sexstories

Administrator
Staff member
Antarvasna, sex stories in hindi: घर में भैया की शादी की तैयारियां चल रही थी और सब लोग बड़े ही खुश थे, शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थी और भैया की शादी भी बड़े धूमधाम से हुई। भैया की शादी में मैं सुहानी से मिला था सुहानी भैया के ऑफिस में ही जॉब करती थी और उससे मिलकर मुझे अच्छा लगा। मैंने तो सोचा था कि शायद मेरी सुहानी से कभी भी बात नहीं हो पाएगी लेकिन उसके बाद एक दिन मैं सुहानी से मिला, जब हम दोनों मिले तो हम दोनों की उस दिन बात हुई। हम दोनों इत्तेफाक से बस स्टॉप पर मिले मैं बस का इंतजार कर रहा था क्योंकि मेरी मोटरसाइकिल खराब थी इसलिए उस दिन मैं बस से ही जा रहा था। जब मैं बस का इंतजार कर रहा था तो बस स्टॉप पर मुझे सुहानी दिखाई दी सुहानी ने मुझे देखते ही पहचान लिया और वह कहने लगी कि क्या तुम रजत के छोटे भाई शोभित हो मैंने सुहानी से कहा हां। मैंने भी सुहानी को पहचान लिया था इसलिए मैं सुहानी से उसके हाल चाल पूछने लगा तो सुहानी ने मुझे बताया कि वह ठीक है और सुहानी ने मुझे यह भी बताया कि उसने अब भैया के ऑफिस से रिजाइन दे दिया है।

वह पहले भैया के ऑफिस में ही जॉब करती थी लेकिन अब वह वहां से रिजाइन दे चुकी थी और कुछ दिनों पहले ही उसने नया ऑफिस ज्वाइन किया था। सुहानी के ऑफिस के पास ही मेरा ऑफिस था इसलिए उस दिन के बाद मैं सुहानी से मिलने लगा, मैं जब भी सुहानी को मिलता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और सुहानी को भी काफी अच्छा लगता। जब भी हम दोनों साथ में होते तो मैं और सुहानी काफी अच्छा महसूस करते। एक दिन मैं घर जल्दी लौट आया था उस दिन जब मैं घर लौटा तो मुझे सुहानी का फोन आया सुहानी ने मुझे कहा कि शोभित तुम कहा हो तो मैंने सुहानी से कहा कि मैं तो घर आ गया हूं। सुहानी मुझे कहने लगी कि मुझे तुमसे मिलना था मैंने सुहानी को कहा कि क्या कुछ जरूरी काम था तो मैं तुमसे मिलने के लिए अभी आता हूं। सुहानी कहने लगी कि ठीक है तुम मुझसे मिलने के लिए मेरे ऑफिस के पास ही आ जाना। मैं सुहानी से मिलने के लिए उसके ऑफिस के पास ही चला गया। मैं जब सुहानी से मिलने के लिए गया तो सुहानी के साथ उस वक्त कोई लड़का खड़ा था मैंने उससे पहले कभी भी उस लड़के को देखा नहीं था। जब उस दिन मुझे सुहानी ने निखिल से मिलवाया तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई मैं सुहानी को बात सुनकर काफी हैरान हो गया था।

