नगमा की हॉट सिसकियाँ

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Antarvasna, hindi sex story: मैं अपने घर पर अपने दोस्त नितिन और उसकी पत्नी को इनवाइट करता हूं जब वह लोग मेरे घर पर आये तो हम सब लोगों ने साथ में उस दिन डिनर किया। हम लोगों ने साथ मे एक अच्छा समय बिताया और मेरी पत्नी ने सब कुछ बहुत ही अच्छे से मैनेज किया था। डिनर करने के बाद वह लोग चले गए जब वह लोग चले गए तो उसके अगले दिन मेरे दोस्त ने मुझे फोन पर कहा कि अमित क्या आज तुम घर पर आ सकते हो। मैंने उससे कहा क्या कोई जरूरी काम है तो वह मुझे कहने लगा कि हां मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी। मैं अगले दिन अपने दोस्त नितिन के घर पर चला गया, मैं जब नितिन के घर पर गया तो नितिन ने मुझसे कहा कि वह जल्द ही एक नई गारमेंट शॉप खोलने वाला है।

मैंने उससे कहा कि क्या तुम नई गारमेंट शॉप खोलने वाले हो तो वह मुझे कहने लगा हां। मैंने उससे कहा लेकिन तुम्हें मुझे मुझसे क्या मदद चाहिए थी तो वह मुझे कहने लगा कि अमित अगर तुम अपने चाचा से बात कर के मुझे कहीं कोई अच्छी प्रॉपर्टी दिलवा दो तो मैं उसमें अपनी गारमेंट शॉप खोलना चाहता हूं। नितिन के पिताजी का गारमेंट का ही काम था और वह लोग काफी समय से यह काम कर रहे हैं लेकिन जब उस दिन नितिन ने मुझ से मदद मांगी तो मैंने नितिन को कहा कि मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगा और मैंने नितिन की मदद की।

नितिन के लिए मैंने अपने चाचा से बात की जब मैंने चाचा जी से बात की तो उन्होंने नितिन को एक अच्छी प्रॉपर्टी दिलवा दी। जब नितिन को वह प्रॉपर्टी मिली तो नितिन काफी ज्यादा खुश था नितिन इस बात से बहुत ज्यादा खुश था कि उसे नई प्रॉपर्टी मिल चुकी है और वहां पर उसने जल्द ही अपना बिजनेस शुरू कर लिया। जब नितिन ने अपना बिजनेस वहां पर शुरू किया तो उसका काम काफी अच्छा चलने लगा नितिन अपने काम से बहुत खुश था और नितिन के परिवार वाले भी इससे काफी ज्यादा खुश थे उन लोगों को इस बात की खुशी थी कि नितिन ने अपना काम शुरू कर लिया है। नितिन ने अब अपना काम शुरू कर लिया था और नितिन ने यह गारमेंट शॉप अपने पैसों से ही खोली थी। नितिन का काम अच्छा चल रहा था और उसका मेरे घर पर भी आना जाना लगा रहता था, जब भी नितिन मेरे घर पर आता तो वह अक्सर मुझसे अपने काम को लेकर बातें किया करता था जब नितिन मुझसे इस बारे में बात करता तो मुझे भी काफी अच्छा लगता है।

मैं नितिन से कहता की तुमने यह बहुत ही अच्छा किया कि जो अपने बिजनेस को तुम इतना आगे बढ़ा पा रही हो नितिन मुझे कहने लगा कि हां यह तो तुम ठीक कह रहे हो। मेरा भी मेरे ऑफिस में प्रमोशन हो चुका था जब मेरा प्रमोशन हुआ तो मैं भी बहुत ज्यादा खुश था कि मेरा प्रमोशन हो चुका है। नितिन ने मुझे एक दिन फोन कर के कहा कि अमित हम लोग कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं मैंने नितिन से कहा कि ठीक है जैसा तुम कहो। नितिन ने अपने घर पर इस बारे में बात कर ली थी और मैंने भी अपने घर पर इस बारे में बात कर ली थी। मैंने अपने घर पर अपनी पत्नी से कहा कि हम लोग घूमने के लिए जा रहे हैं तो वह काफी ज्यादा खुश हुई और वह मुझे कहने लगी कि नितिन भाई साहब के कहने पर आप घूमने के लिए तुरंत तैयार हो गये और मैं आपको कब से कह रही थी तो आप मेरी बात मान ही नहीं रहे थे। मैंने अपनी पत्नी से कहा कि अब मैंने घूमने का प्लान बना लिया है तो तुम्हें भी साथ में चलना होगा तो वह बहुत ज्यादा खुश थी और फिर हम लोग घूमने के लिए चले गए। जब हम लोग मनाली गए तो मनाली में काफी ज्यादा अच्छा मौसम था और वहां पर काफी ठंड भी हो रही थी हम लोगों को बहुत ही अच्छा लग रहा था जब हम लोग मनाली घूमने के लिए गए।

