मुझे लंबी चुदाई की आदत है

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Antarvasna, hindi sex stories: मैंने अनीता से कहा कि अनीता तुम्हें तैयार होने में कितना समय लग जाएगा तो अनीता ने कहा कि बस थोड़ी देर में मैं तैयार हो जाऊंगी लेकिन अनीता तो अभी तक तैयार हुई ही नही थी। अनीता और मैं हमारे एक रिश्तेदार की शादी समारोह में जाने वाले थे मम्मी पापा भी तैयार हो चुके थे अनीता भी जल्दी तैयार हो गई और फिर हम लोग शादी समारोह में पहुंचे जहां पर समारोह का आयोजन किया गया था। जब हम लोग वहां पर पहुंचे तो वहां पर काफी भीड़ थी हम लोग अपने रिश्तेदारों से मिले और हमने दूल्हे को शादी की बधाई दी। हम लोगों ने शादी अटेंड कर ली थी और हम लोगों ने खाना भी खा लिया था उसके बाद हम लोग घर लौट आए क्योंकि अगले दिन मुझे बेंगलुरु अपने ऑफिस के काम से निकलना था इसलिए मैं जल्दी से तैयार होकर सुबह की फ्लाइट से बेंगलुरु जाना चाहता था। मैं सुबह जल्दी उठ गया था और अनीता ने भी मेरा सामान पैक करने में मदद की मैं घर से टैक्सी लेकर एयरपोर्ट के लिए निकला। जैसे ही मैं एयरपोर्ट पर पहुंचा तो वहां पर मैंने फ्लाइट की टिकट ले ली उसके बाद मैं फ्लाइट में बेंगलुरु के लिए निकल चुका था।

मैं बेंगलुरु पहुंचा तो वहां पर मेरे ऑफिस के द्वारा ही मेरे लिए होटल की व्यवस्था कर दी गई थी। कुछ देर आराम करने के बाद मैं अपनी मीटिंग से चला गया, अपनी मीटिंग से शाम के वक्त जब मैं होटल में लौटा तो मेरे रूम में होटल का एक कर्मचारी आया और वह कहने लगा कि सर आज हमारे होटल में एक छोटा सा प्रोग्राम है तो आप भी उसमें जरूर आएगा मैंने उसे कहा ठीक है मैं जरूर आऊंगा। मैं कुछ देर आराम करना चाहता था क्योंकि मैं काफी थक चुका था थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं बाथरूम में नहाने के लिए चला गया। जब मैं नहा कर बाहर निकला तो मैं काफी अच्छा फील कर रहा था क्योंकि मैं बहुत ही ज्यादा थक चुका था और अब मुझे अच्छा महसूस हो रहा था। होटल में पार्टी थी तो मैंने सोचा कि मैं भी वहीं पार्टी में चला जाता हूं, मै अपने रूम से जैसे ही नीचे की तरफ गया तो वहीं लॉन में एक छोटा सा स्टेज लगा हुआ था जिसमें कि कुछ लोग काम कर रहे थे मैं वहां पर खड़ा था तभी मेरे पास होटल के मैनेजर आये और उन्होंने मुझसे हाथ मिलाते हुए कहा कि सर थोड़ी देर बाद प्रोग्राम शुरू हो जाएगा।

