मेरा लंड सुधा की चूत में

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Antarvasna, desi kahani: परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण मुझे नौकरी करने के लिए चेन्नई आना पड़ा। मैं अपने दोस्त राघव के साथ चेन्नई नौकरी करने के लिए आ गया था और राघव के साथ ही मैं रहता था लेकिन अब मैं राघव के साथ नहीं रहता हूं। मैंने चेन्नई में ही शादी कर ली है मेरा शादीशुदा जीवन भी अच्छे से चल रहा है और मेरे घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक हो चुकी है। मेरा परिवार मेरे साथ चेन्नई में ही रहने लगा है मैं चेन्नई में बिजनेस करता हूं और मैं काफी ज्यादा खुश हूं जिस तरीके से मेरी जिंदगी चल रही है और मेरा परिवार मेरे साथ ही रहता है। कुछ दिनों के लिए मैं अपने परिवार के साथ लखनऊ जाना चाहता था पहले लखनऊ में ही मेरी फैमिली रहती थी और मैं भी लखनऊ में ही रहा करता था। लखनऊ में हीं मैंने अपने स्कूल की पढ़ाई की और लखनऊ में काफी वर्षों तक रहने के बाद अब मैं चेन्नई में रहने लगा था।

काफी समय हो गया था मैं लखनऊ नहीं गया था तो सोचा कि क्यों ना मैं लखनऊ चले जाऊं और मेरी फैमिली भी मेरे साथ लखनऊ गई थी। लखनऊ जाकर मैं बड़ा खुश था और लखनऊ में हम लोग काफी समय तक रहे। जब मैं लखनऊ गया तो लखनऊ में मेरी कुछ पुराने दोस्तों से मुलाकात हुई और मुझे उन लोगों से मिलकर बड़ा ही अच्छा लगा। उन लोगों से मैं काफी लंबे अरसे बाद मिल रहा था और मैं इस बात से बड़ा खुश था कि मुझे मेरे पुराने दोस्त मिले। मेरे पुराने दोस्तों से मेरी मुलाकात हुई तो मुझे काफी अच्छा लगा था। एक दिन मेरी मुलाकात राजेश के साथ हुई राजेश जो कि हमारे घर के पड़ोस में ही रहता है राजेश ने मुझे बताया कि उसकी शादी होने वाली है। मैं भी लखनऊ में कुछ समय तक रहने वाला था और राजेश ने मुझे अपनी शादी में इनवाइट किया तो मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं राजेश की शादी में जाऊं।

जब मैं राजेश की शादी में गया तो वहां पर मेरे सारे दोस्त आए हुए थे उन लोगों से मिलकर बहुत ही अच्छा लगा और काफी लंबे समय बाद हम सब दोस्त एक दूसरे को मिले थे तो हम लोग बड़े खुश थे। अपने सारे पुराने दोस्तों से मिलकर मुझे बड़ा अच्छा लगा और उस दिन हम लोगों ने खूब इंजॉय किया। हम लोगों को लखनऊ में काफी समय हो चुका था तो मैंने पापा मम्मी से कहा कि अब हम लोगों को चेन्नई वापस चलना चाहिए लेकिन पापा मम्मी ने कहा कि हम लोग कुछ समय तक लखनऊ में ही रहना चाहते हैं। मैंने भी पापा और मम्मी से कहा कि यदि आप लोगो को कुछ समय लखनऊ में रहना है तो आप लोग कुछ समय लखनऊ में रह लीजिए। पापा और मम्मी लखनऊ में ही थे और मैं और मेरी पत्नी वापस चेन्नई लौट आए थे। जब मैं चेन्नई वापस लौटा तो मुझे काफी ज्यादा काम था जिस वजह से मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था इस बात से मेरी पत्नी काफी नाराज भी थी। मैंने उसे समझाने की कोशिश की और कहा कि आजकल मैं कुछ ज्यादा ही बिजी हूं इसलिए मैं तुम्हें बिल्कुल भी समय नहीं दे पा रहा हूं। मेरी पत्नी कहने लगी कि आजकल आप कुछ ज्यादा ही बिजी हैं।

