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Pyaar Kiya Toh Darna Kya

हेलो दोस्तो। मेरा नाम ऋषिकेश (उम्र २१) है और मैं बॉम्बे का रहने वाला हूँ। मैंने इस कहानी में कुछ दिन पहले मेरे साथ हुई एक घटना के बारे में लिखा है।

हुआ यूँ कि मैं अपने कमरे में बैठकर जवान और नंगी लड़कियों की तस्वीरें देखकर अपना लौड़ा हिला रहा था। तभी मैंने मेरे कमरे की तरफ़ माँ के चलकर आने की आहट सुनी।

मैंने जल्दी से कँबल अपने ऊपर ओढ़ लिया और मोबाइल पर कुछ पढ़ने की एक्टिंग करने लगा। माँ मेरे कमरे में आकर मुझसे कहने लगी-

[माँ:] बेटा सुन, मैं सुकन्या के घर जा रही हूँ। वह मुझे आज एक नई पाक विधि सिखाने वाली है। तू ज़रा किराने की दूकान में जाकर यह सब सामान लेकर आ। डिनर बनाने के लिए मुझे इन वस्तुओं की आवश्यकता होगी।

[मैं:] माँ तू घर आते वक़्त यह सब सामान लेकर आ जाना। वैसे भी तू बाहर ही जा रही है।

[माँ:] अरे उस किराने की दूकान में आजकल सेठजी की जग़ह कोई दूसरा बैठता है। वह गंदी नज़र से औरतों को ताड़ता रहता है, उसके पास मैं नहीं जाऊँगी। सेठजी के आने तक तुझे ही वहाँ से सामान लाना होगा।

मैं माँ से सामान की सूची और पैसे लेकर घर से बाहर निकला। माँ भी मेरे पीछे-पीछे घर का दरवाज़ा बंद करके दूसरी तरफ़ चली गई। किराने की दूकान में पहुँचकर मैंने एक-एक करके सभी सामान ले लिए थे।

फिर मुझे याद आया की बॉडी लोशन ख़तम हो गया है। मैं अपने लौड़े पर बॉडी लोशन लगाकर ही उसे हिलाता हूँ। बॉडी लोशन लेने के लिए मैं जब दूसरे सेक्शन में पहुँचा, तब मैंने एक लड़की को शेल्फ़ से महँगी वाली चॉक्लेट अपनी ज़ेब में भरते हुए देखा।

मैंने अपना मोबाइल फ़ोन निकालकर उस लड़की का वीडियो क़ैद करना शुरू किया। थोड़ी देर बाद, हम दोनों किराने की दूकान से बाहर निकल गए। मैंने उस लड़की को रोका और उसे अपने मोबाइल में क़ैद किया हुआ वीडियो दिखाया।

वीडियो देखते ही उस लड़की की गाँड़ फ़ट गई और उसने चॉक्लेट के २-३ पैकेट को ज़मीन पर गिरा दिया। उस लड़की का बदन का नक्शा सुडौल था, ठीक वैसे ही जैसे मैंने अपने मोबाइल पर नंगी लड़कियों की तस्वीरें देखीं थी। मैंने उसे ब्लैकमेल करने का सोचा।

[मैं:] इतनी बड़ी हो गई हो फिर भी चोरी करते शर्म नहीं आती क्या?

[लड़की:] देखो, मैं क्या करती हूँ उससे तुम्हें क्या मतलब?

[मैं:] मैं तो तुम्हारा वीडियो सोशल मीडिया में ड़ालकर तुम्हें प्रसिद्ध करने की सोचा रहा हूँ। बोलो, वीडियो डाल दू?

