जाट्टनी की चूत मारना शेरनी चोदने जैसा है दोस्तों।

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जाट्टनी की चूत मारना : टेंशन में लंड खड़ा करना कठिन होता है।

हेलो दोस्तों मैं मेरठ में रहता हूं और मेरा नाम आजाद है, मैं आपको एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हू। जाट्ट लड़कियां कितनी तगड़ी होती हैं और उनको पेलना कितना कठिन और रोमांचकारी हो सकता है, यह कहानी सिर्फ इसी बात को बयान करती है। ये अनुभव आपको मेरे सच्चे अनुभव को बताएगा। मेरे कालेज में एक लायब्रेरियन थी, नाम था भारती, दूधिया, मखमली बदन, मस्त मस्त निगाहें, फैले नयन, पतली कमर, बड़ी चौड़ी चबूतरे जैसी गांड और तो और एकदम कुंवारी लड़कियों जैसी नुकीली चूंचियां देखकर मेरा लंड एकदम आहें और फुंकारे भरने लगता था, जाहिर है कि आपको भी ऐसी फीलिंग आती। तो फिर क्या हुआ कि मैने उस शादी शुदा जाट्टनी के चक्कर में कालेज लाईब्रेरी के ज्यादा ही चक्कर मारने शुरु कर दिये। ऐसे में हम दोनों की नजरें मिलतीं, पर शर्म वश ना वो कुछ बोलती, ना मैं कुछ बोलता। पर निगाहों निगाहों में चाहत बयां हो गयी थी। एक दिन जब मैने उससे मैगजीन लेने के लिए काउंटर पर गया, तो उसने मेरी तरफ कांपती निगाहों से देखा और फिर एक मैगजिन पकड़ा दी। पता है, वो भी मुझे देख के नर्वस हो जाती थी, मस्त चूंचियां तेज सांसों से उपर नीचे होने लगती थीं और ह्म उन्हें देख कर के बेचैन हो जाते थे।

मैने मैगजीन ली और थैंक्स बोलकर पढने के बहाने एक कोने में बैठ गया। मैने सोचा कि उसको अपना मोबाइल नम्बर लिख कर दे दूं, पर मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं उसको दे सकूं। फिर मैने उसको मैगजीन पढने के बाद लौटा दी। वो एक दम से नर्वस हो गयी थी और इसलिए उसने मुझे कुछ कहने की इच्छा होते हुए भी नहीं कहा। अब मैं चुपचाप बाहर चला आया और कालेज की छुट्टी हो गयी।

बाजार में चूत की तलाश।

मैं फ्रस्ट्रेट होकर आवारापन बंजारापन का मजा लेते हुए बाजार चला गया। सोच रहा था कि जानेमन दिख जाए कहीं, पर इतने बड़े शहर में यह नामुमकिन लग रहा था। मै शहर के मुख्य बाजार चौक पर चला गया और मुझको एक शर्ट सिलानी थी, मैं वहां के सबसे अच्छे टेलर के पास बैठ कर अपनी मेजरमेंट देने का इंतजार कर रहा था कि सामने गलियारे में मेरे सपनों की रानी दिख गयी, वो एकदम से मस्त लग रही थी और अपने पति के साथ थी, मैने उसको देखा और तभी उसने मुझको देख लिया। उसने अपने पति को कहा कि उसको कुछ सामान लेना है लेडीज शाप पर और वो उसे छोड़ कर थोड़ी देर के लिए चला गया। मै बाहर निकला और फिर उससे बात करने लगा। वो बोली " मैने आपको मैगजीन में मोबाइल नम्बर लिख के दिया था, आपने देखा नहीं क्या?" मैं ने वाकई वो नम्बर नहीं देखा था, तो मैने कहा कि नहीं मैं मिस कर गया था वो नम्बर देखना। तो वो बोली जरा नम्बर दो अपना। मैने उसको अपना नम्बर दिया और उसने मुझे मिसकाल दी। हम दोनों की धड़कनें तेज चल रहीं थी और हम दोनों ही एक दूसरे को गले लगाना चाहते थे। इस दौरान हमने देखा कि वो मेरे पास आना चाहती थी। हम उस बिल्डिंग की सीढियों पर गये जो पतली और अंधेरीं थीं, उन गलीयों में हमने जाकर एक दूसरे को पकड़ लिया, उसने मुझे अपने गले से लगाकर किस दिया, उसके गुलाबी होटों को अपने होटों से सटाकर जैसे मैने अपने हाथ उसके चूंचे पर लगाये वो उम्म!! उम्म्म्म!!! उम्माहह्ह्ह्ह!! करके मुझे स्मूच करने लगी। मैं ने पब्लिक प्लेस पर उसे किस कर लिया था, ये खतरनाक खेल था जिसमें पकड़े जाने का डर ज्यादा था, वो जाट महिला थी और ये लोग ऐसे कामों में पकड़ के काट के फेंक देते हैं।

खैर हमारे उसके बीच बात होने लगी, बात क्या होती, फोन सेक्स ज्यादा होता, उसने मुझे फोन पर किस देना, लंड चूसना, अपनी गांड मारने के लिए कहना अपनी चूत में उंगली करके चोदने के लिए कहना ये सब शुरु कर दिया था।

