लंड को चूस कर रख दिया

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Desi kahani, antarvasna: मैं और महेश बहुत ज्यादा खुश थे हमारा बिज़नेस अब अच्छे से चल रहा था। हम दोनों ने अपने बिजनेस की शुरुआत आज से 5 साल पहले की थी उस वक्त हम दोनों के पास ज्यादा पैसे तो नहीं थे लेकिन हम दोनों ने अपनी मेहनत के बलबूते अपने गारमेंट के बिजनेस को काफी आगे बढ़ाया। हम दोनों बहुत खुश हैं कि हम दोनों ने अपनी मेहनत के बलबूते एक अच्छा मुकाम हासिल किया। मैं अपनी शादी शुदा जिंदगी से भी काफी खुश हूं मेरी शादीशुदा जिंदगी को 3 वर्ष से ऊपर हो चुके हैं। मेरी मुलाकात जब पहली बार रचना के साथ हुई तो मुझे रचना काफी अच्छी लगी लेकिन उस वक्त मेरी आर्थिक स्थिति कुछ खास ठीक नहीं थी बस हम लोगों ने अपने काम की शुरुआत की ही थी लेकिन हम लोगों का काम ठीक ठाक चल रहा था। रचना के पिताजी एक बड़े बिजनेसमैन है मेरे लिए तो सबसे पहले मुसीबत की बात यह थी की रचना से मैं कैसे बात करूं। रचना मुझे एक पार्टी में दिखी थी और वहीं पर मैं अपना दिल रचना को दे बैठा था। मेरी कुछ समझ में नहीं आया कि मैं उससे कैसे बात करूं लेकिन इसमें मेरी मदद महेश ने की, जब महेश ने मेरी मदद की तब हम दोनों की बात हो पाई।

मेरी और रचना की बात होने लगी और जब रचना और मेरी बात होने लगी तो एक दिन मैंने रचना को अपने दिल की बात कह दी। जब मैंने रचना को अपने दिल की बात कही तो रचना ने भी मेरे प्रपोज को स्वीकार कर लिया था। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि रचना जैसी लड़की से मैं बात कर पाऊंगा और हम दोनों का रिश्ता इतना आगे बढ़ने लगेगा की रचना के पिताजी भी हम दोनों की शादी के लिए मान जाएंगे। हालांकि पहले वह मेरे और रचना के रिश्ते से बिल्कुल भी खुश नहीं थे लेकिन फिर मैंने उन्हें किसी तरीके से मना लिया और वह मान गये उसके बाद मेरी शादी रचना के साथ हो गई। जब मेरी शादी रचना के साथ हुई तो हमारा काम अच्छे से चलने लगा मैं और महेश अपने काम से काफी खुश थे। एक दिन महेश ने मुझे कहा कि हम लोग कुछ दिनों के लिए शिमला हो आते हैं मैंने महेश को कहा क्या तुमने इस बारे में भाभी से बात की। वह कहने लगा कि हां मैंने महिमा से तो बात कर ली थी और महिमा भी शिमला आने के लिए तैयार है मैंने महेश को कहा तो फिर मैं आज ही रचना से बात कर लेता हूं तुम बताओ हमें शिमला कब जाना है। महेश ने मुझे कहा कि हम लोग शिमला अगले हफ्ते चलते हैं मैंने महेश को कहा हां यह ठीक रहेगा।

हम लोगों ने शिमला जाने का प्रोग्राम बना लिया था मैंने जब यह बात रचना को बताई तो रचना बहुत खुश हुई, रचना को शिमला बहुत पसंद है रचना और मैं अपनी शादी के बाद भी शिमला गए थे। जब हम लोग शिमला गए तो वहां पर हमारी काफी यादें जुड़ी हुई थी मैंने और रचना ने साथ मे शिमला में काफी अच्छा समय बिताया था। रचना इस बात से बहुत खुश हो गई थी और वह मुझे कहने लगी कि आखिरकार तुमने मेरे लिए समय निकाल ही लिया। मैंने रचना को कहा कि तुम तो जानती ही हो कि मुझे काम से बिल्कुल भी फुर्सत नहीं मिल पाती है जिस वजह से मेरे पास समय नहीं होता है लेकिन महेश ने यह प्रोग्राम बनाया है तो हम लोग शिमला जा रहे हैं। जब हम लोग शिमला गए तो शिमला की वादियों में हमें काफी अच्छा लग रहा था वहां पर मौसम काफी सुहावना था और मैं रचना के साथ शिमला में काफी खुश था। कुछ दिन हम लोगों ने शिमला में खूब इंजॉय किया हम लोग शिमला करीब एक हफ्ते तक रुके और एक हफ्ते रुकने के बाद हम लोग वापस दिल्ली लौट आए थे। हम लोग दिल्ली वापस लौट आए थे और फिर मैं और महेश अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान देने लगे थे जिससे कि मुझे रचना के साथ समय बिताने का बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था। एक दिन रचना ने मुझे कहा कि मुझे तुमसे कुछ कहना है मैंने रचना को कहा हां रचना कहो ना तुम्हें मुझसे क्या कहना है तो रचना ने मुझे कहा कि कल मैं सोच रही हूं कि अपनी सहेली के साथ शॉपिंग के लिए जाऊं। मैंने रचना को कहा कि ठीक है तुम शॉपिंग के लिए चली जाओ क्योंकि रचना भी अकेले घर पर बोर हो जाया करती थी इसलिए रचना ने मुझसे कहा कि वह शॉपिंग पर जाना चाहती है तो मैंने भी उसे कहा कि ठीक है तुम शॉपिंग पर चली जाओ।

