चोदकर चूर हो चुका था

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Antarvasna, sex stories in hindi: यह मेरे जीवन में हुई कुछ वर्षो पहले की घटना है यह तब हुआ जब मैं बैंगलोर मे काम कर रहा था। हमारे दोस्तो ने खेल का कार्यक्रम आयोजित किया मेरा एक दोस्त अपनी दो महिला मित्र संजना और ममता के साथ आया था उसने मेरा परिचय उन से कराया और खेल-कूद के बाद मेरे दोस्त ने मेरे घर आने का निश्चय किया। मैं एक फ्लैट में अकेले रह रहा था मैंने संजना और ममता को भी आमंत्रित किया वे भी आए मैंने घर पर उस रात का भोजन बनाया और एक छोटी सी पार्टी दी। शाम को मेरे दोस्त ने मुझसे कहा मै संजना को घर छोड़ देता हूं ममता ने कहा कि वह ऑटो रिक्शा से घर जाएगी। कुछ दिनों के बाद मुझे संजना मिली संजना ने मुझसे मिलने की बात कही की वह मुझसे मिलना चाहती है हमने कॉफी शॉप में कुछ दिनों के बाद मिलने का फैसला किया। हमने कॉफी का ऑर्डर दिया और हम दोनो बात कर रहे थे तब उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं आपके घर आ सकती हूँ मैंने उससे कहा क्यों नहीं तुम मेरे घर आ सकती हो। हम लोगों ने कॉफी पी और उसके बाद हम दोनो घर चले गए दो दिन बाद उसने मुझे फोन किया और कहा कि वह रविवार को घर पर आंएगी मैंने कहा ठीक है।

रविवार को सुबह वह घर पर आई और मैंने उनके लिए भी चाय और नाश्ता बनाया संजना के साथ उसकी सहेली भी आई थी। हम लोग आपस में बात कर रहे थे संजना के साथ समय बिताकर मुझे अच्छा लगा हम लोगों ने साथ में नाश्ता किया संजना और उसकी सहेली काफी देर तक मेरे घर पर रहे। शाम होते ही वह लोग कहने लगे कि अब हमें घर जाना है और वह लोग घर चले गए। काफी दिनों तक मेरी संजना से कोई भी मुलाकात नहीं हो पाई और ना हीं संजना मुझे मिली लेकिन उसी दौरान एक दिन मुझे संजना का फोन आया और संजना कहने लगी कि राहुल मुझे तुमसे कोई जरूरी काम था। मैंने संजना को कहा लेकिन तुम्हें क्या जरूरी काम है तो संजना कहने लगी कि क्या तुम मेरे घर पर आ सकते हो। मैं संजना के घर पर चला गया जब मैं संजना के घर पर गया तो संजना की तबीयत ठीक नहीं थी वह घर पर अकेली ही थी मैंने संजना से कहा तुम्हारी तबीयत को क्या हुआ। वह कहने लगी कि कुछ दिनों से मेरी तबीयत ठीक नहीं है और मैं ऑफिस भी नहीं जा पा रही हूं मैंने संजना को कहा तुमने मुझे पहले फोन क्यों नहीं किया।

