मेरा लंड चूत की गहराईयो मे खो गया

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Hindi sex kahani, antarvasna: मेरा परिवार लखनऊ में रहता है कुछ समय तक मैंने लखनऊ में जॉब की और उसके बाद जब मुझे मुंबई में एक बड़ी कंपनी से जॉब का ऑफर आया तो मैंने मुंबई में ही नौकरी करने की सोची और मैं मुंबई आ गया। मुंबई मेरे लिए बिल्कुल नया था और मेरा परिवार भी मुझसे दूर था मैं मुंबई से अपने घर जब भी जाता तो पापा मम्मी मुझे अक्सर कहते कि बेटा तुम लखनऊ में ही जॉब कर लो। मेरी बहन की शादी भी जल्द ही होने वाली थी तो उन्हें लगता था कि वह लोग घर पर अकेले हो जाएंगे। मेरी बहन की शादी के लिए मैं अपने घर लखनऊ गया हुआ था करीब 15 दिनों की छुट्टी मैंने अपने ऑफिस से ली थी इन 15 दिनों में मैं अपनी बहन की शादी में इतना व्यस्त था कि मैं अपने किसी भी दोस्त से बात नहीं कर पाया। मेरे ऑफिस में ही काम करने वाले मेरे दोस्त ने मुझे फोन किया था लेकिन मैं उससे भी फोन पर बात नहीं कर पाया था मैंने जब उसे दोबारा कॉल किया तो वह मुझे कहने लगा कि गौतम मैं तुमसे कब से बात करना चाह रहा था। मैंने उसे बताया कि मैं अपनी बहन की शादी के चलते बिजी था इसलिए तुमसे बात नहीं कर पाया लेकिन दो दिन बाद मैं वापस मुंबई आ रहा हूं।

वह मुझे कहने लगा ठीक है और उसने यह कहकर फ़ोन रख दिया मैंने भी अपनी ट्रेन की टिकट बुक करवा दी थी और ट्रेन में मेरा रिजर्वेशन हो चुका था तो मैं दो दिन बाद मुंबई वापस चला आया। जब मैं मुंबई पहुंचा तो अपनी जिंदगी में मैं कुछ ज्यादा ही बिजी हो गया अपनी लाइफ में मैं बहुत ज्यादा बिजी हो चुका था क्योंकि मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था। मेरा दोस्त जिसने कि मुझे फोन किया था वह मुझे कहने लगा कि मैं तुम्हें इसलिए फोन कर रहा था क्योंकि मुझे तुमसे कुछ जरूरी काम था। उसने मुझे कुछ दिनों पहले अपने कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट दिए थे जो कि मेरे पास ही रह गए थे वह चाहता था कि मैं उसे वह वापस कर दूं तो मैंने उसे उसके डॉक्युमेंट्स वापस कर दिए। मुंबई की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने लिए समय निकाल पाना मुश्किल ही था लेकिन जिस कॉलोनी में मैं रहता हूं उस कॉलोनी में ही संदेश रहता है संदेश के साथ मैं जब भी होता तो मुझे अच्छा लगता। एक दिन संदेश और मैं पब में चले गए उसने मुझे कहा कि आज मैं तुम्हें अपने दोस्त से मिलवाता हूं और संदेश मुझे अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए ले गया।

