मेरा मोटा लंड उसको अच्छा लगा

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Antarvasna, hindi sex story: मैं अपनी शादीशुदा जिंदगी से काफी ज्यादा परेशान हो चुका था मेरी पत्नी और मेरे बीच बिल्कुल भी बनती नहीं थी तो हम दोनों ने अलग होने का सोच लिया था। हम दोनों की शादी को 3वर्ष हो चुके थे और इन 3 वर्षों में मैं अपनी पत्नी के साथ बिल्कुल भी एडजेस्ट नहीं कर पाया था। मैं एक बैंक में जॉब करता हूं और मुझे अब लगने लगा था कि मुझे अपनी पत्नी को डिवोर्स दे देना चाहिए क्योंकि हम दोनों के बीच बिल्कुल भी बनती नहीं थी। हम दोनों की शादी हम दोनों के परिवार वालों की रजामंदी से हुई थी लेकिन अब मुझे लगने लगा था कि शायद हम दोनों एक दूसरे का साथ नहीं दे पाएंगे। मेरे और मेरी पत्नी के बीच बिल्कुल भी रिलेशन ठीक नहीं चल रहा था हम दोनों एक दूसरे से झगड़ने लगे थे। मैंने जब अपनी पत्नी से इस बारे में बात की तो वह भी मुझे कहने लगी कि मनीष तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो हम दोनों को अलग हो जाना चाहिए। हम दोनों की रजामंदी से हम दोनों ने अपने रिलेशन को खत्म करने का फैसला कर लिया था और हम दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके थे। हम दोनों का डिवोर्स हो जाने के बाद मुझे कई बार लगता कि मुझे किसी की जरूरत है जो कि मुझे समझ सके क्योंकि मम्मी और पापा के देहांत हो जाने के बाद मेरे जीवन में कोई भी ऐसा नहीं था जो कि मुझे समझ पाता।

मैं अपने आपको कई बार बहुत अकेला महसूस किया करता था और मुझे बहुत ही बुरा महसूस होता था लेकिन एक दिन जब मेरे ऑफिस में एक लड़की जॉब करने के लिए आई तो मैं उससे बातें करने लगा। हम दोनों की बातें होने लगी थी हम दोनों एक दूसरे से काफी ज्यादा बातें किया करते मैं जब शिप्रा से बातें करता तो मुझे बहुत अच्छा लगता था और शिप्रा को भी मुझसे बातें करना बहुत पसंद था। हम दोनों के बीच बहुत नजदीकियां बढ़ती जा रही थी और हम दोनों एक दूसरे को चाहने लगे थे।

मैंने अपने बारे में शिप्रा को सब कुछ बता दिया था और शिप्रा को इससे कोई एतराज नहीं था हम दोनों चाहते थे कि अब हम दोनों शादी कर ले लेकिन शिप्रा के पापा और मम्मी को मेरे साथ शिप्रा का रिलेशन शायद पसंद नहीं था इसलिए वह लोग मेरे साथ शिप्रा की शादी करवाने को तैयार नहीं थे। मैं काफी ज्यादा परेशान था मैं सोच रहा था की क्या मैं शिप्रा से शादी कर पाऊंगा भी या नहीं, मेरे मन में ना जाने कितने ही सवाल दौड़ रहे थे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन शिप्रा मेरा साथ हमेशा देने को तैयार थी। शिप्रा ने मुझे कहा कि मनीष मैं तुम्हारे साथ ही शादी करना चाहती हूं मैंने शिप्रा को कहा की लेकिन शिप्रा यह ठीक नहीं है तुम्हारे परिवार वाले हम दोनों के रिश्ते को बिल्कुल भी रजामंदी नहीं देंगे और वह लोग हमारे रिश्ते के खिलाफ हैं।

शिप्रा मुझे कहने लगी कि मनीष मैं तुमसे प्यार करती हूं और मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकती। शिप्रा और मेरा प्यार बहुत गहरा हो चुका था और अब हम दोनों एक दूसरे को बहुत चाहने लगे थे इसलिए शिप्रा चाहती थी कि हम दोनों शादी कर ले और हम दोनों एक रिश्ते में बन जाए लेकिन मैंने शिप्रा को समझाया और कहा कि जब तक तुम्हारे परिवार वाले मेरे साथ तुम्हारी शादी के लिए तैयार नहीं हो जाते तब तक यह सब ठीक नहीं रहेगा। शिप्रा को भी अब शायद समझ आ चुका था और वह मुझे कहने लगी कि तुम ठीक कह रहे हो। हम दोनों एक दूसरे के बहुत नजदीक तो थे ही लेकिन हम दोनों ने भी सब कुछ समय पर छोड़ दिया था और मुझे नहीं मालूम था कि अब आगे क्या होने वाला है। मैं और शिप्रा एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और एक दूसरे के साथ हम दोनों ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करते थे। शिप्रा ने अब ऑफिस छोड़ दिया था और वह घर पर ही रहती थी हालांकि मैंने शिप्रा को कहा था कि तुम्हें जॉब नहीं छोड़नी चाहिए लेकिन शिप्रा ने कहा कि मैं अब जॉब छोड़ना चाहती हूं और फिर शिप्रा ने जॉब छोड़ दी थी। हम दोनों का मिलना तो अक्सर होता ही रहता था और जब भी मैं शिप्रा के साथ होता तो मुझे काफी अच्छा लगता हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा टाइम स्पेंड किया करते। एक दिन शिप्रा ने मुझे कहा कि चलो आज हम लोग कहीं साथ में घूमने के लिए चलते हैं तो मैंने शिप्रा को कहा कि ठीक है और उस दिन हम दोनों साथ में घूमने के लिए चले गए। उस दिन हम दोनों घूमने के लिए मॉल में गए और वहां पर हम दोनों ने शॉपिंग भी की और शॉपिंग करने के बाद मैंने शिप्रा को कहा कि क्या आज हम लोग मूवी देखें तो शिप्रा भी इस बात के लिए तैयार हो गई। हालांकि शिप्रा को शाम के वक्त घर जल्दी जाना था लेकिन मैंने शिप्रा को कहा कि मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ दूंगा। हम दोनों मूवी देखने के लिए चले गए मैंने मूवी की टिकट ले ली थी और उसके बाद हम दोनों ने साथ में मूवी देखी। मूवी खत्म हो जाने के बाद मैं शिप्रा को छोड़ने के लिए उसके घर तक गया, जब मैं शिप्रा को छोड़ने उसके घर पर गया तो शिप्रा के पापा ने हम दोनों को देख लिया था और उन्हें यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई उन्होंने शिप्रा को काफी कुछ बुरा भला कहा।