जब सुहानी ने मुझे निखिल के बारे में बताया और कहा कि वह निखिल से प्यार करती है, यह सुनकर तो मेरे अरमान जैसे चकनाचूर हो चुके थे। मेरे कुछ समझ में नहीं आया कि मुझे उस वक्त क्या करना चाहिए लेकिन फिर भी मैंने अपने चेहरे पर नकली हंसी बनाकर रखी। सुहानी ने मुझसे कहा कि वह निखिल से शादी करने के बारे में सोच रही है मैंने भी उन दोनों को कहा कि तुम दोनों की शादी जल्दी हो जाएगी। इसके अलावा मेरे पास कहने के लिए कुछ भी तो नहीं था क्योंकि ना तो सुहानी को मैंने कभी अपने दिल की बात कही थी और ना ही सुहानी ने मुझसे कभी अपने दिल की बात कही थी इसलिए हम दोनों को एक दूसरे से अलग होना पड़ा। हम दोनों एक दूसरे से काफी दूर जा चुके थे मैं सुहानी से दूर होने की कोशिश कर रहा था लेकिन सुहानी थी कि वह मुझे अक्सर मिलने की कोशिश करती लेकिन मैं भी सुहानी को कुछ कह नहीं पाया। मैंने उसके बाद सुहानी से कभी अपने दिल की बात नही कही थी सुहानी और निखिल के रिश्ते को उन दोनों के घरवालों की रजामंदी मिल चुकी थी और अब उन दोनों की सगाई होने वाली थी। मेरे अरमान पूरी तरीके से टूट चुके थे और उसके बाद भी सुहानी मुझसे मिलती तो मैं सुहानी से कम बात करने की कोशिश करता लेकिन ऐसा बहुत ही मुश्किल था। मैंने अपने दिल की बात को अपने अंदर ही दबा कर रख लिया था। कुछ दिनों के लिए मुझे अपने ऑफिस के काम से बाहर जाना था और मैं अपने ऑफिस के काम से बेंगलुरु चला गया।

मैं अपने ऑफिस के काम से कुछ दिनों के लिए बेंगलुरु गया तो वहां पर हमारा नया प्रोडक्ट लांच होने वाला था जिसकी ट्रेनिंग के लिए ही मुझे बेंगलुरु जाना था। वहां पर मैं कुछ दिनों तक रुका उन दिनों में मेरी सुहानी से बात नहीं हो पाई लेकिन जब मैं वापस लौटने वाला था तो एक दिन सुहानी ने मुझे फोन किया और वह मुझसे कहने लगी कि शोभित तुम कहां हो। मैंने सुहानी से कहा कि मैं बेंगलुरु आया हुआ हूं और मैं कल अहमदाबाद लौट आऊंगा तो सुहानी कहने लगी कि ठीक है जब तुम अहमदाबाद आओगे तो मुझसे मिल लेना। मैंने सुहानी को कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात कर लूंगा और अगले दिन मैंने सुहानी से मुलाकात की हालांकि उस दिन हम लोगों की ज्यादा बात तो नहीं हो पाई लेकिन सुहानी ने मुझे बताया कि उसकी और निखिल की शादी का दिन तय हो गया है। मैंने सुहानी को उसकी शादी की बधाई दी और कहा कि चलो जो तुम चाहती थी आखिरकार वह हो ही गया। सुहानी भी कहने लगी कि हां शोभित मैं बहुत ज्यादा खुश हूँ कि मेरी निखिल के साथ शादी तय हो गई है और मैं तुम्हें बता नहीं सकती कि मैं कितनी ज्यादा खुश हूं। मैंने सुहानी को कहा चलो यह तो बहुत ही अच्छी बात है कि तुम्हारी शादी निखिल से हो रही है सुहानी मुझे कहने लगी हां शोभित।

