मैने लंड का सुख भोग लिया

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Antarvasna, hindi sex kahani: हम लोग अपने परिवार के साथ शिमला घूमने गए हुए थे शिमला की वादियां देख सब लोग बहुत खुश थे हमारा पूरा परिवार साथ में था मैं इस बात से खुश थी कि काफी समय बाद हम लोगो का परिवार एक साथ घूमने के लिए कहीं साथ में गया था। मैं और रोहित एक दूसरे के साथ बड़ा अच्छा समय बिता रहे थे रोहित और मेरी शादी को एक वर्ष ही हुआ था इस एक वर्ष में मैं रोहित के साथ बहुत खुश थी। शिमला जाने का प्लान रोहित की बहन नंदिनी का था हम सब लोग साथ में थे और जब शिमला से हम लोग वापस दिल्ली लौटे तो हम लोग शिमला से कुछ अच्छी यादें भी लेकर दिल्ली लौटे मेरे लिए तो सबसे खुशी का पल यही था कि मैं रोहित के साथ शिमला में अच्छा समय बिता पाई। मैं अपनी शादीशुदा जीवन से खुश थी लेकिन एक दिन जब मुझे रोहित और उसके ऑफिस में काम करने वाली रवीना के बारे में पता चला तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा मैंने रोहित से इस बारे में बात की तो रोहित मुझसे बचने की कोशिश कर रहे थे।

मैंने रोहित को कहा देखो रोहित मैं तुम पर बहुत भरोसा करती हूं और तुमने मेरे भरोसे को इस तरीके से तोड़ा है मैं इस बात से बहुत ही ज्यादा दुखी हूं। मैं काफी दिनों से रोहित से बात नहीं कर रही थी रोहित ने मुझसे बात करने की कोशिश की और मुझे समझाने की कोशिश भी की लेकिन शायद मेरे दिल में रोहित के लिए वह प्यार नहीं था यह सब इतनी जल्दी से हुआ कि मुझे जैसे कुछ पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों की जिंदगी अब बदल चुकी है। रोहित अपने काम में बिजी रहते थे लेकिन मुझे रोहित पर हमेशा ही शक रहता था शायद यह शक और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा था मैंने यह बात किसी को भी नहीं बताई थी और ना ही मैं इस बारे में किसी को कुछ बताना चाहती थी मुझे लगता था कि अगर मैं किसी को इस बार में बताऊंगी तो कहीं मेरे और रोहित के रिश्तो में और भी ज्यादा दरार पैदा ना हो जाए इसलिए मैंने किसी को भी इस बारे में कुछ नहीं बताया था। हम दोनों की जिंदगी बिल्कुल बदल चुकी थी मैं और रोहित अब एक दूसरे से सिर्फ काम को लेकर ही बातें किया करते थे मेरी छोटी बहन कविता कुछ दिनों के लिए मेरे पास रहने के लिए आई हुई थी कविता ने मुझसे पूछा कि दीदी क्या आपके और जीजा जी के बीच में कुछ ठीक नहीं है।

