चोदकर बिस्तर हिला डाला

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Desi sex stories, antarvasna: मेरी और आकांक्षा की शादी को अभी 6 महीने ही हुए हैं हम दोनों एक ही कंपनी में जॉब करते हैं मेरी मुलाकात आकांक्षा से मेरे ऑफिस में ही हुई। हम दोनों के बीच प्यार इतना ज्यादा बढ़ने लगा कि हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया। मुझे आकांक्षा को मनाने में काफी समय लगा लेकिन जब आकांक्षा मेरी बात मान गई और वह मुझसे शादी करने के लिए तैयार हो गयी तो हम दोनों ही बहुत खुश थे। हम दोनों के परिवार वालों को भी इस बात से कोई एतराज नहीं था और फिर उन्होंने हम दोनों की शादी करवा दी। हम दोनों जयपुर के रहने वाले हैं मैं आकांशा के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हूं आकांक्षा का परिवार और मेरा परिवार दोनों ही जयपुर में रहते हैं इसलिए हम लोग उन्हें मिलने के लिए जयपुर चले जाते हैं।

मेरे पापा बैंक में जॉब करते हैं और मेरी मां टीचर है पापा और मम्मी के पास समय नहीं रहता है इसलिए वह हम लोगों के पास कम ही आया करते हैं काफी महीने हो गए थे हम लोग उनसे मिले भी नहीं थे। मैं और आकांक्षा एक दिन जब ऑफिस से घर लौटे तो उस दिन हम दोनों ही काफी ज्यादा थके हुए थे मैंने आकांक्षा को कहा कि मैं बाहर से ही आज खाना ऑर्डर करवा देता हूं। आकांक्षा ने कहा कि ठीक है जैसा तुम्हे लगता है तुम देख लो और फिर मैंने उस दिन खाना बाहर से ही आर्डर करवा लिया था। मैंने जब खाना आर्डर करवाया तो आकांक्षा और मैंने साथ में डिनर किया। जब हम लोग डिनर कर रहे थे तो उस वक्त मैंने आकांक्षा को कहा कि काफी समय हो गया है हम लोग घर भी नहीं गए हैं तो मैं सोच रहा हूं कि कुछ दिनों के लिए हम लोग घर हो आए। आकांक्षा कहने लगी कि ठीक है अगर तुम्हें ऐसा लगता है कि हमें कुछ दिनों के लिए घर चले जाना चाहिए तो हम लोग घर चले जाते हैं।

आकांक्षा भी मेरी बात मान चुकी थी और फिर हम दोनों ने कुछ दिनों के लिए घर जाने का फैसला कर लिया। हम दोनों ने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी जब हम दोनों ने अपने ऑफिस से छुट्टी ली तो उसके बाद हम लोग जयपुर चले गए। हम लोग जब जयपुर गए तो पापा और मम्मी बहुत ही ज्यादा खुश हुए इतने लंबे समय बाद उन लोगों ने हमें देखा था शादी के बाद हम लोग पहली बार ही जयपुर जा रहे थे वह लोग काफी ज्यादा खुश थे। वह हम दोनों को कहने लगे कि आखिर तुम्हें हम लोगों की याद आ ही गई तो मैंने मां से कहा कि मां हमें तो आपकी याद हमेशा ही आती है। आकांक्षा को पापा और मम्मी दोनों ही काफी ज्यादा पसंद करते हैं और आकांक्षा को भी उन लोगों के साथ बहुत ही अच्छा लगता है इसलिए आकांक्षा उनके साथ काफी ज्यादा खुश रहती है और मुझे भी बहुत ज्यादा अच्छा लगता है जब भी मैं उन लोगों के साथ होता हूं। पापा ने मुझसे कहा कि बेटा हम लोग भी कुछ दिनों की अपने काम से छुट्टी ले लेते हैं और कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं। मैंने पापा से कहा कि हां हम लोग कुछ दिनों के लिए कहीं घूमने के लिए चलते हैं।

