तुम चूतडो को टकराती रहो

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Antarvasna, hindi sex story: मेरी दीदी कुछ दिनों के लिए अपने ससुराल से घर आने वाली थी मां बहुत ज्यादा खुश थी और मां दीदी के लिए खाना बनाने की तैयारी कर रही थी मैंने भी मां की मदद की। दीदी और जीजाजी शाम के वक्त घर पर आए जब वह लोग घर पर आए तो हम सब लोगों ने साथ में डिनर किया और उस दिन दीदी और जीजाजी घर पर ही रुके फिर अगले दिन जीजा जी सुबह ही आपने घर के लिए निकल गए क्योंकि उन्हें कहीं जाना था। ममता दीदी हमारे साथ ही कुछ दिनों तक घर पर रहने वाली थी और जब मैंने दीदी से कहा कि दीदी आप घर पर कितने दिनों तक रुकने वाली हो तो दीदी ने कहा कि मैं कुछ दिनों तक तो घर पर रुकूँगी। दीदी ने मुझसे भी पूछा कि सुरभि तुम क्या कर रही हो दीदी से मैंने कहा दीदी फिलहाल तो मैंने कुछ भी नहीं सोचा है और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा कि अभी मुझे क्या करना चाहिए। मेरे कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी तो दीदी ने मुझे कहा कि सुरभि अभी तुम्हारे पास वक्त है तुम कहीं जॉब कर लो दीदी ने मुझे जब यह बात कही तो मुझे भी लगा कि दीदी बिल्कुल ठीक कह रही हैं और मैंने भी जॉब करने का फैसला कर लिया।

मैंने जॉब के लिए कंपनी में अपना रिज्यूम दे दिया था मैंने अपने कुछ दोस्तों से भी कहा था और एक दिन मेरे एक दोस्त का फोन आया और वह कहने लगा कि सुरभि हमारी कंपनी में वैकेंसी हैं यदि तुम कहो तो मैं तुम्हें डिटेल्स भेज देता हूं। मैंने उससे कहा ठीक है तुम मुझे डिटेल भेज दो और उसने मुझे डीटेल्स भिजवा दिए उसके बाद मैं उस कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए गई और वहां पर मेरा सिलेक्शन हो चुका था। मेरा सिलेक्शन हो जाने के बाद जब पहले दिन मैं ऑफिस में गई तो ऑफिस में मेरे काफी अच्छे दोस्त बने ममता दीदी भी अब घर जा चुकी थी और उनसे मेरी फोन पर बात होती थी। मैंने जब दीदी को यह बात बताई कि मेरा सिलेक्शन हो चुका है तो वह कहने लगी कि सुरभि जब तक तुम्हारी शादी नहीं हो जाती तब तक तो तुम जॉब कर सकती हो मैंने दीदी से कहा हां दीदी आप यह तो ठीक कह रही हैं। ऑफिस में मेरी बहुत अच्छी दोस्ती होने लगी थी और इसी के चलते एक दिन हम लोगों ने घूमने का प्लान बनाया और हम लोग घूमने के लिए वाटर पार्क जाने वाले थे।

