मेरा साथ अच्छे से दिया

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Antarvasna, hindi sex stories: सुबह के वक्त मैं जल्दी उठ गया था जिसके बाद मैं सुबह मॉर्निंग वॉक पर चला गया क्योंकि मेरा वजन काफी बढ़ने लगा था इसलिए मैं सुबह के वक्त मॉर्निंग वॉक पर जाने लगा था। मुझे अभी मॉर्निंग वॉक पर जाते हुए कुछ ही समय हुआ था क्योंकि मैं काफी ज्यादा आलसी हूं और मैं खाने का भी बड़ा शौकीन हूं इस वजह से मेरा वजन लगातार बढ़ता जा रहा था जिससे कि मुझे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। मैं उम्र में भी काफी बड़ा दिखने लगा था मेरी उम्र अभी 28 वर्ष है लेकिन मैं 35 वर्ष के आसपास का होने लगा था जिस वजह से मुझे अब सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाना पड़ता था। मेरा वजन थोड़ा बहुत तो कम होने लगा था लेकिन अभी भी पूरी तरीके से वजन कम नहीं हुआ था मैंने कुछ समय में अपना दो किलो वजन कम कर दिया था मुझे जब भी मेरा कोई दोस्त मिलता तो मैं उससे हमेशा वजन कम करने के टिप्स पूछ लिया करता। मेरे पिताजी का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है और उसे अब मैं ही देखता हूं मैं पिछले 3 वर्षों से अपने पापा का बिजनेस संभाल रहा हूं हम लोग चंडीगढ़ में रहते हैं।

मैं जिस कॉलोनी में रहता हूं उसी कॉलोनी में मेरा दोस्त अमित भी रहता है अमित से मेरी काफी अच्छी दोस्ती है। एक दिन मैं पापा के साथ ऑफिस जाने के लिए तैयार हो ही रहा था कि तभी अमित मुझे घर पर मिलने के लिए आ गया और कहने लगा कि रोहित क्या तुम कहीं जा रहे हो। मैंने उससे कहा कि मैं पापा के साथ ऑफिस जा रहा हूं अमित मुझे कहने लगा कि ठीक है तो फिर हम लोग शाम के वक्त मिलते हैं। मैंने अमित को कहा मैं तुम्हें शाम के वक्त मिलने के लिए तुम्हारे घर आ जाऊंगा तो वह कहने लगा ठीक है तुम शाम के वक्त मेरे घर आ जाना। उसके बाद मैं पापा के साथ ऑफिस चला गया उस दिन काफी ज्यादा काम था इसलिए मुझे घर आने में देर हो गई जब मैं घर पहुंचा तो मुझे ध्यान आया कि मैंने अमित से मिलने की बात कही थी तो मैं अमित से मिलने के लिए चला गया। मैं जब अमित को मिलने के लिए उसके घर पर गया तो उस वक्त वह घर पर नहीं था कुछ देर मैं उसके घर पर ही बैठा रहा आंटी मेरे साथ बैठी हुई थी और वह मुझसे बात कर रही थी।

