लंड को गांड मे डाल के सुख मिला

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Antarvasna, hindi sex kahani: मैं अपने ऑफिस में बैठ कर अपना काम कर ही रहा था कि तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी मेरे मोबाइल के रिंगटोन की आवाज कुछ ज्यादा ही थी इसलिए मेरे आस-पास के मेरे लोग मेरी तरफ देखने लगे। जब वह मेरी तरफ देख रहे थे तो मैंने फोन को झट से उठा लिया मैंने देखा मेरी बहन मीना का फोन आ रहा था मैंने मीना से कहा हां मीना कहो आज तुमने कैसे अपने भाई को याद कर लिया। मीना कहने लगी भैया आप तो मुझे याद करेंगे नहीं तो सोचा मैं ही आपको याद कर लूं। उसकी बात में सच्चाई तो थी क्योंकि मैं मीना को कभी भी फोन नहीं किया करता था लेकिन वह मुझे हर हफ्ते फोन कर दिया करती थी। मैंने मीना से कहा तुम्हारे घर में सब लोग कुशल हैं वह कहने लगी हां भैया सब लोग अच्छे हैं आप बताइए भाभी और बच्चे कैसे हैं। मैंने मीना को बताया सब लोग ठीक है मीना कहने लगी भैया आप इस बार भाभी और बच्चों को हमारे पास कुछ दिनों के लिए मुंबई ले आइये।

मैंने मीना को टालने की कोशिश की लेकिन मीना तो जैसे अपनी जिद पर अड़ी हुई थी और वह चाहती थी कि मैं मुंबई आऊं। आखिरकार वह अपने मंसूबों में कामयाब हो गई उसने हमें मुंबई बुलाने की पूरी योजना बना ही ली थी। उसने मेरी पत्नी गरिमा के कानों में भी यह बात डाल दी तो गरिमा भी जैसे खुश हो गई गरिमा के लिए मुंबई किसी विदेश से कम नहीं था वह मुंबई जाने के लिए बड़ी बेताब हो गई और कहने लगी जब हम लोग मुंबई जाएंगे तो मैं यह करूँगी वह करूँगी। मीना ने ना जाने अपने सामान की कितनी बड़ी लिस्ट बना दी थी मुझे लग रहा था कि इस महीने की पूरी तनख्वाह तो मेरे मुंबई के खर्चों में ही चली जाएगी। मीना मुंबई जाने के लिए इतनी ज्यादा खुश थी कि उसने आस-पड़ोस में भी सब लोगों से कह दिया था कि हम लोग कुछ दिनों के लिए मुंबई जा रहे हैं। हम लोग छोटे से शहर रामपुर के रहने वाले एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं और मीना के बुलावे पर हम लोग मुंबई जाने की तैयारी में थे। सबसे पहले तो मुझे अपने दफ्तर से छुट्टी लेनी थी और उसके लिए मैंने अपने दफ्तर में अर्जी दे दी मुझे उम्मीद नहीं थी कि मुझे छुट्टी मिल जाएगी लेकिन मुझे जल्द ही 20 दिनों की छुट्टी मिल गई। मैंने जब गरिमा से कहा कि मुझे छुट्टी मिल चुकी है तो वह खुशी से झूम उठा और कहने लगी अब यह बताओ हमें कब यहां से निकलना है।

