सेक्सी भाभी के मुहं के अंदर मेरा वीर्य निकला और मुझे लगा की गुलशन अब दूकान बंध होगी भाभी को और हमें रास्ता नापना होंगा. सुमन भाभी ने मुहं के अंदर ही वीर्य रहने दी और वो बूंद बूंद कर के वीर्य को अपने गले में उतार गई. उसके कड़े चुंचे मेरे लौड़े को ताक रहे थे जैसे; वो झुके तो ऐसे ही थे. सुमन भाभी ने अपने चुंचे एक बार अपने हाथो से दबाये और मुझे पूछा, "गुलशन चाय पिओगें तुम.?"
मैंने कहा, "अरे भाभी ऐसे में क्यों कष्ट करेंगी आप चाय बनाने का."
भाभी ने चाय पिला के मेरा लंड चूसा
सुमन भाभी ने मुझे गाल के ऊपर मारते हुए कहा, "नहीं गुलशन मेरी सास मेरे लिए चाय बना के थर्मोस भर के गई हैं. कप में निकालनी हैं बस." इतना कह के वो खड़ी हुई और थर्मोस से उसने दो कप भर के चाय निकाली. वो मेरे पास बैठी और हम लोग चाय की चुस्कियां ले रहे थे. भाभी ने फट से अपनी चाय ख़तम की और वो बोली की मैं मूत के आती हूँ. दो मिनिट बाद जब भाभी संडास घर से बहार निकली तो उसने अपने ऊपर के सारे कपडे उतार रखे थे. उसके उभरे हुए चुंचो में एक जान सी आई हुई थी जैसे की. भाभी मेरे पास आई और एक बार फिर मेरे पास बैठ के मेरे लंड को पकड़ने लगी. मैंने समझ गया की भाभी की नियत में आज खराबी हैं. उन्होंने मेरे लंड को पकड़ के उसके सुपाड़े को दबाया और उसके ऊपर हलके से किस दे दी. मैंने समझ गया की भाभी मेरे लंड को तैयार कर रही हैं. लेकिन थोड़ी देर पहले तो उसने अपनी चूत में लंड लेने से मना किआ था मुझे. मैंने सोचा शायद उसका इरादा बदल गया होंगा.! भाभी ने अपने मुहं को खोला और लौड़े को अपने मुहं में ले के वो उसे चुम्मे देने वाली स्टाइल में चूसने लगी. इस सेक्सी भाभी के चुंचे मेरी जांघो को छू रहे थे. मुझे लगा की यह स्तन रोज के मुकाबले आज कुछ ज्यादा ही चिकने थे. और मेरी नजर उनके ऊपर पड़ी तो मैंने देखा की भाभी ने अपने स्तन के ऊपर यह चिकनाहट लगाई हुई थी. उसके चुंचो के बिच में कुछ तेल लगा हुआ था. ओह अब मैं समझा; भाभी को अपने चुंचे चुदवाने होंगे मेरे लौड़े से तभी तो वो उन्हें चिकने कर के आई हुई थी. मैं उनके स्तन के बिच में लौड़ा देने के ख्याल मात्र से उत्तेजित हो रहा था. सुमन भाभी ने अब अपने गले तक मेरे लंड को लिया. धीरे धीरे करते हुए मेरा लौड़ा कब पूरा तन गया जैसे की पता ही नहीं चला. सुमन भाभी ने अब मेरे लंड को अपने मुहं से बहार निकाला. वो उठ खड़ी हुई और फिर से संडास की और गई. संडास के पास के बाथरूम से वो बहार आई और उसके हाथ में एक बोतल थी छोटी सी.
मैंने देखा की उसके अंदर बच्चो की मालिश करने वाला डाबर का लाल तेल था. सुमन भाभी ने बोतल के ढक्कन को हटा के अपने हाथ में 10-20 बुँदे तेल की ली. अब उसका हाथ मेरे 8 इंच के लौड़े के ऊपर चलने लगा. जी हाँ भाभी तेल से मेरे लंड की मसाज कर रही थी. वाऊ बड़ा मजा आ रहा था मुझे भाभी के छुने मात्र से भी और यहाँ तो भाभी मेरे लौड़े को तेल से मसल रही थी. तभी भाभी अपना मुहं मेरे लौड़े के ऊपर ले के आई. उसने मुहं खोला और मेरे लंड के ऊपर बहुत सा थूंक दिया. अब मेरे लंड के ऊपर दोहरी चिकनाहट थी; भाभी के थूंक की और डाबर लाल तेल की. भाभी ने मेरे लंड को थोडा और मसला और फिर वो लंड को अपने चुंचे के पास ले आई. उसने अपनी कड़ी हुई निपल के ऊपर जैसे ही मेरे लंड को रखा मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आया था उस वक्त. भाभी ने बारी बारी अपने दोनों चुंचे की निपल्स को मेरे लंड के ऊपर घिसा और वो मेरी तरफ देख के बोली, "क्यों गुलशन मजा आ रहा हैं?"
