चूत की महारानी गश्ती रानो के संग मस्ती

sexstories

Administrator
Staff member
गश्ती रानो की चूत की कश्ती

हाय दोस्तों तो आपको सुनाते हैं अपनी एक नयी नयी चूत मारने की कहानी। गश्ती रानो मेरी पड़ोसन हुआ करती है। वो एक दम इंटर कालेज में पढने वाली लड़की है जिसके गाल मालपुए जैसे और गांड एकदम कँटाप है। दूर से चलती हुई मटकती हुई और अपनी गांड हिलाती हुई जब गश्ती रानो आती है तो लंड के सारे कस बल ढीले कर जाती है। उसकी गांड चलते समय दोनों गोले एक दूसरे पर चढते हुए नजर आते हैं और वह जैसे जैसे पास आती है आप देखेंगे उसके नुकीले वक्षस्थल पर स्तनों की वो शानदार बनावट जिसे देख कर आपका दिल पानी पानी हो जाएगा।

कसम से चोदने के लिए उससे बेहतर लड़की खोज पाना मुश्किल है। और एटिट्यूड इतना कि बस ऐसा लगेगा जैसे कि घोड़ी की सवारी कर रहे हो, वो भी बिगड़ैल घोड़ी की पर जब एक बार काबू पा लोगे तो फिर जन्नत की सैर कराने वाली घोड़ी बन जाएगी

एक दिन की बात है, रानो आ रही थी बाजार से सब्जी खरीद कर। मैने देख लिया। बहुत दिनों से हम दोनों में याराना चल रहा था और आज मैने एक अश्लील शेर मारा

" तुम्हारा हुस्नों शबाब जैसे कोई आफताब!!

अर्ज किया है .. गश्ती बानों की शान में। उसने मुस्करा के देखा और बोली इरशाद इरशाद। मैने फरमाया।

तुम्हारा हुस्नों शबाब जैसे कोई आफताब,

तुम्हें देख के खड़ा होता है लंड जैसे कोई महराब

ये बताओ जानेमन मेरी बहुत तड़पाती हो,

पिलाओगी कब अपनी चूत से टपकी शराब?

वो शरमा गयी और फिर शोख अदाओं से बोली आज शाम को मेरे घर आना, अब्बा और अम्मी शादी में जा रहे हैं और मैं ही अकेले रहूंगी फिर देखते हैं क्या पीना है तुम्हें और तुम क्या पिलाओगे मुझे।

मैने अपनी खुसकिस्मती की दाद देते हुए शाम को दो टैबलेट शिलाजीत ठोंक कर उसके घर चला।

गश्ती मुझे दरवाजे पर इंतजार करती मिली। अंदर लेते ही उसने दरवाजा बंद कर लिया और मुझे पकड़ कर बोली। बड़े गन्दे शेर सुनाते हो। तुम तो ऐसे बच्चे नहीं थे बिगड़ गये हो बाबूजी?

मैने कहा - तुम्हारी गांड और मतवाली चूत देख कर मुहल्ले के लड़के जवान हो रहे हैं और तुम कहती हो कि मैं बिगड़ गया हू।

उसने अपनी ब्लाउज का एक बटन खोलते हुए गोल गोल चूंचीयों को लगभग आधा नंगा कर दिया। अंदर कमीनी ने ब्रा नहीं पहनी थी। अब मेरा मन एकदम खराब होने लगा। आंख मारते हुए बोली, इसको पिओगे कि दूसरी वाली शराब पीनी है और उसने अपना लहंगा उठा दिया।

धक से मेरा कलेजा मेरे मुह में आ गया। उसकी गोरी गोरी टांगें उपर तक जैसे जैसे नंगा होने लगीं थीं, मेरा लंड एकदम अकड़ने लगा था। उसने जांघों तक का दर्शन कराके मुझे पकड़ लिया और सीधा मेरे पैंट में हाथ डाल दिया। उसने बटन तक खोलने की जहमत ना उठाई।

अब मैं उसके लिए अपने पैंट की बटन खोल रहा था। वो आराम से थी और मुझे पकड़ कर के अपने हाथ से लंड को टटोल रही थी। मैं उसकी सहजता से आश्चर्य चकित था पर वो मुझे अब ज्यादा अनुभवी लग रही थी। चलो अच्छा है, अनुभव अच्छा होता है। यही सोच कर मैने अपना लंड उसके हवाले कर दिया।

