लंड और चूत का खेल

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Antarvasna, desi kahani: मैं कुछ दिनों के लिए अपने दोस्तों के साथ शिमला घुमने का प्लान बनता हू। मैं जब अपने दोस्तों के साथ घुमने के लिए जाता हू तो हम लोगो को बहुत ही अच्छा लगता हैं। एक शाम हम सारे दोस्त होटल के लॉन में बैठे थे हम सब लोग आपस मैं बात कर रहे थे। जब हम लोग आपस में बात कर रहे थे तो मैंने सामने से एक लड़की को आते हुए देखा जब मैंने उसको सामने से आता देखा तो मैंने अपने दोस्तों से कहा क्या लड़की हैं। मेरे दोस्त मुझे कहने लगे अगर हिम्मत हैं तो उस लड़की से बात करके दिखाओ। पहले तो कुछ देर तक मैंने सोचा फिर मैंने सोचा मैं उस लड़की से बात कर ही लेता हू। मैं हिम्मत करते हुए उस लड़की के पास जाने ही वाला था तभी मैंने सामने से आते एक आदमी को देखा वह कोई 6 फीट का लम्बा सा आदमी था मैं अब उस लड़की से बात नहीं कर पाया क्योंकि वह आदमी उस लड़की का पिता था। मेरे दिल दिमाग मे उस लड़की ने घर कर लिया था मैं चाहता था मैं उससे बात करू लेकिन अब हम लोग शिमला से वापस लौट आये थे।

मेरे सर से उस लड़की का भूत उतरने का नाम ही नहीं ले रहा था मैं अब दिल्ली वापस लौट आया था लेकिन अभी भी उसी लड़की के बारे मैं सोच रहा था। मेरी किस्मत में उससे मिलना लिखा था और मैं जब उस लडकी को अपने एक परिचित की शादी मे मिला तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ की उससे मेरी मुलाकात कभी हो भी पाएगी लेकिन उससे मेरी मुलकात हो गई। हम दोनों की मुलाकात एक इत्तेफाक था मैं चाहता था मैं उससे बात करू लेकिन मेरी किस्मत में उससे बात करना लिखा था क्योंकि जब तक मैं उससे बात करने वाला था तो वहां उसके पिताजी आ गए और मैं उससे बात ना कर सका। मैं उदास था की मेरी उससे बात नहीं हो पाई लेकिन जब मैं अपनी कार लेने के लिए पार्किंग मैं गया तो मैंने उसे वहा देखा और मैं उस लड़की की तरफ देख रहा था जब मैं उसे देख रहा था तो वह भी मुझे देख कर खुश हो गई और उसने मुझे प्यारी सी मुस्कान दी। यह देख कर मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज़ हो गयी थ।

मैं उसकी तरफ देख रहा था और वह मेरी तरफ ही देख रही थी मैंने उसके पापा को देखा तो वह मेरी तरफ ही देख रही थी मैं चाहता था मैं उससे उसका नंबर ले लू और मैंने उसका नंबर उससे ले लिया था। मैं जब घर पंहुचा तो मैंने उससे बात की और जब मैंने उससे बात की तो मुझे उसका नाम आखिरकार मालूम चल ही गया। उसका नाम संजना हैं संजना से मैं बाते करने लगा था और मेरे उससे बात होने लगी थी मुझे उससे बात करने में बहुत अच्छा लगता और हम दोनों घंटो तक फोन पर बात किया करते। मुझे संजना से फोन पर बात करने मैं बहुत ही अच्छा लगता और उसको भी मुझसे बात करने में बहुत ही अच्छा लगता। हम दोनों की मुलाकात तो होती नहीं थी क्योंकि संजना के पिताजी पुराने विचारो के हैं इसलिए वह उस पर बहुत से पाबन्दी लगाकर रखते हैं। हम दोनों की सिर्फ फ़ोन पर ही बात हो पाती थी एक दिन मैंने संजना को मिलने के लिए कहा वह कहने लगी तुमसे मिल पाना बहुत ही मुश्किल होगा। संजना से मैं मिलना चाहता था लेकिन हम लोगो की मुलाकात हो नहीं पाई थी। एक दिन संजना मुझसे चोरी छुपे मिलने के लिए आ गई। मैं संजना से मिला हम दोनों पहली बार मिल रहे थे कुछ देर तक संजना ने कुछ भी नही बोला फिर वह मुझसे बात करने लगी मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया था और संजना भी बहुत ही खुश हो गयी थी। हम दोनों उस दिन बात कर रहे थे तो मैंने संजना को कहा जब मैंने तुमको पहली बार शिमला में देखा था तभी मुझे तुमसे प्यार हो गया था। संजना कहने लगी मैं भी तुमसे बात करना चाहती थी लेकिन तुमसे बात हो नहीं पाई थी। मैं और संजना आपस मैं बात कर रहे थे संजना मुझे कहने लगी आज पहले बार मुझे महसूस हो रहा हैं की मैं अपनी ज़िन्दगी जी रही हूं। संजना ने मुझ पर पहले ही जादू कर दिया था और अब मैं भी चाहता था की संजना के साथ मैं अकेले में कही समय बिताऊ और संजना को भी मैंने अपने साथ चलने के लिए मना लिया था।