मैंने उन्हें कहा कि अमित कब तक वापस लौटेगा तो उन्होंने मुझे बताया कि बेटा बस थोड़ी देर बाद वह वापस लौट आएगा और कुछ देर बाद अमित वापस लौट आया था। मैंने अमित से कहा कि क्या तुम्हें कोई जरूरी काम था तो अमित मुझे कहने लगा कि रोहित मुझे तुमसे एक जरूरी काम था मैंने उसको कहा कि लेकिन तुम्हें भला मुझसे ऐसा क्या जरूरी काम था कि तुम पापा के सामने कुछ बात कर ही नहीं पाए। अमित मुझे अपने रूम में ले गया और जब वह मुझे अपने रूम में ले गया तो उसने मुझे संजना के बारे में बताया जब अमित ने मुझे संजना के बारे में बताया तो वह मुझे कहने लगा कि मेरी मुलाकात कुछ समय पहले ही संजना से मेरे भैया ने करवाई थी और उसके बाद हम लोगों की बातें होने लगी अब संजना और मैं एक दूसरे को प्यार करने लगे हैं लेकिन सबसे बड़ी समस्या मेरे सामने यह है कि संजना के पिताजी एक बिजनेसमैन हैं और वह काफी पैसे वाले भी हैं जिस वजह से शायद वह मुझे कभी भी स्वीकार ना करें लेकिन संजना और मैं एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं इसलिए मैं तुमसे इस बारे में बात करना चाहता था। मैंने अमित को कहा अमित इसमें भला समस्या की क्या बात है अमित ने मुझे कहा कि रोहित तुम तो जानते ही हो कि मेरे पापा स्कूल में एक टीचर हैं और संजना के पापा कभी भी हमारे इस रिश्ते को स्वीकार नहीं करेंगे। मैंने उसे कहा कि तुम एक बार उनसे बात कर के तो देखो क्या पता तुम्हे ही ऐसा लग रहा हो कि वह तुम्हारे रिश्ते को कभी स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन ऐसा कुछ हो ही ना, अमित मुझसे कहने लगा कि शायद तुम ठीक कह रहे हो मुझे इस बारे में पहले तो संजना से बात करनी पड़ेगी। अमित भी एक अच्छी कंपनी में जॉब करता है मैंने अमित को कहा अमित अब मैं चलता हूं तो अमित कहने लगा कि ठीक है रोहित मैं तुमसे फोन पर बात करता हूं और उसके बाद मैं अपने घर चला आया। मैं अपने घर आया तो मैंने देखा कि पापा और मम्मी मेरा इंतजार कर रहे थे उन्होंने मुझसे पूछा कि रोहित बेटा तुम कहां रह गए थे तो मैंने उन्हें बताया कि मैं अमित के घर गया हुआ था।

हम लोगों ने साथ में डिनर किया और उसके बाद मैं सोने के लिए अपने रूम में चला गया अगले दिन जब अमित का फोन मुझे आया तो अमित मुझे कहने लगा कि रोहित तुम बिल्कुल ठीक कहते थे संजना ने जब अपने पिताजी से इस बारे में बात की तो उन्होंने मुझे अपने घर पर मिलने के लिए बुलाया है और मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं। मैंने अमित से कहा देखा मैं तुम्हें कहता ना था की संजना के पिताजी तुम लोगों की बात जरूर मान जाएंगे और कुछ समय बाद ही संजना और अमित ने शादी करने का फैसला कर लिया था। उन दोनों की शादी बड़े ही धूमधाम से हुई अब मेरा भी वजन काफी कम हो चुका है और मैं अब पहले से काफी ज्यादा फिट नजर आने लगा था। मैं आभी भी सिंगल ही था मेरे जीवन मे कोई भी नहीं था लेकिन जब मुझे अमित और संजना ने निकिता से मिलवाया तो मुझे निकिता बहुत अच्छी लगी। हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती होने लगी थी हम दोनों एक दूसरे से मिलने भी लगे थे। मैं निकिता को डेट करने लगा था उसका साथ पाकर मैं बहुत ज्यादा खुश था। एक दिन निकिता और मैं साथ में बैठे हुए थे और आपस मे बात कर रहे थे निकिता का हाथ मैने पकड़ा और उसके हाथ को चूम लिया तो निकिता मुझे कहने लगी तुम कितने अच्छे हो।

