मुझे अपने माल से भिगो दो

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Antarvasna, hindi sex stories: जब मैं ऑफिस में था तो भैया का मुझे फोन आया और वह मुझे कहने लगे कि विनोद क्या तुमने मेरी ट्रेन की टिकट करवा दी है। मैंने भैया से कहा हां भैया मैंने आपकी ट्रेन की टिकट बुक करवा दी है मैं जब घर आऊंगा तो आपको टिकट दे दूंगा। भैया कहने लगे कि ठीक है मुझे कल दिल्ली जरूरी काम से जाना है तो मैंने भैया को कहा हां भैया मुझे पता था इसलिए मैंने आपकी टिकट आज सुबह ही करवा दी थी। भैया कहने लगे ठीक है मैं अभी फोन रखता हूं और फिर भैया ने फोन रख दिया। मैं अपने ऑफिस का काम कर रहा था और ऑफिस का काम खत्म करने के बाद जब मैं शाम के वक्त अपने घर लौटा तो उस वक्त भैया घर पहुंच चुके थे। मैंने भैया को ट्रेन की टिकट दी और भैया से कहा कि भैया आप कितने दिनों के लिए दिल्ली जा रहे हैं तो भैया कहने लगे मैं एक हफ्ते तक दिल्ली में रहूंगा। मैंने भैया को कहा ठीक है भैया अगर आपको समय मिले तो आप छोटी से भी मिल लेना भैया कहने लगे ठीक है मैं उससे भी मिल लूंगा। छोटी मेरी बहन का नाम है उसे हम प्यार से छोटी बुलाते हैं वैसे उसका नाम रचना है उसकी शादी दिल्ली में ही हुई है।

मैं हॉल में बैठा हुआ था और भैया भी अपना कुछ काम कर रहे थे तभी मां हमारे लिए चाय बना कर ले आई। मां जब हमारे लिए चाय बना कर लाई तो भैया और मैं एक दूसरे से बात कर रहे थे तो भैया ने मुझे बताया कि वह कुछ समय बाद अपने ऑफिस से रिजाइन दे देंगे। मैंने भैया को कहा लेकिन भैया आपने रिजाइन देने का फैसला क्यों किया आपकी नौकरी तो अच्छे से चल रही है भैया कहने लगे की विनोद मुझे अपना काम शुरू करना है। भैया काफी समय से यह सोच रहे थे कि वह अपना कोई कारोबार शुरू करें और अब उन्होंने अपना पूरा मन बना लिया था इसलिए उन्होंने मुझे कहा कि मैं अब अपने ऑफिस से रिजाइन दे दूंगा। मैं भैया के साथ बात कर रहा था तभी मेरे दोस्त का फोन आया मैंने अपने मोबाइल पर देखा तो मेरे दोस्त रजत का फोन था मैंने रजत का फोन उठाया और उससे कहा कि आज तुमने इतने समय बाद मुझे फोन कर दिया।

