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सभी पाठकगणों को मेरा नमस्कार, मै रश्मि आपके सामने अपने जीवन मे बीती कुछ घटनाएं रखने जा रही हूं। जिन्होंने मेरी पिछली कहानियां पढी नही है, उनके लिए मै अपना परिचय दे देती हूं। मेरे घर मे मै, मेरा भाई, मां और पापा रहते है। मां और पापा दोनों ही जॉब करते है, तो दिनभर घर मे सिर्फ मै और मेरा भाई ही रहते है। मेरे भैया मुझसे तीन साल बडे है, और यह कहानी अब से दो साल पहले की है। जब मैने बारहवीं पास कर ली थी, और अब कॉलेज शुरू करनेवाली थी। बारहवीं के परीक्षा शुरू होने से पहले ही भैया ने मुझे अपने एक दोस्त संजू की हेल्प लेकर चोद कर कली से फूल बनाया था। फिर भैया ने मुझे अपने दोस्त संजू से भी चुदवाया, और दोनों ने मिलकर एक साथ मेरी चुदाई की।

संजू से चुदने के बाद अब जब भी संजू का मन करता वो मेरे घर आकर मुझे चोद कर चला जाता। और रोज रात को भैया मुझे हमारे कमरे में चोदते थे। अब मेरी चुत को भी रोज लंड लेने की आदत सी हो गई थी। और अब मुझे सेक्स में कुछ नयापन चाहिए था, रोज एक ही तरह से करके अब पहले जैसा मजा नही आ रहा था। तो मै भैया और संजू के साथ रोल-प्ले करने लगी, जिस वजह से हमे सेक्स में थोडा सा नयापन मिला।

संजू, मै और भैया के बीच कभी कुछ छिपा नही था, हम अपने मे पूरा खुलकर थे। कभी कभी तो संजू रात में पढाई के बहाने भैया के पास हमारे घर पर ही रुक जाता, और वो दोनों मिलकर उस रात मेरी अच्छे से चुदाई करके मेरी चुत सूजा देते थे। बहुत बार तो भैया ने मुझे अपने दोस्तों से चुदवाने का भी बोला था, लेकिन मै बदनामी के डर से हर बार उन्हें मना कर देती थी।

ऐसे ही एक दिन संजू दोपहर में मेरे घर आया और उस दिन उसने मुझे नौकरानी बनाकर चोदने की बात कही। मैने भी उसे ठीक है, कह दिया। तो उसने मुझे मेरे कमरे में ले जाकर बिस्तर पर रस्सी से बांध दिया। संजू ने मेरे हाथ और पैर को बिस्तर के चारों कोनों पर बांध दिया। और अब वो मेरे शरीर से खेलने लगा, धीरे धीरे करके उसने मुझे तडपाते हुए मेरे कपडे उतारकर मुझे बस ब्रा और पैंटी में छोडा। फिर संजू मेरे पास आकर मेरे कान में कहने लगा, "आज तुम्हे अलग दुनिया का मजा दूंगा, तुम इस दिन को कभी नही भूल पाओगी।"

इतना कहकर संजू ने अपने कपडे उतारने शुरू किए, उसका औजार भी अपने असली रूप में आने लगा था।संजू ने अंडरवियर छोडकर बाकी सारे कपडे उतार दिए और मेरी आँखों पर एक पट्टी सी बांध दी। अब मै कुछ देख नही सकती थी, बस महसूस कर रही थी। तभी संजू ने मेरी चूची को ब्रा के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया, और नीचे मेरी पैंटी को साइड में हटाकर, चुत में अपनी उंगली डालकर हिलाने लगा। तो मेरी मुंह से भी अब कामुक आवाजें आने लगी थी, धीरे धीरे पूरा कमरा मेरी सिसकारियों से गूंजने लगा था।

और अब मेरी कमर भी अपने आप हिलने लगी थी, कि संजू ने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए। अब संजू मेरे होठों को चूमते हुए, मेरी चुत में उंगली कर रहा था।
फिर अचानक से संजू मेरे ऊपर से हट गया, तो मै बिन पानी मछली की तरह तडपने लगी थी। मै संजू को अपने पास आने की विनती करने लगी, मै उसे देख भी नही सकती थी। थोडी देर बाद संजू मेरे पास आकर उसने सीधे मेरी ब्रा उतार दी, और फिर मेरी चूचियों को अपने हाथों में भरकर मसलने लगा।

थोडी देर हाथों से मेरी चुचियां मसलने के बाद, उसने अपना मुंह मेरे स्तनों में घुसा दिया, और स्तनों को मुंह मे भरकर चूसने लगा। कभी वो मेरे निप्पल को काट लेता, तो कभी छोटे बच्चे की तरह उसे चूसता, जैसे उसमे से अभी दूध निकल आयेगा।

संजू आज कुछ अलग ही तरीके से मुझसे टच कर रहा था, लेकिन मुझे भी इसमें मजा आ रहा था। एक तो मेरी आँखों पर पट्टी बंधी हुई होने से मै कुछ देख नही सकती थी, ऊपर से संजू आज सब कुछ अलग तरीके से कर रहा था।