हमारे साथ में काम करने वाले सब लोग वाटर पार्क में गए उस दिन रविवार का दिन था इसलिए काफी ज्यादा भीड़ थी। हम लोगों ने टिकट ले ली थी और हम लोगों ने उस दिन खूब इंजॉय किया जब शाम के वक्त हम लोग घर लौटे तो मेरी मां ने कहा बेटा आज तुम्हें आने में बहुत देर हो गई मैंने मां से कहा हां मां आने में तो मुझे काफी देर हो चुकी है। मेरे पिताजी पुणे में जॉब करते हैं मां ने मुझे बताया कि कल तुम्हारे पिताजी घर आ रहे हैं तो मैंने मां से कहा पापा कितने दिनों के लिए घर आ रहे हैं तो मां कहने लगी कि अभी तो उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं बताया है कल जब वह आएंगे तो तुम उन्हीं से पूछ लेना। अगले दिन मैं अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रही थी तो उस वक्त पापा घर पहुंच चुके थे पापा ने मुझे कहा सुरभि बेटा क्या तुम ऑफिस जा रही हो तो मैंने उन्हें कहा हां पापा मैं ऑफिस जा रही हूं। मैंने उन्हें कहा कि मैं आपसे शाम के वक्त मुलाकात करूंगी वह कहने लगे ठीक है बेटा। पापा से भी मैं काफी दिनों बाद मिल रही थी मैं अपने ऑफिस चले गई और जब मैं शाम के वक्त घर लौटी तो उस दिन पापा से मेरी काफी देर तक बात हुई पापा ने मुझे बताया कि वह कुछ समय बाद अब रिटायर हो जाएंगे उसके बाद वह घर पर ही रहना चाहते हैं। पापा ने मुझे कहा कि सुरभि बेटा देखो अब तुम्हारी भी उम्र हो चुकी है और तुम्हें भी अब शादी कर लेनी चाहिए मैंने पापा से कहा पापा मुझे फिलहाल कुछ समय का वक्त चाहिए। पापा ने कहा ठीक है बेटा जैसा तुम्हें ठीक लगे। मैंने पापा से कुछ समय का वक्त तो ले लिया था लेकिन मैं चाहती थी कि जिससे मैं प्यार करूं उसी से मैं शादी करूंगी लेकिन ऐसा तो होना संभव नहीं था क्योकि फिलहाल मेरे जीवन में ऐसा कोई भी नहीं था जिससे कि मैं शादी कर पाऊं। हमारे ऑफिस में काम करने वाले हमारे मैनेजर के घर पर उन्होंने हमें अपने बच्चे के बर्थडे पार्टी के लिए इनवाइट किया और जब हम लोग उनके घर पर गए तो उस दिन उनके घर पर मेरी मुलाकात सुशील से हुई। जब मेरी मुलाकात सुशील से हुई तो मैं सुशील से मिलकर बहुत खुश हुई पहली बार किसी लड़के से मैं इतने खुलकर बात कर पा रही थी मुझे लगा कि सुशील और मेरे बीच बहुत अच्छी दोस्ती हो चुकी है।

मैंने सुशील को पहली ही बार मिलने पर अपना नंबर भी दे दिया मैंने अब सुशील को अपना नंबर दे दिया था और उसके बाद सुशील और मैं एक दूसरे से अक्सर फोन पर बातें किया करते थे। मुझे सुशील का साथ पाकर अच्छा लगा लेकिन मुझे यह बात नहीं पता थी कि सुशील पहले से ही शादीशुदा है मेरे लिए तो यह काफी बुरा था जब मुझे पता चला कि सुशील पहले से ही शादीशुदा है तो मुझे बहुत बुरा लगा। सुशील ने भी मुझसे यह बात नहीं कही थी लेकिन मुझे जब यह बात पता चली तो मैंने सुशील से पूछा तो उसने मुझे अपने रिश्ते के बारे में बताया और कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ रिश्ते में बिल्कुल भी खुश नहीं है इसलिए वह उससे अलग होना चाहता है और उन दोनों ने अलग होने का फैसला भी कर लिया है। हालांकि उन लोगों का अभी तक डिवोर्स नहीं हुआ था मैं काफी ज्यादा दुविधा में थी और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कुछ समय तक तो मैंने सुशील से दूरी बनाना ही उचित समझा।