जयपुर में काफी ज्यादा गर्मी थी इसलिए हम लोग किसी ठंडे हिल स्टेशन जाना चाहते थे और हम लोगों ने नैनीताल जाने का प्लान बना लिया था। पापा और मम्मी ने भी अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और हम लोग कुछ दिनों के लिए नैनीताल चले गए। जब हम लोग नैनीताल गए तो वहां पर जाकर हम लोग काफी खुश थे और हम लोगों को बहुत अच्छा लगा नैनीताल में हम लोग एक होटल में रुके और वहां पर हम लोगों ने खूब इंजॉय किया। पापा और मम्मी के साथ समय बिता कर मुझे अच्छा लगा और कुछ ही दिनों बाद हम लोग वापस लौट आए थे। वापस लौटने के बाद जयपुर में काफी ज्यादा गर्मी हो रही थी। अब मुझे मुंबई लौटना था इसलिए आकांक्षा और मैं मुंबई चले लौट आये जब हम लोग मुम्बई आये तो आने के बाद हम लोगों ने अपना ऑफिस ज्वाइन कर लिया था। आकांक्षा और मैं सुबह साथ में जाते और फिर शाम को हम दोनों साथ में ही घर लौटा करते कुछ दिनों से आकांक्षा की तबीयत ठीक नहीं थी तो उसने मुझे कहा कि मैं चाहती हूं कि मैं कुछ दिनों के लिए घर में ही रहूं।

डॉक्टर ने भी आकांक्षा को रेस्ट करने के लिए कहा था आकांक्षा को काफी ज्यादा बुखार था और मैं आकांक्षा की देखभाल कर रहा था। धीरे धीरे आकांक्षा का बुखार भी ठीक होने लगा और वह अब ऑफिस जाने लगी लेकिन वह कुछ कमजोरी सी महसूस कर रही थी जिस वजह से मुझे आकांक्षा का ध्यान रखना पड़ रहा था। हम लोगों को खाना बनाने में काफी प्रॉब्लम हो रही थी जिससे कि मैंने आकांक्षा से कहा कि क्यों ना हम किसी काम वाली को घर पर रख ले। आकांक्षा ने पहले तो मुझे मना किया और कहा कि नहीं शोभित रहने दो मैं सब कुछ कर लूंगी लेकिन आकांशा की तबीयत बहुत ज्यादा खराब रहने लगी थी इसलिए मैंने घर पर कामवाली बाई को रख लिया। वह सुबह के वक्त आ जाया करती और हम लोगों के लिए नाश्ता बनाती उसके बाद वह घर की साफ सफाई करती और फिर वह चली जाया करती। मुझे भी अब इस बात से खुशी थी कि आकांक्षा को कम से कम आराम तो मिल रहा है हम दोनों ऑफिस साथ में जाते और शाम को घर लौट आते। मेरे और आकांक्षा की जिंदगी बहुत ही अच्छे से चल रही है और हम दोनों बहुत ही खुश हैं। मैं आकांक्षा से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मुझे आकांक्षा के साथ बहुत ही अच्छा लगता है इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताया करते हैं। जब भी हम लोगों की छुट्टी होती तो हम दोनों कहीं घूमने के लिए चले जाया करते।

