चोदकर लंड छिल गया

sexstories

Administrator
Staff member
Antarvasna, hindi sex story: मैं बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं लेकिन मेरे माता पिता ने मेरी पढ़ाई में कभी भी कोई कमी नहीं रहने दी और अब मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी है। मेरी पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद मैं नौकरी की तलाश में था लेकिन अभी तक मुझे कहीं अच्छी नौकरी मिल नहीं पाई थी। मुझे किसी बड़े शहर जाना था इसलिए मैंने दिल्ली का रुख किया और मैं दिल्ली चला गया, मैं जब दिल्ली गया तो मेरे लिए सब कुछ नया था इतने बड़े शहर में मुझे रहने के लिए एक छोटा सा कमरा मिल गया था और मैं उस कमरे में अकेले रहा करता था। मैं नौकरी की तलाश में था लेकिन अभी तक मुझे कहीं भी नौकरी मिल नहीं पाई थी परंतु जब मुझे कंपनी में जॉब मिली तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। मैंने अपने पिताजी को फोन पर यह बात बताई कि मुझे नौकरी मिल चुकी है तो वह लोग भी बहुत ही ज्यादा खुश हुए और कहने लगे कि बेटा तुम बस ऐसे ही मेहनत करते रहो। मैंने पिताजी से कहा कि हां पिताजी मैं ऐसे ही मेहनत करता रहूंगा। समय के साथ साथ अब मेरा प्रमोशन भी होने लगा मेरी तनख्वाह भी बढ़ने लगी थी मुझे पता ही नहीं चला कि दिल्ली में रहते हुए कब मुझे दो वर्ष बीत गए।

मैं अपनी जॉब से बहुत ज्यादा खुश था मैं चाहता था कि मैं अपने माता-पिता को अपने पास बुला लूं लेकिन वह लोग चाहते थे कि पहले मेरी बहन की शादी हो जाए उसके बाद ही वह लोग मेरे पास आये। मैंने उन्हें इस बारे में पूछा कि क्या आप लोगों ने संजना के लिए कोई लड़का देख लिया है तो वह कहने लगे कि नहीं बेटा अभी तक तो हमने संजना के लिए कोई लड़का देखा नहीं है। मैंने उन्हें कहा आप लोग संजना के लिए कोई अच्छा सा लड़का देख लीजिए उसके बाद संजना की शादी हम लोग उस लड़के से करवा देंगे। पापा मम्मी कहने लगे कि हां बेटा तुम ठीक कह रहे हो हम लोग संजना के लिए कोई अच्छा लड़का देख लेते हैं। जब उन्होंने संजना के लिए एक अच्छा लड़का ढूंढ लिया तो उन्होंने मुझे फोन किया और मैं खुद उस लड़के से मिला। उससे मिलने के बाद मुझे वह लड़का काफी पसंद आया वह लोग एक अच्छे घर से ताल्लुक रखते है। मैंने अब उस लड़के से संजना की शादी करवाने का फैसला कर लिया था जब संजना से मैंने इस बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि भैया मैं शादी करने के लिए तैयार हूं।

संजना शादी करने के लिए तैयार हो चुकी थी मैं इस बात से काफी खुश था कि अब संजना की शादी हो जाएगी। संजना की सगाई हो चुकी थी उसकी सगाई होने के बाद मैं भी वापस चला आया था। जब मैं दिल्ली आया तो उसके करीब 4 महीने के बाद शादी का दिन पापा मम्मी ने तय कर दिया था और वह लोग चाहते थे कि मैं कुछ दिनों के लिए छुट्टी लेकर घर आ जाऊं। मैं जब घर गया तो हम लोगों ने संजना की शादी बड़े ही धूमधाम से करवाई, मैंने संजना की शादी में कोई भी कमी नहीं होने दी। संजना की शादी हो चुकी थी और जब उसकी शादी हो गई तो उसके बाद पापा और मम्मी को मैं अपने साथ दिल्ली ले कर आना चाहता था। मैंने जब उन्हें अपने साथ चलने के लिए कहा तो वह लोग कहने लगे कि बेटा हम लोग थोड़े समय बाद तुम्हारे साथ आ जाएंगे। मैं संजना की शादी हो जाने के कुछ दिनों बाद दिल्ली लौट आया था अब मैं दिल्ली में अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहा था। पापा और मम्मी को मैंने जब अपने पास आने के लिए कहा तो वह लोग मेरे पास आने के लिए तैयार हो गये।

जब वह लोग मेरे साथ रहने लगे तो मैं इस बात से काफी ज्यादा खुश था कि वह लोग मेरे साथ रहने लगे हैं मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था क्योंकि मैं जो चाहता था वह सब मेरी जिंदगी में हो रहा था। जल्द ही मेरी कंपनी में मेरा प्रमोशन भी हो गया और मैंने अब दिल्ली में छोटा सा घर भी खरीद लिया था। मेरी तरक्की से मेरे पापा और मम्मी दोनों ही काफी खुश थे समय बीतने के साथ साथ अब मेरे लिए भी वह लोग लड़की देखने लगे थे लेकिन अभी तक मुझे कोई लड़की पसंद ही नहीं आई थी। हमारे ऑफिस में एक लड़की ने जॉइनिंग किया उसे ऑफिस में कुछ दिन ही हुए थे वह काफी ज्यादा शर्मीली किस्म की थी और उसका नेचर बहुत ही अच्छा था लेकिन वह काफी कम बातें किया करती थी। मैं राधिका से बात करने लगा था जब मैं राधिका से बात करता या वह मेरे साथ होती तो मुझे अच्छा लगता। राधिका ऑफिस में सिर्फ मेरे साथ ही खुलकर बातें किया करती थी और मुझे बहुत अच्छा लगता था मैं और राधिका एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा खुश थे। हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय भी बिताने लगे थे, राधिका का घर दिल्ली में ही है।

