दूर का प्यार करीब आ गया

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हाई दोस्तों,

मेरा नाम अरविन्द हे और में झारखंड का रहने वाला हूँ | मुझे एक लड़की से प्यार हुआ था तो मेरी क्लास की थी पर मेरे घर और उसके घर बहुत दूर दूर था और इसी कारण मिलने में हमे बहुत तकलीफ होती थी, परर ये तकलीफ जादा दिन टिक नही पाई और उसके घर वालो ने अपना घर बदल लिया और मेरे घर के पीछे एक घर खली था उसमे आके रहने लग गए | एक महीने बाद उसके घर वालो को किसी काम से अपने गॉव जाना पड़ा पर वो और उसकी बेहेन नही गए क्युकी उन्हें फिर पढाई में टकील होती इसीलिए | उसकी छोटी बेहेन सुबह सात बजे ही स्कूल के लिए निकल पढ़ती थी और वो मेरे साथ नो बजे कॉलेज को जाती थी |

पर उसके घर वालो के जाने के बाद से हम कॉलेज जाना बंद कर दिए और उसकी बेहेन के जाने के बाद में उसके घर पहुच जाता था | सबसे पहले दिन में जब उसके घर गया और हम दोनों तब अकेले थे तो वो खुशी से जेसे पागल सी हो गयी थी | में अंदर जाते ही दरवाजा बंद किया और उसे गले लगा के चूमने लगा | उसके बाद उसे उठा के बिस्तर पे लेटा दिया और अपने सारे कपड़े उतार दिया एक ही बार में और नंगा हो गया |

मेने उसके शर्ट का बट्टन खोल दिया और उसके ब्रा को भी, वो बस स्कर्ट में थी और में पूरा नंगा था | मैं उसके उपर चड के उसे चूमने लगा और उसके होठो को करीब दस मिनट तक पिया और फिर उसके निप्पल को भी खूब पिया और बारी बारी से एक को पिता तो दूसरे को मसलता रहता | वो सिसकिय पे सिसकिय भर्ती रहती अह्ह्ह्ह्ह्ह हम्मम्मम ई किये जा रही थी | मैं उसके चुचो को चूमने के बाद निचे की तरफ खिसका और उसके स्कर्ट को उठा दिया और उसकी चुत को उसकी पेंटी के उपर से ही काटने लग गया | वो मेरे सर को पक्स के अपनी चुत में दबाने लग गयी और मैं उकी चुत को काटने लग गया |

कुछ देर के बाद मेने उसकी पेंटी उतार दी और उसकी चुत पे जीभ फेरने लग गया, जीभ के छूते ही वो मस्त हो गयी और अपनी टांगो को रगड़ने लग गयी और मस्त हो गयी | मेने उसकी टांगो को उपर की तरफ उठाया और पंखडियो को खोल के अंदर जीभ फेरने लग गया, उसकी चुत से लगातर पानी निकले जा रहा था और में चाट चाट के साफ़ कर रहा था | वो अब चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार थी और फिर मेने उसकी टांगो को पूरा पीछे कर दिया और अब उसकी चुत का छेद मुझे साफ़ दिखर हा था |

मेने लंड सटा दिया और रगडा कुछ देर और कस के पेल दिया, लंड थोडा सा ही घुसा था की उसने पूरी दुनिया को सर पे उठा लिया चीख के | में उसके दर्द को अनदेखा किया और धीरे धीरे धकेलता गया लंड को और लंड उसकी चुत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया, बहुत मुश्किल से गया पर चला गया | उसके जिस्म अक तो बारह बज चूका था पर एम् धक्के लगाता रहा और धीरे धीरे उसे मजा आने लगा और वो कुछ देर बाद अपनी कमर उठा उठा के लंड लेना शुरू कर दिया और पूरी तरह से मस्त हो गयी और अह्ह्ह्ह्ह्ह ईई हम्म और कस कस के करो बहुत मजा आ रह अहे यार अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म्मोह्ह्ह्ह्ह्ह |

मैं करीब एक घंटे तक उसे अलग अलग ढंग से पेला और फिर उसी की चुत में निकाल दिया पूरा माल और फिर उसी के बिस्तर पे लेट गया | एक घनते बाद वो मुझे किस करते हुए उठाई और फिर मैं नहा धोके उसके घर से चला गया | अब इसी तरह चलता रहा जब तक उसके घर वाले नही आये |
 
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