[लड़की:] देखो ऐसा मत करो नहीं तो अब्बू खाली फ़ोकट मुझे मरेंगे।

मैंने उस लड़की को अपने इरादे के बारे में बताया। मेरी बात सुनकर वह लड़की नख़रे करने लगी। मैं अपनी बात पर अड़ा रहा और उसे सोचने का मौका दिए बग़ैर उसके कंधे पर हाथ रख दिया और हल्के से दबाना शुरू किया।

मैं उस लड़की को अपने घर पर लेकर आया। माँ को आने में वक़्त था इसलिए मुझे किसी बात की चिंता नहीं थी। मैंने उस लड़की से उसका नाम पूछा।

उसने मुझे अपना नाम निगार मोहम्मद बताया। उसके साथ थोड़ी प्यार भरी बातें करते वक़्त पता चला कि वह १९ साल की है और उसकी सील अभी तक टूटी नहीं थी। मैंने पलँग पर एक सफ़ेद टॉवल बिछा दिया और अपना मूड बनाने लगा।

मैंने निगार की पतली कमर को पकड़कर अपने बाहों में भर लिया। निगार की छोटी चूचियों को अपनी छाती से दबाकर मैं उसके होंठों को चूसने लगा।

निगार को मैंने उसकी गाँड़ से पकड़कर उठा लिया और पलँग पर लेटा दिया। उसकी जीन्स पैंट खोलकर मैं उसकी जाँघों को होंठों से चूमने लगा। वह भी मूड में आकर मस्त और गरम हो रही थी।

मैंने निगार की पैंटी उतार फेंकी और उसकी साफ़ गुलाबी चूत को चाटने लगा। वह ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी थी।

मैंने निगार के पैर उठाकर उसकी चूत को अच्छी तरह चाटना शुरू किया था। उसकी चूत की पँखुड़ियों को फैलाकर मैं अपनी ज़ुबान को चूत के अंदर-बाहर करने लगा था। निगार की हल्की-हल्की चीख़ें निकलने लगी थी।

फिर मैंने निगार का टी-शर्ट और ब्रा उतार दी और उसकी चूचियों को पकड़कर दबाने लगा। निगार के भूरे रंग के निप्पल को एक-एक करके चूसकर उसे मैंने उत्तेजित कर दिया। निगार का गोरा और चिकना जिस्म देखकर मेरा लौड़ा तनकर खड़ा हो गया था।

मैंने अपना लौड़ा निगार के मुँह में डालकर उसे अच्छे से चुसवाकर टाइट करने लगा। फिर उसकी जवान चूत को देखकर मुझसे रहा नहीं गया। निगार के पैरों को मैंने अपने कंधों पर रख दिया और उसके पैर फैला दिए।

अपने लौड़े को उसकी चूत के अंदर घुसाकर मैंने ज़ोर से धक्का मार दिया। निगार मेरे हाथों को दबाकर ज़ोर से चिल्ला उठी। जैसे ही मैंने अपने लौड़े को निगार की चूत से बाहर निकाला उसकी चूत से ख़ून निकलने लगा।

थोड़ा-सा ख़ून सफ़ेद टॉवल पर गिरा और बचा-खुचा ख़ून मेरे लौड़े पर। मैंने टॉवल से निगार की चूत को साफ़ किया और दूसरा टॉवल निकालकर अपने लौड़े को भी साफ़ किया।

अपनी ज़ुबान से निगार की चूत चाटने के बाद मैंने अपने लौड़े को उसकी चूत में धीरे से गुसाकर अंदर-बाहर करने लगा। ऐसे करते हुए मैंने ठुकाई की रफ्तार को बढ़ा दिया था। निगार चिल्ला-चिल्लाकर मज़े ले रही थी।

मैं भी उत्साहित होकर उसकी चूचियों को दबाने लगा। थोड़ी देर बाद, मैं निगार के ऊपर चढ़कर उसके होंठों को चूसकर उसकी चुदाई करने लगा।

निगार के मुँह से गरम साँसे निकलने लगी थी जो मुझे मदहोश कर रही थी। मैंने उसके गले को पकड़कर सहारा लिया और अपने लौड़े को जोर-ज़ोर से उसकी चूत के अंदर घुसाने लगा।

कुछ समय बाद, मैंने निगार को अपने ऊपर उल्टा लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। निगार मेरे तनकर खड़े लौड़े को अच्छी तरह से चूस रही थी। उसने अपनी गाँड़ को मेरी नाक की नोक पर रखकर रगड़ना शुरू किया।