मैंने उन्हें कहा कि मैं यही हूं और मैं वहां पर बैठ गया मैं वहां पर बैठा हुआ था और थोड़ी ही देर बाद प्रोग्राम शुरू हो गया। जब प्रोग्राम शुरू हुआ तो होटल में रुके और लोग भी वहां पर आ चुके थे मैंने भी खाने को ऑर्डर दे दिया था और रात का डिनर करने के बाद मैं वापस अपने रूम में लौट गया। रूम में लौटने के बाद मुझे काफी ज्यादा नींद आ रही थी और मैं थका हुआ था इसलिए मैं बिस्तर में लेटते ही सो गया। अगले दिन जब सुबह मैं उठा तो मुझे अनीता का फोन आया अनीता मुझे कहने लगी सुबोध आपने मुझे फोन भी नहीं किया मैंने अनीता को कहा कल मैं बहुत ज्यादा थक चुका था इसलिए तुम्हें फोन नहीं कर पाया। मैंने कुछ देर अनीता से बात की और अनीता को कहा कि मैं बस कल शाम की फ्लाइट से वापस आ जाऊंगा तो अनीता कहने लगी कि ठीक है सुबोध अब मैं भी फोन रखती हूँ। अनीता ने फोन रखा उसके बाद मैं तैयार हो चुका था तैयार होने के बाद मैं जैसे ही होटल से बाहर आ रहा था तो मुझे मेरे परिचित दिखाई दिए उन्होंने मुझे देखते ही कहा कि सुबोध तुम यहां क्या कर रहे हो तो मैंने उन्हें कहा कि मैं तो अपने किसी काम से यहां आया था। मैंने उनसे पूछा कि क्या आप बेंगलुरु में ही रहते हैं तो वह मुझे कहने लगे कि हां मेरा ट्रांसफर बेंगलुरु में ही हो चुका है और मैं पिछले 3 वर्षों से बेंगलुरु में ही रह रहा हूं। उनसे मेरी काफी समय बाद मुलाकात हो रही थी वह मुझे कहने लगे कि सुबोध तुम घर पर जरूर आना मैंने उन्हें कहा कि घर पर आना तो संभव नहीं हो पाएगा। उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हें घर पर आना ही पड़ेगा इतने वर्षों बाद तुम मुझसे मिल रहे हो। मैंने उन्हें कहा कि क्या आप होटल में किसी जरूरी काम से आए थे तो वह मुझे कहने लगे कि मेरे दोस्त यहां आए हुए हैं मैं उनसे ही मिलने के लिए यहां पर आया था। मैंने उन्हें कहा कि वह कौन से रूम में रुके हैं तो उन्होंने मुझे बताया कि वह रूम नंबर 204 में रुके हैं वह मुझे कहने लगे आओ सुबोध मैं तुम्हें भी उनसे मिलाता हूं मैंने उन्हें कहा कि अभी तो मैं अपने काम से जा रहा हूं लेकिन मैं बादमे आपसे जरूर मिलूंगा।

मैं भी वहां से अपने ऑफिस के काम से निकल चुका था और शाम के वक्त मैं अपने उन्हीं रिश्तेदार से मिलने उनके घर भी गया था। मैं जब वापस लौटा तो मुझे काफी देर हो चुकी थी और जब मैं होटल में पहुंचा तो मैंने सोचा की मैं अपनी फ्लाइट की टिकट बुक कर देता हूं फिर मैं अपने लैपटॉप पर फ्लाइट की टिकट चेक करने लगा तभी मैंने देखा कि मुझे अगले दिन शाम की फ्लाइट की टिकट मिल रही है मैंने वह टिकट बुक कर दी। जब मैंने टिकट बुक कर दी तो मैंने अनीता को फोन कर दिया था और कहा कि अनीता मैं कल शाम की फ्लाइट की टिकट ले चुका हूं और कल रात तक मैं घर पहुंच जाऊंगा। अनीता बहुत खुश थी और कहने लगी कि सुबोध मैं आपका इंतजार करूंगी यह कहते हुए उसने फोन रख दिया।

