Antarvasna, hindi sex kahani: मुझे शोभित ने अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था मैं शोभित के घर तो अक्सर जाता ही रहता था लेकिन यह पहला ही मौका था जब शोभित के घर पर मैं मीनाक्षी को लेकर जाने वाला था। मीनाक्षी इससे पहले कभी भी शोभित से मिली नहीं थी और उस दिन वह सबसे पहली बार ही मिलने वाली थी। शोभित हमारे ऑफिस में ही नौकरी करता है और वह 6 महीने पहले ही हमारे ऑफिस में आया था मैं तो उसके घर अक्सर जाता ही रहता था। पहली बार जब मीनाक्षी और मैं शोभित के घर पर गए तो मैंने मीनाक्षी को शोभित की पत्नी दिव्या से मिलवाया उसे दिव्या बहुत ही अच्छी लगी और उन दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई। उस दिन शोभित ने अपने पापा मम्मी से भी हमें मिलवाया और उस रात हम लोगों ने उनके साथ ही डिनर किया और फिर हम लोग घर लौट आए थे। अगले दिन छुट्टी थी इसलिए मैं घर पर ही रहने वाला था तो मीनाक्षी मुझे कहने लगी कि महेश क्या आज आप घर पर ही हैं तो मैंने मीनाक्षी को कहा हां मीनाक्षी आज मैं घर पर ही हूं।
उसने मुझे कहा कि यदि आज आप घर पर हैं तो क्या हम लोग आज पापा मम्मी से मिल आए पापा मम्मी को मिले हुए भी काफी समय हो चुका है। मैंने भी मीनाक्षी की बात मान ली और मैं मीनाक्षी के पापा मम्मी को मिलने के लिए चला गया उनसे मिले हुए वैसे भी काफी समय हो चुका था। जब हम लोग उनसे मिलने के लिए गए तो वह काफी खुश थे उनके लिए तो यह किसी सरप्राइज से कम नहीं था हम लोग करीब 3 महीने बाद उनसे मिल रहे थे मीनाक्षी उनकी इकलौती बेटी है इसलिए वह बहुत ही ज्यादा खुश थे। उस दिन हम लोग उनके घर से शाम के वक्त लौट आए थे क्योंकि अगले दिन मुझे अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में हैदराबाद जाना था। मैं अपने काम के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर रहता हूं लेकिन मीनाक्षी घर में काफी अच्छे से मैनेज कर लेती है वह मां और पापा का बहुत ध्यान रखती है। मेरा छोटा भाई दिव्यांशु जो कि कॉलेज में पढ़ाई करता है वह भी पढ़ने में बहुत अच्छा है और वह अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देता है। मैं कुछ दिनों के लिए हैदराबाद चला गया था इसलिए मैं मीनाक्षी से फोन पर ही बात कर रहा था मैं करीब 2 हफ्ता हैदराबाद में रुकने वाला था।
मीनाक्षी ने मुझे बताया कि वह दिव्या से मिली थी मीनाक्षी की उससे काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी और वह लोग अक्सर एक-दूसरे को मिला करते हैं कम ही समय में उन दोनों के बीच बहुत अच्छी बनने लगी थी। मैं भी हैदराबाद में ही था और हैदराबाद में अपना काम खत्म कर के वापस लौट आया था जब मैं वापस लौटा तो उस दिन मैं घर पर ही था। उस दिन हमारे पड़ोस में रहने वाले निखिल सिन्हा जी का एक्ससिडेंट हो गया था उनकी उम्र यही कोई 40 वर्ष के आसपास है। उनका एक्सीडेंट हो गया था तो उनकी पत्नी हमारे घर पर आई और कहने लगी कि महेश उनका एक्सीडेंट हो गया है इसलिए तुम्हें मेरे साथ हॉस्पिटल चलना होगा। वह काफी ज्यादा परेशान थी मैंने उन्हें कहा भाभी आप परेशान मत होइए और मैं उस दिन उनके साथ हॉस्पिटल चला गया। हमने देखा कि वह काफी ज्यादा घायल हो चुके थे लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है उन्हें थोड़ी बहुत चोट आई है उसके बाद भाभी की सांस में सांस आई और वह कहने लगी कि मैं तो घबरा गई थी। मैंने भाभी से कहा भाभी सब ठीक हो जाएगा उस दिन मैं काफी देर तक हॉस्पिटल में ही रहा और फिर वापस घर लौट आया था कुछ दिनों बाद सिन्हा साहब भी घर आ गए थे और अब वह पहले