अगले दिन रचना अपनी दोस्त के साथ शॉपिंग के लिए चली गई। रचना ने मुझे शाम के वक्त फोन किया तो उस वक्त मैं भी फ्री हो चुका था मैंने रचना को कहा कि तुम कहां हो तो रचना ने कहा कि मैं मॉल में हूं। मैंने रचना को कहा कि ठीक है तुम वहीं रहो मैं तुम्हें लेने के लिए आता हूं और फिर मैं रचना को लेने के लिए चला गया। मैं जब रचना को लेने के लिए मॉल में पहुंचा तो रचना और मैंने वहां पर कुछ देर साथ में समय बिताया हम दोनों ने काफी अच्छा समय साथ में बिताया और मुझे काफी अच्छा लगा जिस प्रकार से मैंने रचना के साथ में एक अच्छा समय बिताया और रचना भी काफी खुश थी उसके बाद हम दोनों घर लौट आए थे। जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त रात के 10:00 बज चुके थे मैंने रचना से कहा कि क्यों ना हम लोग बाहर से ही खाना आर्डर करवा दे। रचना कहने लगी की हां तुम बाहर से ही खाने का ऑर्डर करवा दो फिर मैंने भी बाहर से ही खाना मंगवा दिया था। खाना खाने के बाद मै और रचना अब एक दूसरे से बाते कर रहे थे मैने रचना को कहा मुझे आज तुम्हे चोदना है। रचना बोली ठीक है हम लोग सेक्स कर लेते है। रचना तैयार थी और मै भी अब तैयार था। मैंने रचना के हाथों को पकड़ा और उसे अपनी और खीच लिया रचना मेरी बांहो मे आ गई थी। वह जब मेरी बांहो मै आई तो मैने उसकी गर्मी को महसूस करना शुरु किया अब उसके अंदर की गर्मी बाहर की तरफ आने लगी थी। मेरे शरीर की गर्मी भी अब बढने लगी थी वह भी तड़पने लगी थी। मै रचना के बदन को पूरी तरह से महसूस कर रहा था। वह मेरी बाहों में थी और वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। रचना के अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी मैं अब बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। मैंने रचना के नरम होंठों को चूमना शुरू कर दिया था और मै रचना के होंठो को चूम रहा था। वह बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी थी अब वह बिस्तर पर लेट चुकी थी। मैं रचना के ऊपर से लेटा गया।

मैंने रचना से कहा तुम अपने कपडे उतार दो तो उसने अपने कपड़ों को उतारना शुरू किया। अब रचना के बदन पर एक भी कपडा नही था वह नंगी थी। अब रचना मेरे सामने नग्न अवस्था में थी उसके नंगे बदन को देखकर मेरा लंड तन भी खड़ा हो गया था। मैने उसके गोरे बदन को अब महसूस करना चाहता था मैंने उसके स्तनों को महसूस करना शुरू कर दिया था। मुझे अब बहुत ही अच्छा लगने लगा वह भी बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। मैंने जब रचना के स्तनों को दबाकर उनको अपना बना लिया तो वह बोली मेरे स्तनो का रसपान करो। मै उसके स्तनो को अपने मुंह में लेकर चूसता जा रहा था वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही थी। अब मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था रचना के अंदर की आग बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। अब मेरे अंदर की गर्मी भी कहीं ना कहीं बढ़ चुकी थी। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसे रचना ने अपने मुंह में लेना शुरू कर दिया था। रचना मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी तो उसे मज़ा आ रहा था और वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी।

रचना मेरे लंड को अपने मुंह मे लेती तो मुझे बहुत मजा आ रहा था। हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे हम दोनों की उत्तेजना इस कदर बढ़ने लगी थी कि मैंने रचना से कहा मैं तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हूं। रचना ने कहा आज तुम पूरे जोश मे हो यह कहकर उसने अपने पैरों को खोल लिया। मैंने उसकी चूत पर उंगली को लगाया तो उसकी चूत से पानी बाहर निकल रहा था। मैं अब रचना की चूत को बड़े अच्छे से चाटने लगा था मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था मैं जब उसकी चूत को चाट रहा था, मेरे अंदर की आग बढ़ती ही जा रही थी। मुझसे रहा नही गया और मैंने अपने लंड पर तेल लगाया तेल लगाने के बाद जब मैंने उसकी चूत के अंदर अपने कडक लंड को घुसाया तो वह चिल्लाई। मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मेरे अंदर की आग बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मेरा लंड चूत की जड तक जा चुका था। अब मुझे मजा आने लगा था और मैंने उसे बड़ी तेज गति से धक्के देने शुरू कर दिए थे। मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आने लगा था वह बहुत ही उत्तेजित हो गई थी मेरे अंदर की आग अब बढ रही थी और उसके अंदर की आग भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। रचना को चोदने से मेरे अंदर की गर्मी भी बढती जा रही थी। हम दोनो के संबध से मेरे लंड और उसकी चूत से गर्मी बहुत बढ रही थी। मेरे अंदर की तडप बहुत ज्यादा बढने लगी थी। मैंने रचना की चूत की गर्मी को अब झेल नहीं पा रहा था। मैंने अपने गरम माल को रचना की चूत में गिराने का मन बना लिया था। जब मैंने अपने माल को रचना की चूत के अंदर गिराया तो वह बहुत खुश हो गई थी। रचना को चोदना का मजा ही अलग है उसकी कोमल चूत मारकर मजा आ जाता है। अब हम दोनो एक दूसरे की बांहो मे थे।
 
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