अगले दिन जब मैं फ्लाइट से वापस लौट रहा था तो उस फ्लाइट में मेरी मुलाकात कविता से हुई कविता दिखने में बड़ी हॉट और सेक्सी थी। मैं तो उसके तने हुए स्तनों को देख रहा था उसे देखकर मेरा लंड तन कर खड़ा हो रहा था वह मेरे बगल में ही बैठी थी। मैंने उसकी जांघों पर भी अपने हाथ को फेर दिया जिससे कि वह समझ चुकी थी कि मैं उससे क्या चाहता हूं। कविता भी बड़ी चालू किस्म की महिला थी इसलिए उसने मुझे अपना नंबर दे दिया और अपने घर का पता दिया। उसने कहा तुम मुझसे मिलने के लिए घर पर आना। मैंने उसे कहा क्या आज मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे घर पर चल सकता हूं। इस बात पर वह खुश हो गई और कहने लगी भला इससे अच्छा मौका हम दोनों को कब मिलेगा। हम दोनों जैसे ही एयरपोर्ट पर उतरे तो मैं उसके साथ उसके घर पर चला गया वह अपने आपको बिल्कुल रोक ना सकी और मेरे सामने अपने कपड़े उतारे मैंने उसके स्तनों को देखा तो मैं उसके स्तनों को दबाने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था उसने मेरे लंड को दबाया और काफी देर तक वह ऐसा करती रही। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो वह देखकर बोली तुम्हारा तो बहुत मोटा लंड है। मैंने उसे कहा जब तुम अपने मुंह में लेकर चूसोगी तो तुम्हे मजा आएगा। उसने अपने मुंह मे लंड को लेकर उसे चूसना शुरू किया तो उसकी उत्तेजना में बढ़ोतरी होती चली गई और मेरी गर्मी बढती जा रही थी। मैंने उसके कपड़े उतारकर उसे बिस्तर पर लेटा दिया मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया तो वह बिल्कुल भी रह ना सकी और कहने लगी तुम मेरी चूत को चाटो मैंने उसकी चऊत को चाटा। उसके बाद तो जैसे वह पूरी तरीके से पागल हो चुकी थी और मुझे कहने लगी तुम अपने लंड को मेरी योनि में घुसा दो मैंने भी ऐसा ही किया और उसकी योनि के अंदर अपने लंड को सटाकर जैसी ही मैंने धक्का दिया तो उसकी योनि के अंदर मेरा लंड जा चुका था। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर जाते ही वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी तुम्हारा लंड बहुत मोटा है। मैंने उसे कहा तुम अपने पैरों को खोल लो उसने अपने पैरों को चौड़ा किया जिस से कि मेरा मोटा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर आसानी से जा रहा था। उसकी चूत से निकलता हुआ पानी इतना अधिक होने लगा था कि मुझे बहुत मजा आ रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं उसे धक्के मारता रहा हूं।

वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर ही वीर्य गिराना चाहता हूं क्योंकि मैं ज्यादा देर तक अपने आपको रोक नहीं पाऊंगा तुम्हारा हॉट और सेक्सी बदन मुझे बहुत ज्यादा गर्म कर रहा है। मेरे वीर्य जल्द बाहर निकल आया वह कहने लगी तुम अपने वीर्य को मेरी योनि मे गिरा दो और मैंने ऐसा ही किया। मेरे वीर्य उसकी योनि के अंदर गिरा तो वह कहने लगी तुम्हारा वीर्य बहुत जल्दी गिर गया। थोड़ी देर बाद जब मैं बाथरूम से बाहर आया तो मैंने उसके मुंह में अपने लंड को घुसा दिया और वह उसे सकिंग करने लगी उसे बहुत मजा आने लगा था और मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर दोबारा से लंड डालना चाहता हूं।

उसने मुझे लिक्विड दिया और अपने लंड पर लगाने के लिए कहा। जब मैंने उसकी चूत के अंदर लंड डाला तो बड़ी आसानी से उसकी चूत में चला गया। अब मुझे एहसास होने लगा मेरा लंड बहुत ज्यादा मोटा हो चुका है और बहुत कड़क भी हो चुका था। वह शायद उसी लिक्विड का कमाल था अब वह मुझसे अपनी चूतडो को मिला रही थी और मेरी गर्मी को बढ़ा रही थी। मैंने उससे कहा मुझे मजा आ रहा है मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर ऐसे ही किया बहुत देर हो गई थी और मेरी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। वह कहने लगी मुझे मजा आ रहा है मुझे ऐसी ही लंबी चुदाई की आदत है मैं जब तक ऐसी लंबी चुदाई नहीं करती तो मुझे मजा नहीं आता। हम लोगों ने करीब 15 मिनट तक चुदाई का लुफ्त उठाया और उसके बाद मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिरा मुझे मजा आ गया था। मेरे लिए बहुत खुशी की बात थी कि मैं कविता को चोद पाया उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहने और देर रात मै अपने घर लौट आया तो अनीता मेरा इंतजार कर रही थी।
 
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