मुझे बस चोदते रहो

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Hindi sex kahani, antarvasna: भैया की शादी हो जाने के बाद भैया के व्यवहार में पूरी तरह से बदलाव आ गया था वह हमेशा ही भाभी के कहने सुनने में थे इसलिए वह किसी की भी बात नहीं सुनते थे। पापा और मम्मी को भी इस बात से बहुत दुख था कि भैया पूरी तरीके से बदल चुके हैं इसलिए पापा और मम्मी ने भी सोचा कि हम लोगों को अब अलग हो जाना चाहिए और पापा और मम्मी मेरे साथ ही रहने लगे। भैया और भाभी को पापा मम्मी ने एक नया घर खरीद कर दे दिया और वह लोग वहां रहने लगे थे। भैया कभी कबार पापा मम्मी से मिलने आते थे लेकिन अब वह पूरी तरीके से बदल चुके थे उनके व्यवहार में इस प्रकार का बदलाव देखकर पापा मम्मी हमेशा ही दुखी रहते वह हमेशा ही मुझसे कहते कि रोहित के बदलते हुए व्यवहार से हम लोग बहुत ही दुखी हैं वह लोग भैया के व्यवहार से बहुत ही आहत हो चुके थे।

एक दिन मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था और जब उस दिन मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था तो मैंने देखा कि जिस बस स्टॉप पर मैं खड़ा था वहीं पर एक लड़की भी बस का इंतजार कर रही थी उसे देखकर मेरी नजरे उससे हट ही नहीं रही थी। उसके चेहरे का तेज और उसके लंबे घने बाल देखकर तो मैं उसकी तरफ पूरी तरीके से मोहित हो गया मैं उसे ही देखे जा रहा था लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि वह भी मेरी कॉलोनी में ही रहती है मैंने उससे पहले उसे कभी देखा नहीं था। जब मैं बस में चढ़ा तो तब भी मैं उसे ही देखता रहा वह सीट पर बैठी हुई थी लेकिन मुझे बैठने के लिए सीट नहीं मिल पाई थी। वह मेरे बिल्कुल सामने थी इसलिए मेरी नजर बार-बार उस पर पड़ रही थी। मैंने एक दिन उसे अपनी कॉलोनी में देखा तो मैं बहुत खुश हो गया मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था लेकिन मेरी से बात नहीं हो पाई थी और मैं सोच रहा था कि कैसे मैं पहल करूं। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मैं उस लड़की से कैसे बात करूं मैं उससे बात करना चाहता था। जब मेरी उससे बात हुई तो हम दोनों एक दूसरे से काफी बातें करने लगे थे मेरी बात राधिका से हमारी कॉलोनी में रहने वाले राजेश ने करवाई।

राजेश राधिका को पहले से ही जानता था मुझे यह बात पता नहीं थी लेकिन जब एक दिन मैं राजेश के घर पर गया तो मैंने उसे राधिका के बारे में बताया तब उसने मुझे कहा कि वह मेरी बहन की अच्छी दोस्त है अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी उससे बात करवा सकता हूं और फिर राजेश ने मेरी राधिका से बात करवाई। हम दोनों की बातें होने लगी थी और हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती भी हो चुकी थी अब हम अपनी दोस्ती को कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ा चुके थे इसलिए मैं अब राधिका को प्रपोज करना चाहता था। हालांकि मुझे डर भी था कि कहीं राधिका को कुछ गलत ना लगे लेकिन फिर भी मैंने अपने दिल की बात उससे कह दी थी। राधिका भी मुझे मना ना कर सकी और उसने मुझे कहा कि आकाश तुम मुझे बहुत ही अच्छे लगते हो यह कहते ही मैंने राधिका को गले लगा लिया और हम दोनों की प्यार की कहानी शुरू हो गई। मैं राधिका के साथ बहुत ही ज्यादा खुश था क्योंकि राधिका और मैं एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। वह हमारी कॉलोनी में ही रहती थी इसलिए हम लोग शाम के वक्त हमारी कॉलोनी के पार्क में मिला करते थे। जब मैं राधिका से मिलता तो राधिका को भी बहुत अच्छा लगता था। एक दिन राधिका ने मुझसे कहा कि वह कुछ दिनों के लिए अपने किसी रिलेटिव की शादी में दिल्ली जा रही है मैंने राधिका से कहा कि तुम वहां से वापस कब लौटोगी। राधिका मुझे कहने लगी कि मैं वहां से एक हफ्ते में लौट आऊंगी और मेरे साथ मेरा पूरा परिवार भी है। मैंने राधिका से कहा कि चलो यह तो अच्छा है कि तुम इस बहाने कम से कम दिल्ली भी घूम आओगी राधिका मुझे कहने लगी कि हां। राधिका और उसका परिवार कुछ दिनों के लिए दिल्ली चले गए थे राधिका से मेरी फोन पर बात हो रही थी और मुझे भी मेरे ऑफिस के टूर के सिलसिले में दिल्ली जाना पड़ा। जब मैं दिल्ली गया तो मैं वहां पर राधिका से भी मिला राधिका और मैं बहुत ही खुश थे हमे बहुत ही अच्छा लग रहा था कि कम से कम हम लोग मुलाकात तो कर पाये। मैंने तो सोचा भी नहीं था कि राधिका से मेरी मुलाकात हो जाएगी। राधिका से मेरी मुलाकात हुई तो हम दोनों ने साथ में अच्छा टाइप बिताया हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे के साथ रहे।

मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था कि राधिका और मैं एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड कर पा रहे हैं। मैं भी अपने ऑफिस के टूर से दिल्ली गया था तो दिल्ली में कुछ दिन तक रहने के बाद मैं वापस सूरत चला आया और कुछ दिन बाद राधिका भी सूरत वापस लौट आई थी। जब हम दोनों सूरत में मिले तो उस दिन मैंने राधिका से कहा कि देखो यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक है कि तुम दिल्ली गई तो मेरे ऑफिस के टूर के सिलसिले में मुझे भी दिल्ली जाना पड़ा। राधिका इस बात पर खुश हो गई और कहने लगी कि लगता है अब हम दोनों को साथ में ही रहना चाहिए। राधिका तो चाहती थी कि मैं उससे शादी कर लूं लेकिन मुझे थोड़ा समय चाहिए था क्योंकि अभी मेरी बहन की शादी नहीं हुई थी इसलिए मैंने राधिका से कहा कि जब मेरी बहन की शादी हो जाएगी तो उसके बाद मैं पापा मम्मी से इस बारे में बात करूंगा। राधिका को भी इस बात से कोई एतराज नहीं था और हम दोनों का रिलेशन बड़े ही अच्छे से चल रहा था। राधिका और मैं एक दूसरे के साथ तो समय बिताते ही थे लेकिन जब भी राधिका के घर मै उसको मिलने के लिए जाता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता।

मैं राधिका को मिलने के लिए उसके घर पर गया उस दिन उसके घर पर कोई भी नहीं था। यह बड़ा ही अच्छा मौका था हम दो जवां बदन एक होना चाहते थे। राधिका के अंदर की गर्मी बढ़ी हुई थी और वह चाहती थी वह मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए। मेरे लिए यह अच्छा मौका था जब मैंने राधिका के होंठो को चूमना शुरू किया तो वह मचलने लगी उसके होंठ चूम कर मुझे अच्छा लग रहा था और राधिका को भी बड़ा अच्छा लग रहा था जब मैं उसके होंठो को किस करता। वह मुझे कहती बस तुम ऐसे ही मेरे होंठों को चूमते जाओ। मैंने राधिका की गर्मी को तो पूरी तरीके से बढा ही दिया था और उसने भी मेरी गर्मी को बढा कर रख दिया था। जब उसने मेरे लंड को अपने हाथों से दबाना शुरू किया तो मुझे मजा आ रहा था। वह मेरे मोटे लंड को अपने हाथों से दबा रही थी उसको मजा आ रहा था जब वह मेरे लंड को अपने हाथों से दबाती मैंने राधिका से कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। राधिका मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जब मैं तुम्हारे लंड को अपने हाथों से दबा रही हूं। हम दोनों एक दूसरे के लिए तड़पने लगे थे मैंने अपने मोटे लंड को बाहर निकाला और राधिका ने उसे अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया। जब राधिका मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में लेकर हिला रही थी तो मुझे मज़ा आ रहा था। उसने बहुत देर तक ऐसा ही किया मैंने राधिका से कहा क्या मैं तुम्हारे स्तनों को चूस लूं। राधिका ने कहा तुम्हें जो करना है तुम कर लो राधिका बहुत गर्म हो चुकी थी इसलिए मैंने भी राधिका के बदन से पूरे कपड़े उतार कर उसके स्तनों का रसपान करना शुरू किया और वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर उसका रसपान कर रही थी। उसे मजा आ रहा था मुझे भी बहुत मजा आने लगा मैं बहुत ज्यादा तड़पने लगा था। मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी और राधिका के अंदर की आग भी बढ़ चुकी थी। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पाए। मैंने राधिका की योनि पर अपने लंड को लगाकर कुछ देर तक उसकी चूत पर अपने लंड को रगडा उसकी चूत से पानी निकल रहा था।

जब मुझे लगने लगा उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकलने लगा है और वह मचलने लगी है। मुझे भी बहुत अच्छा लगने लगा था राधिका ने मेरे मोटे लंड को अपनी चूत में लेने का मन बना लिया था। मैंने एक जोरदार झटके के साथ अपने लंड को राधिका की योनि के अंदर प्रवेश करवा कर उसे अपना बना लिया। मै उसकी चूत का भोसड़ा बनाने वाला था मैंने उसकी चूत से खून निकाल दिया था। वह मेरे लिए तड़पने लगी थी मैं उसे जिस तेजी से चोद रहा था उससे वह मुझे कहने लगी मुझे और भी तेजी से धक्के मारते रहो। मैंने उसके दोनों पैरों को आपस में मिला लिया था अब मैं उसे बड़ी तीव्र गति से धक्के मारने लगा था। मेरे धक्को में तेजी आ चुकी थी और मुझे मजा आने लगा था।

मेरे अंदर की गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी थी मेरा लंड पर पूरी तरीके से छिल चुका था मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था। मुझे इतना मजा आ गया था कि मैने उसकी चूत मे माल गिरा दिया था। मैं चाहता था मै राधिका को दोबारा चोदू। मैंने उसकी चूत में लंड को लगाया तो उसकी योनि से अभी भी खून निकल रहा था मैंने अब राधिका की योनि के अंदर लंड घुसा दिया। उसकी योनि के अंदर तक मेरा लंड जाते ही वह बड़ी जोर से चिल्लाई। अब मैं उसे बहुत तेजी से धक्के मारने लगा था और मेरे धक्को मे तेजी आ चुकी थी। मैंने काफी देर तक उसे ऐसे ही चोदा और अपनी गर्मी को पूरी तरीके से शांत कर दिया। अब हम दोनों ही पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुके थे। राधिका और मैंने कपड़े पहन लिए लेकिन राधिका बहुत ज्यादा घबराई हुई थी वह कहने लगी मुझे बहुत डर लग रहा है। मैंने उसे कहा तुम्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। जब भी हम दोनो का मन होता तो हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा ले लिया करते और एक दूसरे को पूरी तरीके से संतुष्ट कर दिया करते है।
 
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