घर में घुस कर चूत चोदने का मिला आफर

शादी शुदा जाट महिला भारती की मलाई जैसी चूत चाटने और मारने के लिए मैं भी बेचैन हो चुका था और समस्या ये थी कि वो फैमिली में रहने वाली महिला थी जिसको कि बाहर बुलाना भी खतरे से खाली नहीं था, हमारे मकान मालिक या कोई भी मकान मालिक बहुत ज्यादा नजर रखते हैं, इन बातों पर। फिर उसने मुझे एक दिन ये कहा कि उसके घर के सारे परिवार के लोग बाहर शादी में गये हुए हैं, मै अकेली हूं तो आ जाओ, मिलने के लिए मतलब चूत मारने के लिए। चूत मारने का यह निमंत्रण शायद ही कोई ठुकराए, हालांकि रिश्क बराबर था और पकड़े जाने का डर भी जिसका मतलब था कि मौत।

मैने हल्की व्हिस्की पी, दो पैग, जिससे कि टेंशन खतम हो जाए, और फिर आराम से उसके घर गया। अंदर घुसते ही उसने अपने को सजा रखा था, किसी रंडी की तरह, मस्त साड़ी, लिपस्टिक, इलायची मुह में। आते ही उसने मुझे पकड़ के किस किया, जबरदस्त किस किया और फिर गले लगा लिया। हम दोनों वहीं सोफे पर ही शुरु हो गये। मैने उसको कहा कि अपने चूंचे खोले, उसने अपने ब्लाउज को खोल दिया और फिर अपनी चूंची मेरे मुह में डाल दी। मैने उसकी बड़ी बड़ी चूंचियां दबाते हुए पीनी शुरु कर दीं वो एक दम मदहोश हो गयी थी और तभी मैने उसकी साड़ी खोल दी। फिर पेटीकोट की रस्सी अलग की। अब वो पूरी नंगी थी और मदहोश हो रही थी। मैं सोफे पर बैठ गया और वो मेरे लंड को मुह में लेने के लिए मेरे पैंट को खोल दी। अब मेरा मोटा लंड उसके मुह में था और वो सुपाड़े को कई तरह से चूस रही थी। चूसते हुए उसने लंड को अपने मुह की गहराईयों तक ले जाना नागवार नहीं समझा और मस्त देसी मुखमैथुन का मजा दिया।

इसके बाद मैने उसकी सफाचट पर पावरोटी की तरह फूली हुई चूत को सहलाना शुरु किया। वो मेरे से सट के खड़ी थी और दोनों ही नंगे थे। इसलिए दोनों को ही चुदवाने का मजा लेना था। मैने उसकी गांड सहलाते हुए एक हाथ से उसकी चूत, भगनाशा और उसकी चूत के होटों को छेड़ना शुरु रखा। उसकी चूत की बगिया एकदम खिली हुई थी। मैने उसको होटों को फ्रेंच किस करते हुए उसकी गांड को सहला कर और चूत के फूलों को मसल कर गरम कर दिया था और अब बारी थी शुरु होने की।

मैने खड़े खड़े उसकी चूत में लंड डाल दिया और उसके स्तनों को पीते हुए चोदने लगा। वह आह्ह!! आह्ह!! चोद दो मुझे आह!! तुम मेरे सपनों के राजकुमार हो, चोद दो मुझे प्लीज करते हुए चुदवाने लगी। मैं उसे चोदता रहा और वो मदहोशी में अजीब अजीब आवाज निकालती रही।

फिर मैने उसको सोफे का हत्था पकड़ा के कुतिया बना दिया और उसकी गोरी गोरी नितंबों के बीच आबनूसी गाँड को चाटने लगा। आह!!! उसने कहा " तुम कितने अच्छे हो, आज तक किसी ने मुझे ऐसा नहीं किया, ये थोड़ा अजीब है पर अच्छा है" मैने कहा मेरी जान अभी गांड फाड़ूंगा तो पता चलेगा। मैने अपने मोटे लंड के गदा जैसे प्रहार को उसकी गांड पर लगाया तो वो सरसराता और चीरता हुआ अंदर किसी भाले की तरह चला गया। वो चिल्लाई पर मैने उसका मुह बंद कर दिया था।

चूत के बाद गांड की बारी और फिर मुह , चक्र चलता रहा चुदाई का

गांड फटती है तो ऐसे हीइ चिल्लाती हैं महिलाएं। अब मैने उसकी गांड पेलते हुए उसकी चूत और भग को उत्तेजित करते हुए उसके एक स्तन और फिर दूसरे को बारी बारी से मलना जारी रखा। वो अपनी गर्दन घुमा कर मुझे उत्तेजित करते हुए जोर जोर से चिल्ला रही थी और हांफ रही थी। गांड लंड में एकदम टाइट हो रहा था और इसलिए उसको चुदाने में मजा आ रहा था। थोड़ी देर में मैने गांड से लंड फिर बाहर खींच कर उसके मुह में डाल दिया। उसने चूस कर दुबारा लोहा गरम कर दिया और चूत मुह और गांड के तीनों छेद में मैं लगभग उसे एक घंटे पेलता रहा। आखिर में उसको अपना माल पिलाकर मैने तृप्त कर दिया और जाट्ट्नी की चूत मारने का यह सिलसिला लगभग एक साल तक चला। अगर आपको सजीव लाईव चूत देखना है तो यहां क्लिक करें।
 
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