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Bade Aaram Se Chut Maari

नमस्कार दोस्तो।

मेरी इस कहानी को पढ़कर आप लोग जानेंगे कि घर पर अकेली रहने वाली औरत भले ही किसी गैर मर्द के साथ सम्बंध न रखे। मगर अपनी चूत की आग को बुझाने के लिए वह जवान लड़कों को अपनी हरकतों से ज़रूर उकसाएगी।

मैं २० साल का हो जाने के बावजूद भी इधर-उधर किसी लड़की की चूत की तलाश में रहता था। मुझे कहीं पर भी ऐसी कोई लड़की नहीं मिली जो लौड़े की तलाश में हो।

मेरी किस्मत में लिखा था कि मैं किसी भाभी की चुदाई करूँगा, इसलिए मुझे कोई लड़की नहीं मिल रही थी। मुझे अपनी ही सोसाइटी में एक भाभी (बड़ी औरत) मिल गई थी।

एक दिन, दोपहर के वक़्त मैं कॉलेज से घर लौट रहा था। बिल्डिंग की गेट के सामने एक भाभी कुछ सामान के साथ खड़ी थी। वॉचमैन का लंच टाइम था, इसलिए वह जगह पर नहीं था वरना भाभी की मदत कर देता।

मैंने उस भाभी का सामान उठाकर उसकी मदत करने की सोची। सामान को उठाकर लिफ्ट में रखकर, हम दोनो तीसरी मंजिल पर चले गए। मैं सामान भाभी के घर के अंदर रखकर निकल ही रहा था कि भाभी ने रोक दिया।

मैं सोफ़े पर बैठकर भाभी का इंतज़ार कर रहा था। भाभी रसोई-घर से मेरे लिए जूस का गिलास लेकर आई। बातें करते हुए, भाभी ने मुझे उसकी मदत करने के लिए धन्यवाद कहा और मुझसे एक और मदत माँगी।

[भाभी:] क्या है ना बेटा, मैं घर पर अकेली ही रहती हूँ और मेरी काम वाली बाई के अलावा और कोई नहीं करता। आज वह काम पर नहीं आई, इसलिए तुम से पूछा। तुम करोगे तो मुझे संकोच भी नहीं होगा।

भाभी मुझसे अपनी जाँघों की मालिश करने की लिए पूछ रही थी। मुझे पहले तो विश्वास नहीं हो रहा था कि भाभी ने सच में मुझे अपनी जाँघों की मालिश करने के लिए कहा। शायद वह मेरी भोली शक्ल देखकर गुमराह हो गई थी।

मैं और भाभी बेडरूम में चले गए। भाभी ने फ़र्श पर रजाई बिछा दी और बाथरूम में चली गई। वह टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनकर बाहर आई। उसके हाथ में तेल की बोतल भी थी।

भाभी की मोटी चूचियों का आकर उसकी टी-शर्ट से साफ़ दिखाई दे रहा था। शॉर्ट्स में उसकी मटकती गाँड़ और जाँघे देखकर मेरा लौड़ा जोश में आ गया था। भाभी ने तेल की बोतल मुझे पकड़ा दिया और रजाई पर लेट गई।

मैंने पहले भाभी की टाँगे अपने हाथों से सहलाने लगा। उसकी मोटी और लंबी टाँगों को बारी-बारी करके मैंने अपने हाथों से दबाकर उन्हें ढ़ीला कर दिया।

भाभी की जाँघे सहलाते वक़्त, मैंने अपनी उँगलियाँ शॉर्ट्स के अंदर घुसाकर उसके चूत के बेहद क़रीब तक पहुँचकर मालिश करने लगा। थोड़ी देर बाद, मैं जब तेल की बोतल खोल रहा था तब भाभी ने मुझे उसके शॉर्ट्स को खींचकर निकालने को बोला।

मैंने जब उसका शॉर्ट्स खींचा, तब अंदर के नज़ारे को देखकर स्तंभित हो गया था। भाभी ने अंदर चड्डी नहीं पहनी थी। वह तो ऐसे लेटी थी कि मानो कुछ हुआ ही न हो। मैं भाभी की साफ़ और काली चूत को ही घूर रहा था।

[भाभी:] ऐसे क्या देख रहे हो बेटा? कभी अपनी माँ की चूत नहीं देखी क्या? (हस्ते हुए) । मैं शायद कपड़े बदलते समय अपनी चड्डी पहनना भूल गई। चलो अच्छा ही हुआ वरना तेल का धब्बा लग जाता।

[मैं:] मैं किसी औरत की चूत को पहली बार देख रहा हूँ। मैं अपनी भी पैंट निकाल देता हूँ नहीं तो उसमें तेल का दाग लग जाएगा। मैं हाथ में तेल लगाकर भाभी की जाँघों की मालिश कर रहा था और भाभी मेरे खड़े हुए लौड़े को घूर रही थी।

मेरा हाथ जब उसकी चूत के नज़दीक आता, तब वह सिसकियाँ लेने लगती थी। मैं हिम्मत करके भाभी की चूत की दरार में अपनी उँगलियाँ रगड़ने लगा। वह आँखें बंद करके मज़े ले रही थी।

कुछ देर बाद, मैंने भाभी की चूत की पंखुड़ियाँ फैलाकर उसमें अपनी उँगली घुसाने लगा था। मैं उत्तेजित होकर भाभी की जाँघों पर बैठ गया और उसकी चूत में अपना लौड़ा रगड़ने लगा। धीरे-से अपना लौड़ा अंदर घुसाकर मैं भाभी के ऊपर लेट गया।