मैंने उस दिन निकिता को गिफ्ट भी दिया था वह बहुत ज्यादा खुश थी। निकिता को मुझ पर पूरा भरोसा था लेकिन मैं उसके सुंदर बदन को अपना बनाना चाहता था और उसके बड़े स्तनों को मैं अपने मुंह में लेकर चूसना चाहता था। हम दोनों के बीच अभी तक किस तक नहीं हुआ था लेकिन जब पहली बार मैंने निकिता के होठों का रसपान किया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा और उसे भी बहुत अच्छा लगा। मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी वह अपने अंदर की गर्मी को बिल्कुल भी ना रोक पाई और मुझे कहने लगी मैं आज अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रही हूं। मैंने अपने मोटे लंड को बाहर निकाल और निकिता के मुंह मे डाल दिया वह बड़े ही अच्छे से मेरे लंड को चूसने लगी उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से वह मेरे लंड को चूस रही थी। निकिता ने मुझे कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है उसने मेरे मोटे लंड का रसपान बहुत ही देर तक किया जब मेरी गर्मी बढ़ने लगी तो हम दोनों मेरे दोस्त के घर चले गए उसका घर वहीं पास में था। मैंने उसे कहा कुछ देर के लिए मुझे तुम्हारे घर की चाभी चाहिए थी। उसने मुझे अपने घर की चाभी दे दी उसके बाद जब मैं और निकिता वहां पर गए तो हम दोनों एक दूसरे के बदन को अपनी बाहों में लेने के लिए तड़प रहे थे। मैंने निकिता को अपनी बाहों मे ले लिया और उसे मैं पूरी तरीके से संतुष्ट करना चाहता था। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हूं तो उसने भी अपनी जींस उतार कर अपनी पैंटी को उतार दिया। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया मुझे उसकी चूत को चाट कर मजा आ रहा था पहली बार ही मैं किसी लड़की की चूत को चाट रहा था लेकिन निकिता की चूत को चाट कर मुझे बहुत मजा आ रहा था क्योंकि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसकी पिंक कलर की चूत बहुत ज्यादा मुलायम और कोमल थी मैं उसकी मुलायम और कोमल चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता था। मेरे लंड से पानी बाहर की तरफ को गिरने लगा था मैंने अपने लंड को निकिता की चूत पर लगाया तो निकिता कहने लगी तुम उसे अंदर की तरफ डाल दो।

मैंने भी अपने मोटे लंड को अंदर डालने का फैसला किया। जब मैंने निकिता की चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी तुमने मेरी सील तोड़ दी है। उसकी चूय से खून आने लगा था और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। निकिता का बदन पूरी तरीके से गर्म हो चुका था इसलिए मैं उसके बूब्स को चूसना चाहता था। मैने निकिता से कहा तुम अपनी टी-शर्ट उतार दो उसने जब अपनी टी-शर्ट उतार दी तो मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरू कर दिया और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। मैं उसके स्तनों को बड़े ही अच्छे से चूस रहा था। मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी मेरे अंदर की गर्मी इस कदर बढ़ चुकी थी कि मैंने निकिता को कहा मुझे तुम्हे चोदने में मजा आ रहा है। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था तो वह बड़ी जोर से चिल्लाती और मुझे कहती मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो।

मेरा लंड कडक होने लगा था जिसके बाद मेरा वीर्य जल्दी गिरने वाला था। निकिता कहने लगी मुझे बहुत डर लग रहा है। मैंने उसे कहा कि तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है। मुझे उसकी चूत मारकर बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था मैं जिस प्रकार से उसे धक्के दे रहा था उससे वह बड़ी ही खुश नजर आ रही थी और उसने मेरा साथ बड़े ही अच्छे से दिया। मैंने अब उसकी योनि के अंदर अपने वीर्य को गिराने का फैसला कर लिया था ना जाने कब मेरा वीर्य निकिता की चूत के अंदर गिर गया मुझे बहुत ही अच्छा लगा। जिस प्रकार से निकिता ने मेरा साथ दिया और मेरे साथ उसने सेक्स किया उससे मैं बहुत खुश था। निकिता और मै साथ मे बहुत खुश हैं, हम दोनों ज्यादा से ज्यादा समय एक दूसरे के साथ बिताने की हमेशा कोशिश करते हैं।
 
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