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नमस्कार दोस्तों मै मीनू आपके सामने फिर से हाजिर हूं, अपनी कहानी का अगला भाग लेकर। दोस्ती में चुदाई के पहले भाग में आपने पढा कि, किस तरह से अनिल जो मेरा करीबी दोस्त था, उसने दारू के नशे में मेरे साथ सेक्स करने की कोशिश की। और मै भी नशे में होने के कारण उसे रोकना चाहकर भी रोक नही पाई। इस कहानी में पढिए, कैसे उसके बाद हमने चुदाई की, और तब से हम दोनों के बीच जो दोस्ती का रिश्ता था वह बदलकर अब चुदाई का रिश्ता बन गया। पिछली कहानी के अंत मे आपने पढा, अनिल मेरे स्तनों पर बैठकर अपना लंड मेरे मुंह मे डालकर मेरे मुंह को चोद रहा था।
अब आगे-
अनिल का लंड काफी लंबा था। तो जैसे ही वह अपना पूरा लंड मेरे मुंह मे घुसा देता, वो मेरे गले तक चला जाता, और मुझे उबकाई सी आ जाती। अनिल के धक्के अब और तेज होते जा रहे थे, जिससे मेरे मुंह से बस गुँ गुँ की आवाजें ही आ रही थी। अनिल तो बस अपने मजे लेने में लगा हुआ था। उसे तो मेरी कुछ पडी ही नही थी। अनिल शायद एक बार मेरे मुंह मे ही झडना चाहता था, तभी इतनी देर से वो अब तक मेरे मुंह को ही चोदे जा रहा था। वैसे भी दारू की वजह से उसे झडने में काफी समय लग रहा था, और मेरा मुंह भी अब दर्द करने लगा था।

इतनी देर में अब मेरा नशा भी उतरने लगा था, और मुझे अब सब समझ आने लगा। लेकिन अब अनिल को रोकने के लिए बहुत देर हो चुकी थी, और वैसे भी मुझे भी यह सब अच्छा लग ही रहा था। तो मैने अब अनिल को रोकना ठीक नही समझा, और उसे अपने हिसाब से आगे बढने दिया। मै अब भी वैसे ही लेटी रही,जैसे पहले नशे में लेटी हुई थी। अभी भी अनिल अपना लंड मेरे मुंह के अंदर ठुसे जा रहा था, उसके झटके अब बहुत तेज होते जा रहे थे। और थोडी ही देर में अब उसने मेरे सर को पकडकर अपना लंड पूरा अंदर जड तक ठूंस दिया। और फिर अपने लंड से वीर्य की पिचकारी छोडने लगा।
अनिल ने अपना पूरा लंड मेरे मुंह मे गले तक घुसाया था, तो जैसे ही उसके लंड से वीर्य की पिचकारी निकली, वो सीधे मेरे गले के अंदर चली गई। और मजबूरन मुझे उसका वीर्य गटकना पडा। अनिल तब तक वैसे ही मेरे ऊपर रहा, जब तक मै सारा वीर्य निगल न जाऊं। सारा वीर्य निगल लेने के बाद, अनिल मेरे ऊपर से उठा, और फिर मेरे बगल में आकर लेट गया। अब उसने थोडी देर रुककर फिर से मेरे बदन के साथ छेडछाड करना शुरू कर दिया। धीरे धीरे वो मेरे चुचियों को मसलने लगा, और मेरे कान को अपने होठों में लेकर हल्के से काटने लगा। मेरे गले पर मुझे चूमने लगा। अनिल की इन सब छोटी छोटी हरकतों की वजह से मेरी चुत फिर से पानी छोडने लगी थी, और अब तक थोडा तनाव उसके लिंग में भी आ चुका था।
जैसे ही उसके लिंग में तनाव आना शुरू हुआ, अनिल ने मेरा हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया और ऊपर से मेरे हाथ को दबाने लगा। मेरे हाथ का स्पर्श होते ही उसका लंड झटके मारने लगा। फिर उसने अपना हाथ लेकर मेरी चुत के आसपास घूमाते हुए मेरे चुत के बालों को सहलाने लगा। मेरे चुत के आसपास छोटे छोटे बाल है, जो अभी अभी आने शुरू हुए थे। उनमें अनिल के उंगली को घूमते हुए महसूस करना ही मेरी चुत के लिए परम आंनद था, जिस वजह से मेरी चुत ने अपना पानी निकाल दिया। मेरा बदन भी अब की बार बहुत जोर से अकड सा गया, और मैने अपने हाथ से उसके लंड को बहुत जोर से दबा दिया।
जैसे ही मै नॉर्मल होने लगी, अनिल ने अपना लंड लेकर मेरी जांघों पर घिसने लगा। फिर थोडी देर बाद वो उठकर बैठ गया। और मेरे पूरे बदन पर अपना हाथ घुमाते हुए मेरे दोनों पैरों को फैला दिया। अब एक तकिया लेकर उसने मेरी कमर को ऊपर उठाकर तकिया कमर के नीचे रख दिया। और खुद मेरे दोनों पैरों के बीच आ गया। अब मुझसे भी रहा नही जा रहा था, वैसे तो मेरे चुत की झिल्ली एक बार मेरे खेलते समय ही फट गई थी, लेकिन आज यह पहला लंड मेरी चुत में जाकर हाहाकार मचाने वाला था। मैने अपनी सहेलियों से सुना था कि, पहली बार की चुदाई में बहुत दर्द होता है, तो मै थोडी सी डरी हुई थी।
फिर अनिल पहले मेरे ऊपर लेट गया, और मेरे उरोजों को अपनी हथेलियों में भरकर दबाने लगा। अनिल ने पहले मुझे एक बार चूमा, फिर उसने एक हाथ नीचे ले जाते हुए उससे अपने लंड को पकडकर मेरी चुत के द्वार पर घिसने लगा। अनिल अभी मेरी चुत के होठों को अपने लंड से छू रहा था और मुझे जल्द से जल्द अपनी चुत के अंदर लंड लीलना था। तभी उसने आराम से एक हाथ से अपने लंड को मेरी चुत के अंदर का रास्ता दिखाते हुए एक हल्का सा धक्का लगा दिया। जिससे उसके लंड का टोपा मेरी चुत के अंदर घुस गया, और उसी के साथ मेरे मुंह से चीख निकल गई।
मै और भी जोर से चीख देती अगर अनिल ने सही समय पर मेरा मुंह बंद नही किया होता। अब तो सिर्फ अनिल के लंड का टोपा ही मेरी चुत में गया था, और मेरी चुत दर्द से फट गई थी। मैं अपने हाथ-पैर पटकने लगी थी, लेकिन अनिल ने मुझ पर अच्छी पकड बनाकर रखी थी। जिस वजह से मै उसकी पकडS के अपने आप को छुडा नही पाई। तभी वो मुझे चूमते हुए मेरे बदन को सहलाने लगा, जिस वजह से मेरा ध्यान दर्द के ऊपर से हटने लगा। जल्द ही मेरा दर्द कम हो गया, और मै ही अब नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी, जो अनिल के लिए संकेत था कि, अब वो झटके मार सकता है।
तभी अनिल ने मेरे होठों को अपने होठों से बंद करके मेरी चुत में एक और जोर का धक्का मार दिया, जिससे उसका आधा लंड मेरी चुत के अंदर चला गया। उसने अच्छा किया जो मेरा मुंह बंद करके फिर ही धक्का मार दिया, वरना मै बहुत जोर से चीख देती। मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे किसी ने गर्म लोहे का सरिया मेरी चुत में घुसा दिया हो। फिर कुछ देर बाद जब उसने मेरे शरीर को धीरे धीरे सहलाते हुए चूमना शुरू किया, तब जाकर मेरा दर्द कम होने लगा। दर्द कम होने ही लगा था कि, तभी उसने जाकर और एक जोर का धक्का मारते हुए अपना पूरा लंड मेरी चुत में घुसा दिया। अब जो दर्द कम भी हो गया था, उससे कई गुना दर्द एकदम से बढ गया। वो फिर मेरे बदन को मसलते हुए मेरा दर्द कम करने में लगा हुआ था।
जब दर्द पूरी तरह से कम हो गया, तब जाकर मैने आराम से अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी।

