लंड तडपे चूत के वास्ते

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Antarvasna, hindi sex story: सुबह के वक्त मैं मॉर्निंग वॉक से लौटा, यह मेरा हर रोज का रुटीन था क्योंकि मैं अपनी सेहत को लेकर बड़ा चिंतित रहता हूं और अपनी सेहत के साथ मैं कोई भी समझौता नहीं करना चाहता था इसलिए मैं हर सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाता हूं। मैं जब घर पहुंचा तो मैंने सबसे पहले सोचा कि नहा लेता हूं और मैं नहाने के बाद तैयार हो गया मुझे अपने ऑफिस पहुंचना था मैंने नाश्ता किया और मैं अपने ऑफिस के लिए निकल गया। मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो मेरे बॉस ने मुझे अपनी केबिन में बुला लिया और कहने लगे शांतनु मैंने तुम्हें अपने केबिन में इसलिए बुलाया है कि आज मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है। मैंने उनसे कहा हां सर कहिये ना तो वह मुझे कहने लगे मैं यह चाहता हूं कि तुम मेरे बेटे को भी समझाओ मैंने उनसे कहा सर मैं कुछ समझा नहीं। वह मुझे कहने लगे शांतनु मेरा बेटा विदेश से पढ़ाई कर के लौट आया लेकिन वह अब तक अपनी जिम्मेदारियों को समझ नहीं पाया है मैं चाहता हूं कि उसकी जिम्मेदारी मैं तुम्हें दूँ शायद मैं उससे वह बात नहीं कर सकता जो तुम उससे कर सकते हो, मैंने सोचा मैं तुमसे यह बात कर लूँ।

मैंने सर से कहा सर आप यह कैसी बात कर रहे हैं आपने मुझे इस काबिल समझा इससे बढ़कर मेरे लिए भला क्या हो सकता है। मेरे बॉस के साथ मुझे काम करते हुए करीब 10 वर्ष हो चुके हैं इन 10 वर्षों में मैंने उनकी कंपनी अब तक नहीं छोड़ी उस वक्त से कई लोगों ने कंपनी जॉइन की और अब तक छोड़ कर जा चुके हैं लेकिन मैं अब तक कंपनी मे जुड़ा हुआ हूं। मुझे कई बार अच्छे ऑफर भी आए लेकिन उसके बावजूद भी मैंने कंपनी नहीं छोड़ी मेरे बॉस मुझे अपनी फैमिली मेंबर की तरह ही मानते हैं और उनके परिवार में मैं सब लोगों से परिचित हूं। अब मेरा पाला उनके लड़के से पड़ने वाला था मुझे लगा था कि वह इतना भी टेढ़ा नहीं होगा लेकिन जब वह मुझे मिला तो उसे देख कर ही मुझे लग गया था कि यह इतना आसान भी नहीं होने वाला है। जब मेरी मुलाकात अरमान से हुई तो मैंने अरमान को अपना परिचय दिया और अरमान से कहा सर आपको कोई भी जरूरत हो तो आप मुझे फोन कर लीजिएगा। अरमान मुझे कहने लगे ठीक है लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि अरमान नशे का इतना आदी हो चुका है कि वह नशा इतनी आसानी से नहीं छोड़ने वाला और वह ऑफिस में भी किसी से अच्छे से बात नहीं किया करता था।

अरमान की उम्र अभी 27 वर्ष की थी लेकिन वह अपने से बड़े उम्र के लोगों से भी अच्छे से बात नहीं किया करता था शायद इसी वजह से मेरे बॉस ने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी थी। मुझे लगने लगा था कि यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है मुझे बॉस की बात नहीं माननी चाहिए थी परंतु जब मैंने यह जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया था तो मुझे उसे पूरा करना ही था। अरमान ने एक दिन मुझे अपने केबिन में बुलाया और कहने लगा शांतनु जी आप आज क्या कर रहे हैं मैंने अरमान से कहा कुछ नहीं बस अभी तो मैं ऑफिस का काम कर रहा था और उसके बाद मैं घर चला जाऊंगा। वह मुझे कहने लगा यदि आपके पास आज समय है तो क्या आप मेरे साथ चल सकते हैं मैंने अरमान से कहा हां ठीक है मैं तुम्हारे साथ चल सकता हूं। मैं अरमान के साथ चला गया अरमान ने ड्राइवर से कहा कि मैं खुद ही गाड़ी लेकर जाऊंगा और जिस प्रकार से वह गाड़ी चला रहा था उससे मुझे बड़ा डर लग रहा था लेकिन मैं अरमान के साथ बैठा हुआ था। जब मैं अरमान के दोस्तों से मिला तो मुझे लगा कि अरमान की दोस्ती ही ठीक नहीं है वह लोग सिर्फ उसका इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि अरमान के पिताजी अच्छे घराने से हैं और उनके पास अच्छा पैसा है लेकिन उसके दोस्त बिल्कुल भी ठीक नहीं थे। उस दिन अरमान ने हीं पार्टी का पूरा बिल दिया मैंने अरमान से कहा सर आप इन लोगों को कब से जानते हैं वह कहने लगे मैं इन लोगों को तो बचपन से जानता हूं और यह मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं।

