मचलती जवानी लंड दिलवा के मानी

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Bade lund se pyas bujha di chudasi chut ki - Hot sex kahani

मेरे ऑफिस में अभिजीत ही मेरा सबसे अच्छा दोस्त था, वो अक्सर मेरे काम आता मेरे लेट होने पर मेरे एक्सेस कार्ड से अटेंडेंस लगा देता और भी काफी हद तक उसने मेरी मदद की थी. अभिजीत नए एक दफे बताया की उसकी एक गर्ल फ्रेंड है जिस का नाम है अंशु और वो इतनी हॉर्नी है कि वो उसे सेटिस्फाई भी नहीं कर पाता और उसे छोड़ना चाहता है, मैंने कहा "मैं इस में तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूँ" तो उसने कहा "देख यार मैंने तेरी हमेशा मदद की है अब तू मेरे इस काम के लिए अंशु को पटा और उसे छोड़ ले और मैं आकर तुम दोनों को रंगे हाथों पकड़ लूँगा और उसे इलजाम दे कर उसे छोड़ दूंगा". मैंने कहा "प्लान तो ठीक है लेकिन क्या भरोसा की वो मेरे नहीं चिप्केगी" तो अभिजीत बोला "तू उसकी चिंता मत कर, तू बस उसे पटाने पर फोकस कर".

मैंने अंशु को पटाने पर अपना काम चालू कर दिया, अभिजीत ने इस पर उफ़ तक नहीं की क्यूंकि ये था तो उसी का प्लान ही और उसी नए सबसे पहले मुझे और अंशु को मिलवाया अपने एक गेट टुगेदर में जहाँ मैंने और अंशु नए नम्बर्स एक्सचेंज किये थे. इधर अभिजीत अंशु को इगनोरे करने लगा और मैं अंशु के करीब आने लगा और फाइनल नतीजा ये निकला कि अंशु अब मेरे साथ सेक्स चैट शुरू कर चुकी थी, हम अक्सर सेक्स चैट और फोनने सेक्स करते थे और मेरी स्किल्स के चलते एक दिन अंशु ने अभिजीत को फ़ोन कर के टाटा बाय बाय कर ही दिया. अंशु नए मुझे मेसेज कर के अपने घर बुलाया और साथ में ये भी लिखा "आज घर पर कोई नहीं होगा लेट्स डू इट". मैंने ये सब अभिजीत को बताया तो उसने कहा "देख भाई तू सेक्स करना चाहता है कर ले क्यूंकि ये अब तेरी प्रॉब्लम है".

मैंने अभिजीत को मन ही मन गालियाँ दी और अंशु के घर पहुँच गया, अंशु पूरी तैयारी में थी और उसने एक सेक्सी सा ड्रेस पहन रखा था मुझे रिझाने के लिए. उसके घर में सचमुच कोई नहीं था, मैं खुश था कि काफी समय बाद मुझे सेक्स करने को मिलेगा और अंशु खुश थी क्यूंकि उसे एक नया लंड मिलने वाला था लेकिन अंशु की ख़ुशी तब और बढ़ गयी जब पहला मूव मैंने मारा. मैंने अंशु को उसके सर के पीछे उसके बालों से पकड़ा और उसे स्मूच करते हुए घर का दरवाज़ा बंद कर दिया, वो वाकई हॉर्नी थी और उसने जोश जोश में मेरे होठों को चूमते और मेरी जीभ को चूसते हुए मेरे लंड पर हाथ फेरा जो मेरी जीन्स में फँसा हुआ बहार आने को तड़प रहा था. अंशु की गांड को मैंने उसकी ड्रेस के ऊपर से पकड़ कर मैंने जैसे ही मसलना शुरू किया नाशु के मुँह से सिस्कारियां निकलने लगी और उसने मेरे होठों और जीभ पर अपना काम तेज़ कर दिया.

अंशु मुझे बेडरूम में ले जाने की बजाए वहीँ शुरू हो गयी, उसने तुरंत ही ड्राइंग रूम के सारे परदे बंद कर के एक डिम लाइट ऑन कर दी और रिमोट उठा कर रोमांटिक म्यूजिक चला दिया. वो बड़े ही सेंसुअल अंदाज़ में मटकती हुई मेरे करीब आई मुझे सोफे के पास लगे दीवान पर गिराया और मेरे ऊपर बैठ कर अपनी वन पीस ड्रेस को बड़े ही सेक्सी स्टाइल में उतार दिया. अंशु का सांवला रंग और छरहरा बदन तो मैं देख ही चूका था लेकिन ड्रेस के अन्दर कुछ ना पहने होने की वजह से उसके पुष्ट चुचे और बिना बालों वाली कत्थैयाँ चूत पर पहली बार नज़र पड़ी, लगता है अंशु नए कई बार चुदवाया था तभी उसकी चूत का ये रंग हो चला था. खैर मुझे उसकी चूत के रंग से क्या लेना देना था मुझे तो बस उसके हॉर्नी होने भर से ही मज़ा आ गया था.