रजत मुझे कहने लगा कि विनोद ऐसे ही बस कुछ दिनों के लिए घर आया था तो सोचा कि तुम से मिल लूं। मैंने रजत को कहा लेकिन तुम कितने दिनों के लिए घर आए हो तो वह मुझे कहने लगा कि बस एक हफ्ते के लिए ही मैं घर आया हूं। मैंने रजत को कहा कि ठीक है मैं तुमसे कल शाम के वक्त अपने ऑफिस से फ्री होने के बाद मिलता हूं तो रजत कहने लगा ठीक है विनोद। अगले दिन भैया अपने काम से दिल्ली जा चुके थे और मैं सुबह अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था। जब शाम के वक्त मैं अपने ऑफिस से फ्री हुआ तो मैंने रजत को फोन किया रजत कहने लगा कि हम लोग अपनी पुरानी जगह पर मिलते हैं जहां हम लोग मिला करते थे। इतने समय बाद हम लोग अपने कॉलेज के पास ही मिले, हमारे कॉलेज के पास एक दुकान हुआ करती थी मैं वहां गया और वहां पर मुझे रजत मिला। रजत और मैं अपने कुछ पुराने दिनों की बातें ताजा कर रहे थे तभी मैंने रजत को पूछा कि रजत क्या तुम कावेरी से अभी भी बात करते हो तो रजत कहने लगा कि नहीं अब उससे मेरा कोई संपर्क नहीं है। रजत और कावेरी के बीच हमारे कॉलेज के दौरान प्यार हुआ था मुझे और सबको यही लगता था कि वह दोनों शादी कर लेंगे लेकिन जब रजत ने मुझे बताया कि कावेरी ने अब रिलेशन खत्म कर लिया है और वह किसी और से ही शादी करने वाली है तो मुझे भी इस बात का काफी बुरा लगा। मैंने रजत को कहा लेकिन यह कैसे हुआ तो रजत ने मुझे पूरी बात बताई और कहा कि कावेरी और मेरे बीच सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन जबसे कावेरी की जिंदगी में शोभित आया तो उसने मुझसे बातें करना कम कर दिया फिर मुझे लगा कि अब शायद मेरे और कावेरी के बीच पहले जैसा रिलेशन बिल्कुल भी नहीं रहा इसलिए मैंने भी उससे दूर जाना ही ठीक समझा और हम दोनों अलग हो चुके हैं। शोभित कावेर के ऑफिस में ही काम करता था रजत ने मुझे बताया कि कावेरी और शोभित जल्द ही शादी करने वाले हैं।

मैंने रजत को कहा यह तो तुम्हारे साथ बहुत ही गलत हुआ रजत कहने लगा कि नहीं विनोद अब मैं इस बारे में भूल कर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुका हूं। उसने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि विनोद तुम यह सब छोड़ो तुम यह बताओ कि तुम्हारी जिंदगी कैसी चल रही है और क्या तुम्हारे जीवन में भी कोई लड़की आई है या फिर तुम अभी भी पहले की तरह सिंगल ही हो। मैंने रजत को कहा नहीं मैं तो अभी भी पहले की तरह ही सिंगल हूं और तुम तो जानते ही हो कि अभी तक भैया की शादी नहीं हुई है जब भैया शादी करेंगे उसके बाद ही मैं इस बारे में कुछ सोच पाऊंगा। तभी रजत ने रामू काका को कह कर दो चाय बनवा दी रामू काका के यहां चाय बड़ी अच्छी बनती है और कॉलेज खत्म हो जाने के बाद भी मैं कई बार उनके दुकान में चाय पीने के लिए जाता। इतने दिनों बाद मैं रामू काका की दुकान पर गया था रामू काका हम दोनों से पूछने लगे तुम लोग काफी समय बाद दिखाई दे रहे हो। मैंने रामू काका को कहा कि ऑफिस के चलते हमको समय नहीं मिल पाता और रजत तो पुणे में नौकरी करता है।