वह मुझे जब अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए पब में ले गया तो वहां पर मेरी उन लोगों से मुलाकात हुई संदेश ने मुझे जब शालिनी से मिलवाया तो शालिनी से मिलकर मुझे अच्छा लगा। शालिनी का चेहरा जैसे मेरे दिल और दिमाग में छप चुका था और मैंने यह बात संदेश को बताई तो संदेश मुझे कहने लगा कि मैं सिर्फ तुम्हारी इतनी ही मदद कर सकता हूं कि शालिनी से मैं तुम्हें दोबारा मिलवा सकता हूं। मैंने संदेश को कहा ठीक है और उसने मुझे एक दिन दोबारा शालिनी से मिलवाया, उसने जब मुझे शालिनी से मिलवाया तो शालिनी और मेरे बीच बात हुई और उस दिन हम दोनों ने नंबर एक्सचेंज कर लिए। हम दोनों ने अब एक दूसरे को नंबर दे दिया था तो हम दोनों की फोन पर बातें होने लगी थी मैं और शालिनी एक दूसरे से फोन पर बातें करने लगे थे। मुझे शालिनी के बारे में ज्यादा पता नहीं था इसलिए हम दोनों एक दूसरे को मिलने लगे थे हालांकि यह बहुत ही मुश्किल था क्योंकि शालिनी के पास बिल्कुल भी समय नहीं रहता था लेकिन वह मेरे कहने पर मुझे मिल लेती थी। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ होते तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था और अब शालिनी को भी मुझसे मिलना अच्छा लगने लगा था। शालिनी और मेरे बीच की बढ़ती नजदीकी अब ज्यादा ही होने लगी थी और यह बात संदेश को भी पता थी। संदेश को यह बात अच्छे से पता थी कि हम दोनों के बीच रिलेशन चलने लगा है। मैंने शालिनी को प्रपोज कर दिया था शालिनी को भी इससे कोई एतराज नहीं था मैं चाहता था कि मैं शालिनी को अपने परिवार से मिलवाऊ। मैंने अपने पापा मम्मी को मुंबई बुलाया लेकिन वह लोग मुंबई आ नहीं पाए थे इसलिए मैंने शालिनी से कहा कि जब वह लोग मुंबई आएंगे तो मैं तुम्हें पापा मम्मी से मिलवाऊंगा। शालिनी को इससे कोई एतराज नहीं था और वह भी चाहती थी कि मैं और वह एक हो जाएं।

हम दोनों शादी करने के लिए तैयार थे हम दोनों की जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चल रहा था मुझे सिर्फ शालिनी से यही शिकायत रहती थी कि उसके पास समय बहुत ही कम रहता है। वह जिस जगह जॉब करती है वहां उसे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था इसलिए अक्सर मुझे इस बात से शिकायत रहती थी लेकिन शालिनी इस बात को अच्छे से जानती थी कि शादी के बाद वह जॉब छोड़ देगी उसने मुझे यह बात कही भी थी। मेरे और शालिनी के बीच सब कुछ बहुत ही अच्छे से चलने लगा था जब पापा और मम्मी मुंबई आए तो उस वक्त मैंने शालिनी को पापा और मम्मी मिलवाया। पापा मम्मी शालिनी से मिलकर बहुत ही खुश थे उन्हें शालिनी में अपनी बहु नजर आने लगी क्योंकि मम्मी ने देखते ही मुझे कहा कि शालिनी बहुत ही अच्छी है। मैंने पापा मम्मी को इस बारे में पहले ही बता दिया था कि हम दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं। शालिनी के पापा मम्मी को भी इससे कोई एतराज नहीं था वह लोग मेरी शादी शालिनी से करवाने के लिए तैयार थे सब कुछ ठीक हो चुका था मैं और शालिनी शादी करना चाहते थे। मैंने जब शालिनी को इस बारे में कहा कि मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं तो हम दोनों ने कुछ समय बाद शादी कर ली।

