चूत और लंड की रगडन से मजा आ गया

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Antarvasna, hindi sex kahani: मैं मुंबई जॉब करने के लिए आ चुका था मैं अपनी सारी पिछली बातों को भूलकर आगे बढ़ चुका था मुझे मुंबई में अभी दो वर्ष हुए थे। एक दिन मैं घर पर ही बैठा था तो उस दिन मैं सोचने लगा कि क्या मैंने कावेरी के साथ सही किया मुझे कावेरी से ब्रेकअप करना चाहिए था या नहीं मेरे मन में यही सवाल था। मैंने उस वक्त हिम्मत करते हुए रात के वक्त कावेरी को फोन किया लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं उससे क्या बात करूंगा। मैंने जब कावेरी को फोन किया तो उसका फोन बिजी आ रहा था मैंने दो तीन बार ट्राई किया लेकिन फिर भी कावेरी ने फोन नहीं उठाया मुझे लगा कि शायद वह अपने काम पर बिजी होगी। मैं कावेरी के फोन का इंतजार करता रहा लेकिन कावेरी का मुझे फोन नहीं आया। अगले दिन मैंने कावेरी को फोन किया लेकिन उसने मेरा फोन नहीं उठाया मुझे लगा कि शायद वह मुझसे बात करना ही नहीं चाहती है उसके बाद मैंने भी उसे कोई फोन नहीं किया। मैंने उस दिन के बाद कावेरी को फोन नहीं किया था लेकिन एक दिन कावेरी का मुझे फोन आया और उस दिन मैंने कावेरी से काफी देर तक बातें की।

कावेरी ने मुझे बताया कि अब उसकी शादी हो चुकी है मैंने कावेरी से कहा तुम अपनी शादी से खुश तो हो ना। कावेरी ने मुझे कहा कि हां मैं अपनी शादी से बहुत खुश हूं और अपनी शादीशुदा जिंदगी को मैं अच्छे से एंजॉय कर रही हूं मेरे पति बहुत ही अच्छे हैं। उस दिन कावेरी से मेरी काफी देर तक बात हुई कावेरी ने मुझे अपने पति के बारे में बताया, मैंने कावेरी से कहा मुझे इस बात की खुशी है कि तुमने मुझे माफ कर दिया। कावेरी मुझे कहने लगी कि राहुल हम अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं और मुझे नहीं लगता कि मुझे अब कभी इस बारे में सोचना भी चाहिए। मैंने कावेरी से माफी मांगी और कहा देखो कावेरी उस वक्त मुझे लगा था कि हम दोनों की शादी हो नहीं पाएगी और हम दोनों एक दूसरे से काफी अलग है तुम तो जानती हो कि तुम्हारे पिताजी कितने पैसे वाले हैं और मेरे पापा एक मामूली सी नौकरी करते हैं, तुम्हारे पापा हम दोनों को कभी स्वीकार नहीं करते।

कावेरी और मैं एक दूसरे के प्यार में इतना पागल थे कि हम दोनों एक दूसरे से शादी करने के लिए बेताब थे लेकिन इतना आसान भी तो नहीं था फिर मैंने भी सब भुलाने का फैसला किया और मैं मुंबई आ गया था। मैंने अब कावेरी को अपने दिलो दिमाग से भुला दिया था और मैं बहुत ही ज्यादा अकेला महसूस कर रहा था। कावेरी जब तक मेरी जिंदगी में थी तब तक मेरी जिंदगी अच्छे से चल रही थी मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुका था और कावेरी की भी शादी हो चुकी थी इसलिए सब कुछ भूल कर मैं अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहा था। एक दिन मेरी मुलाकात मेरे दोस्त ने कविता से करवाई, जब मेरी मुलाकात कविता से हुई तो मुझे पता चला कि कविता भी दिल्ली की रहने वाली है इसलिए कविता से मैं बातें करने लगा। कविता और मेरी बातें होने लगी थी हम दोनों एक दूसरे को मिलने भी लगे थे कविता को मुंबई में आए हुए अभी सिर्फ 6 महीने ही हुए थे। कविता के बारे में मैं कुछ चीजें जानने लगा था मुझे कविता के बारे में थोड़ा बहुत पता चल चुका था इसलिए मैं और कविता एक दूसरे के साथ अच्छे से समय बिताने लगे थे। मैं और कविता एक दूसरे के साथ काफी खुश थे और कविता के साथ जब भी मैं होता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता। एक दिन कविता की बर्थडे पार्टी थी उसने अपने ऑफिस के कुछ दोस्तों को भी बुलाया था कविता ने मुझे भी अपनी बर्थडे पार्टी में इनवाइट किया। मैं जब कविता की बर्थडे पार्टी में गया तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था मैं अपने आपको काफी अकेला महसूस कर रहा था लेकिन कविता ने मुझे अपने दोस्तों से मिलवाया तो फिर मुझे अच्छा लगने लगा था। कविता ने मुझे अपने दोस्तों से यह कहकर मिलवाया की हम दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे हैं, मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था लेकिन कविता ने अपने मुंह से यह बात कही तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और अब कविता और मेरे बीच में प्यार पनपने लगा था हम दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे थे। मैं काफी खुश था कि कविता को मैं डेट कर रहा हूं क्योंकि कविता के साथ मैं जब भी होता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता। कविता के साथ मैं जब भी होता तो कविता मुझे हमेशा ही कहती की राहुल तुम बहुत ही अच्छे हो।