फिर तभी अनिल को भी इशारा मिल गया, और उसने भी ऊपर से धक्के मारना शुरू कर दिया। शुरू शुरू में जैसे ही उसका लंड मेरी चुत में अंदर बाहर करता, वैसे ही मेरी चुत में जलन होने लगती। लेकिन थोडे और धक्के झेलने के बाद, चुत की जलन कम होने लगी थी, और मुझे भी मजा आने लगा था। तभी अनिल ने अचानक अपना लंड बाहर खींच लिया, और वो मेरे मुंह के पास अपना लंड लाकर उसे मुठियाने लगा था।

मेरे चुत की प्यास तो बुझी ही नही थी, मेरा पानी निकाले बिना ही अनिल अपने वीर्य की पिचकारी मेरे मुंह मे छोडने के लिए तैयार था। तभी थोडी ही देर में अनिल के लंड से वीर्य की पिचकारी निकलकर मेरे मुंह पर गिरने लगी। अनिल का वीर्य मेरे मुंह और गले पर इधर उधर बिखरा हुआ था।

अनिल ने अपने लंड को पूरी तरह से निचोडकर उसके वीर्य की आखरी बूंद तक सारा वीर्य मेरे चेहरे पर गिरा दिया। उसके बाद वह मेरे बगल में लेट गया और टेबल पर से टिश्यू पेपर उठाकर मुझे मेरा चेहरा साफ करने के लिए दे दिए। लेकिन मैने उसे ना लेकर उठकर मै सीधे बाथरूम चली गई। और फिर अपने चेहरे और गले पर लगा वीर्य धो दिया।

जब अपने आप को साफ करके मै फिर से अपने बिस्तर के पास आ गई, तब तक तो अनिल आराम से खर्राटे मारते हुए सो रहा था। तो इस तरह से दोस्ती में मेरी पहली चुदाई हुई। इस तरह से मेरी पहली चुदाई अधूरी ही रह गई।

आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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