Antarvasna, hindi sex story: मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था और पापा मेरे कॉलेज की फीस जैसे तैसे कर के भर रहे थे क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं होते थे। वह एक मामूली ड्राइवरी थे वह जिस कंपनी में काम करते थे उस कंपनी में उन्हें काम करते हुए काफी समय हो चुका था मेरे पापा चाहते थे कि मैं किसी तरीके से अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर के किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करने लगूँ। उनका यह सपना मैं पूरा करना चाहता था मुझे हमेशा से ही यह लगता कि मैं उनका सपना पूरा जरूर करूंगा और अब मेरे कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने वाली थी। कॉलेज के आखिरी वर्ष में मैंने पूरी मेहनत की और अपनी पढ़ाई खत्म कर ली मैं अच्छे नंबरो से पास भी हो गया था जब मैं पास हुआ तो मैं उसके बाद नौकरी की तलाश में था मैं चाहता था कि किसी अच्छी कंपनी में मेरी नौकरी लग जाए लेकिन मेरे लिए यह राह इतनी आसान भी नहीं थी। मैं जिस कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए जाता वहां पर मेरा सिलेक्शन नहीं होता क्योंकि मेरे जैसे ही और ना जाने कितने ही लोग नौकरी की तलाश में थे।
मेरी एक कंपनी में नौकरी लग गई और जब मेरी उस कंपनी में नौकरी लगी तो पापा बहुत ही खुश हुए उन्हें लगा कि जैसे उनका सपना पूरा हो गया हो। जिस दिन मेरी नौकरी लगी उस दिन वह बहुत ज्यादा खुश थे वह मुझे कहने लगे कि राहुल बेटा मैं जल्द ही अपनी नौकरी छोड़ दूंगा मैंने पापा से कहा पापा आप अब नौकरी मत कीजिए क्योंकि उनकी उम्र भी हो चुकी थी और उन्हें अब अच्छे से दिखाई भी नहीं देता था। मेरे कहने पर उन्होंने कुछ समय बाद नौकरी छोड़ दी मैं अब अपने ऑफिस में बड़े ही अच्छे से काम करता मेरे काम से खुश होकर मेरे बॉस ने जल्द ही मेरा प्रमोशन कर दिया मेरा प्रमोशन हो जाने के बाद मेरी तनख्वाह भी बढ़ चुकी थी। मैं अपने मां बाप के चेहरे पर खुशियां देखना चाहता था और मैं बहुत ज्यादा खुश हुआ सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था धीरे-धीरे घर में वह खुशियां आने लगी थी जिससे कि हम लोग हमेशा से ही दूर थे। मेरी सैलरी भी बढ़ चुकी थी और मैं अपने मां पापा को हर वह खुशियां देना चाहता था जिससे कि वह दूर थे।
एक दिन मेरी छुट्टी थी उस दिन पापा और मैं मोटरसाइकिल में अपने घर की तरफ लौट रहे थे जब हम लोग घर की तरफ लौट रहे थे तो पापा ने मुझे कहा राहुल बेटा तुम थोड़ा मोटरसाइकिल रोकना। मैंने मोटरसाइकिल रोक दी और पापा दौड़ते हुए एक लड़की की तरफ गये जैसे ही वह उस लड़की की तरफ गए तो वह पापा से बड़े ही अच्छे से बात कर रही थी। मैं भी पापा के साथ चला गया और मैंने देखा कि वह दोनों खूब बातें कर रहे थे उस लड़की की उम्र मेरी जितनी ही रही होगी पापा ने मुझे भी नैना से मिलवाया मैं पहली बार ही नैना को मिला था। मैं जब नैना को मिला तो पापा मुझे कहने लगे कि राहुल बेटा यह नैना बेटी हैं और अभी कुछ समय पहले ही विदेश से लौटी हैं मैंने नैना से हाथ मिलाया और अपना परिचय उसे दिया उसके बाद हम लोग वहां से घर लौट आए। पापा ने मुझे बताया कि वह जिस कंपनी में काम करते थे नैना उस कंपनी के मालिक की