मेरा लंड चूत मे ले लो

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Antarvasna, desi kahani: मेरे पिताजी अब काफी बूढ़े हो चुके हैं और वह बहुत बीमार भी रहते हैं, मैं अपनी कंपनी को पिछले 15 वर्षों से चला रहा हूं। मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि आप बाबूजी को अस्पताल लेकर क्यों नहीं जाते तो मैंने अपनी पत्नी से कहा कि तुम तो जानती ही हो मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं हो पाता है लेकिन फिर भी मैं समय निकालकर पिताजी को अस्पताल लेकर गया। जब मैं उन्हें हॉस्पिटल लेकर गया तो डॉक्टर ने उन्हें कुछ दवाइयां दे दी और कहा कि इन्हें कुछ समय आराम करना पड़ेगा मैंने पिताजी को कहा कि पिताजी आप आराम क्यों नहीं करते। पिताजी काफी चिंता में रहते थे मेरी बहन की चिंता उन्हें हमेशा ही सताती रहती थी मेरी बहन ने लव मैरिज की थी और उसके बाद वह कभी घर नहीं लौटी पिताजी इस बात से बिल्कुल भी खुश नहीं थे लेकिन उन्हें मैं हमेशा ही कहता कि आप बिल्कुल भी परेशान मत हुआ कीजिए।

मैं और पिताजी घर लौट आए थे जब मैं घर लौटा तो हमारे घर में काम करने वाला नौकर रामू मुझे कहने लगा कि साहब मुझे आज छुट्टी चाहिए थी मैंने उसे कहा लेकिन तुमने कुछ दिनों पहले ही तो छुट्टी ली थी। वह कहने लगा कि साहब मुझे कोई जरूरी काम था इसलिए मुझे घर जाना है मैंने उसे कहा ठीक है यदि तुम्हें जरूरी काम है तो तुम घर चले जाओ। रामू भी अब घर चला गया, रामू हमारे घर में काफी वर्षों से काम कर रहा है और उसने ही पिताजी की देखभाल इतने वर्षों से अच्छे से की है। मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि मोहन आज आप क्या अपने काम से जल्दी लौट आएंगे मैंने अपनी पत्नी को कहा मैं तुम्हें इस बारे में कुछ कह नहीं सकता क्योंकि आज मेरी एक जरूरी मीटिंग है हो सकता है कि मुझे आज आने में देर हो जाए। मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि मुझे आपसे कुछ जरूरी काम था मैंने उसे कहा कि लेकिन तुम्हें मुझसे क्या जरूरी काम है वह कहने लगी कि मुझे कुछ पैसों की जरूरत थी। मैंने उससे कहा कि तुम्हें पैसों की क्यों जरूरत पड़ गई तो वह मुझे कहने लगी कि मैं आज अपनी सहेली के साथ घूमने के लिए जा रही हूं और मुझे कुछ पैसों की जरूरत थी।