संजना कहने लगी मुझे लगा कि मैं ठीक हो जाऊंगी लेकिन अभी तक मेरी तबीयत ठीक नहीं हो पाई है। मैंने संजना को कहा कि मैं तुम्हें डॉक्टर के पास ले चलता हूं तो संजना कहने लगी हां राहुल तुम मुझे डॉक्टर के पास ले चलो। संजना की तबीयत काफी ज्यादा खराब थी और उसे बहुत तेज बुखार भी था मैं संजना को डॉक्टर के पास लेकर गया। जब मैं संजना को डॉक्टर के पास ले कर गया तो डॉक्टर ने संजना को कुछ दवाइयां दे दी और मैं संजना को वापस घर ले आया अब संजना घर पर आराम कर रही थी। संजना ने मुझसे कहा कि राहुल तुम आये उसके लिए मैं तुम्हारा धन्यवाद कहना चाहती हूं मैंने संजना को कहा देखो संजना इसमें धन्यवाद कहने की कोई बात नहीं है। मैं और संजना थोड़ी देर साथ में बैठे रहे मैंने संजना से कहा कि मैं अब चलता हूं यदि कोई परेशानी हो तो तुम मुझे फोन कर देना। संजना मुझे कहने लगी कि ठीक है राहुल यदि मुझे कोई परेशानी होगी तो मैं तुम्हें फोन कर दूंगी। मैं अब अपने घर लौट चुका था रात के वक्त मैंने संजना को फोन किया और संजना से कहा कि तुमने दवाई तो ले ली थी तो संजना कहने लगी हां राहुल मैंने दवाई ले ली थी। कुछ ही दिनों में संजना ठीक हो चुकी थी और जब संजना ठीक हो गई तो संजना ने एक दिन मुझसे कहा कि राहुल क्या हम लोग मूवी देखने के लिए चल सकते हैं। मैंने संजना को कहा ठीक है हम लोग मूवी देखने के लिए चलते हैं हम लोग फिल्म देखने के लिए एक थियेटर में चले गए और वहां पर हम दोनों ने उस दिन साथ में फिल्म देखी। हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया और मुझे बहुत अच्छा भी लगा कि संजना के साथ मैं अच्छा समय बिता पाया संजना और मैं अब एक दूसरे के करीब आते जा रहे थे। संजना को यदि कोई भी परेशानी होती तो वह मुझसे ही बात किया करती हमेशा संजना मुझसे ही कहती थी और कहीं ना कहीं मैं भी अब संजना की तरफ चला जा रहा था संजना भी मेरा बहुत ध्यान रखती। एक दिन संजना ने मुझे कहा कि राहुल आज मेरी सहेली के घर पर उसने एक पार्टी रखी है तो हम लोग वहां चल सकते हैं मैंने संजना को कहा संजना लेकिन अभी तो मैं ऑफिस में हूं मुझे ऑफिस से आने में देर हो जाएगी।

संजना ने मुझसे कहा कि कोई बात नहीं जब तुम ऑफिस से निकलो तो मुझे फोन कर देना। संजना मेरे फोन का इंतजार करती रही लेकिन उसे काफी देर हो गई थी परंतु जैसे ही मैं ऑफिस से फ्री हुआ तो मैंने संजना को फोन किया और जब मैंने संजना को फोन किया तो उसने फोन उठाते ही कहा तुम्हें आने में कितनी देर हो जाएगी। मैंने संजना को कहा बस मैं 5 मिनट में तुम्हारे घर के बाहर पहुंच रहा हूं संजना पहले से ही तैयार थी तो हम लोग संजना की सहेली के घर चले गए। जब हम लोग संजना की सहेली के घर पहुंचे तो वहां पर संजना के और भी दोस्त आए हुए थे संजना ने उन सब से मेरा परिचय करवाया मुझे काफी अकेला महसूस हो रहा था लेकिन संजना मेरे साथ ही थी। मैंने संजना को कहा तुम अपने दोस्तों के साथ एंजॉय करो लेकिन संजना मेरे साथ ही बैठी हुई थी तभी संजना की एक सहेली आई और कहने लगी कि तुमने अपने बॉयफ्रेंड से नहीं मिलवाया। संजना ने कहा यह मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है बल्कि मेरा दोस्त है मैं संजना के चेहरे की तरफ देख रहा था और वह काफी देर तक हमारे साथ बैठी रही।