भाभी ने अपने पैर फैला दिए ताकि मैं अपना लौड़ा बराबर से उसकी चूत के अंदर घुसा सकू। भाभी ने अपने मुँह में मेरे होंठ भर लिए और उन्हें चूसने लगी थी। मैं भाभी की चूचियों को पकड़कर उन्हें दबाने लगा था।

मैं ज़ोर-ज़ोर से भाभी की चूत में अपना लौड़ा घुसा रहा था और वह मेरी पीठ पर हाथ सहलाकर मुझे उकसाह रही थी। भाभी की जाँघों पर तेल मालिश करने की वजह से मेरा पैर बार-बार फिसल रहा था।

इसलिए भाभी ने मुझे घुमाकर रजाई पर लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़कर लेट गई। वह अपनी भारी-भरकम शरीर को मेरे लौड़े पर उछाल रही थी। भाभी अपनी चूचियों को मेरे चहरे पर रखकर उन्हें दबाने लगी थी।

मैं कबसे कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरा हाथ उसकी गाँड़ तक पहुँच ही नहीं रहा था। भाभी उठकर पलट गई और अपनी विशाल गाँड़ को मेरे मुँह पर रखकर बैठ गई। वह अपनी गाँड़ को मेरी नाक पर रगड़ने लगी थी।

मेरा लौड़ा एकदम कड़क हो गया था इसलिए उसने आगे झुककर उसे अपने मुँह में भर दिया। भाभी मेरा लौड़ा चूसते-चूसते अपनी गाँड़ की दरार को मेरे मुँह पर रगड़ रही थी। मैं अपनी ज़ुबान बाहर निकालकर भाभी की गाँड़ की दरार को चाटने लगा।

भाभी उत्तेजित होकर अपनी गाँड़ को मेरे चहरे पर पटकने लगी थी। उसने मेरा लौड़ा ज़ोर-ज़ोर से हिलाकर मेरी गोटियों को अपने मुँह में भर दिया था। भाभी अपनी गाँड़ के साथ-साथ उसकी चूत को भी मेरे मुँह पर रगड़ रही थी।

मैंने उसके गीली चूत को चाटकर साफ़ कर दिया था। उसके चूत का पानी एकदम खारा था। कुछ देर बाद, भाभी पलटकर मेरे लौड़े पर बैठ गई। उसने मेरे लौड़े की नोक को अपनी चूत की दरार पर रगड़कर अंदर घुसा दिया।

मेरी छाती पर हाथ रखकर, भाभी अपने पैरों के बल बैठकर मेरे लौड़े पर उछलने लगी थी। मैंने भाभी के लटकते हुए चूचियों को अपने हाथों से दबोच लिया और उन्हें दबाने लगा।

भाभी की चूचियों को खींचकते हुए मैं भाभी को उकसाह रहा था। उसके निप्पल को पकड़कर जब मैंने खींचा, तब भाभी ज़ोर से चीख़ीं थी। कुछ देर बाद, भाभी पलटकर मेरे लौड़े पर बैठ गई थी।

उसे अपनी गाँड़ उछालते देख मैंने अपनी उँगली उसकी गाँड़ की छेद के अंदर घुसा दी। भाभी की चूत में मेरा जवान लौड़ा घुस रहा था और उसकी गाँड़ में मेरी उँगली।

थोड़ी देर बाद, मैंने भाभी को रजाई पर घोड़ी बनाकर लेटा दिया। मैं उसकी चुत्तड़ों को फैलाकर उसकी गाँड़ की छेद में अपनी ज़ुबान घुसाकर चाटने लगा।

भाभी की गाँड़ चाटते समय, मैंने अपनी दो उँगलियाँ उसकी चूत में घुसा कर उन्हें अंदर-बाहर कर रहा था। भाभी इतना उत्तेजित हो गई थी कि वह चिल्लाकर अपनी गाँड़ हिलाने लगी थी।

मैंने अपना लौड़ा भाभी की गाँड़ की छेद के अंदर घुसा दिया। धीरे-धीरे धक्के मारते हुए, मैंने अपना लौड़ा भाभी की गाँड़ में पूरा अंदर घुसा दिया था। मैं भाभी की चूचियाँ पकड़कर उसकी गाँड़ में अपना लौड़ा ज़ोर-ज़ोर से घुसाने लगा था।

अपना हाथ आगे की तरफ़ से ले जाकर मैं भाभी की चूत को रगड़ने लगा था। भाभी इतनी मस्त हो गई थी कि वह ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी। कुछ देर तक भाभी की चूत रगड़ते समय उसने चिपचिपे पानी की धार निकाल दी।

वह सारा पानी उसने मेरी हथेली पर छिड़क दिया था। भाभी की गाँड़ को आगे-पीछे हिलते हुए देखकर मैं अपने आप को रोक नहीं पाया। मैंने अपने लौड़े का पानी भाभी की गाँड़ में निकाल दिया।

भाभी अपनी हथेली को गाँड़ की छेद के पास रखकर झुककर बैठ गई। उसने ज़ोर लगाकर एक पाद मारी और सारा लौड़े का पानी अपनी हथेली पर छिड़क दिया। फिर वह अपनी हथेली को चाटने लग गई थी।

मैं और भाभी बाथरूम में जाकर साथ में नहाए और अंदर भी थोड़ी मस्ती की। अब मैं भाभी का दीवाना बन गया हूँ। मुझे लड़की की चूत मिले या न मिले, लेकिन भाभी की चूत मिलती ही रहेगी।
 
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