मैंने गरिमा से कहा पहले मैं रिजर्वेशन तो करवा लूँ लेकिन गरिमा चाहती थी कि हमलोग फ्लाइट से मुंबई जाएं। मैंने गरिमा को कहा हम लोग बेवजह ही खर्चा क्यों करें लेकिन गरिमा कहने लगी कि आप को मुझे इस बार फ्लाइट में लेकर जाना ही पड़ेगा आपने पहले भी मुझसे वादा किया था लेकिन आप मुझे फ्लाइट में लेकर नहीं गए। मैंने गरिमा से कहा ठीक है बाबा मैं फ्लाइट की टिकट भी बुक करवा देता हूं मैंने अपने बैंक अकाउंट से कुछ पैसे निकाल लिये और उसके बाद मैंने एक ट्रैवल एजेंट से फ्लाइट की टिकट बुक करवा ली। हम लोगों की फ्लाइट दिल्ली से थी तो हमें दिल्ली तक ट्रेन में ही जाना था हम लोग अब मुंबई जाने के लिए तैयारी कर चुके थे गरिमा ने सारा सामान बांध दिया था और वह बड़ी ही खुश थी कि हम लोग कुछ दिनों के लिए मुंबई जाने वाले हैं। इस बात से मुझे भी अच्छा लग रहा था कि मैं मीना से काफी समय बाद मिलूंगा क्योंकि मीना से काफी समय हो चुका था कि जब मैं उससे मिल नहीं पाया था। हम लोगों ने बच्चों के भी कपड़े रख दिए थे और उसके बाद हम लोग दिल्ली ट्रेन तक ही गए जब हम लोग दिल्ली के एयरपोर्ट पर गए तो गरिमा कहने लगी चलो आखिरकार आपने मेरी कुछ बात तो मानी नहीं तो आप मेरी कोई भी बात नहीं मानते। मैंने गरिमा से कहा मैंने तुम्हारी कौन सी बात नहीं मानी तो वह कहने लगी चलो छोड़ो अब जाने भी दो और फिर हम लोग फ्लाइट में बैठ गए। हम लोग फ्लाइट में बैठे तो गरिमा के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी वह बहुत ज्यादा खुश थी और मुझे भी अच्छा लग रहा था कि चलो कम से कम गरिमा को मैं फ्लाइट में तो अपने साथ लेकर आ पाया। हम लोग जब मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचे तो वहां से मैंने टैक्सी ली और उसके बाद हम मीना के घर चले गए मैं मीना के फ्लैट पर काफी पहले आया था मुझे अब तक पता था कि उसका रास्ता कहां से है।

मैं मीना के फ्लैट में पहुंचा तो जैसे ही हमने उसके फ्लैट की डोर बेल बजाई तो उसने तुरंत ही दरवाजा खोल लिया और दरवाजे खोलते ही वह कहने लगी मुझे मालूम था कि भैया आप लोग ही होंगे। उसने हमें अंदर आने के लिए कहा और हमारे लिए कोका कोला की बोतल से हम लोगों को कोल्ड ड्रिंक निकल कर दी। हम सब लोग एक दूसरे से बात कर रहे थे मुझे भी काफी समय बाद मीना से मिलकर अच्छा लगा और मीना भी बहुत खुश थी मीना ने गरिमा से कहा कि भैया आपका ध्यान तो रखते हैं ना। गरिमा कहने लगी तुम ही अपने भैया से पूछ लो कि वह मेरा कितना ध्यान रखते हैं। वह दोनों मुझे परेशान कर रही थी लेकिन फिर भी मैं उन दोनों की बात सुन रहा था और उसके बाद मैं रूम में आराम करने के लिए चला गया मुझे गहरी नींद आ चुकी थी। जब मैं उठा तो मेरे बहनोई भी घर आ चुके थे वह प्रॉपर्टी का काम करते हैं और उनका काम काफी अच्छा चलता है। गरिमा और मीना ने अगले दिन घूमने की योजना बना ली मुझे मालूम था कि आज मेरा खर्चा होने वाला है मैं एक सरकारी नौकरी करने वाला एक सामान्य सा क्लर्क हूं लेकिन मुझे पता था कि आज मेरा खर्चा तो होने ही वाला है इसलिए मैंने कुछ पैसे जेब में रख लिये थे और मैं मीना और गरिमा के साथ चला गया।