काका कहने लगे चलो बेटा यह तो बड़ा ही अच्छा है कि तुम लोग अपने पैरों पर खड़े हो चुके हो, उसके बाद रामू काका अपना काम देखने लगे। हम दोनों चाय पीते पीते दूसरे से बात कर रहे थे और हम लोगों को बात करते हुए काफी देर हो चुकी थी तो मैंने रजत को कहा कि रजत हमें अब चलना चाहिए। रजत कहने लगा ठीक है विनोद हम लोग चलते हैं मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं मैंने रजत को कहा ठीक है और फिर हम लोग अपने घर चले आये। उसके बाद भी रजत और मैं एक दूसरे से मिलते रहे वह कुछ दिन बाद पुणे जा चुका था और मैं भी अपने काम के चलते कुछ ज्यादा ही बिजी हो गया था। मेरी जिंदगी बड़े ही सामान्य तरीके से चल रहे थी मैं सुबह ऑफिस जाता और शाम के वक्त घर लौटाता। हमारे ऑफिस में एक नई लड़की ने ज्वाइन किया जो कि कुछ दिन पहले ही हमारे ऑफिस में आई थी उसका नाम कोमल है। कोमल सिर्फ अपने काम से मतलब रखती और उसे ऑफिस में ज्यादा किसी से कोई मतलब नहीं रहता था लेकिन कोमला मुझसे बातें करने लगी थी। हम दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे थे हम दोनों को अच्छा लगता था जब भी हम दोनों एक दूसरे से बातें किया करते और हम दोनो एक साथ समय साथ मे बिताया करते। एक दिन कोमल और मैं साथ में बैठे हुए थे उस दिन कोमल मुझसे पूछने लगी कि क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने कोमल को कहा नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है मैं सिंगल ही हूं कोमल के चेहरे पर यह बात सुनकर एक मुस्कुराहट आ गई थी उस दिन के बाद कोमल मुझसे कुछ ज्यादा ही चिपकने लगी। वह मुझ पर डोरे डालने लगी थी मुझे भी यह बात पता चल चुकी थी कि वह मुझ पर डोरे डालती है। एक दिन बारिश बहुत ज्यादा हो रही थी उस दिन हम दोनो साथ में ही बैठे थे हम दोनों काफी भीग चुके थे मैंने जब उसको घर छोड़ा तो वह मुझे कहने लगी चलो तुम भी घर चलो और मै कोमल के साथ चला गया। जब कोमल मेरे सामने बैठी हुई थी तो वह अपने स्तनों को मुझे बार-बार दिखा रही थी यह सब देख मेरे अंदर भी गर्मी पैदा होने लगी थी मैं अपनी गर्मी को बाहर निकालने के लिए तड़पने लगा था।

कोमल को तो यही मौका चाहिए था कोमल इस मौके को अच्छे से भूनाना चाहती थी वह इसमे कामयाब रही हो। जब हम दोनों एक साथ एक ही बिस्तर पर लेटे थे तो मैं कोमल के बदन को सहला रहा था। मैंने उसके सूट को उतार दिया मैंने अपने कपड़ों को भी उतार दिया अब हम दोनों एक दूसरे के साथ संभोग करने के तैयार थे। जब मेरा बदन कोमल के बदन से टकराता तो उस से एक अलग आग पैदा हो रही थी मैं उसके होठों को चूमने लगा मैंने उसके होठों से खून बाहर निकाल दिया था। मैंने अब कोमल के स्तनों का रसपान करना शुरू कर दिया। जब उसके स्तनों को मैं चूस रहा था तो मुझे बड़ा मजा आता कुछ देर तक मैंने उसके स्तनों को अच्छे से चूसा और उसके निप्पलो को चूस कर मैने खड़ा कर दिया।

उसने भी मेरे लंड का रसपान कर के मेरे लंड को खड़ा कर दिया। अब हम दोनों ही एक दूसरे का साथ बड़े अच्छे से देना चाहते थे मैंने कोमल की चूत को चाट कर पूरी तरीके से गिला बना दिया। जब मै कोमल की चूत पर लंड रगडने लगा तो वह कहने लगी तुम मेरी चूत के अंदर लंड डाल दो। मैंने भी जोरदार झटके के साथ अपने लंड को कोमल की चूत में प्रवेश करवा दिया जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो वह बड़ी जोर से चिल्लाई और कहने लगी मुझे आज मजा आ गया। मैंने कोमल को कहा मजा तो मुझे भी बहुत आ गया ऐसा लग रहा है जैसे तुम्हारी चूत से कुछ ज्यादा ही अधिक पानी बाहर निकल रहा है। कोमल कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आप ऐसे ही धक्के देते रहिए। मैं उसे जोरदार तरीके से धक्के देने लगा हम दोनों की अंदर से जो पैदा हो रही थी उससे एक अलग फीलिंग पैदा हो रही थी। मेरे अंदर भी करंट दौड़ रहा था जैसे ही मैंने अपने वीर्य की पिचकारी से कोमल की चूत को नहला दिया तो वह खुश हो गई और कहने लगी आज मजा ही आ गया।
 
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