उस दिन जब मैं घर लौटा तो मुझे लगा शायद संजना के दिल में ऐसा कुछ भी नहीं है इसलिए मैंने इस बात को भूल जाना ही बेहतर समझा क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि संजना को मैं अपने दिल की बात कहूं इसलिए संजना और मैं अब एक अच्छे दोस्त थे इससे ज्यादा हम दोनों के बीच कुछ भी नहीं था। हम दोनों अक्सर एक दूसरे को मिलते रहते थे जिस कॉफी शॉप में पहली बार हम लोग मिले थे उसमें हम लोग अक्सर एक दूसरे को मिलते रहते थे। और जब भी संजना मुझसे मिलती तो मुझे बहुत अच्छा लगता। हम दोनों अक्सर एक दूसरे से मिलते रहते और एक दिन जब संजना मुझसे मिलने के लिए घर पर आई तो हम दोनों साथ में बैठकर मूवी देख रहे थे। हम दोनों मूवी देख रहे थे, मैं संजना के गोल स्तनों की तरह नजर मारने की कोशिश कर रहा था वह मूवी देख रही थी और मेरी तरफ वह देख नहीं रही थी। मैंने भी संजना की जांघ पर अपने हाथ को रखा तो मुझे बड़ा मजा आया मैं उसकी जांघ को सहलाने लगा। मुझे नहीं पता था कि मैं उसकी चूत की तरफ अपने हाथ को बढ़ा लूंगा और वह मेरे होठों को चूम लेगी। जब मैंने उसकी चूत के अंदर अपने हाथ को बठाया तो उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया हम दोनों एक दूसरे की बाहों में आ चुके थे। मैंने संजना को बिस्तर पर लेटा दिया संजना को बिस्तर पर लेटाया तो मैं उसके होंठों का रसपान कर रहा था वह बडी खुश नजर आने लगी। मैंने संजना को कहा कि तुम अपने बदन से कपड़े उतार दो और संजना ने अपने बदन से कपड़े उतार दिए। जब उसने अपने बदन से कपड़े उतारे तो मैं उसके बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक निहारता रहा वह किसी परी की तरह लग रही थी मैं उसे देखकर अपने आपको रोक नहीं पा रहा था। मैंने अपने कपड़े उतारे जब अपने लंड को मे हिलाने लगा तो वह मेरे पास आकर कहने लगी मैं तुम्हारे लंड को अपने मुंह में लेना चाहती हूं।

उसने जैसे ही अपने मुंह के अंदर लंड को लिया तो मुझे मजा आने लगा वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही थी उसने मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक उतार लिया था वह मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कि वह मेरे लंड से मेरा वीर्य बाहर निकालने वाली हो। मेरे लंड से मेरा पानी बाहर निकाल चुका था मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं अपने आपको रोक ना सका। जब मैंने अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए संजना की चूत पर अपने लंड को लगाया तो वह मुझे कहने लगी कि राहुल तुम आराम से मेरी चूत मे लंड को घुसाना। मैंने संजना की चूत के अंदर लंड को घुसाया तो वह चिल्लाने लगी। संजना की चूत के अंदर लंड घुसा तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है लेकिन मुझे नहीं पता था कि संजना टाइट माल है। मैंने उसकी चूत के अंदर देखा तो उसकी चूत से खून बाहर की तरफ से निकाल रहा था उसे मुझे चोदने में मजा आ रहा था मैं उसकी चूत का मजा आसानी से ले रहा था लह कहने लगी मैं अपने आपको रोक नहीं पाऊंगी क्योंकि उसके अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी।

उसने मुझे कसकर अपनी बांहों में जकड़ लिया और मुझे कहने लगी तुम अपने वीर्य को मेरी चूत में गिरा दो मैंने भी अपने वीर्य को उसकी चूत में गिराया और अपने लंड को मैंने जब बाहर निकाला। दो मिनट बाद उसने मेरे लंड को चूसना शुरु किया वह मेरे लंड को चूस रही थी मैंने उसे कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। उसने अपनी चूतड़ों को मेरे सामने किया और कहने लगी कि मुझे आज तुम घोड़ी बनाकर चोदा उसकी चूतड़ों को देखकर मैंने भी अपने लंड को उसकी चूत के अंदर घुसा दिया। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था अब मैं उसे इतनी तेजी से धक्के मार रहा था कि वह कहने लगी कि तुम ऐसे ही मुझे चोदते रहो। मैं उसे बहुत देर तक ऐसे ही धक्के मारता रहा मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था मेरा वीर्य जल्दी गिरने वाला था। मेरा वीर्य गिरा तो मैं थक कर चूर हो चुका था हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे।
 
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