मैंने अपने काम से कुछ समय निकाला और अपनी पत्नी के साथ मैंने टाइम स्पेंड करने की सोची और उस दिन हम दोनों डिनर पर गए। जब हम लोग डिनर पर गए तो मैंने उस दिन अपनी पत्नी सुधा को गिफ्ट दिया जिससे कि वह बड़ी खुश थी। सुधा और मैं एक दूसरे को जब पहली बार मिले थे तो हम दोनों ने एक दूसरे को पहली नजर में देखते ही एक दूसरे को पसंद कर लिया था। सुधा मेरे पड़ोस में ही रहा करती थी इसलिए मैंने भी सुधा से जब अपने प्यार का इजहार किया तो वह भी मुझे मना ना कर सकी और हम दोनों एक दूसरे से शादी करने के लिए तैयार हो चुके थे। हालांकि हम दोनों की शादी में कुछ परेशानी जरूर हुई लेकिन जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद हम दोनों का जीवन बड़े अच्छे से चलने लगा। मैं इस बात से बड़ा खुश हूं कि सुधा और मैं एक दूसरे के साथ बहुत ही खुश हैं, सुधा हमेशा ही मेरा साथ देती है। हम दोनों ने डिनर किया और उसके बाद हम दोनों घर वापस लौट आए थे। जब हम लोग घर वापस लौटे तो हम लोगों को उस दिन घर लौटने में काफी देर हो चुकी थी इसलिए सुधा मुझे कहने लगी कि मुझे काफी तेज नींद आ रही है।

मैं चाहता था कि कुछ देर सुधा और मैं एक दूसरे से बात करें लेकिन सुधा चाहती थी कि वह सो जाए और फिर सुधा सो चुकी थी। अगले दिन मुझे अपने काम से जाना था इसलिए मैं सुबह जल्दी निकल पड़ा जब मैं उस दिन अपने काम से निकला तो मुझे घर लौटने में काफी देर हो चुकी थी। मेरी एक जरूरी मीटिंग थी और वह मीटिंग अटेंड करने के बाद मैं वापस घर लौट आया था लेकिन मुझे घर आने में काफी देर हो चुकी थी। जब मैं घर लौटा तो सुधा ने मुझसे कहा कि आज आप काफी देर से आ रहे हैं तो मैंने सुधा को कहा कि हां मुझे कुछ जरूरी काम था इसलिए मुझे घर आने में देरी हो गई। सुधा और मैं कुछ देर साथ बैठे रहे और हम लोगों ने बातें की। कुछ देर तक तो मैंने सुधा से बातें की और मुझे बड़ा अच्छा लगा जब मैं और सुधा एक दूसरे से बातें कर रहे थे फिर हम दोनों ने डिनर किया और डिनर करने के बाद हम दोनों ही सो गए। पापा और मम्मी अभी भी लखनऊ में थे और मैंने जब उन्हें फोन किया तो मैंने पापा और मम्मी से कहा कि आप लोग चेन्नई कब आ रहे हैं। वह लोग कहने लगे कि बेटा हम लोग 10 दिन बाद चेन्नई आ जाएंगे। पापा और मम्मी कुछ दिनों में चेन्नई आना चाहते थे।