मैंने उसे कहा कि तुम्हें कितने पैसों की जरूरत है तो उसने मुझे कहा कि मुझे बिस हजार चाहिए थे मैंने अपनी पत्नी को पैसे दे दिए और उसके बाद मैं अपने काम पर चला गया। मैं जब अपने काम पर गया तो उस दिन मेरी जरूरी मीटिंग थी और मुझे मीटिंग खत्म करने के बाद घर पहुंचने में काफी देर हो गई थी मैं जब घर पहुंचा तो मेरी पत्नी ने काफी शॉपिंग की हुई थी वह मुझे कहने लगी कि आज मैं अपनी सहेली के साथ काफी दिनों बाद शॉपिंग करने के लिए गई। मेरी पत्नी हमेशा ही बेवजह के पैसे खर्च करती रहती थी लेकिन मैंने उसे कभी कुछ नहीं कहा मैंने अपनी पत्नी से कहा कि क्या रामू अभी तक नहीं लौटा है मेरी पत्नी ने मुझे बताया कि नहीं रामू तो अभी तक नहीं लौटा है। मैंने उससे कहा कि क्या पिताजी ने दवाई ले ली थी तो वह कहने लगी कि हां पिताजी ने दवाई ले ली थी और पिताजी अभी आराम कर रहे हैं। मैं कुछ देर अपनी पत्नी के साथ बैठा रहा फिर मैं सो चुका था रामू भी काफी दिनों से काम पर नहीं आया था और पिताजी की तबीयत भी ठीक नहीं थी मैंने रामू को फोन किया तो उसने मुझे बताया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है वह काफी बीमार है। रामू का अचानक से बीमार हो जाना मुझे कुछ समझ नहीं आया क्योंकि वह जब घर से गया था तब तो वह ठीक था लेकिन अचानक से वह बीमार हो गया, मैंने भी उसे कुछ नहीं कहा। रामू अभी तक घर नहीं लौटा था इसलिए मेरी पत्नी को ही पिताजी की देखभाल करनी पड़ रही थी रामू की पत्नी का एक दिन मुझे फोन आया और उसने मुझे रामू के बारे में बताया। रामू हमारे घर पर पिछले 15 साल से अधिक से काम कर रहा था। उसकी 35 वर्ष की पत्नी और दो बच्चे, जो दोनों 15 साल से कम उम्र के थे उनको वह पीछे छोड़ गया। मैं उसके घर गया और उसकी पत्नी को पैसे देने के दौरान, मैने उसे कहा अगर उसे कुछ चाहिए तो वह मुझसे संपर्क करे। दो हफ़्ते बाद मुझे रामू की पत्नी से मिलने की इच्छा हुई मै उससे मिलने उसके घर गया था। मेरा एक फ्लैट है जिसे मैं अपने कार्यालय के रूप में उपयोग करना चाहता था। मैंने सोचा कि मैं उसे कार्यालय के काम के लिए इस्तेमाल कर सकता हूं।

मैने रामू कि पत्नी को काम पर रख लिया उसका नाम सुमन है वह पढी लिखी है। दूसरे दिन वह काम पर चली आई मैंने उसे रहने के लिए एक कमरा दिया और उसे काम के बारे में बताया। जब वह आई तो मैंने देखा कि उसक पास कपडे नही थे मैने उसे मेरे साथ आने को कहा, मैं उसे बाजार ले गया और उसे साड़ियाँ ब्लाउज़ ले लिया, उसने पैंटी ब्रा भी ले ली थी वह खुश थी। इसके अलावा मैंने उसके लिए वह सब खरीदा जो एक औरत को पहनना पसंद है मैने उसके लिए लिपस्टिक चूड़ियाँ और दो बड़े सोने के झुमके भी लिए। जब हम घर पहुंचे तो मैंने उसे कपडे बदलने के लिए कहा। जब वह आई तो मैं उससे देखता रह गया उसके तरबूज के आकार के स्तनों देख मेरा लंड खडा हो गया। वह बहुत शर्मीली थी वह मुझसे पूछ रही थी कि उसे क्या करना है। मैंने उसे समझाया कि उसका काम क्या होगा, चूंकि वह कंप्यूटर की जानकारी रखती थी मैं जानता था कि उसका काम सरल होगा।