मेरी और आकांक्षा के बीच प्यार तो था ही और हम दोनों जब एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते तो हमे मजा आता। एक दिन हमारी छुट्टी थी उस दिन मै सुबह उठा। कामवाली बाई घर की सफाई कर रही थी मेरा मन उस दिन ना जाने क्यो आकांक्षा के साथ चुदाई का होने लगा। मैं जब आकांक्षा को चोद रहा था तो यह सब कामवाली बाई देख रही थी। मैं उसे देख रहा था उसने हम दोनों को देख लिया था। उसके मन में ना जाने क्या चल रहा था। जब मै रसोई में गया तो वह खाना बना रही थी मैंने उसे कहा तुम दरवाजे से क्या देख रही थी? वह कहने लगी साहब आप मैडम को बड़े ही अच्छे से चोद रहे थे। मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चुदाई भी करनी पड़ेगी। वह कहने लगी मैं तो इस बात के लिए तैयार हूं मैं उसे बाथरूम में लेकर चला गया। आकांक्षा भी बेडरूम में लेटी हुई थी मैंने उसकी साड़ी को ऊपर उठाते हुए उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत पर काले बाल थे जो उसकी चूत को ढके हुए थे। मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो। उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और वह मेरे लंड को अच्छे से सकिंग करने लगी उसको बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। जब वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी तो उसने मेरे अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था। मेरे अंदर की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगे थे।

मैंने उसे कहा मेरी गर्मी को तुमने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। वह कहने लगी तुमने भी तो मेरी गर्मी को बढा कर रख दिया है अब मैं समझ चुका था मुझे उसकी चूत मै अपने लंड को घुसाना ही होगा। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाते हुए अंदर की तरफ डालना शुरू किया तो मेरा मोटा लंड उसकी चूत के अंदर की तरफ चला गया। मेरा मोटा लंड जैसे ही उसकी चूत के अंदर गया तो मुझे मजा आने लगा। मैंने उसे कहा तुम्हारी चूत तो बहुत ही ज्यादा टाइट है। वह बोली साहब मेरी चूत मारने वाला कोई है ही नहीं। मैंने उसे कहा तुम्हारे पति क्या तुम्हारी इच्छा को पूरा नहीं करता है। उसने मुझे कहा वह तो एक नंबर के शराबी है वह कभी घर ही नहीं आता है और मेरी इच्छा को वह पूरा नहीं कर पाता है। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं आज मैं तुम्हारी इच्छा को पूरा कर दूंगा। मैंने उसकी इच्छा को पूरा करने का फैसला कर लिया था मैं उसे तेज गति से धक्के मार रहा था।

वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो रही थी और मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है। वह मुझे बोली आप ऐसे ही धक्के मारते रहिए। मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था उसे चोदकर मैं बहुत ज्यादा खुश था। मैंने उसे कहा मुझे मजा आ रहा है वह कहने लगी मुझे भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है आप बस ऐसे ही मुझे धक्के मारते रहिए। उसकी चूतडो पर जब मैं प्रहार करता तो उसकी चूतडो से एक अलग ही आवाज पैदा हो रही थी जो कि एक अलग ही गर्मी पैदा कर रही थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मैं उसे तेजी से धक्के मारता। मेरे अंदर की गर्मी को उसने पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था। वह मुझे कहने लगी साहब आपने मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया है। मैंने उसे कहा तुमने भी तो मेरी गर्मी को बढ़ा दिया है।

मैंने उसे और भी तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए जिससे कि उसकी चूतडे हिलने लगी। वह मेरी तरफ अपनी चूतडो को मिलाकर मुझे कहने लगी मुझे ऐसे ही चोदते जाओ। मैं उसे लगातार तेजी से चोदे जा रहा था मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था जब मैं उसे चोद रहा था। मेरे अंदर की गर्मी बढने लगी थी और उसके अंदर की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैं समझ चुका था अब हम दोनों एक दूसरे का साथ बिल्कुल भी नहीं दे पाएंगे मैंने अपने माल को उसकी चूतडो पर गिराया। वह बोली साहब आज तो आपने मेरी इच्छा पूरा कर दी है उसके बाद तो जैसे वह मेरे लंड को लेने के लिए तैयार रहती और जब भी मेरा मन होता तो मैं उसे चोद दिया करता। मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता जब भी मैं उसे चोदा करता और वह भी अपनी चूत मरवाने के लिए बहुत ज्यादा उतावली रहती।
 
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