मैंने पापा से कहा कि पापा मैं सुरेश से इस बारे में बात कर लेता हूं। सुरेश मेरे मामा जी का लड़का है और मैंने सुरेश को फोन किया तो उसने मुझे कहा कि मैं टिकट बुक करवा दूंगा। मैंने सुरेश को कह दिया था और कुछ दिनों में उसने टिकट बुक करवा दी थी। पापा और मम्मी अब चेन्नई आ चुके थे और जब वह लोग चेन्नई आये तो मैं और सुधा बहुत ज्यादा खुश थे कि पापा और मम्मी अब चेन्नई वापस लौट आए हैं। जिस दिन पापा और मम्मी चेन्नई आए उस दिन मैं घर पर ही था और मैं चाहता था कि उन लोगों के साथ मैं कुछ समय बिताऊँ इसलिए मैंने उस दिन पापा और मम्मी के साथ में काफी अच्छा समय बिताया वह लोग काफी लंबे समय के बाद चेन्नई आया आए थे। पापा और मम्मी चेन्नई आकर बड़े खुश थे और जब वह लोग चेन्नई आए तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगा था और सुधा भी बहुत ज्यादा खुश थी। सुधा और मेरे बीच काफी प्यार है। एक रात जब सुधा और मैं साथ में लेटे हुए थे सुधा और मैं एक दूसरे की बाहों मे थे। जब मैंने सुधा के होंठों को चूमना शुरू किया तो मैं समझ चुका था वह बहुत हड़पने लगी थी। वह जिस प्रकार से तड़प रही थी उससे मुझे मजा आने लगा था मैं अब सुधा के होठों को चूमने लगा था।

मैं उसके नरम और गुलाबी होठों को किस कर रहा था वह भी गर्म होती जा रही थी। मैंने सुधा की नाइटी को उतारते हुए जब उसकी पेंटी ब्रा को खोला तो सुधा भी गरम हो चुकी थी और मैं उसके स्तनों को दबा रहा था। मैं सुधा के स्तनों को दबा रहा था उससे वह पूरी तरीके से मजे में आ चुकी थी। वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आ रहा है अब हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे। मैं इतना ज्यादा गर्म हो चुका था मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा था। जैसे ही मैंने अपने मोटे लंड को बाहर निकाला तो वह तुरंत उसे सकिंग करने लगी। सुधा ने अपने मुंह में मेरे लंड को ले लिया था वह मेरे लंड को चूसने लगी थी। जब सुधा मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी तो मुझे मजा आने लगा था और सुधा को भी मजा आ रहा था। वह पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी।

मैंने सुधा को कहा मुझसे रहा नहीं जा रहा है अब वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मैंने सुधा के दोनों पैरो को खोलते ही अपने मोटे लंड को सुधा की चूत पर लगा दिया। मेरा लंड सुधा की चूत मे जाते ही वह जोर से चिल्लाई। मेरा लंड सुधा की चूत के अंदर बाहर हो रहा था मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था मैं जिस तरीके से उसे धक्के देकर अपनी इच्छा को शांत करने की कोशिश कर रहा था। थोड़ी देर बाद सुधा बोली मुझे घोड़ी बना कर चोदो। जब मैंने सुधा को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा था। सुधा को भी मजा आने लगा था जिस तरीके से मैं और सुधा एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे। उससे हम दोनों गर्म होते जा रहे थे वह मुझसे अपनी चूतडो को मिलाए जा रही थी।

मेरी गर्मी बहुत बढ चुकी थी मैंने सुधा को कहा ऐसे ही तुम मेरी गर्मी को बढ़ाती जाओ और सुधा ने मेरी गर्मी को बढा दिया था। मैं पूरी तरीके से गरम हो चुका था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था ना तो सुधा रह पा रही थी। मैं और सुधा एक दूसरे का साथ दे रहे थे हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे। मैंने सुधा को कहा मेरे वीर्य गिरने वाला है। सुधा मुझे कहने लगी तुम अपने वीर्य को मेरी चूत मे गिरा दो। मैंने जब सुधा की योनि मे माल को गिराया तो वह खुश हो गई थी। वह मुझे बोली मुझे मजा आ रहा है मैंने सुधा की चूत से अपने लंड को निकाला तो उसकी चूत से अभी भी मेरा वीर्य टपक रहा था मुझे बड़ा मजा आया जिस तरीके से मैंने सुधा और सुधा ने एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे लिए थे और एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाया था।
 
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