चुदाई करके जन्नत मिल गयी

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Antarvasna, desi kahani: मुझे काफी दिन हो गए थे मै अपनी दीदी से मिल नहीं पाया था मेरी दीदी की शादी चंडीगढ़ में ही हुई है उनकी शादी कुछ समय पहले ही हुई थी। मुझे ऐसा लग रहा था कि मुझे दीदी से मिलने के लिए जाना चाहिए और उस दिन मैं दीदी को मिलने के लिए चला गया। जब मैं उस दिन दीदी को मिलने के लिए गया तो दीदी मुझे कहने लगी कि राजेश तुमने बहुत अच्छा किया जो तुम मुझे मिलने के लिए आए। मैंने दीदी को कहा कि दीदी मैं काफी समय से सोच रहा था कि आपको मिलने आऊं लेकिन मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था परंतु आज आपसे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और मैं काफी ज्यादा खुश भी हूं। दीदी मुझे कहने लगी कि तुमने बहुत अच्छा किया जो तुम मुझसे मिलने के लिए आए हो। उस दिन जीजा जी घर पर नहीं थे वह अपने किसी काम के सिलसिले में गए हुए थे मैंने दीदी को पूछा कि जीजा जी कब तक लौटेंगे तो दीदी ने मुझे बताया कि वह तो शाम को ही लौट पाएंगे वह अपनी किसी जरूरी मीटिंग से गए हुए हैं।

मैं उस दिन दीदी लोगों के घर पर ही रुकने वाला था जब शामके वक्त जीजा जी आए तो वह काफी थके हुए थे और वह काफी देर से भी आये तो उन्होंने मुझसे ज्यादा बात नहीं की और वह जल्दी सो गए थे। अगले दिन मैं भी अपने ऑफिस के लिए निकल गया और अपने ऑफिस से जब मैं शाम के वक्त अपने घर लौटा तो पापा और मम्मी ने मुझसे कहा कि राजेश बेटा क्या तुम सुनीता के घर गए थे। मैंने पापा से कहा कि हां मैं सुनीता दीदी के घर गया हुआ था काफी दिन हो गए थे तो सोचा उनसे मिल लेता हूं पापा और मम्मी ने मुझे कहा कि लेकिन तुमने तो हमें इस बारे में कुछ बताया ही नहीं। मैंने पापा मम्मी से कहा कि बस मेरा अचानक से प्लान बन गया और मैं दीदी को मिलने के लिए चला गया था। दीदी को मिलकर मैं काफी ज्यादा खुश था और मैंने पापा और मम्मी को बताया कि दीदी भी अपने ससुराल में बहुत खुश हैं। अगले दिन मैं जल्दी अपने ऑफिस के लिए निकल गया था, मुझे ऑफिस के काम के लिए कुछ दिनों के लिए दिल्ली जाना था इसलिए मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली चला गया।