मैं निगार की गाँड़ की छेद में अपनी ज़ुबान अंदर तक घुसाकर उसे चाटने लगा। साथ ही साथ, मैं अपनी उँगलियों से उसकी चूत को भी रगड़ रहा था। निगार अपने पैरों के बल उछलकर अपनी गाँड़ मेरे मुँह पर घिस रही थी।

मेरे लौड़े को हिलाते हुए निगार ने अपनी गाँड़ को मेरे चहरे पर तेज़ी से घिसना शुरू कर दिया था। मैंने उसकी गाँड़ को पकड़ा और उसमें थूक मारकर उसे चाटने लगा। निगार उत्तेजना के कारण अपनी गाँड़ को हिलाने लगी थी।

कुछ समय बाद, मैंने निगार को कुतिया बनाकर पलँग पर लेटा दिया। मैंने अपने लौड़े की नोक को निगार की गाँड़ की छेद पर रखा और गाँड़ की दरार पर रगड़ने लगा। तभी निगार मेरा लौड़ा पकड़कर कहने लगी।

[निगार:] मुझमें इतनी शक्ति नहीं है। कम से कम मेरी गाँड़ पर तो थोड़ा रहम करों। मैं उसमें से सिर्फ़ टट्टी निकालती हूँ।

मैंने भी निगार की बात सुनकर उसकी चूत पर अपना लौड़ा घिसकर अंदर घुसा दिया और उसकी कमर पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से उसकी चुदाई करने लगा। निगार चिल्लाकर अपनी हवस को व्यक्त कर रही थी। मैं आगे झुक गया और निगार की चूचियों को पकड़कर उन्हें दबाने लगा।

मैं पलँग पर बैठ गया और निगार को मेरे लौड़े पर बिठा दिया। उसको जाँघों से पकड़कर मैंने उसे उठाया और अपने लौड़े पर उछालने लगा। कुछ देर बाद, पैरों के बल बैठकर निगार खुद मेरे लौड़े पर उछलने लगी थी।

मैं पलँग पर लेट गया। निगार को मेरे ऊपर चढ़ाकर मैंने उसकी चूत पर अपना लौड़ा घिसना शुरू किया। निगार ने उत्तेजित होकर मेरे लौड़े को पकड़ा और अपनी चूत के अंदर घुसा दिया।

निगार मेरे लौड़े पर अपनी गाँड़ उछाल-उछालकर चिल्ला रही थी। मैंने उसके हिलते हुए चूचियों को पकड़कर दबाया और निगार का उत्साह बढ़ा दिया।

निगार के निप्पल को पकड़कर खींचने पर वह ज़ोर से चीख़ने लगी थी। मैं निगार की चीख़ों से उत्साहित होकर उसे अपने गले से लगा लिया। फिर उसकी गाँड़ को पकड़कर चोदने लगा।

मैं तेज़ी से अपने लौड़े को निगार की चूत में घुसा रहा था। थोड़ी देर रुककर मैंने निगार की गाँड़ की छेद में अपनी उँगली घुसाकर अंदर-बाहर करने लगा।

अपनी उँगली को गाँड़ की छेद से निकालकर मैंने उसे निगार के मुँह में डाल दिया। निगार ने मेरी उँगली को अच्छे से चाटकर साफ़ किया। फिर मैं उसके मुँह में थूक मारकर सारा पानी पी गया।

मेरे लौड़े का पानी निकलने वाला था, इसलिए मैंने ज़ोर-ज़ोर से चुदाई करनी शुरू कर दी। कुछ समय बाद, मैं निगार की छाती पर चढ़कर बैठ गया और अपने लौड़े को हिलाने लगा। अपने लौड़े को ज़ोर-ज़ोर से हिलाते हुए मैंने लौड़े का पानी निगार के चेहरे पर निकाल दिया।

निगार को बाथरूम में ले जाकर मैंने उसके बदन को अच्छी तरह पानी से साफ़ किया। उसे कपड़े पहनाकर मैं पार्क में ले गया। उसके साथ प्यार भरी बातें करके मैंने उसे पटा लिया। अब वह मेरी गर्लफ्रेंड बन गई है।
 
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