ़्ट मिल सकता है? मेरी बांछे खिल गई।

मैं सीधा उसके फ़्लेट पर पहुचा, काल बेल दबाई तो लाल लाल बिकनी में वह एकदम परी लग रही थी। गोरी चमड़ी किसी मेम से कम नही लग रही थी। मैने उससे कहा कि ये काम तो अभिशेक ही कर देता तो बोलने लगी, वो कहता है कि प्यार करता हू तुमसे ये सब शादी के बाद ही करना अच्छा रहेगा। मैं समझ गया, इसकी चूत में आग अभी लगी है तो बुझाने के लिए कुंए की खुदाई तुरत करनी पड़ेगी। मैने उसे गोद में उठा लिया और सीधा ड्रेसिंग टेबल के सामने ले गया। अब उसका चेहरा मेरे सामने था और उसके भीगे होठ मेरे होठो के सामने।

मैंने उसके होठो को हल्के से चूमा तो उसने अपनी जीभ निकाल दी बिल्कुल ब्लू फ़िल्म की हीरोईन की तरह। मैने उसकी जीभ को अपने होठो में जकड़ लिया और उसका स्वाद लेने लगा। मैने देखा उसकी मदहोशी बढती जा रही थी। अब मैंने उसके खुले मुह में अपनी जीभ डालकर उसके मुह के अंदर फ़िरानी शुरु कर दी और हर कोने का जायेजा लेने लगा। मेरी यह अदा उसे खतरनाक तरीके से गरम कर गई उसने दन्दना के मेरा लंड पकड़ लिया और ऐंठने लगी। मैने अपने होठ मे उसके कान ले लिए और चूसने लगा। वो और तेज गरम हो रही थी। दोनो हाथो से मैंने उसका पीछ्वाड़ा दबाना शुरु कर दिया और चूमते हुए उसकी चूंचिया चूसने लगा। वो मारे गरमी के बलबलाने लगी थी। उसके खून की गरमी कई ग़ूना बढ़ चुकी थी और अब मैने उसे सरप्राईज देने की सोची

सीधे उसे बेड पर पेट के बल लिटा कर मैने उसकी गांड चूमनी शुरु कर दी वह मचलने लगी। इधर से उधर और मैंने उसके दोनो चूतड़ो के बीच गांड और चूत के बीच वाले भाग पर अपनी चूसाई करनी शुरु कर दी। वह एकदम चुदाई के लिए भीख मांगने लगी थी, मुझे चोदो मुझे चोदो!! पर मैंने इस बार उसे सिर्फ़ उत्तेजित कर के ही झड़ाना चाहता था। मैं चूसता रहा और उसकी चूत पर हाथ भी नही लगाया। गांड के आस पास वाले एरिया को चूसता रहा और वह छ्टपटाती रही। मैंने अपनी जीभ उसकी गांड में डाल दी और वह पानी बिन मछली की तरह करवटे बदल रही थी। उसकी गुलाबी गांड के दायरे में मैने जैसे ही अपनी जीभ फ़िरानी शुरु की, उसकी चूत से निकला गरम पानी मेरे जीभ पर छूता महसूस हुआ। वह बिना चोदे ही झड़ चुकी थी।

आगे की कहानी भाग-3 मे पढिए कि कैसे कर्तिका चुदाई की भीख मांग रही थी और मैं उसके साथ खेल रहा था एक ऐसा खेल जिससे वो अपने को संभाल नही पा रही थी। यही है असली कामकला!! पढिए भाग-3
 
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