बेटी है नैना से मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा था। मैं एक दिन नैना से मिला मैं जब नैना को मिला तो मुझे उस दिन नैना से मिलकर अच्छा लगा नैना ने मेरे बारे में पूछा और मैंने भी उसे उसके बारे में पूछा लेकिन मुझे नहीं पता था कि हम दोनों के बीच प्यार हो जाएगा। प्यार तो हम दोनों के बीच हो चुका था हम दोनों की मुलाकात भी अब होने लगी थी क्योंकि नैना अब विदेश से पढ़ाई पूरी कर के मुंबई में ही रहती थी और वह मुझसे अक्सर मिला करती थी उसने अपने पापा की कंपनी ज्वाइन कर ली थी नैना घर में इकलौती लड़की थी। हम दोनों चाहते थे कि हम दोनों शादी कर ले मैं नैना से शादी करना चाहता था नैना भी मेरे साथ अपना जीवन बिताना चाहती थी लेकिन यह सब इतना आसान होने वाला नहीं था। नैना के पिताजी एक अच्छे बिजनेसमैन हैं और उसके साथ उनकी पहचान भी काफी अच्छी है। मेरी तो हिम्मत ही नहीं हुई कि मैं नैना के पिता जी से बात करूं और मुझे इस बात का भी डर था कि कहीं उन्हें पता चला कि मेरे पापा पहले उनकी कंपनी में ड्राइवर थे तो शायद वह मुझे धक्के मार कर घर से ना निकल दे। मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई कि मैं नैना के पिताजी से इस बारे में बात करूं समय बीता जा रहा था नैना और मेरे रिश्ते को भी काफी समय हो चुका था हम दोनों एक दूसरे से हमेशा चोरी छुपे मिला करते थे।
जब भी हम लोग एक दूसरे से मिलते तो हमे अच्छा लगता नैना ने मुझे अपने दोस्तों से भी मिलवाया और जब नैना ने मुझे अपने दोस्तों से मिलवाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा नैना के दोस्तों से मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। एक दिन नैना ने मुझे कहा कि राहुल मैं चाहती हूं कि हम लोग अब अपने परिवार वालों से इस बारे में बात करें। मैंने नैना को कहा देखो नैना मैं भी चाहता हूं कि मैं पापा और मम्मी को इस बारे में बता दूं लेकिन यदि मैंने अपने घर पर इस बारे में बताया तो तुम जानती हो कि शायद वह लोग मुझ पर ही गुस्सा हो जाएंगे और तुम्हारे पापा तो कभी भी हम दोनों के रिश्ते के लिए तैयार नहीं होंगे। नैना मुझे कहने लगी कि लेकिन फिर भी हम लोगों को बात तो करनी ही पड़ेगी मैंने नैना को कहा नैना तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो हम लोगों को बात तो करनी ही पड़ेगी। नैना ने यह ठान लिया था कि वह पापा से बात कर के ही रहेगी इसलिए उसने अपने पापा से इस बारे में बात की।
जब उसने इस बारे में अपने पापा से बात की तो उन्होंने मुझे घर पर बुलाया और मुझे कहा कि देखो राहुल तुम बहुत ही अच्छे लड़के हो और तुम एक अच्छी कंपनी में जॉब भी करते हो मैं तुम्हारी हिम्मत की दाद देता हूं कि तुमने कितनी मेहनत की है मुझे नैना ने सब कुछ बता दिया है लेकिन मैं नैना से तुम्हारी शादी नहीं करवा सकता। उस वक्त नैना भी वहीं बैठी हुई थी उन्होंने मुझे कहा कि तुम नैना को भूल जाओ यही ठीक रहेगा मैंने उन्हें कहा लेकिन सर मैं नैना को नहीं भूल सकता। मैं उस दिन ज्यादा देर तक नैना के घर पर नहीं रुका और मैं घर लौट आया मेरे पापा को भी यह बात पता चल चुकी थी और वह भी इस बात से बहुत गुस्सा थे। नैना का कुछ दिनों से मुझसे मिलना भी बंद हो चुका था क्योंकि उसके