से ज्यादा ठीक महसूस कर रहे थे। सिन्हा साहब एक सरकारी विभाग में नौकरी करते हैं और वह बहुत ही नेक और अच्छे व्यक्ति हैं हमारे कॉलोनी में सब लोग उनकी बहुत तारीफ करते हैं। जब वह घर लौट आए थे तो उस दिन मैं और मीनाक्षी भी उनसे मिलने के लिए गए थे मीनाक्षी और मैं काफी देर तक उन लोगों के घर पर रहे और फिर हम वापस लौट आए। मैंने मीनाक्षी से कहा कि मीनाक्षी काफी दिन हो गए हैं हम लोग कहीं साथ में घूमने भी नहीं गए हैं तो मीनाक्षी मुझे कहने लगी कि हां महेश आप ठीक कह रहे है।
उस दिन हम दोनों मूवी देखने के लिए साथ में चले गए काफी लंबे अरसे बाद हम दोनों मूवी देखने के लिए गए थे इससे पहले करीब चार-पांच महीने पहले ही हम लोग मूवी देखने के लिए गए थे। उस दिन हम दोनों ने मूवी देखी और उसके बाद हम दोनों ने काफी समय बाद अच्छा समय साथ में बिताया। मीनाक्षी मुझे कहने लगी कि महेश आज हम लोगों ने साथ में मूवी देखी तो कुछ पुरानी यादें ताजा हो गई मैंने मीनाक्षी को कहा तुम्हें याद है जब हम लोग पहली बार अपने कॉलेज से बंक मारकर मूवी देखने के लिए गए थे। मीनाक्षी और मैं साथ में ही कॉलेज में पढ़ा करते थे हम दोनों की मुलाकात भी कॉलेज के दौरान ही हुई थी और उसके बाद ही हम दोनों एक दूसरे के करीब आए और हम दोनों ने शादी करने का फैसला किया। हम दोनों की शादी हो जाने के बाद मीनाक्षी ने हमेशा ही मेरे परिवार को सबसे ऊपर रखा है और वह पापा और मम्मी का ध्यान बड़े अच्छे से देती है। हम लोगों ने उस दिन काफी अच्छा समय बिताया और फिर हम लोग वापस घर लौट आए थे। जब उस दिन हम लोग घर लौटे तो मीनाक्षी बड़े ही रोमांटिक मूड में नजर आ रही थी काफी समय बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया उसे हिलाते हुए उसने अपना मुंह के अंदर चूसना शुरू किया तो मैंने उसे कहा लगता है आज तुम कुछ ज्यादा ही मूड में नजर आ रही हो।
उसने कोई जवाब नहीं दिया वह मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक उतारने लगी और उसने मेरे लंड को चूसकर पूरी तरीके से लाल कर दिया था अब मेरी उत्तेजना भी बढ़ने लगी थी और मुझे भी मज़ा आने लगा था इसलिए मैंने उसके बालों को पकड़ते हुए उसके गले के अंदर तक अपने लंड को डाला। मीनाक्षी के मुंह के अंदर मेरा लंड गया तो उसे उसने अच्छे से चूसा और वह मेरे माल को अपने अंदर निगल गई और कहने लगी आज तो मजा ही आ गया। मैंने उसे कहा लेकिन अभी तो यह शुरुआत है अभी तो मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आया है अब मैं भी पूरी तरीके से मूड में आ चुका था इसलिए मैंने अपने कपड़े उतार दिए मैंने अपने कपड़े उतार दिया थे उसके बाद जब मैंने उसके कपड़े उतारकर उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो मीनाक्षी भी उत्तेजित होने लगी थी और वह मुझे कहने लगी मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही हूं तुम मेरी चूत को चाट लो मैंने उसे कहा मैं बस तुम्हारी चूत को चाटता हूं मैंने जैसे ही उसकी चूत पर जीभ को लगाया तो उसने मेरे बालों को पकड़ लिया और कहने लगी तुम मेरी चूत के अंदर अपनी जीभ को डाल दो। मैंने उसकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ को डाल दिया था जिसके बाद वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी। वह इतनी अधिक उत्तेजित हो गई थी कि मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था जिस वजह से मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी योनि के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं। मैंने अपने लंड पर तेल की मालिश की तो मेरा लंड पूरी तरीके से चिकना हो गया था मीनाक्षी ने मेरी मदद की। मीनाक्षी ने मेरे मोटे लंड को पूरी तरीके से चिकना बना दिया था अब वह अपने पैरों को खोल कर इंतजार कर रही थी कि कब मैं उसकी चूत के अंदर अपने 9 इंच मोटे लंड को घुसाकर उसकी चूत की बेचैनी को दूर करूंगा।
