लंड को लेकर मचल उठी

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Sex stories in hindi, antarvasna: मैं और निखिल एक दूसरे के साथ दिल्ली में रहते हैं हम दोनों चंडीगढ़ के रहने वाले हैं लेकिन पिछले दो महीने से हम दोनों साथ में रह रहे हैं। मेरी और निखिल की नौकरी दो महीने पहले दिल्ली में लगी और हम लोग जिस सोसाइटी में रहते हैं वहां पर मेरे मामा जी भी रहा करते हैं जिनसे कि मैं अक्सर मिलने के लिए जाया करता हूं। एक दिन मेरी छुट्टी थी तो मैंने निखिल को कहा कि चलो आज मामा जी के घर हो आते हैं निखिल मुझे कहने लगा कि हां ठीक है हम लोग चलते हैं मैं बस अभी नहा कर आता हूं। निखिल नहाने के लिए बाथरूम में चला गया मैं रूम में बैठा हुआ था निखिल थोड़ी देर बाद नहा कर आया और हम लोग जल्दी से तैयार होकर मामा जी के घर चले गए। हम लोग जैसे ही मामा जी के घर पर पहुंचे तो हमने उनके घर की डोर बेल बजाई उन्होंने तुरंत दरवाजा खोला।

जब मामा जी ने दरवाजा खोला तो मैंने उनसे कहा मामा जी कैसे हो, क्या आज आप घर पर ही हो तो वह मुझे कहने लगे कि हां मैं आज घर पर ही हूं। हम लोग सुबह के वक्त मामा जी के घर पर गए थे तो उन्होंने मेरे लिए और निखिल के लिए नाश्ता तैयार करवा दिया मामाजी और मैं साथ में बैठे हुए थे और हमारे साथ में निखिल भी बैठा हुआ था। मैंने मामा जी से कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ जा रहा हूं तो वह मुझसे कहने लगे कि बेटा जब तुम वापस आओ तो अपने मम्मी-पापा को भी यहां लेते हुए आना। मैंने मामा जी से कहा ठीक है इस बारे में मैं उनसे बात जरूर करूंगा। मम्मी पापा दिल्ली में मेरे साथ रहना नहीं चाहते थे वह लोग चंडीगढ़ में ही रहते हैं और चंडीगढ़ में मेरी बहन सिमरन उनके साथ में रहती है। मैंने मामा जी को कहा मामा जी अब मैं चलता हूं उसके बाद निखिल और मैं वापस लौट आए हम लोगों ने मामा जी के घर पर ही नाश्ता कर लिया था जब हम लोग घर लौटे तो उसके कुछ दिनों बाद मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली। मैंने जब ऑफिस से छुट्टी ली तो उसके बाद मैं अपने घर चला गया मैं जब अपने घर गया तो मैंने पापा मम्मी से अपने साथ चलने की बात कही लेकिन वह लोग मेरी बात नहीं माने और कहने लगे की बेटा हम तुम्हारे साथ नहीं आ पाएंगे।

कुछ दिन बाद मैं वापस दिल्ली लौट आया था मैं जब वापस दिल्ली लौट रहा था तो उस वक्त बस में मेरी मुलाकात महिमा के साथ हुई। महिमा मेरी बगल वाली सीट में बैठी हुई थी उससे बातें करके मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं और महिमा एक दूसरे को सदियों से जानते हो और हम दोनों के बीच में काफी अच्छी बात हुई। हम दोनों के बीच में बहुत अच्छी बात हुई और हम दोनों ने बस में एक दूसरे से नंबर भी ले लिया। हम दोनों एक दूसरे के नंबर ले चुके थे मुझे काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से मैं और महिमा साथ में थे। हम लोग दिल्ली पहुंच चुके थे जब हम लोग दिल्ली पहुंचे तो मैंने महिमा का नंबर लेने के बाद मैं उससे फोन पर बातें करने लगा। मैं जब भी महिमा से बातें करता तो मुझे काफी अच्छा लगता हम लोग एक दूसरे से मिलने भी लगे थे हम दोनों जब भी एक दूसरे को मिलते तो हम दोनों को ही एक दूसरे से बातें करना काफी ज्यादा अच्छा लगता। मेरे और महिमा के बीच की नजदीकियां काफी बढ़ चुकी थी लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि महिमा का रिलेशन पहले से ही किसी लड़के के साथ चल रहा है यह बात उसने मुझसे छुपाई थी। मैंने जब महिमा को उस लड़के के साथ देखा तो मुझे महिमा पर बहुत गुस्सा आया। मैंने महिमा से जब इस बारे में पूछा तो महिमा मुझसे तब भी अपने रिलेशन के बारे में बता नहीं रही थी लेकिन जब उसने मुझे पूरी बात बताई तो मैंने भी महिमा की बात मान ली।