अब संजू धीरे धीरे मेरे स्तनों से नीचे की ओर बढ रहा था, नीचे बढते बढते वो मेरी नाभि में उंगली डालकर हिला भी रहा था, और मेरी कमर पर अपनी पकड भी बनाए हुए था। अब मुझसे खुद को रोक पाना बहुत मुश्किल हो रहा था, तो मैने संजू से कहा, "आज क्या हो गया है तुम्हे? ऐसा लग रहा है, जैसे तुम मुझे मारने का पूरा प्लान बनाकर ही आए हो। अब जल्दी से कुछ करो, और मेरी आग को बुझा दो।"

संजू ने बिना कुछ कहे अपने काम मे लगा रहा, फिर धीरे से उसने अपनी उंगलियों को मेरी चड्डी की इलास्टिक में फंसा दिया, और आराम से उसे नीचे की ओर खिसकाने लगा। चड्डी के नीचे खिसकाते ही उसने मेरी चुत को अपनी हथेली में भरकर भींच सा लिया, जिससे मेरे मुंह से एक जोर की आह निकल गई। उसके बाद तो उसने मेरी चुत को सीधा अपने मुंह मे भर लिया और अपनी जीभ मेरी चुत में डालकर मुझे अपनी जीभ से ही चोदने लगा।

काफी देर से मै उत्तेजित थी, और उपर से संजू की हरकतों की वजह से मै झडने के करीब थी। मेरा शरीर अकडने लगा था, और मै अब ज्यादा हिल भी नही सकती थी। तो मुझसे जितनी अपनी कमर उठाई जा सकती थी, उतनी उठाकर मैने अपनी चुत संजू के मुंह मे भरने की कोशिश करने लगी। लेकिन तभी संजू ने अपने हाथ मेरे चुतडों पे ले जाकर उन्हें मसलते हुए, मेरी गांड की दरार में अपनी उंगली रगडने लगा।

बस थोडी देर और अपनी चुत चटवाने के बाद मै झडने लगी। संजू ने भी मेरी चुत चाटना बंद नही किया, बल्कि और मजे से वो चुत चाटकर मेरा कामरस भी गटकने लगा। मेरी चुत चाटकर साफ करने के बाद वह उठा और थोडी देर बाद मेरे मुंह पर अपना लंड लगाने लगा। जो मेरे लिए लंड चूसने का इशारा था, तो मैने अपना मुंह खोल दिया। जैसे ही मैने अपना मुंह खोला, उसने पूरे जोश के साथ एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरे गले तक उतार दिया। मै खांसने को होने लगी, तो उसने फिर से अपना लंड मेरे मुंह मे ठूंस दिया।

आज संजू का लंड थोडा अलग महसूस हो रहा था, अभी थोडा ज्यादा ही मोटा महसूस हो रहा था।
फिर उसने थोडी देर मुझसे अपना लंड चुसवाने के बाद वह नीचे जाकर मेरे दोनों पैरों के बीच बैठ गया। मेरे पैरों के बीच आते ही उसने अपने लंड को मेरी चुत पर रगडना चालू कर दिया, जिससे मेरी चुदास और भडकने लगी। मै अब उससे कहने लगी थी, जल्दी कुछ करो, अपने इस मूसल जैसे लौडे को मेरी चुत में घुसा दो। लेकिन संजू बिना मेरी बात सुने अपने अपने काम मे लगा हुआ था। संजू मेरी बातों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नही दे रहा था, और बस अपने मन की ही किए जा रहा था।

मै भी बंधी हुई होने की वजह से कुछ कर भी तो नही सकती थी, तो मै चुपचाप लेटी रही।
आखिरकार उसने मेरी कमर के नीचे एक तकिया रख दिया, जिससे अब मेरी चुत उभरकर उसके सामने आ रही थी। फिर उसने चुत के मुहाने पर अपना लंड रखकर एक जोर से धक्का लगाया तो उसके लंड का थोडा सा भाग मेरी चुत को चीरते हुए अंदर चला गया। यह लंड संजू का तो नही था, संजू के लंड से काफी मोटा था यह लौडा। तो इसका मतलब यह कौन मुझे चोद रहा है, जिसे मै जानती तक नही।

तभी मैने जोर से गुस्से से कहा, "संजू तुम कहां हो, और यह सब क्या चल रहा है? जल्दी से मेरे आंखों की पट्टी को खोल दो वरना मै शोर मचा दुंगी।"

तो संजू कहने लगा, "मै जानता था, तू पहचान लेगी कि यह मेरा लंड नही है। तेरी जैसी चुदासी लडकी मैने आज तक नही देखी।"

इतना कहकर उसने मेरे आंखों पर बंधी हुई पट्टी हटा दी, तो मैंने अपने ऊपर की तरफ देखा तो पाया एक नौजवान मर्द पूरी नंगी अवस्था मे अपना लंड मेरी चुत में डाले हुए था। मैने एक बार को उसे ठीक से देखा, लेकिन मै उसे पहचान नही पाई, तो मैंने संजू से ही पूछ लिया। तो संजू ने बताया, "यह मेरे साथ ही पढता है, और कबसे तुम्हे चोदने के अपने देख रहा था। तो मैने सोचा, सपने को सच मे बदल देता हूं। इसी बहाने तुम्हे भी सेक्स में कुछ नयापन मिल जाएगा।"

आपको यह कहानी आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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