कविता को मैं अपनी जिंदगी के बारे में सब कुछ बता चुका था क्योंकि कविता भी बिल्कुल मेरी तरह ही थी और कविता को इस बात से कोई फर्क ही नहीं पड़ता था। कविता और मैं मुंबई में ही रहते थे और अब हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत समय बिताने लगे थे। कुछ दिनों के लिए कविता छुट्टी ले कर दिल्ली चली गई मेरी बात कविता से फोन पर होती रहती, करीब 15 दिनों के लिए वह घर गई थी मेरी कविता से सिर्फ फोन पर ही बात होती रही। मैं कविता को बहुत ज्यादा मिस कर रहा था तो कविता मुझे कहने लगी कि राहुल मैं भी तुम्हें बहुत मिस कर रही हूं और कुछ दिनों में मैं मुंबई आ जाऊंगी। जब कविता मुंबई आई तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और उस दिन कविता और मैंने एक साथ डिनर किया। कविता और मैं साथ में डिनर कर रहे थे तो मैंने कविता को रिंग पहना दी इस बात से कविता बहुत ही ज्यादा खुश हो गई और कहने लगी कि क्या हम दोनों के रिश्ते को तुम आगे बढ़ाना चाहते हो। मैंने कविता से कहा कि क्यों नहीं, मैं तुम्हारे साथ अपनी आगे की जिंदगी बिताना चाहता हूं, कविता बड़ी खुश थी और कविता और मैं एक दूसरे को गले मिले।

कविता ने मुझे कहा कि राहुल मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि तुम मेरी जिंदगी में आ जाओगे जब से तुम मेरी जिंदगी में आए हो तब से मेरी जिंदगी पूरी तरीके से बदल चुकी है। मैंने कविता को कहा लेकिन मेरा तुम्हारी जिंदगी में आने से तुम्हारी लाइफ में क्या चेंज हुआ है। कविता मुझे कहने लगी कि राहुल तुम तो जानते ही हो की मैं कितनी लापरवाह थी लेकिन जब से तुम मेरी जिंदगी में आए हो तब से मैं हर एक चीज के बारे में सोचने लगी हूं और मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं कि तुम मेरी लाइफ में हो। उस दिन हम दोनों ने साथ में डिनर किया और फिर हम लोग घर चले आये। एक दिन मैंने कविता को अपने फ्लैट पर बुला लिया। कविता मुझ पर भरोसा करती थी वह फ्लैट में आ गई जब कविता फ्लैट में आई तो हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे। मैं कविता की तरफ देख रहा था और वह मेरी तरफ देख रही थी जब मैंने कविता के हाथों को पकड़कर उसे अपनी और खींचा तो कविता मुझे कहने लगी राहुल तुम यह क्या कर रहे हो? मैं अपने आपको रोक नहीं पाया मैंने उसके होंठो को चूम लिया और हम दोनों पूरे तरीके से मजे लेने लगे। मैंने कविता के होठो को चूम कर उसे पूरी तरीके से अपना दीवाना बना दिया था। मैंने कविता के होंठो को तब तक चूसा जब तक उसके होंठो से खून नहीं निकाल गया। मैंने जब कविता के स्तनों को अपने हाथ से दबाना शुरू किया तो उसे मजा आने लगा। मैं कविता के स्तनों को अपने हाथों से बड़े अच्छे तरीके से दबाने लगा था उसे भी मजा आने लगा था। मैंने कविता को बिस्तर पर लेटा दिया था। मैं कविता की टी शर्ट को उतार कर उसकी ब्रा के हुक को खोला और मै उसके स्तनों को चूसने लगा था। मै कविता के स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था, मेरा लंड खड़ा होने लगा था। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके स्तनों के बीच में अपने लंड को रगडना शुरू किया कविता उत्तेजित होती जा रही थी। मैंने कविता की जींस को उतारते हुए उसकी पैंटी को भी उतारा।

जब मैंने कविता की चूत को चाटना शुरु किया तो उसकी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था अब मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। मैने बहुत देर तक उसकी चूत को चाटा कविता पूरी तरीके से मचलने लगी थी। कविता मुझे कहने लगी मुझे मजा आ रहा है। मैंने अपने लंड को कविता की योनि पर लगाकर कविता की चूत के अंदर लंड को डाला मेरा लंड कविता की चूत के अंदर धीरे से चला गया। मेरा मोटा लंड उसकी चूत को फाडता हुआ अंदर की तरफ गया तो मुझे मजा आ गया था। कविता की चूत से निकलता हुआ खून बहुत बढ चुका था। मैं उत्तेजित हो चुका था मैंने कविता के स्तनों को काफी देर तक दबाया वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। मैंने अपने लंड कविता की चूत के अंदर बाहर कर रहा था। मैने बहुत देर तक उसे ऐसे ही चोदा जब मेरा माल गिर चुका था तो मैने कविता को घोड़ी बनाया। कविता मुझे कहने लगी अब और भी अच्छा लग रहा है मैंने तेजी से कविता की चूत के अंदर बाहर लंड को करना शुरू कर दिया। कविता अपनी चूतड़ों को मुझसे टकराए जा रही थी।

मेरे अंदर की आग को उसने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था अब वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकलने लगा था और मेरे अंडकोषो से भी बहुत पानी बाहर की तरफ को निकल आया था। मैं समझ गया था अब मेरा माल जल्दी ही बाहर गिरने वाला है मैंने उसकी पतली कमर को कस कर पकड़ लिया और उसे तेजी से मै धक्के देने लगा। जब मैने अपने माल को उसकी चूत के अंदर गिराया तो मुझे मजा आ गया था। मैंने अपने मोटे लंड को कविता की चूत से बाहर निकाला और कविता ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसा लिया। वह मेरे लंड को अच्छे से चूस रही थी मेरे लंड को चूसकर उसने मेरे वीर्य को साफ कर दिया था। हम दोनो साथ मे बिस्तर पर लेटा हुए थे।
 
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