वह बहुत ज्यादा बेताब थी वह बहुत तड़प रही थी मैंने जब अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया तो वह हल्की सी आवाज में सिसकिया लेकर कहने लगी अब तुम अंदर की तरफ अपने मोटे लंड को तो धकेलते हुए डाल दो। मैंने जब उसकी चूत के अंदर धीरे-धीरे अपने लंड को घुसाना शुरू किया तो उसकी सिसकियां और बढ़ने लगी। मैंने एक ही झटके के साथ उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो मुझे बहुत ही मजा आया और वह बड़ी जोर से चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मुझे तो मजा ही आ गया और उसे बहुत अधिक मज़ा आ चुका था।
वह अपने पैरों को खोलने लगी मैंने भी उसके पैरों को अपने हाथों में ले लिया और उसको मैं बड़ी तेज गति से धक्के देने लगा जब मैं उसको धक्का मार रहा था तो उसे मजा आने लगा था। उसे भी बड़ा मजा आ रहा था मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था और अब मुझे उसकी चूत मारना मे एक अलग ही प्रकार का मजा आ रहा था। मीनाक्षी की चूत मुझसे टकरा रही थी वह मुझे कहने लगी मुझे अब आप डॉगी स्टाइल में चोदो मीनाक्षी को डॉगी स्टाइल में अपनी चूत मरवाना बहुत ही अच्छा लगता था इसलिए मैंने उसे डॉगी स्टाइल में बनाते हुए अपने लंड को उसकी चूत के अंदर तक घुसाया और जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि को फाडता हुआ अंदर गया तो वह चिल्लाई और अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाने लगी उसे भी बहुत अच्छा लग रहा है। काफी देर तक ऐसा ही हम लोगों ने किया और उसे बहुत ही मजा आ गया था। मैंने अपने वीर्य को मीनाक्षी की चूतड़ों पर गिराया तो हम दोनों उसके बाद एक दूसरे की बाहों में लेट चुके थे और मुझे बहुत ही अच्छा लगा।
उसने मुझे कहा कि यदि आज आप घर पर हैं तो क्या हम लोग आज पापा मम्मी से मिल आए पापा मम्मी को मिले हुए भी काफी समय हो चुका है। मैंने भी मीनाक्षी की बात मान ली और मैं मीनाक्षी के पापा मम्मी को मिलने के लिए चला गया उनसे मिले हुए वैसे भी काफी समय हो चुका था। जब हम लोग उनसे मिलने के लिए गए तो वह काफी खुश थे उनके लिए तो यह किसी सरप्राइज से कम नहीं था हम लोग करीब 3 महीने बाद उनसे मिल रहे थे मीनाक्षी उनकी इकलौती बेटी है इसलिए वह बहुत ही ज्यादा खुश थे। उस दिन हम लोग उनके घर से शाम के वक्त लौट आए थे क्योंकि अगले दिन मुझे अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में हैदराबाद जाना था। मैं अपने काम के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर रहता हूं लेकिन मीनाक्षी घर में काफी अच्छे से मैनेज कर लेती है वह मां और पापा का बहुत ध्यान रखती है। मेरा छोटा भाई दिव्यांशु जो कि कॉलेज में पढ़ाई करता है वह भी पढ़ने में बहुत अच्छा है और वह अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देता है। मैं कुछ दिनों के लिए हैदराबाद चला गया था इसलिए मैं मीनाक्षी से फोन पर ही बात कर रहा था मैं करीब 2 हफ्ता हैदराबाद में रुकने वाला था।