मैंने राधिका से कहा कि मैं तुम्हें अपने पापा मम्मी से मिलाता हूं तो राधिका मेरे पापा और मम्मी से मिलने के लिए तैयार हो गयी। जब राधिका उन लोगों से मिली तो राधिका को काफी अच्छा लगा और उन लोगों को भी बहुत अच्छा लगा वह लोग काफी ज्यादा खुश थे। मेरे पिताजी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम राधिका को पसंद करते हो तो मैंने अपने पिताजी को बताया कि हां मैं राधिका को पसंद करता हूं लेकिन मैंने उससे शादी की कोई बात नहीं की है और राधिका भी मुझे पसंद करती है। मेरे पापा और मम्मी तो राधिका को अपनी बहू के रूप में स्वीकार कर चुके थे लेकिन अब समस्या यह थी कि राधिका के पापा और मम्मी को भी इस बारे में मुझे बताना था और उन लोगों से मुझे मिलना भी था। मैंने जब राधिका से इस बारे में कहा तो राधिका ने मुझे कहा कि मैं अपने घर पर इस बारे में बात कर लूंगी और राधिका ने जब अपने घर पर बात की तो उसके परिवार वाले मुझसे मिलना चाहते थे। वह लोग जब मुझसे मिले तो उन लोगों ने भी राधिका और मेरे रिश्ते को स्वीकार कर लिया।

उन लोगों ने मेरे साथ राधिका की शादी करवाने का फैसला करवा लिया था और मैं काफी ज्यादा खुश था। राधिका भी बहुत ज्यादा खुश थी हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। हम दोनों को ही काफी अच्छा लगता था जब भी हम लोग एक दूसरे के साथ समय बिताया करते मै और राधिका एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश थे। मेरे और राधिका की फोन पर एक दूसरे से बातें होती थी। एक दिन मैंने राधिका से फोन पर बात गरम बाते की वह बड़ी खुश थी मैंने उसे कहा मैं तुम्हारे बदन को महसूस करना चाहता हूं। राधिका को भी अब इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी वह चाहती थी हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक सुख का मजा ले। मैंने जब राधिका से इस बारे में बात की तो वह मेरी बात मान गई अब वह तैयार हो चुकी थी। राधिका तैयार हो चुकी थी जब अगले दिन मैं राधिका को अपने साथ होटल में लेकर गया तो वहां पर राधिका पहले तो काफी घबरा रही थी।

मैंने उसके बदन को गरम करना शुरू किया उसे मजा आ रहा था। राधिका मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है राधिका की चूत की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। राधिका ने अपने बदन से कपड़े उतार दिए थे उसके नंगे और गोरे बदन को देखकर मैं बहुत ही ज्यादा खुश था मैंने उसके स्तनों का रसपान करना शुरू किया। मै राधिका के निप्पल को चूस रहा था वह मुझे कहती तुम ऐसे ही मेरे निप्पल को चूसते रहो मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। मैंने अब राधिका की पैंटी को उतार दिया था मैंने जब उसकी पैंटी को उतारा तो उसकी चूत बहुत ज्यादा गीली हो गई थी। मैंने राधिका से कहा मैं तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हूं। राधिका मुझे कहने लगी हां तुम मेरी चूत को चाट लो मैंने उसकी योनि को चाटा तो वह मजे मे आ गई और मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने राधिका को कहा मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा है। राधिका चाहती थी वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले ले। राधिका ने मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह मे लिया तो वह बड़े ही अच्छे से मेरे लंड को सकिंग कर रही थी और मेरे अंदर की गर्मी को वह बढा रही थी।

मैंने उसे कहा तुम ऐसे ही मेरी गर्मी को बढ़ाती रहो मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। राधिका की चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था जिससे कि मैंने राधिका से कहा मैं तुम्हारी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाना चाहता हूं। राधिका मुझे कहने लगी हां तुम अपने लंड को मेरी चूत में घुसा दो। मैंने जैसे ही राधिका की चूत पर अपने लंड को लगाया तो मेरा लंड बहुत ज्यादा गरम था और राधिका की चूत भी बहुत ज्यादा गर्म थी। मैंने राधिका से कहा तुम्हारी चूत से बहुत ज्यादा गर्मी बाहर की तरफ को निकल रही है। मैंने अब एक जोरदार झटका मारा तो मेरा लंड राधिका की योनि के अंदर चला गया। जब मेरा लंड राधिका की योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है और बहुत मजा भी आ रहा है। हम दोनों को अच्छा लगने लगा था।

जब राधिका की चूत पर मेरा लंड होता तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैं अब राधिका की योनि के अंदर बाहर अपने मोटे लंड को किए जा रहा था। जब मैं ऐसा कर रहा था तो मुझे मजा आने लगा था और राधिका को भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। वह मुझे कहने लगी तुम मुझे बस ऐसे ही धक्के मारते जाओ। मैंने उसे बहुत देर तक धक्के मारे राधिका की चूत से खून लगातार तेजी से बह रहा था। राधिका की चूत से बहुत गर्मी निकलने लगी थी मेरा वीर्य राधिका की चूत मे गिरा तो मैं खुश हो गया और राधिका भी बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। वह मुझे कहने लगी आज मुझे मजा ही आ गया मैंने राधिका को कहा मजा तो मुझे भी बहुत आ गया है। मुझे हमेशा ऐसा लगता जैसे तुम्हारे साथ मै हमेशा सेक्स का मजा लेता रहूं। राधिका और मेरी अक्सर एक दूसरे के साथ सेक्स करने की इच्छा हो जाती और हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर लिया करते।
 
Back
Top