शिप्रा ने जब रात को मुझे फोन किया तो मैंने शिप्रा को कहा कि क्या हुआ तो उसने मुझे सारी बात बताई मैंने उससे कहा कि देखो शिप्रा जब तक तुम्हारे पापा मम्मी तैयार नहीं हो जाते तब तक हम लोग एक नहीं हो सकते। अब तो मुझे भी लगने लगा था कि हम दोनों को जल्द से जल्द शादी कर देनी चाहिए शिप्रा ने मेरा साथ दिया और उसने अपने परिवार वालों को समझा दिया था की हम दोनों एक होना चाहते हैं। हालांकि उसके परिवार वाले अभी भी नहीं माने थे और वह लोग दिल से खुश नहीं थे लेकिन शिप्रा और मैंने कोर्ट मैरिज कर ली और कोर्ट मैरिज करने के बाद हम दोनों साथ में रहने लगे। हम दोनों पति-पत्नी बन चुके थे और मैं काफी खुश था कि शिप्रा मेरे जीवन में आ चुकी है क्योंकि शिप्रा के मेरे जीवन में आने से मेरी खुशियां दोगुनी हो चुकी थी। शिप्रा मेरी पत्नी बन चुकी थी। शिप्रा घर की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही थी और हम दोनों के बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बन चुके थे। एक दिन मैं काफी ज्यादा थका हुआ महसूस कर रहा था उस दिन मैंने शिप्रा से कहा आज तुम मेरे बदन की मालिश कर दो।

शिप्रा ने कहा मैं आपके बदन की मालिश अभी कर देती हूं और उसने मेरे बदन की मालिश करनी शुरू की। जब वह मेरे बदन की मालिश कर रही थी तो मेरे अंदर एक अलग ही उत्तेजना जाग रही थी। मैंने उसकी जांघों को सहलाने शुरू कर दिया। उसके नरम होंठों को मैंने चूमना शुरू किया तो शिप्रा को बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। वह अब इतने ज्यादा गर्म होने लगे थे कि वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहे थे ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था।

शिप्रा के सामने मैंने जब अपने मोटे लंड को निकाल कर उसे हिलाना शुरू किया तो वह मेरे लंड को देखकर कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है। मैंने शिप्रा को कहा तुम इसे अब अपने मुंह के अंदर लेकर तब तक चूसो जब तक मेरे लंड से पूरी तरीके से पानी बाहर ना आ जाए। शिप्रा ने भी मेरी बात मान ली उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया उसे भी मजा आने लगा था। वह मेरे लंड को अपने गले के अंदर लेकर चूसती तो उसे आनंद आ रहा था और वह जब मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी तो मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आने लगा था। मेरे अंदर की भी गर्मी बढ़ने लगी थी। मेरे अंदर की गर्मी इस कदर बढ़ने लगी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था और मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया। मैंने शिप्रा के मुंह के अंदर ही अपने माल को गिराकर उसके मुंह को अपने माल से भर दिया था।

अब मुझे लग गया था मुझे शिप्रा को चोदना चाहिए मैंने जब शिप्रा की चूत को चाटना शुरू किया तो शिप्रा की चूत चाटकर मुझे मज़ा आ रहा था और वह मुझे अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। मैंने शिप्रा की योनि के अंदर लंड घुसाया और उसे चोदना शुरू किया। वह पूरी तरीके से गरम हो गई थी वह कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। मुझे भी बहुत ज्यादा आ रहा था अब मैंने शिप्रा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया था। जब मैंने ऐसा करना शुरू किया तो शिप्रा की चूत से निकलता हुआ खून मेरी गर्मी को और भी ज्यादा बढ़ा रहा था। मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करने लगा। मेरा मोटा लंड शिप्रा की चूतडो से टकराने लगा था जिस से कि वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही थी और अपनी मादक आवाज में वह सिसकारियां लेकर मुझे कहती तुम मुझे बस ऐसे ही धक्के मारते रहो। मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था मैंने शिप्रा को तब तक चोदा जब तक मेरे अंदर की गर्मी बुझ नहीं गई। शिप्रा की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ी हुई थी। मैंने शिप्रा की चोदकर अपने माल को गिराकर उसकी इच्छा को पूरा कर दिया। वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी जब मैंने उसकी चूत के अंदर अपने माल को गिराकर उसकी इच्छा को पूरा कर दिया।
 
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