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नमस्कार मित्रों मै आज आपके सामने अपनी एक सच्ची कहानी लिखने जा रहा हुं। यह मेरी पहली कहानी है, अगर कोई भूल हो जाए तो मुझे माफ कर देना। मेरा नाम सूरज है, मै नोएडा का रहनेवाला हूं। अभी मै एक कंपनी में नौकरी कर रहा हुं, प्राइवेट होने की वजह से शिफ्ट में बदलाव होता रहता है। इस कहानी में पढिए, कैसे नाईट शिफ्ट से लौटते समय मुझे एक अमीर घर की औरत मिली, और उसने मुझे जिगोलो समझकर अपनी गाडी में बिठाकर घर ले गई। और फिर पूरी रात हम दोनों ने खूब मजे किए, सुबह लौटते समय उसने मुझे कुछ पैसे भी पकडाए।

यह कहानी अभी चार महीनों पहले की है, ऐसे ही एक रात मै अपनी ड्यूटी खत्म करके घर की तरफ जा रहा था। रात के १२:३० हो चुके थे, और रास्ते पर कोई गाडी नही दिख रही थी। तो मै बिना गाडी का इंतजार किए पैदल ही अपने घर की तरफ निकल पडा। क्योंकि मेरा घर ज्यादा दूर नही था, तो चलते हुए मुझे आधा घंटा ही लगता अपने घर पहुंचने के लिए।

अभी मै आधे रास्ते तक भी नही पहुंचा था, कि रास्ते के साइड में दो-तीन गाडीयां लगी हुई थी, सारी एक से बढकर एक थी। मैने सोचा कि, एकाध गाडी को पूछकर देखते है, अगर उनको भी मेरे घर की तरफ ही जाना हुआ, तो लिफ्ट मांग लुंगा।

तो मै पहली गाडी के पास जाकर खिडकी के कांच पे खटखटाया तो अंदर बैठे आदमी ने कांच नीचे किया, मेरे पूछने पर उसने मुझे ना बोला और फिर से कांच ऊपर की ओर कर लिया। दूसरी गाड़ी के पास जाकर मैने पूछा, तो अंदर एक औरत बैठी हुई थी, उसने बिना मेरी बात सुने अपनी गाडी का पिछला दरवाजा खोल दिया, और मुझे अंदर बैठने के लिए कहा।

मै पहले से ही बहुत थका हुआ था, तो बिना कोई सवाल पूछे मै सीधा पीछे बैठ गया और दरवाजा लगा दिया। जैसे ही मैने दरवाजा लगा दिया, उस औरत ने गाडी चालू की और मेरे घर के तरफ न चलकर उल्टा दूसरी तरफ चल दी। मैने उसे बताना चाहा, तो उसने मुझे चुप बैठे रहने का इशारा किया।

मैने सोचा जो होगा देखा जाएगा, अभी के लिए थोडा आराम कर लेते है। वो औरत गाडी फूल स्पीड से चला रही थी, और मै पीछे की खिडकी से बाहर झांकते हुए खिडकी से अपना सर लगाकर आराम करने लगा। मुझे पता ही नही चला, कब मेरी आँख लग गई। अचानक गाडी रुकने की आवाज से मेरी नींद खुली, तो मैंने देखा गाडी किसी बंगले के बाहर खडी हुई है।

बंगले के चौकीदार गेट खोल रहा था, तभी उस औरत ने पीछे मेरी तरफ देखते हुए कहा, "उठो चलो तैयार हो जाओ, मेरे राजा। आज की रात मै तुम्हे पूरा नोचकर खाना चाहती हूं।"

मुझे पहले तो समझ ही नही आया कि, ये औरत यह सब क्या कह रही है। लेकिन फिर ठंडे दिमाग से सोचने के बाद याद आया, जिस रास्ते से मैने लिफ्ट मांगी थी, वो रास्ता तो काले कारनामों के लिए जाना जाता है। इसका मतलब यह औरत मुझे जिगोलो समझकर आज रात के लिए यहां अपने घर पर ले आई है।

मै मन ही मन सोचने लगा, यह मै कहां आकर फंस गया। लेकीन फिर मैंने उस औरत को अच्छे से देखा, उसकी उम्र लगभग ३४ के आसपास होगी, रंग एकदम गोरा और चेहरा देखकर तो सबके मुंह से आह निकल जाए। इस औरत की तरफ देखकर फिर मुझे लगा, चलो आज यह भी अनुभव कर लेते है।

फिर उसने अपनी गाडी पार्क कर दी और मुझे लेकर अपने घर मे प्रवेश कर लिया। घर अंदर से और भी आलिशान था, जिसे देखकर मै भौंचक्का सा रह गया। फिर उस औरत ने मुझे अपने पीछे आने का इशारा किया और खुद आगे को चलने लगी। वो सीधा अपने कमरे में जाकर रुक गई। उसका कमरा काफी बडा था, कमरे के ठीक बीचोबीच एक राउंड डबलबेड था, और चारों तरफ सब कुछ अच्छे से सजाकर रखा हुआ था। उसने मुझे बेड पर बैठने को बोला और खुद नहाने चली गई। थोडी देर बाद वो नहाकर कमरे में लौट आई। वो बाथरूम से निकलने के बाद अब क्या कयामत ढा रही थी।

