चूत मेरे जीजू की बहन की

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ननद की चूत भैया को मिली छूट

दोस्तों मेरा नाम अक्षय है और चूत मारने की अपने अनुभव की मैं ये कहानी आपके लिए लिख रहा हूं जो मेरी जिन्दगी की निजी घटना है। दीदी की ससुराल में उसकी एक ननद थी, चचेरी ननद। नाम था मुनमुन, बड़ी ही गोरी चिठ्टी, मस्त माल, गांड बवाल, चूंचे कमाल, कमर धमाल एक दम अठारहवां साल था उसका। चोदे जाने के लिए वो हमेशा तैयार दिखती मतलब की चुदवासी भी गजब की थी। चुदैल मुनमुन को देखते ही मेरी जाकी अंडरवियर में आग लग जाती, चोदने की ईच्छा उफान मारने लगती पर क्या करें रिलेशन का मामला था, इसलिए सीधा चोद भी नहीं सकता था। पर एक बात तो सच थी, मैं दीदी की ससुराल अगर जाता था तो सिर्फ मुनमुन को चोदने के लिए ही जाता था, ये बात अलग थी कि अभी तक कोई भी जुगाड़ नहीं लग पाया था। फिर क्या था? एक दिन मैं वहीं गया हुआ था। गेस्टरुम में बैठ कर मुनमुन की राह ताक रहा था कि वो सामने से स्कर्ट पहने आ तो गयी अंदर मेरे लिए पानी लेकर। मैंने उसके हाथ से पानी की ग्लास पकड़ी तो जानबूझकर उसकी उंगलियां छू दीं। वो मुस्करा दी और मुझे लगा चार सौ चालीस का झटका। मैने एक हाथ से गिलास पकड़ी और दूसरे हाथ से पैन्ट के उपर से ही लन्ड के उभार को दबाने की कोशिश की। मुनमुन ये भांप गयी, वो हंसने लगी और बोली कंट्रोल करो यार तुम तो एकदम ठरकी लग रहे हो। और भाग गयी। मैने पानी पिया, चड्ढी में हाथ डाल लंड को सीधा कर सेट किया जिससे किसी को अजीब न लगे नहीं तो बेईज्जती हो जाती। मुनमुन चली गयी थी पर मेरे दिल में हलचल मची हुई थी। मैने दीदी से हेल्प मांगने की सोची, पर वो तो मुझसे बड़ी थी, वो जानती थी मेरे दिल की हालत।

उसने कुछ तो सेटिंग करी थी, मैं सोया हुआ था कि मुनमुन मेरे कमरे में आयी, वो छुप छुपा के आयी थी। आते ही वो मेरे करीब आ गयी, मैने उसका हाथ थामा और उसने अपने लब मेरे लबों पर रख दिये। कमसिन उमर कली की गोरी गोरी बाहें मुझे कसी हुई थीं और उसके गुलाबी होट मेरे होटों में कसे थे। मैने लगभग चबा लिए उसके वो कलियों जैसे होट और अपने हाथ से उसकी गांड दबानी शुरु कर दी। मेरा लंड खड़ा था। उसने अपने हाथ को रजाई के अंदर कर के मेरे लन्ड को पकड़ लिया और मूठ मारना शुरु कर दिया। मेरे अरमान लगभग पूरे होने वाले थे कि उसकी मम्मी ने आवाज लगाई, मुनमुन कहां हो! और मेरे सपनों की रानी मेरे लंड को अधूरा चुदवासा छोड़कर भाग गयी।

पेशाब से सनी चूत

उस रात मुनमुन फिर पेशाब करने के बहाने मेरे कमरे में आ गयी। मैने उसे अपने बिस्तर पर खींचा। वो मूत के तुरत तुरत आयी थी और उसकी चूत में पेशाब की बूंदे लगी थीं और उसकी पैन्टी गीली थी। शायद वो खुद ही चुदने के लिए उत्तेजित थी जिससे उसकी पैंटी में गीलापन दिख रहा था। मैने सबसे पहले उसकी पैंटी ही खीची। निकालने के बाद हल्के भूरे रोयें वाले चूत को सहलाने लगा। वो मचलने लगी मैने उसके चूंचे भी एक हाथ से थाम लिए और होटों से उसके होटों को चूसने लगा। आह्ह!! उफ़्फ़!! जल्दी करो मम्मी जग जाएगी, तो आफत आ जाएगी। प्लीज अक्षय चोदो ना। मैने कहा मेरी जान इतनी जल्दी भी क्या है दिसंबर के बारह बज रहे हैं तुम्हारी मां की बूढी हड्डियां अभी नहीं जगने वालीं और मैने उसे अपना लंड थमा दिया। वो उसे मसलने लगी। वो दीवानी हो रही थी, पागल हुई जा रही थी, उसकी चूत एकदम गीली और रसीली हो चुकी थी। चूत से बह कर हल्की पानी की धार उसकी गांड के छेद को भी गीला कर चुकी थी।

