पेंटी से झांट के बाल निकाले और इनाम में मिली चूत

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मेरा नाम रवि पुजारी है और उम्र मेरी 45 साल है और मैँ एक बहुत हे बडा चोदू इंसान हूँ। मुझे लडकियोँ को चोदने मेँ महारत हासिल है। मैँ हफ्ते मेँ कम से कम 3 तीन लडकियाँ पेलता ही पेलता हूँ। और दिन मेँ 2 बार मूठ मारना तो मेरा पक्का है। इसके बिना मुझे नीन्द नहीँ आती है। यानि कहो तो मेरी लाईफ मेँ सिर्फ और सिर्फ सेक्स ही भरा हुआ है। सर से पाँव तक मुझे सेक्स की भयानक लत पड चुकी है। इसी लत के चलते मैँ एक से एक लडकियाँ अब तक पेल चुका हूँ। क्या मोटी क्या पतली, क्या अमीर क्या गरीब, क्या जवाब क्या बुड्ढी। हर तरह की चूत मेँ मेरा लंड घुसा है। जितनी बौल सचिन तेन्दुलकर ने अपनी लाईफ मेँ बैट से नहीँ मारी होंगी, उससे ज़्यादा चूत मेँ लंड से मैँने धक्के मारे हैँ। अब सवाल यह है कि अपनी खुराक के लिये हर आदमी को कुछ ना कुछ करना पडता है फिर मैँ क्या करताहूँ। अरे भई सीधी बात है मेरा भी पेशा लडकियोँ से ही जुडा हुआ है। मैँ एक ब्रा पैंटी बेचने वाला हूँ। मैँ एक दुकान चलाता हूँ मार्केट मेँ ब्रा और पैंटी की।

रंग बिरंगी, अलग अलग स्टाईल की ब्रा और पैंटी। पूरे मार्केट मेँ मेरी दुकान ही सबसे ज़्यादा फेमस है। मेरी दुकान के पीछे ही मेरा घर सटा हुआ है। बस और क्या चाहिये, सोने पे सुहागा। एक दिन मैँ बैठा था दुकान पर, अकेले। एक 19 साल की लडकी आई। उसने मुझसे ब्रा दिखाने को कहा। वो गोरी चिट्टी मस्त कौलेज की कोई लडकी थी। उसे देखकर मेरा लौडा सलामी देने लगा। वो शौर्ट्स और टी शर्ट पहनी हुई थी। उसकी गोरी गोरी भरी हुई जांघेँ देखकर लंड से पानी चूने लगा। वो ब्रा टटोल कर देख रही थी।

मुझसे रहा नहीँ गया और मैँने उसे फंसाने के लिये एक अलबम दिखाया। जिसमेँ अर्ध नग्न लडकियाँ के साथ सेक्सी मर्दोँ के फोटो थे। वो लोग मोडेल थी ब्रा और पैंटी की। लडकी भी बिना शर्म के फोटो देखे जा रही थी। वो मेरे बगल मेँ बैठी थी। मैँने उसे देखा और उसकी चूत की कल्पना करने लगा कि कैसी मखमली चूत होगी उसकी। तभी उसने एक थोंग वाली पैंटी मुझसे मांगा। मैँने उससे कहा कि वो उसे नहीँ होगी। वो कही उसे ट्राय करना है। मैँने उसे एक थोंग वाली पैंटी दे दी, जिसमेँ से गांड ओपेन रहते है पीछे से। वो उसे पहनकर देखने के लिए पीछे मेरे घर पर आ गयी। मैँ उसका वेट करने लगा। वो बाहर आयी और बोली उसे यह पसन्द है लेकिन यह थोडी अजीब है। मैँने देखा उसकी पैंटी उसके हाथ मेँ है। वो उसे हिला हिला कर मुझसे बात कर रही थी। मुझे लगा वो मुझे चिढा रही है। फिर मैँने उसकी पैंटी हाथ मेँ ले लिया और उसे देखने लगा। वो बहु मुलायम थी और उसमेँ उसके एक दो झांट के बाल भी थे। मैँने वो बाल निकाले और उसे दिखाये तो वो शर्मा गयी। बस फिर क्या था मेरा लंड डांस करने लगा और मैँ उसे अन्दर चलने को कहा।

अन्दर आ कर मैँने दरवाजा बन्द कर लिया। उसने मुझे घूरते हुए पूछा कि दरवाजा क्योँ बन्द कर दिया तो मैँ बोला कि उसे पैंटी के गुप्त रहस्य स्खाने हैँ। फिर मैँने उसकी शौर्ट निकालने को कहा। उसने थोडा सोचा और फिर निकाल दिया अपनी शौर्ट पैंट को। कातिल हसीना की तरह वो चलते हुए आईने के सामने आ कर खडी हो गयी। उसकी गोरी गोरी गांड लगता था अब फिर ही जायेगी। क्या भारी भारी भरकम गांड थी। मैँने उसकी गांड छुआ तो वो चिहुंक गयी। उसे करंट लगा। लेकिन मज़ा भीआया। फिर वो मेरे लंड को देखकर बोली यह क्या हुआ यहाँ पर। मैँने कहा कि यह इंजेक्शन है। तो वो स्माईल दी और अपनी गांड मेरे सामने करके खडी हो गयी।