मनाली हम लोग कुछ दिन तक रुके फिर हम लोग जयपुर लौट आए थे जब हम लोग जयपुर लौटे तो मेरी पत्नी ने मुझे कहा कि मैं सोच रही थी कि हम लोग आज बाहर से ही खाना ऑर्डर कर दे तो, मैंने अपनी पत्नी को कहा ठीक है हम लोग बाहर से ही खाना ऑर्डर करवा देते हैं।

उस दिन हम लोगों ने खाना बाहर से ही आर्डर करवाया क्योंकि हम लोग काफी ज्यादा थके हुए थे इसलिए मैंने उस दिन बाहर से ही खाना आर्डर करवाया। पापा और मम्मी भी कुछ दिनों के लिए मेरी बहन के घर गए हुए थे क्योंकि जीजा जी अपने बिजनेस के टूर से विदेश गए हुए थे इसलिए पापा मम्मी मेरी बहन के घर चले गए मैं और मेरी पत्नी ही घर पर थे। हम लोग खाना खाने के बाद साथ में बैठकर बातें कर रहे थे मुझे काफी ज्यादा नींद आने लगी थी तो मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मुझे नींद आ रही है तो वह कहने लगी कि अगर आपको नींद आ रही है तो आप सो जाइए। मैं बहुत ज्यादा थका हुआ था इसलिए मुझे नींद आ गई और मैं सो गया। अगले दिन मुझे मेरे ऑफिस जाना था और मैं अगले दिन अपने ऑफिस चला गया जब अगले दिन मैं अपने ऑफिस में गया तो उस दिन काफी ज्यादा काम था। ऑफिस में ज्यादा काम होने की वजह से मैं उस दिन घर देरी से लौटा तो मेरी पत्नी कहने लगी कि आज आप घर काफी देरी से आ रहे हैं तो मैंने अपनी पत्नी से कहा कि आज ऑफिस में बहुत ज्यादा काम था इस वजह से मुझे घर आने में देरी हो गई।

वह मुझे कहने लगी कि मैं आपके लिए खाना लगा देती हूं मैंने उसे कहा ठीक है तुम मेरे लिए खाना लगा दो। उसने मेरे लिए खाना लगा दिया और हम दोनों ने साथ में ही डिनर किया। उस रात मेरे और मेरी पत्नी के बीच में शारीरिक संबंध भी बने और फिर मैं सो चुका था। कुछ दिनों के बाद हमारे पड़ोस में एक महिला मुझे दिखाई दी उस से पहले मैंने उसे कभी देखा नहीं था जब मैंने अपनी पत्नी से इस बारे में पूछा तो मेरी पत्नी ने मुझे बताया कि वह हमारे पड़ोस में ही रहने के लिए आई है। मैंने जब अपनी पत्नी से उस महिला का नाम पूछा तो मेरी पत्नी ने कहा उसका नाम नगमा है वह कुछ दिनों पहले ही यहां रहने के लिए आई है। मैंने नगमा से अब बात की। मैंने जब नगमा से बात की तो मुझे उससे बात कर के अच्छा लगता। नगमा के पति और उसके बीच बिल्कुल भी नहीं बनती थी इसलिए वह अकेली रहती थी शायद यही वजह थी कि नगमा को किसी मर्द की जरूरत थी जो उसकी इच्छा को पूरा कर सके। मैंने नगमा का साथ दिया नगमा ने एक दिन मुझे अपने घर पर बुला लिया जब उसने मुझे अपने घर पर बुलाया तो वह मेरे लिए चाय लेकर आई और मैंने चाय पी ली। उसके बाद नगमा और मैं साथ में बैठे हुए थे हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे।