पापा बिल्कुल भी नहीं चाहते थे कि वह मुझसे मिले इसलिए अब वह मुझसे दूर हो चुकी थी। मैंने उसे फोन पर कहा मुझे लगता है शायद हम दोनों का रिश्ते का कोई भी भविष्य नहीं है। नैना मुझे कहने लगी राहुल ऐसा बिल्कुल भी मत कहो मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। मैंने नैनो को कहा मैं तुमसे मिलना चाहता हूं? नैना मुझे कहने लगी पापा ने मेरा घर से निकलना बंद करवा दिया है यदि तुम्हें मुझसे मिलना है तो तुम्हें मुझसे घर मे मिलने के लिए आना पड़ेगा। मैंने नैना को कहा लेकिन तुम्हारे घर मे तो काफी लोग रहते हैं नैना के घर मे ना जाने कितने ही नौकर है मैं उससे मिल नहीं सकता था लेकिन नैना ने कहा तुम उसकी चिंता मत करो तुम घर के पीछे के दरवाजे से कल आ जाना मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी कल पापा भी अपने किसी काम से जा रहे हैं। मैंने नैना से कहा लेकिन तुम्हारी मम्मी भी तो घर पर होंगे? वह मुझे कहने लगी मम्मी की चिंता तुम बिल्कुल भी मत करो मैं मम्मी को संभाल लूंगी। मै अगले दिन हिम्मत करते हुए नैना से मिलने के लिए चला ही गया मै नैनो को मिलने के लिए गया तो वह मेरा इंतजार कर रही थी उसने घर के पीछे के दरवाजे को खोला मैं अंदर चला गया। मैं जब नैना के घर के अंदर गया तो नैना के साथ मे बैठा हुआ था नैना ने मुझे गले लगाते हुए कहा राहुल आई लव यू मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह पा रही हूं।
मैंने नैना को कहा मैं भी तो तुम्हारे बिना एक पल नहीं रह पा रहा हूं लेकिन तुम्हें तो पता ही है ना कि तुम्हारे पापा हमारे रिश्ते को कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे। नैना मुझे कहने लगी मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। नैना ने मेरे होठों को चूम लिया जब वह मुझे किस कर रही थी तो मुझे अच्छा लग रहा था उसने मेरे बदन की गर्मी को बढ़ा दिया था। मेरे बदन की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि वह मुझे कहने लगी मैं अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रही हूं। मैंने उसे कहा रोक तो मैं भी अपने आपको नहीं पा रहा हूं इसीलिए तो मुझे भी बहुत मजा आ रहा है। मुझे बहुत ही अच्छा अच्छा लग रहा था मैं नैना का साथ बड़े अच्छे से दे रहा था। मैने जब नैना के स्तनों को अपने मुंह मे लिया तो मैं उसके स्तनों को बड़े अच्छे से चूस रहा था नैना के बदन की गर्मी बढ़ चुकी थी इसलिए उसने अपने कपड़े उतार दिए। उसने अपने बदन के कपड़े उतार दिए थे अब मैं अपने आपको बिल्कुल ना रोक सका। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए नैना की कोमल और मुलायम चूत पर लगा दिया।
नैना की चूत पर मेरा लंड लगते ही मैंने उसे कहा मैं अपने लंड को तुम्हारी चूत के अंदर डालना चाहता हूं। नैना ने अपने पैरों को खोल लिया मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका है। मैंने उसे कहा लेकिन आज तुम्हें चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है हम दोनों के बीच सेक्स संबंध अच्छे से बन रहे थे। वह बोलने लगी तुमने आज मेरी चूत से खून निकाल दिया है। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं है वह मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी। वह अपने पैरों को खोलती और मेरे अंदर की गर्मी को वह लगातार बढ़ती जा रही थी। मेरे अंदर की गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी मेरे अंदर की गर्मी जिस प्रकार से बढ़ने लगी थी उससे मैं और भी ज्यादा खुश हो गया था। मैंने नैना को कहा कि लगता है मेरा वीर्य जल्दी ही बाहर आ जाएगा 5 मिनट की चुदाई के बाद मेरा वीर्य नैना की चूत मे ही गिर चुका था। नैना और मैंने उस दिन एक दूसरे के साथ समय बिताया फिर मैं अपने घर चला आया। हम दोनों की अभी भी फोन पर बात होती है और अभी भी हमारे रिश्ते का कोई भविष्य नजर नहीं आता।
मेरी एक कंपनी में नौकरी लग गई और जब मेरी उस कंपनी में नौकरी लगी तो पापा बहुत ही खुश हुए उन्हें लगा कि जैसे उनका सपना पूरा हो गया हो। जिस दिन मेरी नौकरी लगी उस दिन वह बहुत ज्यादा खुश थे वह मुझे कहने लगे कि राहुल बेटा मैं जल्द ही अपनी नौकरी छोड़ दूंगा मैंने पापा से कहा पापा आप अब नौकरी मत कीजिए क्योंकि उनकी उम्र भी हो चुकी थी और उन्हें अब अच्छे से दिखाई भी नहीं देता था। मेरे कहने पर उन्होंने कुछ समय बाद नौकरी छोड़ दी मैं अब अपने ऑफिस में बड़े ही अच्छे से काम करता मेरे काम से खुश होकर मेरे बॉस ने जल्द ही मेरा प्रमोशन कर दिया मेरा प्रमोशन हो जाने के बाद मेरी तनख्वाह भी बढ़ चुकी थी। मैं अपने मां बाप के चेहरे पर खुशियां देखना चाहता था और मैं बहुत ज्यादा खुश हुआ सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था धीरे-धीरे घर में वह खुशियां आने लगी थी जिससे कि हम लोग हमेशा से ही दूर थे। मेरी सैलरी भी बढ़ चुकी थी और मैं अपने मां पापा को हर वह खुशियां देना चाहता था जिससे कि वह दूर थे।
एक दिन मेरी छुट्टी थी उस दिन पापा और मैं मोटरसाइकिल में अपने घर की तरफ लौट रहे थे जब हम लोग घर की तरफ लौट रहे थे तो पापा ने मुझे कहा राहुल बेटा तुम थोड़ा मोटरसाइकिल रोकना। मैंने मोटरसाइकिल रोक दी और पापा दौड़ते हुए एक लड़की की तरफ गये जैसे ही वह उस लड़की की तरफ गए तो वह पापा से बड़े ही अच्छे से बात कर रही थी। मैं भी पापा के साथ चला गया और मैंने देखा कि वह दोनों खूब बातें कर रहे थे उस लड़की की उम्र मेरी जितनी ही रही होगी पापा ने मुझे भी नैना से मिलवाया मैं पहली बार ही नैना को मिला था। मैं जब नैना को मिला तो पापा मुझे कहने लगे कि राहुल बेटा यह नैना बेटी हैं और अभी कुछ समय पहले ही विदेश से लौटी हैं मैंने नैना से हाथ मिलाया और अपना परिचय उसे दिया उसके बाद हम लोग वहां से घर लौट आए। पापा ने मुझे बताया कि वह जिस कंपनी में काम करते थे नैना उस कंपनी के मालिक की बेटी है नैना से मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा था। मैं एक दिन नैना से मिला मैं जब नैना को मिला तो मुझे उस दिन नैना से मिलकर अच्छा लगा नैना ने मेरे बारे में पूछा और मैंने भी उसे उसके बारे में पूछा लेकिन मुझे नहीं पता था कि हम दोनों के बीच प्यार हो जाएगा। प्यार तो हम दोनों के बीच हो चुका था हम दोनों की मुलाकात भी अब होने लगी थी क्योंकि नैना अब विदेश से पढ़ाई पूरी कर के मुंबई में ही रहती थी और वह मुझसे अक्सर मिला करती थी उसने अपने पापा की कंपनी ज्वाइन कर ली थी नैना घर में इकलौती लड़की थी। हम दोनों चाहते थे कि