जब मैं अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में दिल्ली गया तो पापा और मम्मी ने मुझसे कहा कि बेटा तुम वहां से वापस कब लौटोगे तो मैंने उन्हें बताया कि वहां से मैं तीन-चार दिन में लौट आऊंगा। मैं दिल्ली से तीन-चार दिन बाद अपना काम खत्म कर के वापस लौट आया था जब मैं वापस लौटा तो उस दिन मैं घर पर ही था। मां की तबीयत ठीक नहीं थी उन्होंने मुझे कहा कि राजेश बेटा तुम मुझे हॉस्पिटल ले चलो मेरी तबीयत आज बिल्कुल भी ठीक नहीं है मैं अपने आपको काफी ज्यादा कमजोर महसूस कर रही हूं। मैंने मां को कहा कि ठीक है मां मैं तुम्हें हॉस्पिटल लेकर चलता हूं। मैं मां को हॉस्पिटल लेकर गया तो डॉक्टर ने उन्हें कुछ दवाइयां लिख कर दे दी और रेस्ट करने की सलाह दी। मैं मां को लेकर घर चला आया था और मैंने मां को कहा कि आप आराम कर लीजिए। मैंने मां को कहा की क्या इस बारे में पापा को पता नहीं था तो मां कहने लगी कि मेरी तबीयत आज सुबह ही खराब हुई तब तक तुम्हारे पापा ऑफिस चले गए थे इसलिए मैंने सोचा कि उन्हें परेशान करना ठीक नहीं होगा। मैंने मां को कहा कि कोई बात नहीं अब आप आराम कर लीजिए। मां आराम करने लगी और मैं भी अपने रूम में चला गया था मैं अपने रूम में चला गया उसके बाद मैं अपने रूम में ही लेटा हुआ था। शाम के वक्त पापा घर लौटे तो पापा ने कहा कि राजेश बेटा तुमने मुझे बताया नहीं की तुम्हारी मम्मी की तबियत खराब है। मैंने पापा को कहा कि पापा मुझे लगा कि आपको डिस्टर्ब करके कोई फायदा नहीं है और वैसे भी मैं जल्दी घर लौट आया था तो मैं मां को हॉस्पिटल लेकर चला गया था अब मां आराम कर रही है और मां अब पहले से ठीक है, मां ठीक होने लगी थी। मैं काफी समय बाद अपने दोस्त आकाश को मिला था जब मैं आकाश को मिला तो आकाश ने मुझे बताया कि उसकी सगाई होने वाली है। मैंने आकाश को कहा कि लेकिन कुछ दिनों पहले जब तुम मुझे मिले थे तब तो ऐसा कुछ भी नहीं था आकाश ने मुझे कहा कि उस वक्त ऐसा कुछ नहीं था लेकिन अब मैं सगाई कर रहा हूं और मैं काफी ज्यादा खुश हूं कि मेरी सगाई रचना के साथ हो रही है। मैंने आकाश को कहा क्या तुम रचना के साथ सगाई कर रहे हो? रचना हमारे कॉलेज में हमारे साथ ही पढ़ा करती थी आकाश ने मुझे कहा हां। मुझे तो इस बारे में कुछ भी मालूम नहीं था कि रचना और आकाश का रिलेशन चल रहा है।

जब उस दिन मुझे आकाश ने अपने और रचना के रिलेशन के बारे में बताया तो मैंने आकाश को कहा चलो यह तो अच्छा हुआ कि तुम्हें रचना जैसी लड़की मिल रही है रचना बहुत ही अच्छी लड़की है। आकाश मुझे कहने लगा कि राजेश मुझे मालूम है रचना बहुत ही अच्छी लड़की है इसलिए तो मैं रचना से शादी करने के लिए तैयार हो गया हूं मैं चाहता हूं कि हम दोनों की शादी जल्द से जल्द हो जाए। आकाश ने मुझे अपनी सगाई में इनवाइट किया और आकाश की सगाई में गया हुआ था। जब मैं आकाश की सगाई में गया तो उस वक्त रचना को मैंने बधाई थी और कहा कि चलो अब तो तुम दोनों की शादी भी हो जाएगी और मुझे काफी अच्छा लग रहा है कि तुम दोनों एक साथ हो। शुरुआत में रचना और आकाश के बीच बिल्कुल भी नहीं बना करती थी जब हम लोग कॉलेज में पढ़ते थे तो वह दोनों एक दूसरे से बात भी नहीं करते थे लेकिन ना जाने म दोनों के बीच प्यार कैसे हो गया और वह दोनों एक दूसरे से सगाई कर रहे हैं। उन दोनों की सगाई काफी अच्छे से हुई उसके बाद मैं अपने घर लौट आया था, जब मैं अपने घर लौटा तो मुझे काफी ज्यादा नींद आ रही थी और मैं जल्दी ही सो गया था।