मीनाक्षी ने मुझे बताया कि वह दिव्या से मिली थी मीनाक्षी की उससे काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी और वह लोग अक्सर एक-दूसरे को मिला करते हैं कम ही समय में उन दोनों के बीच बहुत अच्छी बनने लगी थी। मैं भी हैदराबाद में ही था और हैदराबाद में अपना काम खत्म कर के वापस लौट आया था जब मैं वापस लौटा तो उस दिन मैं घर पर ही था। उस दिन हमारे पड़ोस में रहने वाले निखिल सिन्हा जी का एक्ससिडेंट हो गया था उनकी उम्र यही कोई 40 वर्ष के आसपास है। उनका एक्सीडेंट हो गया था तो उनकी पत्नी हमारे घर पर आई और कहने लगी कि महेश उनका एक्सीडेंट हो गया है इसलिए तुम्हें मेरे साथ हॉस्पिटल चलना होगा। वह काफी ज्यादा परेशान थी मैंने उन्हें कहा भाभी आप परेशान मत होइए और मैं उस दिन उनके साथ हॉस्पिटल चला गया। हमने देखा कि वह काफी ज्यादा घायल हो चुके थे लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है उन्हें थोड़ी बहुत चोट आई है उसके बाद भाभी की सांस में सांस आई और वह कहने लगी कि मैं तो घबरा गई थी। मैंने भाभी से कहा भाभी सब ठीक हो जाएगा उस दिन मैं काफी देर तक हॉस्पिटल में ही रहा और फिर वापस घर लौट आया था कुछ दिनों बाद सिन्हा साहब भी घर आ गए थे और अब वह पहले से ज्यादा ठीक महसूस कर रहे थे। सिन्हा साहब एक सरकारी विभाग में नौकरी करते हैं और वह बहुत ही नेक और अच्छे व्यक्ति हैं हमारे कॉलोनी में सब लोग उनकी बहुत तारीफ करते हैं। जब वह घर लौट आए थे तो उस दिन मैं और मीनाक्षी भी उनसे मिलने के लिए गए थे मीनाक्षी और मैं काफी देर तक उन लोगों के घर पर रहे और फिर हम वापस लौट आए। मैंने मीनाक्षी से कहा कि मीनाक्षी काफी दिन हो गए हैं हम लोग कहीं साथ में घूमने भी नहीं गए हैं तो मीनाक्षी मुझे कहने लगी कि हां महेश आप ठीक कह रहे है।
उस दिन हम दोनों मूवी देखने के लिए साथ में चले गए काफी लंबे अरसे बाद हम दोनों मूवी देखने के लिए गए थे इससे पहले करीब चार-पांच महीने पहले ही हम लोग मूवी देखने के लिए गए थे। उस दिन हम दोनों ने मूवी देखी और उसके बाद हम दोनों ने काफी समय बाद अच्छा समय साथ में बिताया। मीनाक्षी मुझे कहने लगी कि महेश आज हम लोगों ने साथ में मूवी देखी तो कुछ पुरानी यादें ताजा हो गई मैंने मीनाक्षी को कहा तुम्हें याद है जब हम लोग पहली बार अपने कॉलेज से बंक मारकर मूवी देखने के लिए गए थे। मीनाक्षी और मैं साथ में ही कॉलेज में पढ़ा करते थे हम दोनों की मुलाकात भी कॉलेज के दौरान ही हुई थी और उसके बाद ही हम दोनों एक दूसरे के करीब आए और हम दोनों ने शादी करने का फैसला किया। हम दोनों की शादी हो जाने के बाद मीनाक्षी ने हमेशा ही मेरे परिवार को सबसे ऊपर रखा है और वह पापा और मम्मी का ध्यान बड़े अच्छे से देती है। हम लोगों ने उस दिन काफी अच्छा समय बिताया और फिर हम लोग वापस घर लौट आए थे। जब उस दिन हम लोग घर लौटे तो मीनाक्षी बड़े ही रोमांटिक मूड में नजर आ रही थी काफी समय बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया उसे हिलाते हुए उसने अपना मुंह के अंदर चूसना शुरू किया तो मैंने उसे कहा लगता है आज तुम कुछ ज्यादा ही मूड में नजर आ रही हो।
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वह बहुत ज्यादा बेताब थी वह बहुत तड़प रही थी मैंने जब अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया तो वह हल्की सी आवाज में सिसकिया लेकर कहने लगी अब तुम अंदर की तरफ अपने मोटे लंड को तो धकेलते हुए डाल दो। मैंने जब उसकी चूत के अंदर धीरे-धीरे अपने लंड को घुसाना शुरू किया तो उसकी सिसकियां और बढ़ने लगी। मैंने एक ही झटके के साथ उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो मुझे बहुत ही मजा आया और वह बड़ी जोर से चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मुझे तो मजा ही आ गया और उसे बहुत अधिक मज़ा आ चुका था।
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