बीबी की चूत अलग तरीके से

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भोरहरी में चूत

भोरहरी में चूत मारने का मजा ही कुछ और है। और अगर बीबी सेक्सी हो तो क्या कहने। श्रेया मेरी बीबी है, चुदेली रहने वाली हमेशा लंड को चूसने के लिए तैयार गांड मराने के लिए पैसनेट और चूंचे चुसवाने को कुछ भी कर सकती है। तो आइये आज आपको बताएं कि कल रात को क्या हुआ। वैसे रात को मैं तीन बार तो रोज ही चोदता हूं और फिर हम सो जाते हैं

कल रात को मैने उसे नौ से बारह बजे के बीच ब्लू फिल्म दिखा के खूब चोदा, इसके बाद मैने उसको अपना लंड चटा के सुला दिया। रात भोरहरी में तीन बजे मेरा लंड अकड़ गया, जब जगा तो देख रहा हूं बीबी का पेटी कोट् उपर उठा हुआ और गांड दिखती हुई

काली काली गांड के छेद और गोरे गोरे नितंबो को देख कर मन ललच उठा, सच तो है कि लंड पहले से खडा था और अब उसे दिख गया था चारा तो फिर चोदे बगैर कैसे रहे बेचारा।

मैने उसकी गांड की गोलाइयों को सहलाया, हल्के हल्के मख्ख्न की तरह मुलायम नितम्बों को चूमा और फिर धीरे से उसकी गांड में उंगली करने लगा।

उसेलगा वह सपना देख रही है, उसने अपनी होठ गोल किये और सीटी बजाते हुए बोलने लगी " गाँड मारे चूतिया चूत चोदे शैतान!! अरे साला, इ तो उल्टा बोल रही है, हमने दुरुस्त किया, नहीं बे चूत मारे चूतिया, गांड मारे शैतान, पर वो फिर बड़बड़ाने लगी।

मैक्ने कहा मेरी जान, ऐसे न मानोगी ये लो लंड और फिर अपने लंड के सुपाड़े पर हल्का सा तेल लगाया, सरसों का जो हाल में गांव से मंगाया था। मल के सुपाड़े को सहलाके और टनका के उसके गांड के दरवाजे पर रखा।

उसकी काली गांड के मुहाने पर मेरा काला नाग जैसा लंड ऐसे सुशोभित हुआ जैसे कि कोई गजराज अपने जंगल में घुसने से पहले जयकारा लगाता हो। मैने उसको सीधा निशाने पर रखा और अपनी बीबी श्रेया की गांड पकड़ कर के उसके सीधे अंदर को धक्का मारा, लंड चीरता हुआ अंदर घुसा और वो बड़बड़ाती रही। चू.. मारे शैतान....

तभी मुझे हल्का सा शक हुआ, वो जगी तो नहीं थी कहीं। लंड गांड में पेवस्त हो चुका था, और चूत बेचारी टुकुर टुकुर ताक रही थी। ऐसे में मैने उसके ब्लाउज का बटन खोल दिया और उसके मस्त मस्त अनार की तरह गोरे गोरे मखमली चूंचों के काले काले निप्पलों को किसी नीबू की तरह से मसलने लगा। अब तो उसे जाग जाना चाहिए था।

पहले गांड का मजा

पर वो शैतानी कर रही थी। गांड में इतना मोटा लंड लेने के बाद स्तन को मसले जाने के बाद भी वो किसी जाम्बी की तरह रियेक्ट कर रही थी। मैने अब आधा लंड पेल दिया अंदर। फिर भी कोई फरक नहीं। हद है, इस बार जड़ तक घुसा दिया और दो उंगलियां जोड़ कर उसके फुद्दी में अंदर कर दीं। वह शुगबुगाई पर हिली नहीं

मैं समझ गया रानी आज पैसिव रहने वाली थी इसलिए मैने उसके गांड को चोदना जारी रखा, चूत में उंगली करते हुए मैने उसको गीला रखा। साथ में कभी उसके बाएं चूंचे को चूसता कभी दाएं चूंचे को चूसता। वह मस्ती में थी। धीरे धीरे उसके मुह से कराह और आह निकलने लगी थी।

और तभी मैने अपनी रानी के भगनाशा को पकड़ के खींच दिया। चूत एकदम से सनसना उठी होगी उसकी। अब मैने उसके चूत के उस दाने नुमा भाग को जिसे कि लोग भग कहते हैं, कुछ भल्गर भाशा में उसे बेल कहते हैं और कुछ टीट भी बोलते हैं, उसको मसलने लगा था। मजे मजे में वो थी, सोच रही थी मजा भी मिले और चुदाई भी हो और मेहनत भी न करनी पड़े

कामचोर कहीं कि मैने अपना लंड फिर अंदर धकेला, सुपाड़े को चूत की और गांड की बीच की दीवार के विरुद्ध ठेलते हुए जिससेकि लंड के घुसने का करीबी अहसास चूत के दीवालों पर हो। एक तरह से देखा जाए तो लंड अब चूत और गांड के बीच की दीवाल को छेदने की कोशिश कर रहा था,

मैने अपनी उंगलियों से भी चूत के अंदर में उसी जगह पर रगड़ना शुरु किया जहां गांड में से घुसे लंड के सुपाड़े का उभार आ रहा था। मेरी रानी एकदम मस्त थी, अब वो मुस्कुरा रही थी। मैं जानता था उसकी हरामखोरी पर क्या करुं दोस्तों मजा तो मुझे भी आही रहा था। ऐसे तो वो मनमानी करने नहीं देती मुझे,

अबकी बार मैने उसे एक हाथ से भगनाशा को रगड़ते हुए लंड को गांड के अंदर से उसकी फुद्दी के दीवालों पर रगड़ते हुए उंगली घुसाके चूत में से इधर से भी दबाव बनाते हुए मैं उसे असीम आनंद दे रहा था, वो मेरी शुक्र गुजार थी।

मैने पांच मिनट तक ऐसे ही किया तो उसकी चूत से तरल बहने लगा, फचफचाते हुए यह तरल माल कामरस था जो चूत के मंथन से ही प्राप्त हो सकता है और उसके लिए मेरे मोटे लंड जैसा हथियार होना जरुरी है जो कि ऐसे चूत का मान मर्दन कर सके।

सच तो ये है कि अब उसे मजा आ रहा था। वो उठ बैठी। इस गान्ड फाड़ देने वाले अतिशय मजे के साथ ही उसने मुझे चूम लिया और बोली राजा गांड तो मार ली अब चूत को भी अपने लंड के आगमन से धन्य कर दो,

मैने कहा ऐसा नहीं है जानेमन अब ऐसा नहीं करने वाला मैं। अब जो करना है तुम्हें करना है। बहुत सो कर मजा ले लिया तुमने। वो उठी और मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। सरसों का तेल लगाकर लंड को मसाज किया और फिर अपने मुह में लेकर उसको चूसने लगी। लंड एकदम राड की तरह खड़ा था और उसने मुझे सुला कर उसके उपर सवारी करनी शुरु कर दी थी।

उसका यह अंदाज बहुत पसन्द था मुझे। टाइट चूत में लंड एकदम चिपका हुआ था और वो कमर हिला हिला कर के मजे ले रही थी। ज्यादा देर तो नही पर जल्द ही वो झड़ने वाली थी दुबारा इसलिए मैने अपनी गति तेज कर दी। पंद्रह मिनट की सवारी के बाद दोनों की पिचकारी छूट गयी। बीबी की चूत निहाल हुई।
 
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