हम दोनों मेरे दोस्त के घर पर चले गए मैंने संजना को कहा तुम्हे कही डर तो नहीं लग रहा हैं। संजना मुझे कहने लगी मुझे डर नहीं लग रहा हैं। संजना भी मेरे साथ अपने आपको बहुत ही अच्छा महसूस कर रही थी मैंने संजना को किस कर दिया वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और मैं भी संजना के होंठो को किस कर रहा था संजना बहुत ही खुश थी की वह मेरे साथ अपनी जिंदगी का मजा ले रही हैं। मैंने संजना के होंठो से खून भी निकल दिया था। मैंने संजना से कहा मुझे तुम्हारे होंठो को चूमने मैं मजा आ गया। संजना भी मजे में आ गई थी वह तड़प रहे थी संजना से मैंने कहा अब तो लगता हैं तुम भी रह नही पा रही हो। वह मुझे कहने लगी हां मैं नहीं रह पा रही हू तुम मुझे अब और ना तडपाओ मैं रह नहीं पाऊँगी। मुझे समझ आ चुका था मैं रह नहीं पाउँगा इसलिए मैंने संजना से कहा अब मुझे तुम्हे चोदना हैं। मैंने जब संजना के बदन को महसूस करना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा। वह भी मेरी गोद में आकर बैठ गई और मेरे अंदर की आग को बढ़ने लगी। मैंने उसकी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था। संजना मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तड़प रही थी। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत मारने के लिए तैयार हूं मैंने अब संजना के कपड़े उतारने शुरू किए तो मचलने लगी।

मैं संजना के बदन को बड़े अच्छे तरीके से महसूस करने लगा था। मैं संजना के होठों को चूमने लगा था। उसके होठों को चूम कर मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी और मुझे मजा आने लगा था। मैं जिस प्रकार से उसके होठों को चूम रहा था उससे मेरे अंदर की आग इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मैं उसकी चूत मारने के लिए तैयार था। मैंने संजना के बदन को महसूस करना शुरू कर दिया था। संजना ने मेरे लंड मुंह में लेने की बात कही। मैंने अब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने मेरे लंड को मुंह मे लिया। उसे बड़ा मजा आ रहा था अब मुझे भी बहुत ही अच्छा महसूस होने लगा था। मैंने उसके अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था मैं उसे कहने लगा तुम ऐसे ही लंड को चूसती रहो। वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर लेकर अच्छे से चूस रही थी मुझे बहुत मजा आने लगा था। संजना को मेरे लंड को चूसने मैं मजा आ रहा था वह मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारे लंड को चूसने मे मजा आ रहा हैं। संजना ने मेरे लंड से पानी निकल कर उसे अंदर ही निगल लिया। मैंने संजना के कपडे उतरने के बाद संजना की ब्रा को उतर दिया उअके स्तन देख मेरा मन उसके स्तनों को चूसने का होने लगा और मैं संजना के स्तनो को चूसने लगा। मुझे संजना के स्तनो को चूसकर मजा आ गया था और मैंने संजना के स्तनों को बहुत चूसा। मैंने अब संजना की चूत को देखा तो मुझे उसकी चूत को मैं चाटने का मन होने लगा। मैं अब संजना की चूत को चाटने लगा और मुझे मजा आने लगा। जब मैं संजना की चूत को चाट रहा तो उसकी कोमल चूत को चाटकर मुझे बहुत मजा आया रहा था। उसकी चूत को चाटने लगा तो मुझे इतना मजा आने लगा था कि मेरे अंदर की गर्मी बहुत बढ़ने लगी और संजना की चूत से निकलता हुआ पानी बढ़ चुका था। मैंने संजना से कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं। मैंने जब संजना की चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो मेरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। संजना जिस तरह से मुझे अपने पैरों के बीच में जकडने की कोशिश करती उससे मुझे बहुत मजा आने लगा था। उसके अंदर की आग भी बढ़ती जा रही थी।

मैंने देखा संजना की चूत से खून निकल रहा हैं। मैंने संजना के पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसे तेजी से धक्के मारने शुरू किए। मेरे धक्को में तेजी आया गयी थी मैंने संजना को अब इतने तेज़ी से चोदना शुरू किया की वह रह नही पा रही थी करीब 5 मिनट की चुदाई का आनंद लेने के बाद मेरा माल बाहर गिर गया। मेरा माल गिरने के बाद मैंने संजना को कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसो। संजना ने मेरे लंड को बड़े ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी और मुझे बहुत ही मज़ा आने लगा था मेरे अंदर की आग बढने लगी थी। मैंने संजना को घोडी बना दिया। जब मैंने संजना को घोड़ी बनाया तो संजना की चूत को कुछ देर तक चाटने के बाद संजना की चूत पर लंड लगाकर उसे चोदने लगा तो मुझे मजा आने लगा था।

उसकी चूत मारकर मुझे इतना मजा आने लगा था कि मैं एक पल के लिए अब रह नहीं पा रहा था मैंने संजना से कहा मैं रह नहीं पा रहा हूं। मैंने संजना को बड़ी तेज गति से चोदना शुरू किया मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था। संजना का बदन भी बहुत ज्यादा गर्म होने लगा था। मैंने जब अपने वीर्य को संजना की चूत के अंदर गिराया तो वह खुश हो गई। हम दोनों अभी भी गरम थे मैंने संजना को कहा हम लोग एक बार और सेक्स करना चाहते थे। मैंने संजना के साथ एक बार और सेक्स किया और मुझे भी बहुत मजा आया। संजना की चूत मारकर मुझे बहुत ही मजा आया और संजना उसके बाद घर चली गयी और संजना ने मुझे रात को फ़ोन पर कहा मुझे बहुत ही मजा आया गया जिस तरह से मैंने तुम्हारे साथ सेक्स किया और तुमने मेरे सील को तोडा संजना को बहुत अच्छा लगा था जिस तरह से मैंने उसको चोदा था।
 
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