उसने एक लाल रंग की नाइटी पहनी हुई थी, जो बस नाममात्र के लिए उसके शरीर को ढके हुए थी। उस नाइटी से आरपार सब दिखाई दे रहा था। अंदर उसने ना तो ब्रा पहनी हुई थी, और ना ही पैंटी। मतलब अभी वो चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार होकर ही आई थी। फिर उसने आकर मेरा हाथ पकडा और मुझसे कहा, "देखो मै मजे लेने के लिए ही तुम्हे यहां ले आई हूं, तो आज की रात तुम भी खुलकर मजे लो और मुझे भी असली चुदाई का आनंद लेने दो।"

मैने बस हां में सर हिला दिया तो उसने मुझे उठाया, और मेरा हाथ पकडकर अपनी कमर पर रख दिया। फिर खुद के हाथों का हार मेरे गले मे डालकर उसने अपना सारा बोझ मुझ पर डाल दिया।

मैने भी उसे अपनी बाहों में उठाते हुए बेड पर सुला दिया और उसके ऊपर मै चढ गया। उसके ऊपर चढते ही उसकी चुचियां मेरी छाती में गडने लगी थी, तो मैंने अपना एक हाथ उसकी चूचियों पर ले जाकर उन्हें मसलना शुरू कर दिया। उसने भी मेरे होठों पर अपने होंठ रखकर चूसना शुरू कर दिया। अब हम चूमते हुए एक दूसरे के बदन को सहलाते भी जा रहे थे। तभी उसने मुझे नीचे की ओर धकेलना शुरू कर दिया।

तो अब मैने भी नीचे की ओर जाकर उसकी नाइटी को ऊपर उठाकर उसकी जांघों को चूमने लगा। जैसे ही मैने चूमना शुरू किया उसने मेरे सर को पकडकर अपनी चुत पर दबाना शुरू कर दिया। मैने भी फिर उसकी चुत पर हमला बोलते हुए, अपनी जीभ को उसकी चुत के अंदर बाहर करने लगा। धीरे धीरे करके मैने अपने हाथ उसके चुतडों पर ले जाकर उन्हें भी अपनी हथेलियों में भरकर मसलना शुरू कर दिया। उसके मुंह से अब कामुक आवाजें निकलना शुरू हो गई थी। साली इतनी उम्र होने के बावजूद भी यह आज किसी कच्ची कली की तरह मजा दे रही थी।
थोडी देर उसकी चुत चूसने के बाद मैने अपनी एक उंगली को उसके गांड के छेद में घुसाने लगा। उसके गांड का छेद खुला हुआ ही था, तो उंगली घुसाने में मुझे कोई खास तकलीफ हुई नही। अब मै उसकी चुत चूसने के साथ साथ ही अपनी उंगली उसकी गांड में अंदर बाहर भी कर रहा था। उसकी कामुक आवाजें सुनकर मेरा जोश और भी बढता जा रहा था। फिर मैने उसकी नाइटी को पूरा ऊपर उठाते हुए निकालकर साइड में रख दिया। और फिर अपने भी सारे कपडे निकालकर खुद भी नंगा हो गया।
मेरे नंगा होते ही उसने मुझे अपनी ओर खींच लिया और मेरे लंड को अपने हाथों में थाम लिया। अब वो मेरे लंड को हाथों से सहलाते हुए आगे-पीछे करके हिलाने लगी थी। फिर धीरे से उसने लंड के टोपे वाली चमडी को पीछे हटाकर टोपे पर चुम लिया। अब वो आराम से मेरे लंड को अपने मुंह मे लेने लगी थी। कभी पूरा लौडा मुंह मे भर लेती तो उसकी सांस अटकने को हो जाती। कभी सिर्फ टोपा अपने मुंह मे भरकर चूसती, तो कभी मेरे टट्टों को अपनी हथेली से सहलाते हुए जीभ से चाट देती। मुझे अपना लंड चुसवाने में इतना मजा कभी नही आया था।
अब मैने उसे रोककर आराम से बिस्तर पर लिटाया, और उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखकर उसके ऊपर चढ गया। पहले तो मैने अपने लंड को हाथ मे लेकर उसकी चुत की फाकों में रगड दिया और जब वो लंड लेने के लिए अपनी कमर उचकाने लगी, तभी एक जोर के झटके के साथ मैने अपना पूरा लंड उसकी चुत की गहराई में उतार दिया। अब मस्त चुदाई शुरू कर दी मैने उसकी, मै जोर जोर के धक्कों के साथ उसकी चुत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा था। हर धक्के के साथ उसके स्तन उछल जाते तो मैने अपना एक हाथ उसके स्तनों पर रखकर मसलने लगा।
उस रात मैने उसे तीन बार चोदा, और तीनों बार उसने मेरा वीर्य पी लिया। उसे वीर्य पीना बहुत पसंद था, हर बार अलग अलग पोजिशन में चुदाई चलती रही। पहली बार मिशनरी, दूसरी बार घोडी, तीसरी बार वो मेरे ऊपर आकर मुझे चोदने लगी थी।

सुबह चुदाई के बाद जब वो संतुष्ट हुई, तब हम दोनों एक साथ नहाए। अच्छे से एक-दूसरे को साफ किया और फिर जब मै निकलने को हुआ तो उसने मुझे गाल पर एक चुम्बन दे दिया और एक पैसों का पैकेट मेरे हाथ मे थमाते हुए बोली, अगर फिर से तुम्हारी जरूरत पडेगी, तो मै तुम्हे कॉल कर लुंगी। इसके बाद हमने फोन नंबर बदल लिए, और फिर मै अपने घर के लिए निकल आया।

आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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