बदन देख कमाल हो गया

sexstories

Administrator
Staff member
Antarvasna, hindi sex kahani: मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही थी मैंने जब अपनी घड़ी में देखा तो उस वक्त 9:00 बज रहे थे मुझे 9:30 बजे तक अपने ऑफिस में पहुंचना था। मैं बस स्टॉप पर खड़ा बस का इंतजार कर रहा था लेकिन बस नहीं आई थी इस वजह से मैं काफी ज्यादा टेंशन में था। मैंने जब अपनी घड़ी की तरफ देखा तो उस वक्त 9:10 हो रहे थे तभी सामने से एक बस आ रही थी जैसे ही बस आई तो सब लोग बस में चढ़ने लगे। बस में चढ़ने के दौरान मेरे हाथ से मेरा मोबाइल नीचे गिर गया जिसे उठाने की कोशिश में मेरे हाथ पर भी चोट लग गयी लेकिन किसी प्रकार से मैंने अपने मोबाइल को उठा लिया और अपने जेब में रख लिया। जब मैं बस में चढ़ा तो बस में बैठने की जगह नहीं थी इसलिए मैं खड़ा ही था उसके बाद कंडक्टर मेरे पास आकर कहने लगा भाई साहब टिकट ले लो फिर मैंने उसे पैसे दिए तो उसने मुझे टिकट दे दिया मैं बस में खड़ा ही था। अगले बस स्टॉप पर बस रुकी तो वहां पर भी काफी ज्यादा भीड़ थी और भीड़ की वजह से मैं अपने फोन को भी नहीं उठा पा रहा था।

काफी देर से कोई मुझे कॉल कर रहा था लेकिन मैं फोन रिसीव नहीं कर पा रहा था जब मेरा ऑफिस आया तो मैं दूसरे बस स्टॉप पर उतर गया और वहां से मैं अपने ऑफिस गया। जैसे ही मैं ऑफिस के अंदर गया उस वक्त 9:30 बज रहे थे मैं बिल्कुल सही वक्त पर अपने ऑफिस पहुंच चुका था। मुझे इस बात की काफी खुशी थी कि मैं समय पर ऑफिस पहुंच चुका हूं मैं ऑफिस पहुंचकर अपने डैक्स पर बैठकर काम कर रहा था तो मैंने देखा कि बिल्कुल सामने ही एक लड़की बैठी हुई है मैंने उसे पहले दिन ही देखा था। मैंने जब अपने बगल में बैठे हुए अजय से पूछा कि क्या यह लड़की नई आई है तो वह कहने लगा कि हां यह लड़की आज ही आई है और उसका नाम सुधा है। सुधा से मैंने लंच टाइम में बात की और हम लोगों की 5 मिनट तक ही बात हो पाई। हम लोग ज्यादा देर तक एक दूसरे से बात नहीं कर पाए उसके बाद भी हम लोग बात करने लगे थे लेकिन सुधा काफी कम बात किया करती थी। सुधा से मुझे बात करना हमेशा ही अच्छा लगता और उसको भी मुझसे बात करना अच्छा लगता हम दोनों एक दूसरे से जब भी बातें करते तो हम दोनों को ही काफी खुशी महसूस होती मैं और सुधा एक दूसरे को समझने लगे थे। एक दिन मैंने सुधा को कहा कि क्या तुम मेरे साथ मूवी देखने के लिए चल सकती हो। मैं चाहता था कि सुधा के साथ मैं अकेले में समय बिताऊं। उस दिन सुधा मेरी बात मान गई और हम लोग मूवी देखने के लिए चले गए।

हम दोनों ने साथ में बैठकर मूवी देखी मैं काफी ज्यादा खुश था कि सुधा के साथ उस दिन मैं काफी अच्छा समय बिता पाया। उसके बाद जब भी मैं सुधा को अपने साथ कहीं चलने के लिए कहता तो वह हमेशा ही मेरी बात मान लिया करती, हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करते। ऑफिस खत्म हो जाने के बाद भी हम लोग हमारे ऑफिस के बाहर एक छोटा सा रेस्टोरेंट है वहां पर भी बैठा करते और साथ में काफी बातें किया करते। सुधा और मेरे बीच में प्यार हो चुका था मुझे यह बात अब पता चल चुकी थी कि सुधा भी मुझसे प्यार करने लगी है मैं चाहता था कि सुधा को मैं अपने दिल की बात कह दूं और फिर मैंने ऐसा ही किया। मैंने सुधा को अपने दिल की बात कही तो वह भी मेरे प्रपोज को मना ना कर सकी और वह उसके बाद से मेरे साथ रिलेशन में थी। मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया कि अब सुधा और मैं एक दूसरे के साथ रिलेशन में है हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी समय बिताया करते। हम दोनों एक ही ऑफिस में काम किया करते थे इसलिए हम लोगों को साथ में समय बिताने का मौका मिल जाता और हम दोनों को ही काफी अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में होते। हमारे ऑफिस में काम करने वाले सूरज ने हमें अपने बेटे की जन्मदिन की पार्टी में इनवाइट किया और जब उसने हम लोगों को इनवाइट किया तो हम लोग वहां पर गए। मैं और सुधा साथ में ही बैठे हुए थे हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो हम दोनों को एक दूसरे से बात करना अच्छा लग रहा था, मुझे भी सुधा से बात कर के अच्छा लग रहा था। यह बात कम लोगों को ही पता थी कि सुधा और मेरे बीच रिलेशन है लेकिन जब सुधा की फ्रेंड को यह बात पता चली तो उसने मुझसे कहा कि राहुल तुमने मुझसे कभी इस बारे में कुछ बताया नहीं। मैंने उसे कहा कि अंजलि अब तुम्हें इस बारे में मैं क्या बताता तुम ही सुधा को खुद इस बारे में पूछ लो।