मैंने कविता से कहा नहीं कविता ऐसा तो कुछ भी नहीं है लेकिन कविता को शायद इस बारे में पता चल चुका था क्योंकि उस दिन रोहित और मैं एक दूसरे से अपने रूम में बात कर रहे थे तो कविता ने हम दोनों की बातें सुन ली थी। रोहित का रवीना के साथ कुछ ज्यादा ही नजदीक आना मुझे बिल्कुल पसंद नहीं था मैं मानसिक रूप से पूरी तरीके से तनाव में आने लगी थी और आखिरकार मैंने कविता को इस बारे में बता ही दिया। जब मैंने कविता को इस बारे में बताया तो कविता मुझे कहने लगी कि दीदी आपने हमें यह बात पहले क्यों नहीं बताई मैंने कविता से कहा देखो कविता मैं और रोहित एक दूसरे के साथ खुश तो नहीं है लेकिन अगर मैं मम्मी पापा को इस बारे में बताऊंगी तो वह लोग भी परेशान होने लगेंगे इसलिए तुम यह बात किसी को मत बताना। मैंने कविता को जब इस बारे में कहा तो कविता मुझे कहने लगी कि दीदी लेकिन आप बहुत ज्यादा परेशान है और मुझे आपकी परेशानी देखकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा है। मैंने कविता को किसी से भी यह बात कहने से मना किया था इसलिए कविता ने किसी को भी इस बारे में कुछ नहीं बताया कुछ दिनों बाद कविता भी चली गई। जब कविता चली गई तो एक दिन रोहित और मैं साथ में बैठे हुए थे उस दिन रोहित ने मुझसे कहा देखो मीनाक्षी मुझे पता है कि मैंने गलत किया लेकिन शायद उस वक्त रवीना को मेरी जरूरत थी और मुझे पता नहीं चला कि कब मैं उसके नजदीक चला गया। रोहित ने मुझसे माफी मांगी और कहा कि मीनाक्षी मैं चाहता हूं कि सब कुछ पहले की तरह ही सामान्य हो जाए। शायद अब यह सब होना बहुत ही मुश्किल था और मुझे इस चीज की उम्मीद भी नहीं थी कि अब हम दोनों का रिश्ता पहले जैसे सामान्य होगा भी या नहीं। पर मैंने कोशिश करने की कोशिश की थी लेकिन फिर भी मैं और रोहित एक दूसरे से पहले की तरह अपने रिश्ते को निभा नहीं पा रहे थे हम दोनों एक दूसरे से काफी दूर हो चुके थे और हमारी जिंदगी में सब कुछ बदल चुका था। मेरी जिंदगी में सब कुछ इतनी जल्दी बदला कि मुझे इस बारे में कुछ पता ही नहीं चला और सब कुछ पूरी तरीके से बदल चुका था लेकिन फिर भी रोहित ने मुझे कई बार समझाने की कोशिश की।

मैंने यह बात किसी को भी नहीं बताई थी और मैं अंदर ही अंदर टूटती जा रही थी मैं घर पर अकेले बोर हो जाया करती थी इसलिए मैंने एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया और मैं उसी स्कूल में पढ़ाने लगी। वह स्कूल मेरे घर के ज्यादा दूर नहीं था इसलिए मैं हर रोज सुबह पैदल ही घर से जाया करती मेरा मन भी बच्चों के साथ लगा रहता था और स्कूल में मेरे कुछ अच्छे दोस्त भी बनने लगे थे। रोहित और मेरे बीच तो अब कुछ ठीक होना मुश्किल ही था इसलिए मेरे और रोहित के बीच कुछ भी ठीक नहीं हो पा रहा था मैं तो जैसे अपनी खुशियों को भूल ही चुकी थी रोहित भी मुझे समय नहीं देते थे। एक दिन मैं सुबह स्कूल के लिए निकली तो उस दिन काफी तेज बारिश हो रही थी तो मैंने अपने छाते को खोला लेकिन छाता तेज बारिश में उड़ने लगा मैंने छाते को संभालने की कोशिश की कि तभी पीछे से मेरी साथ स्कूल में पढ़ाने वाली ममता आ रही थी ममता ने मुझे कहा कि मीनाक्षी तुम अपने छाते को बंद कर लो और तुम मेरे छाते में आ जाओ।

