चूत मारने का अलग ही अंदाज़

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आज मैं आपको अपने सामने वाली छमिया की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसकी चूत मारने के ख्वाब मैं उसके मेरो पड़ोसन से बनने से हो सोचने लग चूका था | दोस्तों मैं उसके उप्पर कितन फ़िदा था यह ब्यान भी नहीं कर सकता जब वो अपने मोटे चुचों को हिलाती हुई मुझे चला करती तो मेरा लंड अपनी चरम सीमा पर खड़ा ही जाया करता था | दोस्तों वो मुझे भा चुकी थी और मैं रोज रात को उसका नाम जपते हुए अपने नागराज बाबा की सेवा किया करता था |

मैं जानता था की वो भी सीधी - साधी लड़की नहीं है और ऐसी लड़कियों को फँसना मुझे अछे से आता है | मैं गले ही दिन उसका अपने फलेट की सीढियों पर इन्तेज़ार करने लगा और वो जैसे ही मैंने उसका हाथ पकड़ अंदर को खींच लिया और उसके होंठ से अपने होंठ सटा दिए | वो कुछ कहने लायक नहीं रह गयी और मुझे मालुम था वहाँ इस हालत में उसकी सोचने समझने की शक्ति हवा होने वाली है | वहाँ सीढियों पर मुश्किल से कभी कोई आता जाता था इसिलए यह मेरे लिए सबसे बडिया मौका था |

मैं उसके तब बदन को चूमता और अपनी बाहों में निचोड़ता हुआ उसे मदहोश करता चला और आखिर में वहीँ उसे सीढियों पर लिटा डाला और उसके और अपने सभी कपड़ों को उतार दिए | वो अब मुझे कहने लगी यह काम तुम मुझे कहकर भी तो करवा सकते थे . .?? मेरी हंसी छूट गयी और उसके सामने अपना लंड कर दिया जिसे वो अपने हाथ में मसलते हुए चूस रही और फिर उसने ज़ोरों से मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और मैं साथ ही वहीँ कहदे हुए उसके चुचों को भींच रहा था | उसने कामोत्तेजना में खोते हुए चूचकों को मसलकर खूब गरम कर चूका था और अब मैं उसकी सलवार खींच नंगी चूत को अपने सामने ले आया |

मैंने उसकी चूत में हलके - हलके से अपनी ऊँगली से मसलने लगा जिसपर वो सिंहर रही थी और मैंने तभी अपने मोटे लंड को निकाला और उसकी चूत के उप्पर टिकाते हुए जोर का धक्का मारा जिससे मेरे लंड एक बार में ही उसकी चूत में आगे - पीछे होने लगा | वो तो साली न जानो से कितनो से चुवा चुकी थी तभी भी उसकी चूत मुझे किसी जन्नत से कम मज़ा नहीं दे रही थीऔर अब तो मैं मस्त हो चला था | मैं अपने लंड को रौधाते हुए उसे जमकर चोदने लगा | धीरे - धीरे मेरे लगातार चोदने से उसकी चूत का अब जितना हो सका कम हो चूका था |

अब तो मेरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ आराम से अंदर - बहार हो रहा था जिससे मैं उसे अपनी बाहों में जकड़ते हुए अपने लंड के धक्के उसकी चूत में दिए जा रहा था | वो कहने लगी लगी अब तो लगता है मेरी चूत फंट ही पड़ेगी . .!! पर मैं तभी भी रुका नहीं और आखिर के ३ - ४ झटकों में अपने पुरे मॉल को उसकी चूत में छोड़ डाला | वो अब भी अपने होंठों को मिसमिसा रही थी और मैं अपने लदं को उसके दुपटे से पोंछ कर चल पड़ा |
 
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