भाभी के चुंचे चोद दिए
मैंने आँखे बंध कर के कहा, "अरे भाभी आपने चुंचे तो चूत से भी बड़े कातिल हैं."
भाभी खी खी करते हुए हंस पड़ी और उसने अपने बड़े चुंचो को अपने हाथो से पकड़ा. और फिर उसने दोनों चुंचो के बिच में मेरे लंड को रख दिया. वो बोली, "गुलशन चोद दे मेरे चुंचो को प्लीज़. उनके अंदर ही बहुत खुजली होती हैं आजकल तो."
मैं उठा और मैंने भाभी के कंधे दोनों साइड से पकड़ लिए. भाभी ने लौड़े के ऊपर चुंचो का सही प्रेशर पहले से ही बनाया हुआ था. मैंने अपनी गांड को आगे पीछे करनी चालू की और मेरे लौड़े को भाभी के चुंचो के बिच में आगे पीछे करने लगा. तेल और थूंक की चिकनाहट मेरे लौड़े को बड़ा मजा दे रही थी. भाभी अपने चुंचे पकड़ पकड़ के मेरे लौड़े के ऊपर मसल रही थी. बहुत ही मजा आ रहा था. भाभी ने अपने चुंचे और भी जोर से दबाये और मेरे लौड़े के ऊपर और भी प्रेशर आ गया.
आह आह की आवाजें निकाल के भाभी और भी जोर से अपने चुंचे हिला रही थी. मुझे जो मजा आ रहा था वो चूत की और गांड की चुदाई से भी ज्यादा मजेदार था. सुमन भाभी चुंचो को दोनों हाथ से मसल मसल के मेरे लंड के मसल्स को अजब मजा दे रही थी और मैं उसके स्तन को बड़े सेक्सी तरीके से चोद रहा था. और तभी मेरी पिचकारी निकल पड़ी. थोडा वीर्य भाभी के मुहं और नाक के ऊपर जा गिरा और बाकी का सभी वीर्य मैंने लंड हिला के भाभी के स्तन पर खाली कर डाला. सुमन भाभी ने अपने हाथों से वीर्य ले के चाट लिया और लंड के सुपाड़े को चूस के एक एक बूंद अपने गले में गटक ली. उसने कपडे पहले और मैंने भी अपने लंड को पेंट में कैद कर लिया. भाभी ने मुझे सास के ना होने पे जरुर बुलाने का वादा किया और मुझे एक किस दे के वहाँ से विदा कर दिया...!
मैंने कहा, "अरे भाभी ऐसे में क्यों कष्ट करेंगी आप चाय बनाने का."
भाभी ने चाय पिला के मेरा लंड चूसा
सुमन भाभी ने मुझे गाल के ऊपर मारते हुए कहा, "नहीं गुलशन मेरी सास मेरे लिए चाय बना के थर्मोस भर के गई हैं. कप में निकालनी हैं बस." इतना कह के वो खड़ी हुई और थर्मोस से उसने दो कप भर के चाय निकाली. वो मेरे पास बैठी और हम लोग चाय की चुस्कियां ले रहे थे. भाभी ने फट से अपनी चाय ख़तम की और वो बोली की मैं मूत के आती हूँ. दो मिनिट बाद जब भाभी संडास घर से बहार निकली तो उसने अपने ऊपर के सारे कपडे उतार रखे थे. उसके उभरे हुए चुंचो में एक जान सी आई हुई थी जैसे की. भाभी मेरे पास आई और एक बार फिर मेरे पास बैठ के मेरे लंड को पकड़ने लगी. मैंने समझ गया की भाभी की नियत में आज खराबी हैं. उन्होंने मेरे लंड को पकड़ के उसके सुपाड़े को दबाया और उसके ऊपर हलके से किस दे दी. मैंने समझ गया की भाभी मेरे लंड को तैयार कर रही हैं. लेकिन थोड़ी देर पहले तो उसने अपनी चूत में लंड लेने से मना किआ था मुझे. मैंने सोचा शायद उसका इरादा बदल गया होंगा.! भाभी ने अपने मुहं को खोला और लौड़े को अपने मुहं में ले के वो उसे चुम्मे देने वाली स्टाइल में चूसने लगी. इस सेक्सी भाभी के चुंचे मेरी जांघो को छू रहे थे. मुझे लगा की यह स्तन रोज के मुकाबले आज कुछ ज्यादा ही चिकने थे. और मेरी नजर उनके ऊपर पड़ी तो मैंने देखा की भाभी ने अपने स्तन के ऊपर यह चिकनाहट लगाई हुई थी. उसके चुंचो के बिच में कुछ तेल लगा हुआ था. ओह अब मैं समझा; भाभी को अपने चुंचे चुदवाने होंगे मेरे लौड़े से तभी तो वो उन्हें चिकने कर के आई हुई थी. मैं उनके स्तन के बिच में लौड़ा देने के ख्याल मात्र से उत्तेजित हो रहा था. सुमन भाभी ने अब अपने गले तक मेरे लंड को लिया. धीरे धीरे करते हुए मेरा लौड़ा कब पूरा तन गया जैसे की पता ही नहीं चला. सुमन भाभी ने अब मेरे लंड को अपने मुहं से बहार निकाला. वो उठ खड़ी हुई और फिर से संडास की और गई. संडास के पास के बाथरूम से वो बहार आई और उसके हाथ में एक बोतल थी छोटी सी.