अंजलि सुधा की काफी अच्छी सहेली है और वह हमारे ऑफिस में ही जॉब करती है। उस दिन हम लोगों ने पार्टी का खूब इंजॉय किया और अब यह बात हमारे ऑफिस में सब लोगों को पता चल चुकी थी कि मेरे और सुधा के बीच लव अफेयर चल रहा है। इस बात से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता था लेकिन सुधा चाहती थी कि हम लोग अपने रिलेशन को किसी के साथ शेयर ना करें परंतु अब हमारे ऑफिस में यह बात सबको पता चल चुकी थी। एक शाम मैं और सुधा डिनर पर गए और उस दिन हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया सुधा चाहती थी कि हम लोग साथ में काफी अच्छा समय बिताए इसलिए मैंने उसे डिनर पर अपने साथ चलने के लिए कहा तो वह तुरंत तैयार हो गई। काफी दिनों से हम लोग साथ में कहीं भी गए नहीं थे और यह बहुत ही अच्छा मौका था कि मैं और सुधा साथ में समय बिता पा रहे थे। हम दोनों ने डिनर करने के बाद साथ में रुकने का फैसला किया। सुधा भी मेरी बात मान चुकी थी और उसे कोई एतराज नहीं था। सुधा और मै होटल में चले गए। हम लोग जब होटल में गए थे तो पहले सुधा काफी घबराई हुई नजर आ रही थी लेकिन मैंने उसे समझाया और कहा तुम घबराओ मत। मैंने सुधा का हाथ पकड़ लिया। सुधा का हाथ मेरे हाथों में था वह काफी ज्यादा परेशान नजर आ रही थी लेकिन फिर मैंने उसके गाल पर पप्पी देते हुए कहा तुम्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है। सुधा और मैं एक दूसरे के साथ बातें कर रहे थे। हम दोनो एक दूसरे से बातें कर रहे थे लेकिन मेरे मन में तो सुधा के साथ सेक्स करने की इच्छा जाग चुकी थी। हम दोनो एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार थे। मैंने जैसे ही सुधा के कपड़े उतारकर उसके नंगे बदन को देखा तो वह मुझे कहने लगी तुम मेरी ब्रा उतार दो। मैंने सुधा कि ब्रा को उतार फेंका। मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया वह सिसकारियां लेने लगी थी वह अपने पैरों को आपस में मिलाने की कोशिश करने लगी जिस से मुझे मजा आने लगा था और उसे भी बहुत ज्यादा मजा आया। मैंने और सुधा ने एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स करने का मन बना लिया था। मैंने सुधा को पूरी तरीके से गर्म कर दिया था और वह बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। सुधा और मैं एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो चुके थे। मैंने जब सुधा के सामने अपने लंड को किया तो वह शर्मा रही थी लेकिन फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और सहलाने लगी।

जब वह अपने कोमल हाथों से मेरे लंड को सहला रही थी तो मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था और उसे भी बहुत मजा आने लगा था। अब हम दोनों ही बहुत ज्यादा गर्म होने लगे थे। मैं सुधा की योनि को चाट रहा था तो वह मुझे कहती मुझे अच्छा लग रहा है। वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेना चाहती थी इसलिए हम लोगों ने 69 पोजीशन में दूसरे के साथ मजे लेने का फैसला किया। मेरा लंड सुधा के मुंह में था और मै उसकी चूत का रसपान जमकर कर रहा था। मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लगा जब मै उसकी चूत को चाटे जा रहा था। हम एक दूसरे के साथ 69 का मजा ले रहे थे। मैंने जब उसकी चूत में लंड को घुसाया तो मेरा लंड सुधा की योनि के अंदर धीरे धीरे करके प्रवेश होने लगा। मेरा लंड सुधा की योनि में प्रवेश हो चुका था और वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने उसे कहा अच्छा तो मुझे भी लग रहा है जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो उसके मुंह से चीख निकली और वह कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। हम दोनों एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे उसकी योनि से खून निकलने लगा था लेकिन वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी। वह मुझे कहती मुझे तुम मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो।

मैंने उसे बहुत देर तक धक्के दिए जिसके बाद मेरा वीर्य पतन होने वाला था। मेरा वीर्य अब मेरे अंडकोषो से बाहर की तरफ आ चुका था। मेरा वीर्य जब सुधा की चूत के अंदर गया तो मुझे मजा आ गया। वह कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है। जिस प्रकार से मैंने और सुधा ने एक दूसरे के साथ सेक्स संबंध बनाए थे उससे हम दोनों ही काफी खुश थे लेकिन सुधा चाहती थी मैं उसके साथ दोबारा से शारीरिक संबध बनाऊ। उसने मेरे लंड को हिलाना शुरू किया और मेरा लंड दोबारा से तन कर खड़ा हो चुका था। वह उसकी योनि में जाने के लिए तैयार था मैंने जब उसकी योनि में अपने लंड को डालकर उसकी इच्छा को पूरा करने की कोशिश की तो वह मेरा साथ देने लगी और मुझे काफी ज्यादा मजा आ रहा था। मैंने और सुधा ने एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स किया और हम लोगों ने एक दूसरे की इच्छा को पूरा किया। अब हम दोनों की इच्छा पूरी हो चुकी थी इसलिए हम दोनों साथ में लेटे हुए थे।
 
Back
Top