पहले लंड चूस लो फिर चली जाना

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Antarvasna, sex stories in hindi: सुबह के वक्त मैं अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था जब मैं अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था तो मैंने अपनी मां से पूछो कि मां पड़ोस में क्या कोई रहने के लिए आया है तो मां कहने लगी कि हां बेटा पड़ोस में एक नया परिवार रहने के लिए आया है। मां ने मुझे बताया कि वह बैंक में नौकरी करते हैं, मैंने मां से कहा कि मां क्या तुम्हारी उनसे बात हुई थी तो मां कहने लगी हां एक दो बार वह घर पर आए थे। मैंने मां को कहा कि मां तुम मेरे लिए नाश्ता लगा दो मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है मां ने मेरे लिए नाश्ता लगा दिया और मैं नाश्ता करने के बाद अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था। मैं जब अपने ऑफिस के लिए जा रहा था तो उस वक्त हमारी कॉलोनी के गेट पर गार्ड ने मुझे रोका और कहा कि भैया क्या सुरेश सर घर पर हैं मैंने उसे कहा हां वह घर पर ही हैं वह कहने लगा कि ठीक है मैं उनसे मिल लूंगा। पापा कॉलोनी के सेक्रेटरी हैं इस वजह से वह पापा से मिलना चाहता था शायद उसे कुछ परेशानी हो रही थी या फिर उसे कुछ कहना था मैं तो वहां से अपने ऑफिस के लिए जा चुका था।

जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन ऑफिस में मेरे दोस्त कपिल का जन्मदिन था कपिल को मैंने जन्मदिन की बधाई थी वैसे तो मैं उसे रात को ही बधाई दे चुका था मैंने रात के वक्त उसे फोन कर दिया था लेकिन कपिल को मैंने दोबारा से उसके जन्मदिन की बधाई दी। उस दिन ऑफिस खत्म होने के बाद कपिल और हमारे ऑफिस में काम करने वाले कुछ और दोस्त हम सब लोग एक बार में चले गए और मेरे दोस्तों ने वहां पर शराब पी मैं शराब नहीं पीता इसलिए मैं उन लोगों के साथ बस बैठा हुआ था और फिर मैं अपने घर वापस चला आया। मैं जब अपने घर पहुंचा तो मुझे काफी देर हो चुकी थी पापा भी घर पर ही थे उन्होंने मुझसे पूछा कि रजत बेटा तुम काफी देर से आ रहे हो तो मैंने उन्हें बताया कि मेरे ऑफिस में मेरे दोस्त का जन्मदिन था इसलिए आने में देर हो गई वह कहने लगे कि कोई बात नहीं बेटा। उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा मुझे तुमसे कोई जरूरी बात करनी है मैंने उन्हें कहा पापा बस अभी आता हूं मैं अपने रूम में गया और अपने कपड़े चेंज करने के बाद मैं पापा के साथ बात करने के लिए हॉल में आ गया पापा हॉल में ही बैठे हुए थे मैंने उनसे कहा हां पापा कहिये आपको क्या बात करनी थी।

पापा ने मुझे एक लड़की की तस्वीर देते हुए कहा कि बेटा यह लड़की कैसी है तो मैंने पापा से कहा पापा लेकिन अभी मैं शादी के लिए तैयार नहीं हूँ वह मुझे कहने लगे कि बेटा मुझे पता है कि तुम अभी शादी नहीं करना चाहते लेकिन पहले तुम उस लड़की से एक बार मिल तो लो। पापा की जिद के आगे शायद मैं भी कुछ बोल नहीं पाया और उस लड़की से मिलने के लिए मैं तैयार हो गया। जब पहली बार हम लोग उनसे मिलने गए तो मैंने उससे अकेले में बात की तो मुझे वह लड़की ठीक लगी लेकिन मैंने उसे यह बात बता दी थी कि मैं अभी शादी करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हूं। वह मुझे कहने लगी कि आप यदि अभी शादी नहीं करना चाहते तो मुझे भी थोड़ा समय मिल जाएगा क्योंकि मैं भी अभी शादी के लिए तैयार नहीं हूं मैं और कविता एक दूसरे से काफी बातें कर रहे थे। कविता का साथ मुझे बहुत अच्छा लगा और उसके बाद मैंने यह बात अपने पापा को बता दी थी पापा से मैंने कहा कि पापा मुझे कविता पसंद है लेकिन अभी मैं शादी नहीं करना चाहता मुझे थोड़ा समय और चाहिए। पापा ने कहा बेटा कोई बात नहीं मुझे इस बात से कोई परेशानी नहीं है पापा भी अब काफी खुश थे और थोड़े समय बाद हम दोनों की सगाई हो चुकी थी। मैं और कविता एक दूसरे से फोन पर ही ज्यादा से ज्यादा बात करने की कोशिश किया करते। हम दोनों का मिलना तो नहीं हो पाता था क्योंकि मैं अपने ऑफिस से जब भी फ्री होता तो उस वक्त काफी देर हो जाती थी इसलिए हम लोग मेरी छुट्टी के दिन ही मिला करते थे। जब भी हम लोग मिलते तो मुझे कविता के साथ काफी अच्छा लगता एक दिन कविता ने मुझे कहा कि वह मुझसे मिलना चाहती है तो मैंने कविता को कहा कविता मैं अभी तो ऑफिस में हूं जैसे ही ऑफिस खत्म होगा तो मैं तुम्हें मिलने के लिए आ जाऊंगा कविता कहने लगी कि ठीक है रजत मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी।