जब मैं उन लोगों के साथ गया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था साथ में बच्चे भी थे बच्चे भी कुछ ना कुछ जिद कर रहे थे कि पापा हमारे लिए ये लो वो लो मैं बच्चों को भी संभाल रहा था। मीना और गरिमा ने काफी शॉपिंग की और हम लोग जब घर लौटे तो मैंने गरिमा से कहा अब तो तुमने अपनी शॉपिंग कर ली है ना। गरिमा कहने लगी नहीं अभी तो बहुत कुछ बचा हुआ है अभी तो मुझे कुछ मिला ही नहीं मैंने गरिमा से कहा लेकिन हम लोग इतना सारा सामान कैसे ले जाएंगे। गरिमा कहने लगी आप उसकी बिल्कुल चिंता मत कीजिए मैं अपने आप ही सारा सामान मैनेज कर लूंगी और अगले दिन हम लोग घूमने के लिए जुहू चौपाटी भी गए वहां पर हम लोगों ने काफी अच्छा समय साथ में बिताया। हम लोगों के साथ में मेरे बहनोई भी थे उस दिन उन्होंने थोड़ा समय हमारे लिए निकाल ही लिया वैसे तो उनके पास बिल्कुल भी समय नहीं हो पाता है लेकिन उन्होंने उस दिन हमारे लिए काफी समय निकाल लिया था। उन्होंने हमारे लिए उस दिन आखिरकार समय निकाल लिया था उसके बाद हम लोग रात के वक्त देर से घर लौटे। जब हम लोग घर लौट रहे थे तो मीना के फ्लैट के बिल्कुल सामने ही है एक महिला रहती थी उस पर मेरी नजर पड़ी, वह मुझे बड़े अश्लील नजरों से देख रही थी उसकी प्यासी नजर जैसे मुझे देखकर तड़प रही थी। वह बहुत ज्यादा खुश थी मैंने अगले ही दिन उससे उसका नंबर ले लिया जो की मेरी कला का प्रर्दशन था। मैंने उससे उसका नंबर ले लिया हालांकि काफी समय बाद ऐसा मौका मिला था कि किसी महिला के साथ मुझे अंतरंग संबंध बनाने का मौका मिल रहा था। मैं बहुत ज्यादा खुश था क्योंकि काफी समय से मैंने किसी गैर महिला के साथ में शारीरिक संबंध नहीं बनाए थे। उस महिला का नाम शोभा था मैं जब शोभा भाभी के घर पर गया तो वह मेरे लिए जैसे तड़प रही थी वह मेरा इंतजार कर रही थी। मैंने उन्हें कहा लगता है आप मेरा इंतजार कर रही थी?

वह कहने लगी हां मैं आपका इंतजार कर रही थी आइए बैठिए ना उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा तो मैं बैठ गया। कुछ ही समय बाद वह मेरे पास आकर बैठ गई और मुझे कहने लगी मुझे आपको छूना है? मैंने उन्हें कहा आपको किसने रोका है वह मेरे हाथ को पकड़कर मुझे महसूस करने लगी और धीरे-धीरे मैंने भी अपने हाथ को उनकी जांघ पर रख दिया। हम दोनों अपने अंदर की सेक्स भावना को रोक ना सके मैंने उन्हें वहीं बिस्तर पर लेटा दिया और उसके बाद मैंने उनके होठों को काफी देर तक किस किया। जिससे कि वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी उनकी उत्तेजना पूरी चरम सीमा पर थी। मैंने धक्का देते हुए उनकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। उनकी चूत के जड़ तक मेरा लंड जा चुका था मैं उनको धक्के मार रहा था उससे वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मुझे उन्हें धक्के मारने में बहुत आनंद आता और काफी देर तक मै उनको धक्के मारता रहा मुझे बहुत अच्छा लगा और जिस प्रकार से मैंने उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए उससे मेरा मन उनकी गांड मारने का होने लगा।

मैंने जब उनसे इच्छा व्यक्त की तो वह भी मना ना कर सकी और मेरे लंड पर तेल की मालिश करते हुए उसे पूरा चिकना बना दिया। जैसे ही मैंने अपने मोटे और कठोर लंड को उनकी गांड के अंदर प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाने लगी। मेरा लंड उनकी गंड के अंदर घुस चुका था। यह पहला ही मौका था जब मैं एनल सेक्स के सुख भोग रहा था क्योंकि इससे पहले मैंने कभी भी किसी के साथ एनल सेक्स का मजा नहीं लिया था लेकिन जिस प्रकार से उनकी गांड का मजा ले रहा था उससे मेरी उत्तेजना अंदर से बढ़ती जा रही थी और भाभी पूरी तरीके से जोश में आने लगी थी। वह अपनी चूतडो को मुझसे मिलाती तो मेरे लंड मे दर्द हो रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था उनकी गांड से जब खून की पिचकारी बाहर को निकलने लगी तो मैं समझ गया कि उन्हें भी बड़ा दर्द हो रहा है। उस दर्द में भी वह मुझे महसूस कर रही थी मै बड़ी तेज गति से उनकी गांड के मजे लिए जा रहा था काफी देर तक यह सब चलता रहा। जैसे ही मैंने अपने वीर्य की पिचकारी उनकी गांड के अंदर घुसाई तो वह खुशी से झूम उठी और मुंबई का टूर हमारा बड़ा ही मजेदार रहा।
 
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