उसके बाद मैं अपने घर लौट आया और सुहानी अपने घर चली गई थी। सुहानी और निखिल की शादी जल्द ही होने वाली थी। एक दिन मै सुहानी को घर पर बुलाता हूं उस दिन मै अपने आपको रोक नही पाता और उसके बदन को अपनी बांहो मे ले लेता हूं। मुझे समझ नहीं आया उस दिन मेरे अंदर इतनी हिम्मत कहा से आ जाती है। परंतु सुहानी भी मेरे साथ सेक्स करने के लिए बहुत ही ज्यादा उतावली हो गई थी। मैं उसके गोरे बदन को महसूस करने लगा था। मैंने उसके बदन से कपड़े उतार दिए थे। जब मैंने सुहानी के बदन से कपड़े उतारे तो वह मेरी आंखो मे देख रही थी और पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी। मैंने सुहानी के गोरे स्तनों को दबाना शुरू किया तो उसे मजा आने लगा था। मै उसके स्तनों को दबा रहा था तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था। सुहानी भी आहे ले रही थी उसे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। सुहानी अपने आपको रोक ना सकी और मेरे पैंट की चैन को खोलते हुए उसने जब मेरे मोटे लंड को बाहर निकाला तो वह मेरे लंड को देखकर बोली तुम्हारा लंड बहुत मोटा है। अब उसने मेरे लंड को अपने हाथों मे ले लिया और उसे हिलाना शुरू कर दिया। वह बहुत ज्यादा ही मजे मे आ गई थी। उसने मेरे लंड को तब तक चूसा जब तक उसने मेरे माल को बाहर नहीओ निकाल दिया। मैने उसके स्तनो पर जीभ का स्पर्श किया तो वह मचल उठी। मुझे बड़ा ही अच्छा लगने लगा था मैने उसके स्तनो को बहुत देर तक चूसा। उसने मेरे लंड को दोबारा मुंह मे लेना का मन बना लिया था। मैंने दोबारा उसके लंड को सुहानी के मुंह में घुसाया तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। हम दोनों अब एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लेना चाहते थे।

मैंने भी सुहानी की पैंटी को उतारकर उसकी चूत को पर अपनी उंगली को लगाया और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। सुहानी की गुलाबी चूत पर एक भी बाल नहीं था अब उसकी चूत को चाटकर मुझे अलग मजा आ रहा था। उसकी गुलाबी चूत बडी मजेदार थी और साथ ही उसकी चूत से निकलता पानी भी बहुत अधिक हो चुका था। सुहानी की गोरी चूत चाटकर मजा आ गया था मै सुहानी की चूत देखकर बहुत खुश था। उसकी चूत को मैने बहुत देर तक चाटा। जब मै सुहानी की चूत को चाट रहा था तो मेरे अंदर की आग बढ़ती ही जा रही थी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने सुहानी की चूत पर अपने लंड को रगडना शुरू किया तो वह बडी खुश हो गई थी। मेरे ऐसा करने से मेरे लंड से पानी बाहर गिरने लगा था। मैने अपने लंड को उसकी चूत मे घुसाना शुरू किया। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर जाते ही वह मुझे कहने लगी मुझे मजा आने लगा और वह जोर से सिसकारियां लेने लगी। मैंने अब उसके दोनों पैरों को चौडा कर लिया। सुहानी की चूत से खून निकल आया था। वह जिस प्रकार की आवाज निकाल रही थी उससे मेरे अंदर एक अलग ही आग पैदा हो रही थी और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था। जब वह मादक आवाज मे आहे भरती तो मेरे अंदर की आग बढ़ती ही जा रही थी। सुहानी की चूत मे माल गिराने के बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल पोजीशन में बना दिया। मैने अपने लंड को सुहानी की चूत मे घुसेड दिया था और मुझे मजा आने लगा था।

मै बहुत ज्यादा खुश था मुझे अब एहसास हो गया था मै सुहानी की चूत का मजि ज्यादा देर तक ले नही पाऊंगा। मै जिस तरह से उसके साथ सेक्स का मज़ा ले रहा था उस से मेरी गर्मी बढ चुकी थी और उसकी इच्छा पूरी हो चुकी थी। मैं उसे बड़ी तीव्र गति से चोद रहा था। मैंने सुहानी को बहुत ही अच्छे से चोदा। जब मेरे अंदर की आग पूरी तरीके से बढ़ गई तो मैंने उसकी चूत मे अपने माल को गिरा दिया। सुहानी की चूत मे माल गिराकर मजा आ गया था। मैने अपने लंड को बाहर निकाल दिया था। जब मैने उसकी चूत से अपने लंड को बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून निकल रहा था। मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया था और उसके बाद वह घर चली गई। उसके बाद सुहानी और मैं एक दूसरे से कभी नहीं मिले क्योंकि उसकी शादी हो चुकी है और अब सुहानी सिर्फ मेरे ख्यालों में ही जिंदा है।
 
Back
Top