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अब तक आपने चुदाई यात्रा - ६ में पढा, कि मै और रूपा चुदाई का एक दौर खेल चुके थे। अब हम दोनों के बीच मे कोई पर्दा नही बचा था और हम बेशर्म होकर एक दूसरे से मजे ले रहे थे। बाथरूम से बाहर निकलने के बाद रूपा किचन में घुस गई।

पीछे से उसके चूतड एकदम मस्त हिल रहे थे, जिनको देखके बुढ्ढों का भी लंड खडा हो जाये। खैर मैं टीवी पे ऐसे ही चैनल बदल रहा था, कुछ ढंग का शो चल ही नही रहा था। कुछ देर बाद वो किचन से अपने हाथ में कुछ लेकर आई। मैंने पूछा, "अब ये क्या लाई हो?"

तो वो नखरा दिखाते हुए बोली, "अभी हमारी पहली चुदाई हुई है, उसी के लिए कुछ मीठा हो जाये।"

मैंने कहा, "मीठा खिलाना था, तो अपने चूचों को खिला देती जानेमन।"

तो उसने जो आइसक्रीम लेकर आई थी उसे चम्मच से लेकर अपने चूचों पे लगा दिया और बोली, "लो अब खा लो, तुम्हारे मन से। तुम जैसे चाहते थे वैसे ही खिला रही हूँ।"

तो मैंने भी उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खिंच लिया, और उसके चूचों को मुंह में भर लिया। उसके गर्म तपते हुए बदन पर ठंडी आइसक्रीम आह..एक अलग ही मजा था। फिर उसने अपने हाथों से मेरे लौडे पर भी आइसक्रीम लगाई और उसे चूसने के लिए नीचे बैठ गई। अब वो एकदम लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को चूस रही थी। अब काफी टाइम हो चला था, और इतनी मस्ती करने के बाद थोडी थकान महसूस हो रही थी, तो मैंने रूपा से कहा, "क्या हम आगे की मस्ती बेडरूम में चलकर करे?"

इस बात पर उसने भी सहमती जताई और फिर मेरे लौडे को एकदम सफाचट करके उसने अपने हाथ में आइसक्रीम का बाउल लिया और मुझे चलने को कहा। तो मैंने भी उसे अपनी गोदी में उठा लिया और उसके बूब्स को चूसते हुए, उसे लेकर बेडरूम में आ गया।

उसे बेडरूम में लाकर मैंने आराम से बेड पर लिटाया और दरवाजा बंद करके मैं भी बेड की तरफ चल दिया। उसके पास जाते ही उसने आइसक्रीम के बाउल मे एक उंगली डाली और उसे ऐसे चूसते हुए खाने लगी मानो मेरा पूरा लंड ही खा जाना चाहती हो। मैंने फिर उसके हाथ से बाउल लिया और उसके बगल में बैठ कर चम्मच से आइसक्रीम निकालकर उसके जिस्म पर हल्की सी परत बनाने लगा। मैंने उसके बूब्स पर, कंधे पर और नाभि में आइसक्रीम भर दी थी।

अब में उसके साइड में बैठे बैठे ही उसके कंधे पर झुककर वहां लगी आइसक्रीम खाने लगा, जैसे ही मैंने अपनी जीभ निकालकर उसके कंधे को टच किया, उसकी सिसकारी निकल गई। फिर धीरे धीरे मैंने कंधे पे लगी आइसक्रीम साफ़ करके अब बूब्स की तरफ बढने लगा था, अब माहौल पूरा गर्म हो चूका था, ऊपर से दोनों गर्म जिस्म। उसके जिस्म पे लगाई हुई आइसक्रीम पिघल रही थी, और पिघलके बहना शुरू हुआ था।

जैसे जैसे आइसक्रीम पिघल के उसके जिस्म से बचने लगती, वैसे वैसे उसके पुरे शरीर में एक सनसनाहट दौडने लग जाती। अब मैं उसके चूची से आइसक्रीम खाने लगा, और वो बस सिसकारियां ले रही थी। उसकी चूचियों पर लगी आइसक्रीम मुंह से साफ करते करते मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया, और खुद उसके पैरों के बीच में जाकर बैठ गया। अब उसके जिस्म पर सिर्फ उसकी नाभि में आइसक्रीम बची थी, और वो पिघलते हुए नाभि से बाहर निकलकर बहने लगी थी।

तो मैंने अब देर न करते हुए उसकी नाभि में अपनी जीभ घुसेड दी और आइसक्रीम को सफाचट करने में लग गया। मैं यह भी ध्यान रख रहा था कि, वो भी मजे लेती रहे और तडपती रहे। नाभि में लगी आइसक्रीम खत्म होते ही मैंने अपनी जीभ उसी लाइन पर रखी जो लाइन आइसक्रीम के पिघल कर बहने की वजह से बनी थी। मैं उसी लाइन से नीचे की ओर आने लगा। और अब जाकर मैंने उसकी चुत को अच्छे से देखा, उसे देखकर लग रहा था अभी कुछ दिनों पहले ही शेव किये हुए है। हल्के हल्के गोल्डन कलर के छोटे छोटे बाल उगे हुए थे उसकी चुत के आसपास।

रूपा की चुत तो एकदम मस्त थी, किसी पावरोटी की तरह। पता नही उसकी चुत में वो सूजन की वजह से था या उसकी चुत ही ऐसी है। लेकिन उसकी चुत को देख कर दिल बाग बाग हो गया। ऐसी चुत देखकर मैं अपने आप को रोक नही पाया, और मैंने एक उसकी योनि के ऊपरी भाग पर एक चुम्मा दे दिया।