मैने उसे उसका काम समझा दिया था। सुमन अच्छे से काम करने लगी थी और वह अपने काम पर पूरा ध्यान दे रही थी। वह अपने बच्चों की परवरिश अच्छे से कर रही थी उसके बच्चे भी उसी के साथ रहते थे। एक दिन मैं ऑफिस मे काफी देर तक था उस दिन मुझे घर जाने में देर हो गई थी बारिश काफी तेज थी इसलिए मैंने सोचा कि थोड़ी देर रुक कर मैं घर चला जाऊंगा। सुमन मुझे कहने लगी सर मैं आपके लिए खाना बना देती हूं मैंने उसे कहा नहीं रहने दो क्योंकि सुमन को मैंने रहने के लिए फ्लैट मे कमरा दे दिया था इसलिए वह खाना भी वही बनाया करती थी। मैंने सुमन से कहा तुम मेरे लिए खाना बना दो उसने मेरे लिए खाना बना दिया। मैं अब सुमन के साथ सेक्स करना चाहता था क्योंकि उसके गोल और सुडौल स्तन तो मेरे दिमाग में हमेशा से ही बसे हुए थे। मै उसकी चूत मारना चाहता था मैंने सुमन से कहा तुम बहुत ही अच्छी हो और उसे मैंने अपनी बाहों में समा लिया। मैं उसकी पतली कमर को अपनी बाहों में लेकर उसे महसूस कर रहा था वह मुझे कहने लगी साहब ऐसा मत करो। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें अपना बनाना चाहता हूं और मैं तुम्हारी चूत मारना चाहता हूं। वह अपने आप को भी ना रोक सकी और मेरे साथ वह किस करने लगी जब वह मुझे किस कर रही थी तो मैंने उसके होठों को काट दिया था। मैं उसे कमरे मे ले आया था मैं उसे दूसरे कमरे मे ले आया था उसके बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे थे। हम दोनों वहां पर एक दूसरे के बदन को महसूस कर रहे थे जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लिया तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी। उसने मेरे लंड से पूरी तरीके से पानी निकाल कर रख दिया था वह सेक्स के लिए तड़प रही थी इसलिए उसने मेरा साथ बहुत ही अच्छे से दिया। वह मेरा साथ इतने अच्छे से दे रही थी कि मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को ऐसे ही अपने मुंह मे लेकर चूसती रहो। उसने मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर काफी देर तक चूसा जिसके बाद वह मुझे कहने लगी मैं अपनी चूत मे आपके लंड को लेना चाहती हूं। उसने अपने दोनों पैरों को खोल लिया मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को लगा दिया मैंने जब उसकी चूत के अंदर अपने लंड को लगाया तो मैं उसे तेज गति से धक्के देने लगा वह बहुत चिल्ला रही थी।

वह बड़ी मादक आवज मे सिसकिया ले रही थी उसकी गर्मी बढ़ती जा रही थी उसने मेरी भी गर्मी को बढा कर रख दिया था। मैंने उसे कहा तुम्हें आज चोदने में बहुत मजा आएगा। वह कहने लगी साहब आपका लंड तो बहुत ही मोटा है आपने मेरे ऊपर इतना एहसान किए हैं भला मैं आपकी बात को कैसे टाल सकती थी, रामू आपके घर पर इतने वर्षों से काम कर रहा था लेकिन वह आपकी हमेशा ही तारीफ किया करता और मैं आपसे पहले से ही प्रभावित थी। वह अब मुझसे अपनी चूत मरवाकर बहुत ज्यादा खुश थी मैंने जब उसे घोड़ी बना कर धक्के देने शुरू किए तो वह मुझसे अपनी चूतड़ों को मिलाए जा रही थी वह मुझे कहती साहब आप मुझे ऐसे ही चोदते रहिए। मैंने उसे कहा रामू ने तुम्हारी पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं की।

वह कहने लगी रामू से मेरी शादी काफी वर्ष पहले हो गई थी लेकिन रामू चाहता था कि मैं पढ़ाई करू और आज यदि मैं पढ़ाई नहीं करती तो शायद आप भी मुझे अपने ऑफिस में काम पर नहीं रखते। मैंने उसे कहा रामू ने हमारे घर की काफी सालों तक सेवा की है वह अनपढ़ जरूर था लेकिन बहुत ही समझदार था। मैं उसकी चूत पर तेजी से प्रहार कर रहा था जिससे कि सुमन की चूत से पानी बाहर की तरफ को निकल रहा था उसकी चूत की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। उसकी मादक आवाज मे लगातार बढ़ोतरी हो रही थी मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी। मैंने उसे कहा मैं ज्यादा देर तक अपने आपको नहीं रोक पाऊंगा मेरा वीर्य तुम्हारी चूत मे ही गिर जाएगा। वह कहने लगी कोई बात नहीं साहब आप अपने वीर्य को मेरी योनि मे ही गिरा दो। मैंने अपने वीर्य को सुमन की चूत के अंदर गिरा दिया उसके बाद मेरा जब भी मन होता तो मैं सुमन के साथ सेक्स कर लिया करता। मेरी हर इच्छा को वह पूरा कर दिया करती और उसके गोरे और सेक्सी बदन को महसूस कर के मुझे बहुत ही अच्छा लगता।
 
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