सुशील ने उसके बाद मुझसे काफी संपर्क किया लेकिन मै सुशील से दूरी बना चुकी थी और काफी दिनों तक तो मेरे उस से कोई बातचीत नहीं हुई परंतु एक दिन उसने मुझसे मिलने के लिए कहा उसने मुझे मैसेज किया और मैं भी उसे मना ना कर सकी। मैं सुशील को मिलने के लिए चली गई सुशील ने मुझसे माफी मांगी और कहने लगा देखो सुरभि मुझे तुम्हें यह सब बता देना चाहिए था लेकिन मैं तुम्हें बता नहीं पाया उसके लिए मैं तुमसे माफी चाहता हूं। सुशील को भी अपनी गलती का एहसास हो चुका था मेरे जीवन मे भी शायद सुशीला बहुत महत्वपूर्ण हो चुका था उसने मेरे दिल मे अपनी जगह बना ली थी इसलिए मैंने सुशील को माफ कर दिया। उसके बाद हम लोग अक्सर एक दूसरे से मिलने लगे मैं सुशील को मिलकर खुश रहती और मैं यह भी भूल चुकी थी कि सुशील शादीशुदा है। उसका अभी तक डीर्वोस नहीं हुआ था हम दोनों अपनी जिंदगी में काफी आगे बढ़ चुके थे। एक दिन वह मौका आ गया जब हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बन गया। हम दोनों एक दूसरे के साथ बैठे हुए थे जब हम दोनों बात कर रहे थे तो मैं सुशील की बाहों में जाने के लिए तड़प रही थी। सुशील ने मुझे अपनी बाहों मे लिया तो वह मेरे होठों को चूमने लगा। वह मेरे होठों का जिस प्रकार से रसपान कर रहा था और मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ाता जा रहा था उससे मैं अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रही थी। मैं एक पल के लिए भी अपने आपको ना रोक सकी मैंने सोचा सुशील अब शायद अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाएगा। सुशील ने मेरे कपडे उतारे उसने मेरे बदन को बड़े ही अच्छे से महसूस किया। उसने मेरी पैंटी के अंदर से मेरी चूत के अंदर उंगली डाल दी उसने मेरी पैंटी को उतारकर मेरी चूत के ऊपर अपनी जीभ को रगडना शुरू किया तो मेरी चूत से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ निकल रहा था। पहली बार कोई मेरी चूत को इस तरीके से चाट रहा था इसलिए बहुत अच्छा लग रहा था मेरे लिए यह एक अलग फीलिंग थी। मैंने सुशील से कहा मैं अब अपने आपको नहीं रोक पा रही हू।

सुशील ने अपने लंड को मेरी चूत पर रगडना शुरू किया उसने मेरी चूत के अंदर तक अपने लंड को घुसाया तो मैंने उसको कहा तुमने मेरी चूत के अंदर से खून निकाल दिया है। वह कहने लगा मेरा लंड तुम्हारी चूत के अंदर जा चुका है सुशील का लंड मेरी चूत के अंदर जाते ही वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा। मैं अपने पैरों को खोलने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। सुशील ने मुझे काफी देर तक ऐसे ही चोदा मैं अपने पैरों को खोल रही थी। सुशील मेरे स्तनों का रसपान बड़े अच्छे से कर रहा था वह मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेता और मेरे स्तनो को जिस प्रकार से चूस रहा था उस ने मेरे स्तनो से दूध बाहर की तरफ को निकल दिया था। सुशील का लंड मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और उसके लंड कि चिकनाई कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी। मैं अपने पैरों को खोलती तो सुशील और भी तेजी से मुझे धक्के मारता। सुशील ने मुझे घोड़ी बनाया और घोड़ी बनाकर और भी ज्यादा मजा आने लगा मेरी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर की तरफ को निकालने लगा था।

मेरी चूत से इतना ज्यादा पानी निकलने लगा मैंने सुशील से कहा मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रही हूं। सुशील मुझे कहने लगा तुम अपनी चूतड़ों को मेरी तरफ मिलाती रहो। मैंने भी अपनी चूतड़ों को सुशील के लंड से मिलाया जिनसे के अलग ही प्रकार की आवाज पैदा हो रही थी और मैं सुशील के साथ काफी देर तक देती रही। सुशील भी बहुत ज्यादा खुश हो चुका था उसने मुझे कहा आज तुमने मेरे अंदर की आग को पूरी तरीके से बुझा दिया है मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। मैं भी बहुत ज्यादा खुश हो चुकी थी जब उसने अपने वीर्य को मेरी चूत के अंदर गिराया है तो मैं खुश हो गई और सुशील को मैंने गले लगा लिया। मैं यह भूल चुकी थी कि वह शादीशुदा व्यक्ति है। हम दोनों अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ चुके थे सुशील मेरा ख्याल रखता और मैं सुशील का ध्यान रखा करती। सुशील को मैंने कभी भी सेक्स को लेकर कोई कमी महसूस नहीं होने दी अभी कुछ दिनों पहले ही उसका डिवोर्स हुआ है।
 
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