मैँ पीछे से गया और उसकी गांड पर अपना 10'' का लंड पैंट से निकालकर रगडने लगा। वो बोली अच्छे से इंजेक्शन लगाना। मैँ बोला डरो मत मैँ एक्सपर्ट हूँ। फिर मैँने उसकी टी शर्ट और अपने बाकी कपडोँ को निकाल दिया। वो ब्रा पैंटी मेँ थी और मैँ एकदम नंगा। मैँने उसे ब्रा से भी मुक्ति दे दी तो वो खुद ही पैंटी निकाल कर सामने आ गयी। बदे बेशर्म थी वो तो। फिर वो झुकी और मेरे लंड को पकड कर सहलाने लगी और लंड को हूसने लगी। एक्सपर्ट लग रही थी वो। पूरा का पूरा लंड वो गले तक निगल रही थी। जैसे कोई लौलीपौप हो। मुझे लगा मैँ छोट जाऊंगा तो मैँने उसे रोका और फिर अपने गोद मेँ बैठने को कहा। वो आ गयी और अपनी गांड को मेरे लंड पर घिसने लगी। मुझे असीम मज़ा आने लगा। मैँने उसकी गोलमटोल चूची को पकड कर चूसने और चातने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चूत की दरारोँ को सहलाने लगा। वो पनिया गयी थी बुरी तरह से। फिर वो बोली लुछ करो ना। मैँने उसे अपने मुँह पर बैठने को कहा। वो अपनी चूत को मेरी जीभ पर सटाकर बैठ गयी और लगी रगडने अपनी चूत को मेरे फेस पर। वो बावली होती जा रही थी। और मेरे लंड को पकड कर मरोड रही थी। ऐसे जैसे तोड ही देगी।

किसी तरह वो जीभ पर चूत को घिसती रही और फिर अचान से सिसियाने लगी और बोली बस अब मैँ जानेवाली हूँ। कह कर उसने तपाक से अपनी चूत को मेरे खडे लंड पर ले कर कूद गयी और मेरा पूरा लंड एक ही बार मेँ उसकी चूत मेँ घुस गया। वो चिल्ला उठी। और झरने लगी। और मुझे कस कर पकड कर वैसे ही बैठी रही। मुझे लगा इसका हो गया अब मेरा भी कुछ होना चाहिये और ऐसी कई लडकियाँ मैँ चोद चुका हूँ यह सोच कर मैँने भी नीचे से धक्के लगाने शुरु किये।

वो सिसिया उठी। मेरे छाती के बाल नोचने लगी वो। मैँने भी उसकी चूची और निप्पल को पकड कर उससे खेलना शुरु कर दिया। वो फिर से गर्म होने लगी। और अचानक से उतर गयी मेरे लंड के ऊपर से और गांड फैला कर कुतिया बन गयी। मैँने अपने लसलसा गये लंड को सहलाया और उसके पीछे आ गया और फिर लगा चूत पर पीछे से लंड रगडने लेकिन उसने लंड को हाथ से पकडा और हटा कर सीधे अपनी गांड के सुराख पर टिका दिया। मैँ चकित हो गया। तो उसने खुद गांड को ठेलना चालू कर दिया पीछे की ओर। लंड तो चिकना हो ही गया था और उसकी गांड भी मस्त थी इसलिये मैँने उसकी कमर को पकडा और दबा दिया और लंड मेरा कचकचा कर घुस गया अन्दर पूरा। वो तकिये मेँ मुँह चिइपा कर चिल्ला उठी। मैँ उसकी चूची म्सलने लगा तो उसे थोडा आराम मिला। फिर वो खुद धीरे धीरे गांड को रगडने लगी और मेरे लंड को अन्दर बाहर करने लगी अपनी गांड के अन्दर। मुझे लगा जैसे यह उसकी अनचुदी गांड है। मैँने थोडा ताकत लगा लगा कर उसकी गांड को पेलना शुरु किया। जैसे किसी रेस मेँ घोडा दौडा रहा हूँ। वो फिर से सिसियानए लगी और चिल्लने लगी। मुझे नहीँ पता था कि यह एक गांडू लडकी है। अचांक से वो निकल कर आगे आ गयी और मुझे लिटा कर मेरे लंड पर अपनी गांड टिकाकर बैठ कर कूदने लगी और गांड मरवाने लगी। मैँ तो भौंचक्का रह गया। यह मेरी कल्पना मेँ दूर दूर तक नहीँ था। वो जैसे चुडैल हो गयी हो वैसे बाल खोलकर मुझे चोदे जा रही थी और पागलोँ की तरह अपने चूत को रगड रही थी। मुझसे यह सब देखा नहीम गया और मैँने उसे नीचे लिटाया और लगा अपने लंड को कभी उसकी गांड मेँ डालने तो कभी उसकी चूत मेँ। आह असीम आनन्द आ गया।

कई लडकियाँ चोद चुका हूँ लेकिन यह तो अब तक की सबसे बेस्ट लडकी थी। माल थी एकदम फटाक। जान निकाल रही थी चुदाई मेँ। मुझे लगा अब मुझे भी जल्दी से पानी निकाल देना चाहिये नहीँ तो बेचारी थक जायेगी। इसलिये मैँ ज़ोरदार चुदाई करने लगा। थोडी देर मेँ मेरा लंड पानी छोड दिया उसकी चूत मेँ और हम दोनोँ ढेर हो गये।
 
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