महिमा ने मुझे बताया कि वह जिस लड़के के साथ थी वह उसका बॉयफ्रेंड था लेकिन उन दोनों के बीच में कोई भी रिलेशन नहीं है क्योंकि उन दोनों ने एक दूसरे से अलग होने का फैसला कर लिया है। उसके बाद महिमा ने मुझे उससे मिलाया जब मुझे महिमा ने राजेश से मिलवाया तो मैंने महिमा से कहा देखो महिमा अब हम लोगों को अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहिए। महिमा और राजेश अब एक दूसरे से अलग हो चुके थे और मुझे पूरा भरोसा था इसीलिए तो मैं और महिमा एक दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने लगे थे। मैं महिमा को अच्छे से समझने लगा था और वह भी मुझे समझने लगी थी मेरे लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि महिमा मेरे जीवन में आ चुकी है और वह अब मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करने लगी है। हम दोनों का प्यार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था मैं और महिमा साथ में बड़े ही अच्छे से रहते तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगता हम दोनों एक दूसरे से काफी प्यार करने लगे थे। एक दिन मैं और महिमा साथ में बैठे हुए थे उस दिन महिमा मुझे कहने लगी कि रोहित मुझे कई बार लगता है कि हम दोनों को एक हो जाना चाहिए और हम दोनों को शादी कर लेनी चाहिए। मैंने महिमा को कहा महिमा मैं भी यही चाहता हूं लेकिन तुम तो जानती हो कि मुझे अभी थोड़ा समय चाहिए मैंने फिलहाल इस बारे में कुछ भी नहीं सोचा है लेकिन मैं तुम्हारे साथ हमेशा ही खुश हूं।

महिमा मुझसे कहने लगी मुझे यह बात मालूम है तुम मेरे साथ खुश हो। महिमा ने मुझे बताया उसे भी मेरे साथ बहुत अच्छा लगता है और हम दोनों का रिलेशन बहुत ही अच्छे से चल रहा था। हम दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशन में काफी ज्यादा खुश है। हम दोनों एक दूसरे से मिलते ही रहते थे एक दिन महिमा ने मुझे अपने घर पर बुलाया। जब महिमा ने मुझे अपने घर पर इनवाइट किया तो उस दिन महिमा ने मेरे लिए खाना बनाया हम दोनों ने दोपहर का लंच साथ में किया और उसके बाद हम दोनों साथ में बैठकर बातें कर रहे थे। महिमा के घर पर कोई भी नहीं था महिमा और मैं अकेली ही थे यह पहली बार था जब मैंने महिमा को किस किया था। मैं और महिमा एक दूसरे के लिए बहुत ही ज्यादा तड़पने लगे थे हम दोनों की तडप बहुत ज्यादा बढने लगी थी। मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था मैंने महिमा के बदन से कपड़े उतारने शुरू किए। जब मैंने महिमा के बदन से कपड़ों को उतारना शुरू किया तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा। महिमा का गोरा बदन मेरे सामने था मैंने महिमा के स्तनों को दबाना शुरू किया। मैं जब महिमा के स्तनों को अपने हाथों से दबा रहा था तो मुझे मजा आने लगा और महिमा को भी बड़ा आनंद आने लगा था। मैं और महिमा एक दूसरे के लिए बहुत ही तड़पने लगे थे। मैंने महिमा की योनि को सहलाना शुरू कर दिया था मैंने महिमा के स्तनों को अपने मुंह में लेकर उन्हें चूसना शुरू किया तो उसे मजा आने लगा और मुझे भी काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था। मैं और महिमा एक दूसरे के लिए बहुत ही ज्यादा तड़प रहे थे अब हम दोनों एक दूसरे के लिए इतना ज्यादा तड़पने लगे थे कि हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे।

मैंने महिमा की योनि को अपनी उंगलियों से सहलाना शुरु किया महिमा ने मुझे कहा मैं तुम्हारे लंड को अपने मुंह में लेना चाहती हूं। मैंने महिमा के मुंह में अपने लंड को घुसाया तो महिमा ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे चूसा। मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था और महिमा को भी बहुत अच्छा लगने लगा था। अब हम दोनों ही पूरी तरीके से तडपने लगे थे। मैंने महिमा की योनि को काफी देर तक चाटा जब मैंने महिमा की योनि को चाटना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है। हम दोनों ही पूरी तरीके से तडपने लगे थे। मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। मैंने महिमा की योनि पर अपने लंड को लगाया। मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को महिमा की योनि में घुसाना शुरू किया मैंने उसके दोनों पैरों को खोला हुआ था जिससे कि मेरा लंड आसानी से उसकी योनि के अंदर घुस सके। जैसे ही मेरा लंड महिमा की योनि के अंदर घुसा तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है। मैंने उसे कहा लेकिन तुम भी बड़ी कमाल की हो।

मैंने देखा महिमा की योनि से खून निकलने लगा है। वह मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा। मैंने महिमा को कहा तुम अपने पैरों को और चौड़ा कर लो। उसने अपने पैरों को खोल लिया जिससे कि मेरा लंड महिमा की योनि के अंदर बाहर होने लगा और वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है। हम दोनों को बहुत ज्यादा अच्छा लगने लगा था। मैं एक पल के लिए भी रह नहीं पा रहा था मेरा लंड महिमा की योनि के अंदर बाहर हो रहा था। वह जोर से सिसकारियां ले रही थी वह जिस प्रकार के सिसकारियां ले रही थी उससे मुझे उसे धक्के मारने में मजा आता और उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से वह मेरा साथ दे रही थी। हम दोनों एक दूसरे के लिए काफी ज्यादा तड़पने लगे थे। अब मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था मैंने महिमा की योनि में अपने वीर्य को गिराकर महिमा की इच्छा को पूरा कर दिया था और महिमा बड़ी खुश थी। मैं और महिमा एक साथ बैठे हुए थे मेरा माल अभी भी महिमा की चूत से बाहर की तरफ को टपक रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लगा जिस प्रकार से तुमने मेरे साथ सेक्स संबंध बनाए। मैंने महिमा को कहा आगे भी हम दोनों सेक्स के ऐसे ही मजे लेते रहेंगे और उसके बाद भी हम दोनों ने सेक्स किया। हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स किया करते और एक दूसरे की इच्छा को पूरा किया करते। मुझे महिमा की चूत मारने में बहुत ही ज्यादा मजा आता है।
 
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