अंशु मुझ पर झुकी और अपने चुचे उसने मेरे मुंह के पास लटका दिए, उसके चूचों में से गज़ब की भीनी भीनी महक आ रही थी और उसकी तनी हुई निप्पलस मेरे लिए किसी खुशबूदार फल के सामान थी जिन्हें मैं अपनी जीभ से हौले हौले टच कर रहा था और अंशु की सिस्कारियां बढ़ा रहा था. अंशु ने मेरी पेंट उतार दी और मेरे लंड पर बैठ कर उसे मेरी अंडरवियर के ऊपर से ही हलके से अपनी चूत पर रगड़ने लगी और मैंने यहाँ उसके नर्म गर्म चूचों का रसास्वादन कर रहा था. इधर वो सिस्कारियां भर भर के मेरा नाम ले रही थी और उधर मैं उसके चूचों को चूसते हुए "अंशु यूं आर फकिंग ओसम" कह रहा था, थोड़ी ही देर में मुझे अपनी अंडरवियर पर गीला गीला महसूस हुआ तो मुझे लगा कहीं मैं तो नन्हीं झड़ गया पर ऐसा नहीं था ये तो अंशु की चूत का पानी था इसका मतलब मैं हॉर्नी अंशु को इतनी सी देर में सेटिस्फाई कर दिया था.

अंशु इस ट्रीटमेंट से इतनी खुश हुई की वो नीचे झुकी और मेरी अंडरवियर को खिसकाते हुए उसकी भौहें ऊंची हो गईं क्यूंकि मेरा लंड लम्बा होने के साथ साथ ही मोटाई में भी काफी बड़ा था, अंशु नए कहा "तुम्हारी कसम यार इतना बड़ा लंड मुझे पहले कभी नहीं मिला और अभिजीत का तो इतना दुबला था कि मेरी चूत में गुड गुदगुदी भी नहीं कर पाता था". उसने मेरे लंड को संभाल कर अपने हाथ में लिया और बोली "इतनी रगड़ाई के बाद भी खड़ा नहीं हुआ ढंग से लाओ मैं कर देती हूँ, आई थिंक ये लम्बा चलेगा". ये कहते हुए अंशु ने मेरे लंड को सीधा कर के मुंह में ले लिया और उसे इतने प्यार से चाटा की उसकी नस नस साफ़ दिखाई देने लगी, अंशु जैसे जैसे मेरा लंड चूस रही थी मेरे अरमान उतने ही जाग रहे थे, अभिजीत नए सही कहा था बड़ी हॉर्नी लड़की है अंशु.

मैं उसे लंड चूसते देख रहा था और बीच में उसके चुचे मसल भी रहा था, अंशु इतनी गरम हो गयी थी की उसने मुझे कहा "प्लीज़ मुझे फक कर लो ना चूस तो मैं बाद में भी दूंगी" मैंने मुस्कुरा कर कहा "नो प्रॉब्लम" तो उसने उसी पोजीशन में ज़रा सा उठकर और आगे आकर इम्रे लंड को अपनी चूत में पैवस्त कर लिया. लंड अंशु की चूत में हौले हौले जा रहा था लेकिन उसकी चीख तो सिर्फ टोपे टोपे में ही निकल गयी थी, आखिरकार अंशु नए तीसरे झटके में लंड अपनी चूत में पूरा का पूरा ले ही लिया और अब वो मेरे ऊपर बैठी घोडा घोडा खेल रही थी. मैं भी मज़े में था क्यूंकि मुझे उसकी चीखों में अपनी जीत का अहसास और उसके भरे हुए मज़ेदार चूचों के हिलने डुलने का व्यू मिल रहा था.

अंशु इतनी गज़ब की कूद रही थी मेरे लंड पर की मुझे लगा उस में कोई हॉर्नी आत्मा घुस गयी है लेकिन वो जो भी था गज़ब का था आखिर अंशु झड़ी और मेरे उपर निढाल हो क्र गिर गई लेकिन मेरा लंड अब भी उसकी चूत में ही था और खड़ा था सो मैंने अपनी प्यास बुझाने के लिए उसे चोदना जारी रखा और अब मैं अपनी कमर हिलाने लगा था, मैंने अपनी कमर ग्राइंड करने के स्टाइल मिएँ हिला रहा था ताकि जल्दी झड़ जाऊं पर फिर भी मुझे झड़ने में पांच मिनते से ज्यादा वक़्त लगा और तब तक तो अंशु की हालत भी खराब हो चुकी थी. मेरे झड़ने के बाद अंशु उठी और बोली "तुमने मेरी चूत में भूचाल मचा दिया है जानी लेकिन मैं इतना बड़ा लंड रोज़ रोज़ नहीं ले सकती, आई ऍम सॉरी वे विल नोट डू दिस एनिमोर".

मैंने इसे अपनी इन्सल्ट समझा और मैं अपने कपडे पहनकर सीधे उसी जगह पहुंचा जहाँ हम सरे दोस्त मिला करते थे, अभिजीत वहीँ बैठा था और उसने मेरे वहां पहुँचते ही मुझे गले लगा कर थैंक्स कहा तो मैं हैरान हुआ आखिर हुआ क्या है. अभिजीत नए मुझे बताया कि अंशु को वापस पाने का यही एक तरीका था एक तो अंशु उस से सेटिस्फाई नहीं हो पा रही थी और उसे खुद को भी गिल्ट होने लगी थी सो उसने अंशु को बड़े लंड से डराने के लिए ये प्लान बनाया था और फिर उसने अंशु का मेसेज भी दिखाया जिस में उसने माफ़ी मांगते हुए अभिजीत को ही अपना प्यार स्वीकार किया था. मुझे थोड़ी देर बुरा लगा फिर मैं समझ गया कि चलो किसी का प्यार बचने के काम तो आया मेरा लंड. आज अभिजीत और अंशु की शादी हुए दस बरस हो चुके हैं और दोनों काफी खुश हैं, हालाँकि मुझे अंशु के साथ दोबारा करने की इच्छा तो हुई लेकिन उनकी खुशियाँ देख कर मैंने अपने पांव वापस ले लिए.
 
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