हम दोनों शादी कर ले मैं नैना से शादी करना चाहता था नैना भी मेरे साथ अपना जीवन बिताना चाहती थी लेकिन यह सब इतना आसान होने वाला नहीं था। नैना के पिताजी एक अच्छे बिजनेसमैन हैं और उसके साथ उनकी पहचान भी काफी अच्छी है। मेरी तो हिम्मत ही नहीं हुई कि मैं नैना के पिता जी से बात करूं और मुझे इस बात का भी डर था कि कहीं उन्हें पता चला कि मेरे पापा पहले उनकी कंपनी में ड्राइवर थे तो शायद वह मुझे धक्के मार कर घर से ना निकल दे। मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई कि मैं नैना के पिताजी से इस बारे में बात करूं समय बीता जा रहा था नैना और मेरे रिश्ते को भी काफी समय हो चुका था हम दोनों एक दूसरे से हमेशा चोरी छुपे मिला करते थे।
जब भी हम लोग एक दूसरे से मिलते तो हमे अच्छा लगता नैना ने मुझे अपने दोस्तों से भी मिलवाया और जब नैना ने मुझे अपने दोस्तों से मिलवाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा नैना के दोस्तों से मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। एक दिन नैना ने मुझे कहा कि राहुल मैं चाहती हूं कि हम लोग अब अपने परिवार वालों से इस बारे में बात करें। मैंने नैना को कहा देखो नैना मैं भी चाहता हूं कि मैं पापा और मम्मी को इस बारे में बता दूं लेकिन यदि मैंने अपने घर पर इस बारे में बताया तो तुम जानती हो कि शायद वह लोग मुझ पर ही गुस्सा हो जाएंगे और तुम्हारे पापा तो कभी भी हम दोनों के रिश्ते के लिए तैयार नहीं होंगे। नैना मुझे कहने लगी कि लेकिन फिर भी हम लोगों को बात तो करनी ही पड़ेगी मैंने नैना को कहा नैना तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो हम लोगों को बात तो करनी ही पड़ेगी। नैना ने यह ठान लिया था कि वह पापा से बात कर के ही रहेगी इसलिए उसने अपने पापा से इस बारे में बात की।
जब उसने इस बारे में अपने पापा से बात की तो उन्होंने मुझे घर पर बुलाया और मुझे कहा कि देखो राहुल तुम बहुत ही अच्छे लड़के हो और तुम एक अच्छी कंपनी में जॉब भी करते हो मैं तुम्हारी हिम्मत की दाद देता हूं कि तुमने कितनी मेहनत की है मुझे नैना ने सब कुछ बता दिया है लेकिन मैं नैना से तुम्हारी शादी नहीं करवा सकता। उस वक्त नैना भी वहीं बैठी हुई थी उन्होंने मुझे कहा कि तुम नैना को भूल जाओ यही ठीक रहेगा मैंने उन्हें कहा लेकिन सर मैं नैना को नहीं भूल सकता। मैं उस दिन ज्यादा देर तक नैना के घर पर नहीं रुका और मैं घर लौट आया मेरे पापा को भी यह बात पता चल चुकी थी और वह भी इस बात से बहुत गुस्सा थे। नैना का कुछ दिनों से मुझसे मिलना भी बंद हो चुका था क्योंकि उसके पापा बिल्कुल भी नहीं चाहते थे कि वह मुझसे मिले इसलिए अब वह मुझसे दूर हो चुकी थी। मैंने उसे फोन पर कहा मुझे लगता है शायद हम दोनों का रिश्ते का कोई भी भविष्य नहीं है। नैना मुझे कहने लगी राहुल ऐसा बिल्कुल भी मत कहो मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। मैंने नैनो को कहा मैं तुमसे मिलना चाहता हूं? नैना मुझे कहने लगी पापा ने मेरा घर से निकलना बंद करवा दिया है यदि तुम्हें मुझसे मिलना है तो तुम्हें मुझसे घर मे मिलने के लिए आना पड़ेगा। मैंने नैना को कहा लेकिन तुम्हारे घर मे तो काफी लोग रहते हैं नैना के घर मे ना जाने