मैंने जब नगमा की जांघ पर अपने हाथ को रखा तो नगमा मुझे कहने लगी यह सब ठीक नहीं है लेकिन जैसे ही मैंने उसकी जांघ को सहलाना शुरु किया तो नगमा को मजा आने लगा। वह कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा महसूस हो रहा है नगमा को बहुत ज्यादा मजा आने लगा था इसलिए वह अपनी उत्तेजना को बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी और मेरे अंदर की गर्मी भी अब बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने नगमा के होंठो को चूमना शुरू किया।

मैंने जब नगमा के होंठो को चूमना शुरू किया तो उसके गुलाबी होठ मुझे महसूस करने मे मजा आ रहा था। मुझे बहुत ज्यादा अच्छा महसूस हो रहा था और नगमा को भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था। वह मेरे लिए तड़पने लगी थी मुझे उसके बदन को महसूस करना अच्छा लग रहा था। मैंने नगमा के कपड़े उतारने शुरू किए। मैंने जब नगमा के कपड़ों को उतारकर उसके स्तनों को चूसना शुरू किया तो वह पूरी तरीके से मजे में आ गई और उसकी उत्तेजना इस कदर बढ़ चुकी थी कि वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। अब मेरे अंदर की गर्मी भी काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने नगमा के निप्पल को बहुत देर तक चूसा। मैने सुहाने की चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो नगमा मचलने लगी। वह अपने पैरों के बीच मे मुझे जकडने की कोशिश करती।

जब वह ऐसा करती तो मुझे अच्छा लगता और मैं नगमा की चूत के अंदर अब लंड डालने के लिए तैयार था। नगमा की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी इसलिए हम दोनो एक पल के लिए भी रह नहीं पा रहे थे। मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को लगाया और कुछ देर तक उसकी योनि पर अपने लंड को रगडा तो उसकी चूत गीली हो चुकी थी और वह मेरे लंड को लेने के लिए तैयार थी। मैंने नगमा की योनि पर अपने लंड को लगाया और अंदर की तरफ डालना शुरू किया। जब मैं उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाता तो वह बहुत जोर से चिल्लाती और मेरा लंड उसकी चूत के अंदर तक जा चुका था। मेरा लंड नगमा की योनि को फाडता हुआ अंदर की तरफ जा चुका था जिससे कि मुझे और भी ज्यादा मजा आने लगा था। नगमा की चूत से खून की पिचकारी निकल रही थी जो मेरे लंड पर लग चुकी थी।

नगमा की चूत बहुत ही ज्यादा टाइट थी। उसे बहुत ही ज्यादा दर्द महसूस हो रहा था वह अपने सिसकारियो से मेरे अंदर की गर्मी को बढाती और मुझे कहती मुझसे रहा नहीं जा रहा है। मैं नगमा को तेजी से चोद रहा था कुछ देर बाद मेरा लंड नगमा की चूत पर पूरी तरीके से फिट हो चुका था और मुझे ऐसा लग रहा था उसे भी मजा आने लगा है। वह अपने पैरों को चौड़ा करने लगी मेरा मोटा लंड बड़ी आसानी से नगमा की योनि के अंदर बाहर हो रहा था और मुझे काफी ज्यादा अच्छा लगने लगा था।

मेरे अंदर से गर्मी बहुत ज्यादा बढने लगी थी और नगमा के अंदर से भी गर्मी काफी ज्यादा बढ़ने लगी थी इसलिए हम दोनों ही एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स के मज़े लिए जब मैं गरम हो चुका था तो उस नगमा मुझे कहने लगी तुम अपने माल को मेरी चूत मे गिरा दो। मैंने नगमा की चूत में अपने वीर्य की पिचकारी मारी नगमा की चूत को मैं अपने वीर्य से नहला चुका था। मुझे बहुत अच्छा लगा और वह मुझसे लिपट कर कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है। मैंने नगमा को कहा अच्छा तो मुझे भी बहुत ज्यादा लग रहा है और वह काफी ज्यादा खुश हो गई थी।
 
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