भाई ने दोस्त से चुदवाया - ४

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नमस्कार दोस्तों, आज मैं मेरी कहानी का अगला भाग आप सबके सामने रखने जा रही हूं। उम्मीद है, आप सभी को पिछले भागों की तरह यह भी पसंद आ जाएगा। अब तक आपने पढा कि, किस तरह से मै अपने भाई के दोस्त संजू के साथ मेरी दुसरी सुहागरात मना रही थी। संजू सब कुछ बहुत ही आराम से और धीरे धीरे कर रहा था, लेकिन मै कबसे उसका लंड अपने अंदर लेने के लिए तडप रही थी। संजू भी जानबूझकर मुझे तडपाए जा रहा था। लेकिन अब आखिरकार संजू अपने लंड को मेरी चुत में घुसाने के लिए तैयार था। अब आगे-

संजू ने भी क्लीन शेव करके रखी थी, उसके टट्टों के आसपास तक एक भी बाल नही था।जिस वजह से मुझे लंड चूसने, चाटने में बहुत मजा आ रहा था। थोडी देर चूसने के बाद संजू ने मुझे रोकते हुए कहा, "चलो अब तुम्हे असली मजा देने का समय आ गया। तो तुम तैयार हो अपनी सुहागरात मनाने के लिए।"

मैने भी बस अपनी आंखें मूंदकर हां में सर हिला कर अपनी सहमती दे दी। तो संजू ने उठकर एक तकिया ले लिया, और उसे मेरी कमर के नीचे रख दिया। जिस वजह से मेरी चुत थोडी उभरकर संजू के सामने आ गई। संजू ने मुझसे कहा, "आज हमारी सुहागरात है, तो कंडोम के बिना ही करूंगा, बाद में तुम एक गोली खा लेना। कोई परेशानी नही होगी।"

मैने बस हां कह दिया। तो संजू ने भी अपना लंड हाथ मे पकडकर मेरी चुत की दरार में उसे रगडने लगा। जिससे मेरी कामाग्नि और भी ज्यादा भडकने लगी, और मैं संजू की हरकतों की वजह से और चुदासी हुए जा रही थी।

संजू को मैने अपने बाहों में घेर लिया था, लेकिन वह था कि, मुझे तडपाने का एक भी मौका नही छोड रहा था। अचानक से संजू ने एक जोर का धक्का मार दिया, जिससे संजू का लगभग आधा लौडा मेरी चुत के अंदर घुस चुका था। ऐसे अचानक लगे धक्के की वजह से मेरे मुंह से चीख निकल गई। यहां कोई सुननेवाला तो था नही, तो संजू ने भी मेरा मुंह बंद करने की कोशिश नही की। अभी मै संजू के पहले धक्के को संभाल नही पाई थी, तभी अगले ही पल उसने एक और तेज धक्का लगा दिया।

और इस धक्के के साथ उसने अपना पूरा लंड मेरी चुत में ठूंस दिया। उसका पूरा लंड मेरी चुत में जाने से मेरी चुत दर्द करने लगी। संजू का लौडा भैया के लौडे से बहुत लंबा था, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे, संजू का लंड मेरी चुत को फाड कर और गहरी बना देगा। अजीब बात यह थी कि, जब भैया अपना पूरा लंड घुसाने की कोशिश करते तब मेरी चुत बहुत ज्यादा दर्द करती, लेकिन यहां संजू ने कुछ धक्कों में ही अपना पूरा लौडा मेरी चुत में उतार दिया था।

संजू ने अपना पूरा लंड मेरी चुत में उतारने के बाद मेरे बदन को सहलाना शुरू किया, जिससे मेरा दर्द और चीखे कम हुई, और मैं मजे लेकर सिसकारियां भी भरने लगी। संजू मेरे बदन को सहलाते समय कभी मेरी चूचियों को दबाता तो कभी मेरी कमर को, बीच बीच मे वो मेरे कान को भी हल्के से अपने होठों के बीच लेकर दबा देता। संजू यह सब ऐसे कर रहा था, जैसे कोई पक्का खिलाडी हो। मै भी अब दर्द भूलकर अपनी कमर हिलाने लगी थी, जिससे संजू को धक्के लगाने का इशारा मिल गया।

संजू ने अब धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए, वह अभी अपना पूरा लंड बाहर निकाले बिना ही मुझे चोद रहा था। लेकिन तब भी जब वह अपना लंड अंदर की ओर धकेलता तो मेरी चुत दर्द करने लगती। उसके लंड के पूरा अंदर जाने से ऐसा लगता जैसे उसका लंड मेरी बच्चेदानी को फाडकर बाहर निकल जाएगा। संजू मुझे मिशनरी पोजीशन में ही चोदे जा रहा था, और उसका एक हाथ मेरी चूचियों को सहला रहा था, तो दूसरे हाथ से उसने अपनी पकड जमाकर रखी थी।

मेरे दोनों हाथ संजू की पीठ पर थे, और जैसे ही मेरी चुत दर्द करने लगती, मै उसकी पीठ पर अपने नाखून गाड देती थी।