ममता हमारे घर से कुछ दूरी पर ही रहती है हम दोनों स्कूल एक साथ जाते और रास्ते में हम लोगों की काफी बातें होती। उस दिन जब शाम को मैं घर लौटी तो रोहित घर जल्दी आ गए थे। जिस स्कूल में मैं पढ़ाती थी उसी स्कूल में गगन भी पढ़ाते थे गगन और मेरे बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी। गगन से मैं अपनी बातों को शेयर करने लगी थी गगन को मेरे साथ काफी अच्छा लगता था और मुझे बहुत अच्छा महसूस होता था। गगन को मेरे और रोहित के बीच की बातें पता थी गगन के साथ मे फोन पर भी चोरी छुपे बात करने लगी थी। मुझे भी लगने लगा था कि मुझे गगन के साथ सेक्स संबंध बनाने चाहिए। मैंने एक दिन जब गगन से इस बारे मे बात की तो गगन ने मुझे कहा मीनाक्षी यह सब ठीक नहीं है लेकिन मैं तड़प रही थी। मैं चाहती थी मै गगन के साथ सेक्स संबंध बनाऊ और गगन भी इस बात के लिए तैयार हो गए। हम दोनों ही गगन के घर पर चले गए जब मै गगन के घर पर गई तो घर पर कोई भी नहीं था मेरे लिए तो यह बहुत अच्छा मौका था। मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पाई मैं गगन की गोद मे जाकर बैठी तो गगन ने मेरी जांघ पर हाथ रखते हुए मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरे होंठों को चूमना शुरू किया तो मुझे बहुत ही अच्छा महसूस होने लगा। मैं गगन का साथ बडे ही अच्छे से दे रही थी गगन भी मेरा साथ बहुत अच्छा सा दे रहे थे जब गगन ने मुझे कहा मैं अब तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालने वाला हू। मैंने गगन से कहा कि तुम अपने लंड को मेरी चूत में घुसा दो। गगन के सामने मैं पूरी तरीके से नंगी थी गगन का मोटा लंड लेने के लिए मै बहुत ही ज्यादा उत्साहित थी गगन ने मोटे लंड को मेरी चूत पर सटाया। मैंने गगन से कहा तुम अपने लंड को मेरी चूत मे डाल दो उसने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया।

गगन का लंड मेरी चूत मे जाते ही मैं जोर से चिल्लाई गगन ने मुझे कहा मीनाक्षी तुम्हारी चूत बहुत ज्यादा टाइट है मुझे यह बिल्कुल भी यकीन नहीं था कि तुम्हारी चूत किसी कमसिन कली की भांति टाइट होगी। मैंने उसे कहा मेरे पति रोहित और मेरे बीच सेक्स संबंध होते ही नहीं हैं वह अपनी प्रेमिका के प्यार में इतने पागल हो चुके हैं कि मेरी तरफ वह देखना पसंद ही नहीं करते हैं तुम्हें तो यह बात पता ही है हम दोनों के बीच रिश्ते बिल्कुल भी ठीक नहीं है। मैंने अपने पैरों को खोल लिया और गगन जिस प्रकार से मेरी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करते उससे मैं बहुत ही ज्यादा उत्साहित हो गई थी। मैंने इतनी ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी कि मैंने गगन को कहा मैं आपके ऊपर से आना चाहती हूं। मैं अपनी चूत मे तुम्हारे लंड को लेना चाहती हू जब गगन बिस्तर पर लेटे हुए थे तो मैंने गगन के लंड को अपनी चूत में ले लिया था।

जब मैंने ऐसा किया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के देते और मैं गगन के साथ बहुत ही अच्छे से संभोग का आनंद लेती। मैं अपनी चूतड़ों को ऊपर नीचे करती तो गगन बहुत ज्यादा खुश हो रहे थे और गगन ने मुझे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है। मुझे भी ऐसा लग रहा था कि बस अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करती रहू मैंने गगन को कहा मेरी चूत पूरी तरीके से छिल चुकी है। गगन मुझे कहने लगे लेकिन मुझे तो बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है और ऐसा लग रहा है बस तुम्हारी चूत पर प्रहार करता रहूं। गगन ने मेरे स्तनो को मसल कर रख दिया था गगन ने जब ऐसा किया तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। गगन ने अपने वीर्य की पिचकारी को मेरी चूत के अंदर डाल दिया जब गगन ने अपने वीर्य की पिचकारी को मेरी चूत मे डाला तो मेरी गर्मी पूरी तरीके से शांत हो गई और मैं खुश हो गई।
 
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