जब मैं ऑफिस से फ्री हुआ तो मैं कविता से मिलने के लिए चला गया मैं कविता से मिला तो उस दिन कविता मुझे कहने लगी कि रजत काफी दिन हो गए थे और तुमसे मुलाकात भी नहीं हो पाई थी तो सोचा कि तुमसे मिल लूँ। मैंने कविता को कहा मैं भी तुमसे मिलने के बारे में सोच रहा था लेकिन इस बीच ऑफिस का कुछ ज्यादा ही काम था इसलिए तुमसे मैं मिल नहीं पाया कविता और मैं एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश थे और हम लोगों ने उस दिन काफी देर तक साथ में समय बिताया फिर मैं वहां से घर लौट चुका था। हमारे घर पर काम करने वाली नौकरानी लता सुबह के वक्त आई हुई थी उस दिन मैं घर पर ही था। जब वह घर की साफ सफाई कर रही थी तो मैंने उसे देखा वह मेरे कमरे में झाडू लगा रही थी मैं उसकी गांड के ऊभार को देख रहा था। मैंने उसकी बड़ी गांड के ऊभार को देखा तो मेरा लंड एकदम से तन कर खड़ा होने लगा मैंने उसे अपने पास बुलाया। वह कहने लगी साहब मैं पहले सफाई कर लेती हूं उसके बाद आपके पास आती हूं। मैंने उसे कहा तुम मेरे पास आ जाओ तो वह मेरे पास आ गई और मेरे पास आकर खड़ी हुई तो मैंने उसे बैठने के लिए कहा वह बैठ गई। मैंने अपने लंड को उसे दिखाया तो वह कहने लगी साहब आप यह क्या कर रहे हो।

मैंने उसके बड़े स्तनों पर हाथ लगाया और कहा तुम इसे अपने मुंह में ले लो मैं तुम्हें इसके बदले कुछ पैसे दूंगा। वह कहने लगी मैं ऐसा नहीं कर सकती लेकिन मैने जब उसे पैसे दिए तो वह यह सब करने के लिए तैयार हो चुकी थी उसने मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में ले लिया। उसे पहले तो वह हिलाने लगी जब वह मेरे लंड को हिला रही थी तो मैंने उससे कहा तुम इसे अपने मुंह के अंदर ले लो। उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया और उसे गले के अंदर तक उतार लिया था। जब उसने ऐसा किया तो मेरे अंदर की उत्तेजना भी पूरी तरीके से बढ़ने लगी थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रहा था। उसने मेरे लंड को अच्छे से चूसा उसने मेरे लंड से पूरी तरीके से जूस बाहर निकाल कर रख दिया था। मैंने उसे कहा अब मैं नहीं रह पा रहा हूं मैंने उसको कहा जाओ तुम दरवाजा बंद कर दो। उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया वह मेरे पास आई मैंने उसे बिस्तर पर बुला लिया वह चादर के अंदर मेरे साथ आ गई। मैं उसके स्तनों को दबाने लगा मैंने उसके ब्लाऊज को खोलते हुए उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके स्तनों को अपने मुंह मे लेकर उनका रसपान करने लगा। उसके बड़े और सुडौल स्तन जब मैं अपने हाथों में लेकर दबाता और उन्हें अपने मुंह में लेकर चूसता तो मेरे अंदर और भी ज्यादा गर्मी बढ़ जाती, लता भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी। मैंने उसकी साड़ी के ऊपर उठाते हुए उसकी पैंटी को उतार दिया मैने जब उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत पर हल्की काले रंग के बाल थे। मैंने अपने मोटे लंड को उसकी चूत पर सटा दिया जब मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो वह कहने लगी साहब आप मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दो और मेरी चूत को फाड़ डालो। मैंने उसकी चूत के अंदर लंड डालने का फैसला कर लिया और लंड अंदर डाल दिया वह जोर से चिल्लाई। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर जा चुका था मैंने उसे कहा तुम अपने पैरों को खोल दो उसने अपने पैरों को खोल लिया।

अब मैं उसकी चूत मारना शुरू कर चुका था मै उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था। वह बड़ी तेज आवाज में मादक आवाज ले रही थी। मैंने उसे कहा तुम इतनी तेज आवाज मे सिसकिया मत लो। मेरे अंदर की गर्मी को भी उसने पूरी तरीके से बढ़ा दिया था वह जिस प्रकार से गरम सिसकियां ले रही थी उससे मेरी गर्मी पूरी तरीके से बढ़ती जा रही थी और मैंने उससे कहा मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं तुम्हें बस चोदता रहो वह मुस्कुराने लगी और कहने लगी साहब आपका लंड बहुत मोटा है मुझे बहुत मजा आ रहा है। मैं हमेशा आपको देखा करती थी लेकिन मुझे नहीं पता था कि आज आप मेरे साथ सेक्स करेंगे और मेरी चूत मारकर मेरी खुजली को मिटा देंगे। वह कहने लगी मेरा पति तो एक नंबर का शराबी और वह मेरे साथ कुछ करता ही नहीं है इसलिए मुझे बाहर ही मुंह मारना पड़ता है लेकिन आज आपके साथ अपनी चूत मरवाकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।

मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और उसे झटके से मैंने उसके पेट के बल लेटा दिया। जब मैंने ऐसा किया तो मैंने उसकी बडी गांड को देखा और उसकी चूत के अंदर लंड डाला वह जोर से चिल्लाई। वह कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है आप ऐसे ही मुझे अब धक्के मारते रहो। मैंने उसे ऐसे ही धक्के मारने जारी रखे मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था वह बहुत जोर से चिल्ला रही थी। वह मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है आप ऐसे ही मुझे चोदते रहिए। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था आखिरकार मेरा वीर्य उसकी चूत के अंदर गिर गया और मेरी इच्छा को उसने पूरा कर दिया था। हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और उसके बाद वह साफ सफाई करने के लिए चली गई।
 
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