गश्ती मेरे लंड के सुपाड़े को लेकर किसी रस्सी की तरह घुमाने और रगड़ने लगी। आह्ह्ह!! मारोगी क्या? मैने कहा तो उसने मेरे होटो पर होट रख दिये और फिर अपने दोनों हाथों से मेरे लंड पर अजीब अजीब हरकत करने लगी।

वो एकदम खड़ा हो गया था। मैने उसकी ब्लाउज खोल दी। गोरे गोरे चूंचे और काले काले निप्पलों का जोड़ा मन और लंड दोनों को लुभा रहा था। मैने अपना मुह उसके निप्पलों में रख दिया। दोनों चूंचों के बीच चेहरा छिपा के मैने उसके चूंचों का एक गहरा चुम्बन लिया और फिर वह एक दम सनसना उठी।

मैं उसे दबोच चुका था पर वो मुझ पर अभी हावी थी। मैने उसको पकड़ कर पटकना चाहा, पर हम दोनों अभी तक गलियारें में ही खड़े होकर शुरु हो गये थे। मैं उसे उठाकर सीढियो पर ले आया।

मैने उसे सीढियों पर बिठा दिया और स्तनों को चूसने लगा। वो उतने ही जोर शोर से मेरे अंडों को सहला और मसल रही थी। मेरा मन खराब हो चुका था और अब बारी थी, मेरे लंड को देसी मुखमैथुन का मजा देने की। मैने उसके सामने खड़ा होकर उसके मुह में अपना लौड़ा पेल दिया। वो एकदम से उसे लेकर चूसने लगी। मेरा मोटा आठ इंच का लंड उसके मुह की हवा और पानी दोनों निकाल चुका था। अब वो उसे चूसने के लिए बेताब थी।

मैने धक्के मारते हुए मुखमैथुन का आनंद लिया और फिर लंड बाहर खींच कर उसके पैरों के बीच में आ गया। उसकी भगनाशा को चूमते हुए मैने उसके गांड और चूत के बीच के छेद को सहलाया अपनी जीभ से और फिर एक गहरा चुम्मा चूत के मुह को दिया। एक दम से अंदर का सारा माल बाहर खींच लेने और फिर उसको पीजाने के अंदाज में। वो दीवानी हो गयी। गश्ती रानो के चूत की कश्ती को देख कर मेरा मन बहक चुका था।

मैने गश्ती की चूत को फाड़कर उसमें दो उंगलियां और फिर तीन उंगलियां जोड़कर पेलीं। वह उम्माह उम्माह कर रही थी और मेरे लंड को पकड़ कर खींच रही थी। जाहिर है कि उसको पेलवाने की प्रचंड इच्छा हो रही थी। मैने उसको अब इंतजार कराना बेकार समझा और उसके चूत के दरवाजे पर अपने मोटा काला लंड का हथौड़े जैसा सुपाड़ा रख दिया।

उसने अपनी आंखें मून्द लीं और मैने हौले हौले लंड अंदर पार करना शुरु किया। उसकी चूत उसके तजुर्बे के मुकाबले कम तजुर्वाकार लग रही थी, टाइट थी और अंदर से ब्राइट थी। धक्का लगाते हुए मैने हल्के हल्के स्पीड ब्ढाई और उसकी सांसो की रफतार भी बढती चली गयी। वो सीस्कारते हुए कहने लगीइ चोदो मुझे चोदो आह्ह!! फाड़दो मेरी चूत कसम से, मैं रंडी हूं। आह्ह्ह!! और मैने उसको रंडी समझ कर जोर जोर से धक्के लगाने शुरु किये पर वो काहे को मानने वाली थी।

उसने मुझे उकसाने के लिए कहना शुरु किया। चोद माधरचोद, गाँड में दम नहीं है तो गाँडू बन जा, चोदने के लिए मुझे बड़ा कड़क लंड चाहिए और मैने उसको और जबरदस्त चोदने का फैसला लिया। उसकी टांगों को कंधे पर रख कर मैने उसे आधे घंटे तक एकसौबीस की स्पीड में दौड़ा दिया। अंत में मेरा वीर्य उसके चूत गांड और चेहरे समेत पूरे बदन पर मल दिया।
 
Back
Top