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सभी पाठकगण को मीनू की तरफ से नमस्कार। मै मीनू कोलकाता की रहनेवाली हूं। मेरी उम्र २४ साल है, और मै अभी यहीं कोलकाता के एक कॉलेज से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हूं। यह कहानी मेरी और मेरे दोस्त अनिल की है। इस कहानी में पढिए, कैसे अनिल ने दारू के नशे की हालत में मुझे सेक्स के लिए उकसाया और उसके बाद हम दोनों ने किस प्रकार से सेक्स किया। अनिल मेरे साथ ही पढता था, और मेरे करीबी दोस्तों में से एक था, जिसके सामने मै अपनी पूरी पागलपंती दिखा सकती हूं। हम पिछले चार सालों से दोस्त है, और इतने समय मे उसने हमेशा मुझे सपोर्ट किया है।
हम दोनों ने न जाने कितनी बार एक साथ बैठकर दारू पी है। अगर हम दोनों में से कभी भी किसी एक का भी मन हुआ, तो दूसरा उसे कंपनी देने के लिए थोडी बहुत तो पी लेता ही है। ऐसे ही एक दिन कॉलेज में अनिल को किसी ने कुछ कह दिया था, तो तभी से उसका मूड कुछ खराब सा था। अब मैने उसे नॉर्मल करने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसका मूड कुछ ज्यादा ही खराब था। तो उसी रात मैने उसे बोल दिया कि, आज मेरा रम पीने का मन कर रहा है। तो उसने पहले तो मना कर दिया, लेकिन मेरे बार बार कहने पर वो मान गया। फिर वो हमारे लिए रम लेकर मेरे घर आ गया।
मेरे घर मे मै, मेरा एक छोटा भाई, और मेरे माता-पिता रहते है। और बचपन से ही पापा ने मुझे थोडी छूट देकर रखा था। उनको पता था कि, मै कभी कुछ गलत काम नही करुंगी। तो मेरे घर मे मेरे दोस्त अक्सर आकर रात के लिए रुकते थे, और फिर सुबह चले जाते थे। लेकिन वो आते थे, पढाई का बहाना बनाकर ही, और यहां आकर पार्टी करके चले जाते थे। घर मे सभी के सोने के बाद ही हम हमेशा पीना शुरू कर देते थे, क्योंकि हर रोज सोने से पहले पापा एक बार मेरे कमरे में आकर मुझे गुड नाईट विश करके जाते थे। तो उनके जाने के बाद हम मेरे कमरे में कुछ भी कर सकते थे।
तो रोज की तरह उस दिन भी पापा मेरे कमरे में आए, मुझे गुड नाईट विश किया, जब पापा आए तब अनिल मुझे एक प्रॉब्लम समझा रहा था। तो पापा ने जल्दी से आकर हमे डिस्टर्ब ना करते हुए कमरे से निकल गए। पापा के कमरे से निकलते ही हम दोनों ने सारी किताबें एक तरफ को रख दी, और दारू की बोतल निकाल ली। फिर धीरे धीरे करके हम दोनों पीने लगे। दो पेग लेने के बाद, अब अनिल थोडा बातें करने लगा था। आज मेरा पीने का मकसद यही था कि, अनिल का मूड ठीक हो जाए। और अब अनिल भी धीरे धीरे बोलने लगा था।

कुछ ही देर में अनिल के मन मे जो भी था, उसने सब बोल दिया और अब उसका गुस्सा भी चला गया था। अब हम दोनों अपनी अपनी जिंदगी के बारे में बातें करने लगे थे। ऐसे ही बातों बातों में मैने अनिल से पूछ लिया, "तुम अब तक सिंगल क्यों हो? कोई मिली नही या कोई पसंद नही आई?"
उसने कहा, "मिली भी और पसंद भी आई, लेकिन उससे इजहार करने की हिम्मत नही हुई।"
फिर मैने उसकी टांग खींचने के लिए कह दिया, "मुझे बताओ, मै तुम्हारी तरफ से उसे बता दुंगी।"
उसने बस हां कहकर बात बदल दी। और फिर इधर उधर की बातें करने लग गया। अब अच्छा सुरूर बन रहा था, और हम दोनों ही अब झूमने की हालत में थे।
तो हमने अब बस करने की सोचकर सब कुछ साफ करने लग गए। सब साफ करने के बाद हम दोनों सोने के लिए जगह बनाने लगे। अभी हम दोनों में से कोई भी इस हालत में नही था कि, नीचे बिस्तर बिछा सके। तो मैने अनिल से कह दिया कि, "आ जाओ, बेड काफी बडा है, हम दोनों इस पर आराम से सो सकते है।"

मेरे कहने पर अनिल भी बेड पर सोने के लिए राजी हो गया। तो मैने बेड साफ किया और एक कोने में मै लेट गई, और फिर अनिल को भी बुला लिया। अब हम दोनों लेटे लेटे बातें कर रहे थे, तभी अचानक अनिल ने अपना हाथ उठाकर मेरे हाथ पर रख दिया। मुझे शुरू में लगा कि, ऐसे ही आ गया होगा तो मैंने ध्यान नही दिया। लेकिन फिर उसने मेरा हाथ पकडकर अपने हाथ मे ले लिया। और मेरी तरफ मुडकर मुझे देखने लगा।
मेरी आँखों मे देखते हुए वो अब मेरी तारीफ किए जा रहा था। मै भी नशे में थी, तो मुझे भी यह सब अच्छा लग रहा था, इसलिए मैने भी उसका विरोध नही किया।