अगले दिन जब मैं ऑफिस जा रहा था तो हमारी कॉलोनी में रहने वाली प्रतिभा मुझे दिखी। प्रतिभा बहुत ज्यादा सुंदर है लेकिन हम दोनों की कभी बात नहीं हो पाई थी। मैं प्रतिभा को देखकर अपनी नजरो को अक्सर झुका लिया करता और उससे बात ही नहीं कर पाता था। उस दिन मैंने प्रतिभा से बात की जब मैंने प्रतिभा से बात की तो उसने भी मुझसे बड़े अच्छे तरीके से बात की मैं काफी ज्यादा खुश हो गया था। मैंने प्रतिभा को कहा मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है मेरी अब तुमसे बात हो पाई। प्रतिभा ने मुझे अपने बॉयफ्रेंड के बारे में बताया और कहा उसका रिलेशन अब उसके साथ नहीं है। मैंने प्रतिभा से कहा लेकिन तुम जैसे लड़की को तुम्हारे बॉयफ्रेंड ने कैसे छोड़ दिया। प्रतिभा मुझे कहने लगी उसने मेरे प्यार को कभी समझा ही नहीं तो सिर्फ मेरे साथ टाइमपास कर रहा था और इसे ज्यादा हम दोनों के बीच कुछ भी नहीं था। मैं चाहता था मैं प्रतिभा से अपने दिल की बात कहूं और यह बिल्कुल सही मौका था। मैंने प्रतिभा को अपने दिल की बात कह दी थी जिससे कि वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। जब मैंने प्रतिभा को अपने दिल की बात कही तो उसने मेरे प्यार को स्वीकार कर लिया था वह काफी ज्यादा खुश हो गई थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ अब रिलेशन में थे हम दोनों ही बहुत ज्यादा खुश थे। मुझे प्रतिभा के साथ बहुत ही अच्छा लगता कई बार प्रतिभा के घर पर मैं चला जाया करता क्योंकि उसके पापा मम्मी दोनों ही नौकरी पेशा है इसलिए मैं प्रतिभा के घर पर चला जाया करता था। एक दिन मैं प्रतिभा के घर पर गया उस दिन जब मैं उसके घर पर गया तो प्रतिभा कुछ ज्यादा ही खुश नजर आ रही थी। मैंने उस दिन प्रतिभा के हाथों को पकड़ा तो मुझे उसके कोमल हाथों को पकड़कर अच्छा लग रहा था।

मेरे अंदर एक अलग ही आग पैदा हो रही थी। मैंने उस दिन प्रतिभा से कहा आज तुम बहुत ज्यादा अच्छी लग रही हो। मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया था जब मैंने प्रतिमा के नरम होंठों को चूमना शुरू किया तो मुझे अच्छा लग रहा था और प्रतिभा को भी अब मजा आने लगा था। वह पूरी तरीके से उत्तेजित होती जा रही थी मैं उसकी उत्तेजना इतनी ज्यादा बढ़ चुकी था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। मैंने प्रतिभा को कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। प्रतिभा ने मुझे कहा रहा तो मुझसे भी बिल्कुल नहीं जा रहा है। जब उसने मेरा लंड को अपने हाथों में लेकर उसे हिलाना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा था। मै और प्रतिभा पूरी तरीके से उत्तेजित हो गए थे मैं समझ चुका था वह बिल्कुल भी रह नहीं पाएंगी। मैंने प्रतिभा की चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। प्रतिभा की चूत के अंदर मैने अपने लंड को डाला तो वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे बोली मेरी चूत में दर्द होने लगा है।

मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर उसे तीव्र गति से धक्के देने शुरू कर दिए। मैं प्रतिभा को जिस प्रकार से चोद रहा था उससे प्रतिभा बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और वह मुझे कहने लगी मुझे तुम बस ऐसे ही धक्के मारते रहो। मैंने प्रतिभा को कहा मुझे तुम्हें चोदना में बहुत मजा आ रहा है मै तुम्हारी चूत मारकर बहुत ज्यादा खुश हूं। प्रतिभा को धक्के मारने में मुझे मजा आ रहा था मैं जमकर उसकी चूत का मजा ले रहा था। मैंने जिस प्रकार से प्रतिभा को चोदा वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। प्रतिभा की योनि से पानी बाहर निकलने लगा था जिससे कि वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी। जैसे ही मैंने उसकी योनि मे अपने माल को गिराया तो वह खुश हो गई और बोली आज तुमने मेरी इच्छा को पूरा कर दिया है। मैंने प्रतिभा को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसे कहा तुम्हारी चूत का मजा लेकर आज मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि मैं जन्नत की सैर कर आया हूं। प्रतिभा मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। वह बहुत ही मजेदार पल था जब मैने पहली बार प्रतिभा को चोदा था।
 
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