अब उसकी चुत चूसने की बारी थी, जिसके लिए मैं भी बेताब हुए जा रहा था, उसकी चुत बहुत गरम थी। तो मैंने आइसक्रीम का बाउल उठाया, जिसमे अब आइसक्रीम लगभग खत्म हो चूका था। उसमे जितना भी आइसक्रीम बचा था मैंने अपनी उंगली से उसे लेकर उसकी रसीली चुत में भर दिया। जैसे जैसे मैं आइसक्रीम को उसकी चुत में भर रहा था, उसकी आहें तेज होती जा रही थी, उसकी गरमा-गर्म चुत में ठंडी ठंडी आइसक्रीम का अहसास उसे और बेकाबू किए जा रहा था। उसकी तेज सिसकारियों के साथ ही वो बेडशीट को अपने मुट्ठियों में भींचने लगी थी। उसे भी इस सब मे बहुत मजा आ रहा था।

बची हुई सारी आइसक्रीम उसकी रसीली चुत में भरकर मैंने बाउल को बेड के एक किनारे पर रख दिया, और उसकी आँखों में देखकर एक शरारत भरी मुस्कान दी। तो उसने भी मुझे आँख मार दी। अब मैंने ज्यादा देर न करते हुए, उसके चुत पर अपनी जीभ लगा दी, और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। जिससे उसकी चुत का चोदन भी हो रहा था, और आइसक्रीम भी धीरे धीरे पिघलकर बाहर आने लगी थी।

तभी अचानक उसने मेरे सर को अपनी चुत में दबा दिया और मेरे सर को अपने पैरों से अपनी जांघों के बीच फंसा लिया। मुझे समझने में देर नही लगी कि, अब यह झडने की कगार पर है। तो मैंने भी उसकी कमर को पकडकर अपने जीभ की रफ्तार और तेज कर दी, जिससे उसका मजा दोगुना हो जाये। और इस तरह उसकी चुत ने अपने कामरस के साथ साथ अंदर बची हुई आइसक्रीम को भी उगल दिया। मैं तब तक उसकी चुत चाटता, चूसता रहा जब तक उसकी पकड ढीली न पड जाए। तब तक उसकी चुत भी खाली हो चुकी थी।

तो मैं उठकर उसके बगल में आ गया, और उससे पूछा, "मजा आया मेरी साली साहिबा अपनी रसीली चुत चटवाकर?"

तो वह बोल पडी, "मजा तो बहुत आया, लेकिन अभी जी नही भरा। अभी तो मंजिल बहुत दूर है, देखते है अब असली काम में कितना मजा दे पाते हो।"

ईतना कहकर वो मेरी तरफ मूड गई और मेरे सीने पे अपना सर रखकर एक हाथ को नीचे ले जाकर मेरे लौडे को सहलाने लगी। तो मैं भी अब कहाँ रुकने वाला था। मैंने भी उसको उल्टी लेटाया और उसकी कमर के नीचे तकिया रख दिया, तो वो बोली, "ये क्या कर रहे हो? एक बार कुतिया बनाकर डॉगी स्टाइल में चोद तो दिया, अब तो सामने से लंड डालो।"

तो मैंने कहा, "मेरी जान अबकी बार तो मैं तेरी इस प्यारी सी गांड के छेद में अपना लंड डालना चाहता हूँ। तेरे हर एक छेद को चोदना चाहता हूँ।"

मेरे इतना कहते ही वो झट से उठके बैठ गई और बोली, "राम प्लीज, पीछे नही। मैंने पीछे सिर्फ एकबार करवाया था, बहुत दर्द होता है। तुम्हे मेरी चुत को जितना चोदना है चोदो लेकिन मेरी गांड को बक्श दो।"

उसकी इस बात पर मैंने कहा, "देख रूपा तुने पहले जिससे गांड मरवाई होगी, वो चुतिया होगा उसे प्यार से करना नही आता होगा। मैं बिलकुल प्यार से करूँगा, तुम्हे दर्द का पता भी नही चलेगा।"

फिर भी वो ना ना ही करने लगी थी। तो मैंने उससे कहा, "ठीक है लेकिन अब इससे आगे मुझे चुदाई के लिए मत उकसाना। एक तो मैं भक्ती को धोखा देकर यहाँ तुम्हारे साथ यह सब कर रहा हूँ। लेकिन तुम्हे तो मेरी कुछ चिंता है ही नही।"

इतना बोलकर मैं उठ गया और कमरे से बाहर निकलने लगा। तो उसने मुझे पीछे से आकर हग किया, और बोलने लगी, "तुम मेरी गांड मारना चाहते हो ना, ठीक है। चलो आओ कर लो अपनी इच्छा पूरी।"

तो हम फिर से बेड पर आ गए। अब मेरे मन में भक्ती के विचार आने लगे, तो मैं रूपा पर कोई रहम नही दिखाना चाहता था। रूपा के साथ मैने ये सब किया वो भी भक्ती की दोस्त के साथ, यह सब सोचकर मै खुदपर नाराज होने लगा। मैं रूपा को पूरी बेरहमी के साथ चोदना चाहता था, अब मैंने मन में ठान लिया था कि रूपा को अब रंडी की तरह चोद दूंगा।

आपको यह कहानी कैसी लगी हमे जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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