अब संजू आराम आराम से धक्के लगा रहा था, लेकिन इस पोजीशन में पूरा लौडा अंदर जाने की वजह से मुझे बहुत दर्द हो रहा था, तो मैंने संजू से पोजिशन बदलने को कहा। संजू के हां कहते ही मैने कहा, "अब की बार मै ऊपर आऊंगी, तुम नीचे लेटे रहना।"

संजू भी मान गया और नीचे मेरी जगह पर लेट गया। उसके लेटते ही मैने उसके शरीर पर पहले अपने नाजुक हाथों को फेरा और उसके बाद उसके पेट से उसे चूमते हुए मै ऊपर उसके होठों की तरफ बढने लगी। उसके होठों को अपने होठों में लेकर मैने उसके उपर वाले होंठ पर हल्के से काट दिया, और अपनी जीभ उसके मुंह मे घुसाकर उसकी जीभ को टटोलने लगी। वह भी मेरी जीभ को अपने मुंह मे ही पकडने की कोशिश करने लगा था।

अब मै पूरा उसके ऊपर आकर उसके होठों को चूम रही थी, लेकिन अभी तक मैने उसके लंड को अपनी चुत में नही लिया था। उसका लंड बस बाहर से ही मेरी चुत की गर्माहट को महसूस कर रहा था, और मेरी चुत उसके लंड की थपथपाहट को अपने ऊपर महसूस कर रही थी। थोडी देर उसके चेहरे को चूमने के बाद मै फिर से अपनी चुत में उसका लंड लेने के लिए तैयार थी। तो मै अपने दोनों पैरों को फैलाकर उसके लंड पर बैठने लगी।

यह पोजीशन भी मेरे लिए थोडा मुश्किल था, लेकिन इसमें मै अपने हिसाब से लंड को अंदर ले सकती थी। पहले लंड अंदर लेने के लिए मै अपने हाथों को पीछे टेक लगाकर दूसरे हाथ से उसके लंड को पकडकर सही रास्ता दिखा रही थी। तभी संजू ने मेरी कमर पर अपनी पकड जमाकर नीचे से एक धक्का मार दिया। उसके इस धक्के की वजह से तो मै गिरने ही वाली थी, लेकिन बार बार बच गई। एक ही धक्के में उसने अपना आधे से ज्यादा लंड मेरी चुत की गहराइयों में उतार दिया था।

अब उसे और धक्के लगाने से रोकने के लिए मैने अपने दोनों हाथ उसकी छाती पर रख दिए और कभी उसके निप्पल को मसलती तो कभी उसके बालों को सहला देती। संजू भी इस सबसे मजे ले रहा था। अब मै धीरे धीरे ऊपर नीचे होकर संजू के लंड को अपनी चुत के अंदर बाहर कर रही थी, अब पूरा कंट्रोल मेरे पास था। मै अपनी मर्जी से जितना चाहे उतना ही लंड अंदर ले सकती थी, लेकिन इस पोजीशन में लडकी बहुत जल्द ही थक जाती है। तो मै भी ज्यादा देर तक इस पोजीशन में टिक नही पाई, और आखिर में मुझे उससे बोलना ही पडा कि, अब मुझसे नही होता, तुम ऊपर आकर मुझे जोर से चोदो।
संजू शायद मेरे यह कहने का ही इंतजार कर रहा था, जैसे ही मैने उससे ऊपर आने को कहा, उसने मुझे कमर से पकडकर उठाते हुए बगल में लिटा दिया, और खुद तुरंत ही मेरे ऊपर आ गया। उपर आते ही उसने सीधे अपने लंड को पकडकर मेरी चुत के मुहाने पर रखा, और एक ही झटके में पूरा लौडा चुत में उतार दिया। मै दर्द से चिल्लाए जा रही थी, लेकिन मेरे सगे भैया भी हमारी चुदाई का वीडियो बनाने में लगे हुए थे। वो भी अपने हाथों से ही अपने लंड को बीच बीच मे सहला देते थे। लेकिन भैया ने इतनी देर में मुझे छुआ तक नही था।
अब की बार संजू धक्का लगाते समय अपना पूरा लौडा मेरी चुत से बाहर निकाल लेता और फिर एक ही झटके में उसे मेरी चुत में पेल देता। जिससे मेरे मुंह से सिसकारियों के साथ बीच बीच मे चीखें भी निकल जाती थी। अब तक मै दो बार झड चुकी थी, और अभी तीसरी बार भी झडने की कगार पे खडी थी। संजू के लंड ने मुझे उसका दीवाना बना दिया था। संजू के लंड से चुदवाकर बहुत मजा आ रहा था। थोडी देर इसी तरह धक्के मारने के बाद संजू ने अब धक्कों की गती बढाते हुए अपने लंड को उतना बाहर नही निकाला जितना वह पहले निकाल रहा था।
अब संजू लंड को बस थोडा सा बाहर खींच लेता और तेजी से फिर से अंदर की ओर धक्का मार देता। अब मेरी चुत ने उसके लंड के लिए जगह बना ली थी, तो मुझे दर्द थोडा कम हो रहा था। लेकिन अब भी हर धक्के के साथ मुझे ऐसा लगता जैसे वह मेरी बच्चेदानी से जा टकरा रहा हो।

आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट सेक्शन में जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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