कितने ही नौकर है मैं उससे मिल नहीं सकता था लेकिन नैना ने कहा तुम उसकी चिंता मत करो तुम घर के पीछे के दरवाजे से कल आ जाना मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी कल पापा भी अपने किसी काम से जा रहे हैं। मैंने नैना से कहा लेकिन तुम्हारी मम्मी भी तो घर पर होंगे? वह मुझे कहने लगी मम्मी की चिंता तुम बिल्कुल भी मत करो मैं मम्मी को संभाल लूंगी। मै अगले दिन हिम्मत करते हुए नैना से मिलने के लिए चला ही गया मै नैनो को मिलने के लिए गया तो वह मेरा इंतजार कर रही थी उसने घर के पीछे के दरवाजे को खोला मैं अंदर चला गया। मैं जब नैना के घर के अंदर गया तो नैना के साथ मे बैठा हुआ था नैना ने मुझे गले लगाते हुए कहा राहुल आई लव यू मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह पा रही हूं।
मैंने नैना को कहा मैं भी तो तुम्हारे बिना एक पल नहीं रह पा रहा हूं लेकिन तुम्हें तो पता ही है ना कि तुम्हारे पापा हमारे रिश्ते को कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे। नैना मुझे कहने लगी मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। नैना ने मेरे होठों को चूम लिया जब वह मुझे किस कर रही थी तो मुझे अच्छा लग रहा था उसने मेरे बदन की गर्मी को बढ़ा दिया था। मेरे बदन की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि वह मुझे कहने लगी मैं अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रही हूं। मैंने उसे कहा रोक तो मैं भी अपने आपको नहीं पा रहा हूं इसीलिए तो मुझे भी बहुत मजा आ रहा है। मुझे बहुत ही अच्छा अच्छा लग रहा था मैं नैना का साथ बड़े अच्छे से दे रहा था। मैने जब नैना के स्तनों को अपने मुंह मे लिया तो मैं उसके स्तनों को बड़े अच्छे से चूस रहा था नैना के बदन की गर्मी बढ़ चुकी थी इसलिए उसने अपने कपड़े उतार दिए। उसने अपने बदन के कपड़े उतार दिए थे अब मैं अपने आपको बिल्कुल ना रोक सका। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए नैना की कोमल और मुलायम चूत पर लगा दिया।
नैना की चूत पर मेरा लंड लगते ही मैंने उसे कहा मैं अपने लंड को तुम्हारी चूत के अंदर डालना चाहता हूं। नैना ने अपने पैरों को खोल लिया मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका है। मैंने उसे कहा लेकिन आज तुम्हें चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है हम दोनों के बीच सेक्स संबंध अच्छे से बन रहे थे। वह बोलने लगी तुमने आज मेरी चूत से खून निकाल दिया है। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं है वह मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी। वह अपने पैरों को खोलती और मेरे अंदर की गर्मी को वह लगातार बढ़ती जा रही थी। मेरे अंदर की गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी मेरे अंदर की गर्मी जिस प्रकार से बढ़ने लगी थी उससे मैं और भी ज्यादा खुश हो गया था। मैंने नैना को कहा कि लगता है मेरा वीर्य जल्दी ही बाहर आ जाएगा 5 मिनट की चुदाई के बाद मेरा वीर्य नैना की चूत मे ही गिर चुका था। नैना और मैंने उस दिन एक दूसरे के साथ समय बिताया फिर मैं अपने घर चला आया। हम दोनों की अभी भी फोन पर बात होती है और अभी भी हमारे रिश्ते का कोई भविष्य नजर नहीं आता।