अच्छी बात थी, उसके दोनों ही छेद चिकने हो चुके थे, उसके अपने ही स्नेहक लुब्रिकेंट्स से। मैने अपना लंड उसके हाथ से लिया। उसकी गांड के नीचे एक मोटा तकिया रखा उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रखा और उचकी हुई चूत में उपर से सीधा अपना सात इंच लंबा और गदहे जैसा लंड अंदर ठेल दिया। वो गचगचा उठी, उईई मां मर गयी, प्लीज मेरा पहली बार है आराम से करो ना। मर जाउंगी मैं मैने उसके होठो को अपने होटो से कस लिया। उसकी आवाज घुटी घुटी सी रह गयी और लंड को फिर ठेल दिया। उसकी चूत की सिलाई उघ्ड़ने में जोर लग रहा था, मैने अपना पूरा वजन लंड पर दे दिया और चर्र चर्र करती फटी चूत और अंदर घुसा मेरा अजगर लंड सीधा उसके बच्चेदानी के दरवाजे पर चोट कर रहा था। वो पागल हो रही थी। मैने लंड पूरा अन्दर ठेलने के बाद उसको चुम्मा देना जारी रखा। फ्रेन्च किस दे रहा था मैं उसे और उकड़ू बैठ उसकी टांगों के बीच उसकी चूत को पूरे रफ्तार से चोद रहा था। वो कराह रही थी पर धीरे धीरे उसकी चुदवास में उसे मजा आने लगा। आह चोदो अच्छा लग रहा है, उफ्ह्ह तेज थोड़ा और तेज उफ्फ मुझे चोद कर मेरी चूत फाड़ दी तूने तो ले और चोद आह्ह आह्ह!! और मुनमुन पूरे फार्म में थी। मैने उसके चूत से लंड खीच लिया। और उसके मुह में दे दिया। वो चूसने लगी। अपने ही कामरस से सने हुए लंड को चूस ने में उसे मजा आ रहा था। उसने हल्के हल्के दांत भी धंसाने शुरु कर दिये लंड के सुपाड़े पर जिससे वो और भी सख्त हो गया।

चूत और गांड का कम्पिटिशन आबनूसी गांड गोरी चमड़ी में

मैने अब उसे पेट के बल लिटा दिया और उसकी पीठ पर चुम्मा देने लगा। ब्रा और शूट मैं पहले ही उतार चुका था, उसकी नंगी पीठ को किस करते हुए मैने उसकी गांड के गोलों को हटा कर उसके गुदा छेद को देखा। छोटा सा आबनूसी गांड का छेद गोरी त्वचा में मस्त लग रहा था। मैने उसे खोल कर उसमें अपनी छोटी उंगली की। फिर अपना ढेर सारा थूक अपने हाथों पर लेकर अपने लंड पर लगाया, सुपाड़े कि चमड़ी को उपर नीचे खिसका कर तैयार किया और फिर दुबारा उसकी छेद में थूक दिया। वो मेरे लसलसे थूक से चिकना हो गया था। मैने अपना लंड का सुपाड़ा गांड में धंसाना शुरु किया। कंवारी चूत के बाद कंवारी गांड मारने का मजा लेना एक अलग आनंद है। वो अपनी गांड सिकोड़ने की कोशिस कर रही थी, पर थूक से सना लंड अंदर जा चुका था। एकदम पिस्टन टाईट लंड दनदनाता हुआ चार इंच अन्दर था और वो छटपटा के अपनी गांड मेरे लंड तले से खीचंना चाह रही थी। मैने दबोच लिया था उसे। और उसके बाल पकड़ कर उसकी पीठ पर बैठ गांड मारनी शुरु कर दी। वो कराहती रही, आह्ह आह्ह आह्ह्ह और मैने अपना सारा वीर्य उसकी गाड़ में छोड़ दिया। गांड से बहती हुई वीर्य की धारा उसकी चूत को भिगाती हुई बेड पर गिरने लगी। मेरी तमन्ना पूरी हुई। दोस्तों आज भी मुनमुन मेरी खास माल है। अगर आप उसके जैसी ही कोई चूत देखना चाहते हैं तो क्लिक करिए यहां और सजीव बातें करके मजे कीजिए
 
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