हम दोनों ने मुंबई में ही शादी की हमारे जितने भी रिलेटिव्स और सगे संबंधित है उन सब को मैंने शादी में इनवाइट किया था मेरे दोस्त भी मेरी शादी में आए हुए थे। मैं और शालिनी शादी के बाद मुंबई में ही रहने लगे थे शालिनी मेरी पत्नी बन चुकी थी तो इस बात से मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। शालिनी मेरी जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही थी। उसने मेरी हर जरूरतों को पूरा किया। मेरे और शालिनी की के बीच सेक्स संबंध बड़े ही अच्छे थे हम दोनों एक दूसरे के साथ अक्सर सेक्स का मजा लिया करते। एक दिन मैं और शालिनी जब साथ में बैठे हुए थे तो उस दिन मैंने शालिनी को कहा मेरा सेक्स करने का बड़ा मन है। शालिनी को भी इस बात से कोई एतराज नहीं था। वह मुझसे सेक्स करने के लिए तैयार थी। हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बनने वाले थे मैंने शालिनी के सामने अपने लंड को किया और उसने भी तुरंत मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरु किया और मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू कर दिया था। वह जब मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी तो उसको मजा आता और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। मेरे अंदर की गर्मी चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी शालिनी के अंदर की गर्मी भी अब चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी। वह चाहती थी हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा ले इसलिए उसने अपने बदन से अपने कपड़े उतार कर मुझे कहां मुझसे रहा नहीं जा रहा है। मैंने शालिनी की चूत की तरफ देखा उसकी चूत देखकर मेरा लंड और भी ज्यादा कठोर होने लगा था। मैंने शालिनी की चूत को चाटना शुरू किया और उसकी चूत को मैं पूरी तरीके से चाट कर गिला कर चुका था। मैंने शालिनी से कहा मैं तुम्हारी चूत मे लंड डाला रहा हूं। मैंने धीरे धीरे उसकी योनि के अंदर मे अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। मेरा लंड शालिनी की योनि के अंदर तक जा चुका था जैसे ही मेरा लंड शालिनी की योनि के अंदर तक गया तो वह जोर से चिल्लाई। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया था मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा किया हुआ था और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था जब मैं उसे तीव्र गति से धक्के मार रहा था। शालिनी के अंदर की गर्मी बढ रही थी और मेरे अंदर की आग भी पूरी तरीके से बढ चुकी थी। हम दोनों को मजा आने लगा था।

शालिनी अपने आपको रोक नहीं पा रही थी हम दोनों एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे। मैंने जब शालिनी की चूत के अंदर अपने माल को गिराया तो मैंने उसे कहा मुझे तुम्हें दोबारा से चोदना है। शालिनी मेरे लंड को दोबारा से सकिंग करने लगी उसने मेरे लंड को चूस कर दोबारा से कडक कर दिया था। मेरा लंड शालिनी की योनि के अंदर जाने के लिए बहुत ही ज्यादा उतावला हो चुका था इसलिए मैंने भी शालिनी को अपने ऊपर बैठाया और मैं उसे धक्के मार रहा था। वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और मुझ से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मेरे और शालिनी के अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं शालिनी की योनि के अंदर बाहर अपने लंड को बड़ी आसानी से किए जा रहा था।

जिससे कि मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी शालिनी के अंदर की आग बढ़ चुकी थी। शालिनी के अंदर के आग अब इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मैंने उससे कहा मेरा वीर्य बाहर आने वाला है। शालिनी भी अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करने लगी वह बहुत तेज गति से अपनी चूतडो को ऊपर नीचे कर रही थी उस से मेरे अंदर गर्मी पैदा हो रही थी और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। मैने शालिनी की योनि के अंदर अपने माल को गिरा दिया था। मैने उसकी चूत की खुजली को मिटाया और अपनी गर्मी को भी शांत कर दिया। शालिनी बड़ी खुश थी मैं उसके साथ सेक्स के मज़े ले पाया अब शालिनी ने मुझे कहा तुमने मेरी गर्मी को शांत कर दिया है। मैंने शालिनी से कहा तुम मेरे लंड को दोबारा से अपने मुंह में लेकर चूसो। शालिनी ने मेरे लंड को तब तक सकिंग किया जब तक मेरा वीर्य बाहर ना आ गया। मेरी इच्छा पूरी हो चुकी थी और शालिनी और मैं एक दूसरे के साथ रिलेशन में बहुत ही खुश हैं। मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब भी मेरे और शालिनी के बीच सेक्स होता है।
 
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