मैंने देखा की उसके अंदर बच्चो की मालिश करने वाला डाबर का लाल तेल था. सुमन भाभी ने बोतल के ढक्कन को हटा के अपने हाथ में 10-20 बुँदे तेल की ली. अब उसका हाथ मेरे 8 इंच के लौड़े के ऊपर चलने लगा. जी हाँ भाभी तेल से मेरे लंड की मसाज कर रही थी. वाऊ बड़ा मजा आ रहा था मुझे भाभी के छुने मात्र से भी और यहाँ तो भाभी मेरे लौड़े को तेल से मसल रही थी. तभी भाभी अपना मुहं मेरे लौड़े के ऊपर ले के आई. उसने मुहं खोला और मेरे लंड के ऊपर बहुत सा थूंक दिया. अब मेरे लंड के ऊपर दोहरी चिकनाहट थी; भाभी के थूंक की और डाबर लाल तेल की. भाभी ने मेरे लंड को थोडा और मसला और फिर वो लंड को अपने चुंचे के पास ले आई. उसने अपनी कड़ी हुई निपल के ऊपर जैसे ही मेरे लंड को रखा मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आया था उस वक्त. भाभी ने बारी बारी अपने दोनों चुंचे की निपल्स को मेरे लंड के ऊपर घिसा और वो मेरी तरफ देख के बोली, "क्यों गुलशन मजा आ रहा हैं?"
भाभी के चुंचे चोद दिए
मैंने आँखे बंध कर के कहा, "अरे भाभी आपने चुंचे तो चूत से भी बड़े कातिल हैं."
भाभी खी खी करते हुए हंस पड़ी और उसने अपने बड़े चुंचो को अपने हाथो से पकड़ा. और फिर उसने दोनों चुंचो के बिच में मेरे लंड को रख दिया. वो बोली, "गुलशन चोद दे मेरे चुंचो को प्लीज़. उनके अंदर ही बहुत खुजली होती हैं आजकल तो."
मैं उठा और मैंने भाभी के कंधे दोनों साइड से पकड़ लिए. भाभी ने लौड़े के ऊपर चुंचो का सही प्रेशर पहले से ही बनाया हुआ था. मैंने अपनी गांड को आगे पीछे करनी चालू की और मेरे लौड़े को भाभी के चुंचो के बिच में आगे पीछे करने लगा. तेल और थूंक की चिकनाहट मेरे लौड़े को बड़ा मजा दे रही थी. भाभी अपने चुंचे पकड़ पकड़ के मेरे लौड़े के ऊपर मसल रही थी. बहुत ही मजा आ रहा था. भाभी ने अपने चुंचे और भी जोर से दबाये और मेरे लौड़े के ऊपर और भी प्रेशर आ गया.
आह आह की आवाजें निकाल के भाभी और भी जोर से अपने चुंचे हिला रही थी. मुझे जो मजा आ रहा था वो चूत की और गांड की चुदाई से भी ज्यादा मजेदार था. सुमन भाभी चुंचो को दोनों हाथ से मसल मसल के मेरे लंड के मसल्स को अजब मजा दे रही थी और मैं उसके स्तन को बड़े सेक्सी तरीके से चोद रहा था. और तभी मेरी पिचकारी निकल पड़ी. थोडा वीर्य भाभी के मुहं और नाक के ऊपर जा गिरा और बाकी का सभी वीर्य मैंने लंड हिला के भाभी के स्तन पर खाली कर डाला. सुमन भाभी ने अपने हाथों से वीर्य ले के चाट लिया और लंड के सुपाड़े को चूस के एक एक बूंद अपने गले में गटक ली. उसने कपडे पहले और मैंने भी अपने लंड को पेंट में कैद कर लिया. भाभी ने मुझे सास के ना होने पे जरुर बुलाने का वादा किया और मुझे एक किस दे के वहाँ से विदा कर दिया...!