फिर उसने धीरे धीरे बातें करते हुए अपना सर मेरे और पास ला दिया। और अचानक ही उसने अपना एक हाथ मेरे दूसरी तरफ रखकर मेरे मुंह पर अपना मुंह लाते हुए मेरे होठों को अपने कब्जे में ले लिया। मुझ पर नशा कुछ ज्यादा ही हावी हो चुका था। मै उसे रोकना चाहती थी, लेकिन रोक नही पा रही थी। उसे रोकने के लिए मै उसे धकेलना चाहती थी, लेकिन मेरा हाथ मै उठा नही पा रही थी। अनिल ने शायद इसी को मेरी रजामंदी समझकर वो और आगे बढता जा रहा था।

अनिल ने अब मेरे होठों को चूमते हुए ही अपना एक हाथ मेरे स्तनों पर रख दिया। और दूसरे हाथ से मेरी कमर को सहलाने लगा। पता नही मुझे भी क्या हो गया था, जो मै यह जानते हुए भी कि, यह सब गलत है, फिर भी कुछ नही कर रही थी। अनिल थोडी देर तक मेरे होठों को चूमने के बाद फिर वो अलग होकर मेरी आंखों में देखने लगा। लेकिन मेरी आंखें नशे की वजह से बोझल सी हो रही थी। तो मुश्किल से मै अपनी आंखें खोल पा रही थी। फिर उसने मेरे गालों को भी चूमा और उसके बाद वो मेरे पैरों के पास आकर बैठ गया।

उसने सीधे मेरे टॉप को ऊपर की तरफ उठाते हुए उसे मेरे स्तनों से ऊपर लाकर रख दिया और फिर मेरे नग्न पेट को चूमते हुए मेरे चूचियों को अपने हथेलियों से मसलने लगा। मेरी चुचियां भी अब कडक हो चुकी थी, और मेरी चुत भी अब धीरे धीरे पनियाने लगी थी।

अब अनिल ने अपने हाथ मेरी पीठ के पास ले जाकर मेरी ब्रा का भी हुक खोल दिया, जिससे अब मेरे स्तन आजाद हो गए। ब्रा खोलते ही वह मेरी चूचियों पर टूट पडा, ऐसा लग रहा था जैसे उसने पहली बार चुचियां देखी हो। वो तो मेरी चूचियों को मसलने के साथ साथ पूरा खा जानेवाला ही था।

वो मेरे निप्पल को पकडकर खींच देता जिस वजह से मेरे मुंह से कामुक आवाजे निकलने लगती। थोडी देर तक वो मेरे चूचियों के साथ ही खेलता रहा और फिर मेरी नाभि को चूमते हुए उसने मेरी पैंट भी खोल दी, और पैंट को भी नीचे खिसकाकर मेरे पैरों में फंसा दिया। अब वो मेरी जांघों पर हाथ घुमाते हुए उन्हें चूमने एवं चाटने लगा था। उसकी उंगलियां मेरे चुत के आसपास वाले हिस्से पर घूम रही थी। वो अपनी उंगलियों से मेरे चुत के बालों को सहला रहा था, जिससे मेरी चुत और पानी छोडने लगी थी।

अब उसने मेरी पैंटी को भी खींचकर नीचे कर दिया और अब मेरी चुत सीधे उसके सामने थी। मेरी चुत को देखते ही जैसे वो पगला गया और अपना मुंह मेरी चुत पर लगा दिया। अनिल अपनी जीभ से मेरी चुत को चाट रहा था, मेरी चुत जो पानी छोड रही थी, वो सब अनिल चाटकर साफ कर गया। अनिल अभी भी पूरे कपडे पहने हुए था, तो वो उठ गया और अपने सारे कपडे उतारकर फिर से मेरे पास लेट गया। अब की बार उसने मेरा हाथ पकडकर अपने लंड पर रख दिया, और सहलाने को बोल दिया।

अब मै उसके लंड को अपने हाथ मे लेकर सहलाने लगी थी, और वो भी पूरी मस्ती में आहें भर रहा था। धीरे धीरे से मै उसके लंड को मुठियाने लगी थी, मेरी हालत उठने की तो थी नही। तो अनिल ही उठकर मेरे स्तनों पर बैठ गया। और उसने अपना लंड मेरे मुंह के सामने रख दिया, मानो वह कह रहा था कि, इसे अपने मुंह मे लेकर चूसकर अच्छे से गिला कर दो। मैने बस अपना मुंह खोला दिया, तो अनिल खुद आगे बढकर उसने अपना लंड मेरे मुंह मे ठूंस दिया।
अब मै अपने मुंह मे उसका लंड लिए लेटी थी, और वो खुद अपनी कमर हिलाकर मेरे मुंह को चोदे जा रहा था। इस भाग में इतना ही, बाकी की कहानी अगले भाग में लिखूंगी।

आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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