मैं चाहता था कि अरमान को उनकी असलियत का पता चले क्योंकि वह लोग तो सिर्फ अरमान के पैसे से ही प्यार करते थे और उसी से उनकी दोस्ती थी। एक दिन मैंने अरमान से कहा सर आज आपके दोस्तों से मिलना है तो वह कहने लगे ठीक है शांतनु मुझे आज शाम को हम लोग उनसे मिलेंगे लेकिन उस दिन कुछ काम आ गया था तो हम लोग नहीं जा पाए परंतु अगले दिन जब अरमान और मैं पार्टी में गए तो वहां पर उसके सारे दोस्त आए हुए थे और मैंने भी कुछ लड़कों को बुला लिया था जो कि अरमान के साथ झगड़ा करने वाले थे। जब उन लोगों ने अरमान के साथ झगड़ा करना शुरू किया तो उसके दोस्त तमाशबीन बनकर देखते रहे और मेरे बुलाए हुए लड़कों ने जब अरमान पर थप्पड़ मारा तो उसके दोस्त यह देखते ही नौ दो ग्यारा हो गए और मैं समझ गया कि यह लोग अरमान के वफादार नहीं है। मैं सिर्फ उन लोगों को आजमाना चाहता था और अब मैं उन लोगों को आजमा चुका था और अरमान को भी इस बात का पता चल चुका था कि वह लोग बिल्कुल भी ठीक नहीं है उसके बाद अरमान ने उनका साथ छोड़ दिया। अब अरमान ने उन लोगों का साथ छोड़ दिया था और वह काम पर पूरी तरीके से ध्यान देने लगा। मुझे मेरे बॉस ने अपने केबिन में बुलाया और कहा शांतनु तुमने बहुत ही अच्छा किया जो अरमान को सबक सिखा दिया अरमान पूरी तरीके से बदल चुका है वह घर भी अब समय से आ जाता है और अपने काम पर भी बहुत ध्यान देने लगा है।

वह मुझे कहने लगे कि शांतनु तुमने मेरी बहुत मदद की है मैं तुम्हें कैसे धन्यवाद कहूँ। मैंने उनसे कहा सर इसमें आपको धन्यवाद कहने की जरूरत नहीं है मैने उनका दिल जीत लिया था वह मेरी हर मुराद पूरी करने के लिए तैयार रहते थे उन्होंने मेरी तनख्वाह भी बढ़ा दी थी। अरमान के साथ भी मेरा दोस्ताना संबंध था अरमान को शराब पीने का बहुत शौक है वह हर रोज अकेले ही शराब पिया करता लेकिन उसने मुझे कहा कि शांतनु जी आप मेरे साथ आज बैठिए। मैंने अरमान को माना कर दिया और कहा आज तो मैं तुम्हारे साथ नहीं बैठ पाऊंगा लेकिन हम लोग साथ में बैठकर शराब पिएंगे। अरमान कहने लगा ठीक है आप याद रखिएगा कहीं आप भूल मत जाइएगा मैंने अरमान से कहा कल पक्का हम लोग साथ में बैठेंगे। अरमान भी इस बात से खुश हो गया था अरमान मुझसे कहने लगा सर आपके साथ मुझे बैठना तो है और हम लोग साथ में बैठे जब हम लोग साथ में बैठे तो उस दिन अरमान ने मुझसे अपने दिल की बात कह दी। वह कहने लगा सर में इस लड़की से बहुत प्यार करता हूं लेकिन मुझे लगता है कि यह मेरी बातों में कभी नहीं आने वाली यह लड़की मेरे पैसों से बिल्कुल भी प्यार नहीं करती। मैंने अरमान से कहा देखो अरमान हर कोई लड़की एक जैसी नहीं होती तुम्हें क्या लगता है कि तुम उसे पैसो से खरीदोगे तुम्हे इस लड़की से अपने प्यार का इजहार सादगी से करोगे और तुम्हे उसका दिल जीतना पड़ेगा और तुम्हे उसे प्यार से जीतना पड़ेगा। अरमान कहने लगा सर आप मेरी मदद कीजिए मैंने अरमान से कहा ठीक है मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगा। मैंने अरमान की मदद की वह जिस लड़की को चाहता था अब उन दोनों का रिलेशनशिप चल रहा है। अरमान और उसके पिताजी दोनों ही मुझ पर बड़े मेहरबान रहते मैं उनसे जो भी कहता वह मेरी हर एक जरूरतों को पूरा कर देते।

मैं चाहता था कि मैं अपना एक बिजनेस खोलूं मैंने अपने बॉस को इस बारे में बताया और उनको मेरे बिजनेस का मॉडल बहुत पसंद आया। उन्होंने मुझे कहा कि मैं इसमें पैसे लगा दूंगा लेकिन इसमें आधी हिस्सेदारी मेरी रहेगी मैंने कहा ठीक है सर और उसके बाद उन्होने बिजनेस में पैसा लगा दिया। मेरा काम भी अब अच्छे से चलने लगा था मैं अब एक कंपनी का मालिक बन चुका था। अरमान और मैं हर रोज शाम को मिला करते अरमान से मैंने कहा यार आरमान बहुत दिन हो गए हैं जब किसी टाइट माल को चोदा नहीं है। अरमान कहने लगा यह तो बड़ी छोटी सी बात है मैं आज ही आपकी इच्छा पूरी करवा देता हूं। अरमान ने बेहद ही खूबसूरत लड़की को बुला लिया और जब मैने उसे देखा तो मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पाया मैंने उसे अपने पास बुलाया। जब वह मेरी गोद में आकर बैठी तो अरमान मुझे कहने लगा सर मैं अभी चलता हूं मैंने अरमान से कहा ठीक है। जब उसने मेरे लंड को चूसना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा और मैंने भी उसके स्तनों को चूसना शुरू कर दिया था। हम दोनों एक दूसरे के बदन की गर्मी को महसूस करते रहे। जब मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने मुझे अपना नाम बताया और कहने लगी मेरा नाम शांति है।

मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था और मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसके स्तनों को दबाया और जब मैंने उसके स्तनों को चूसा तो उसे भी अच्छा लग रहा था काफी देर तक उसके स्तनों को दबाने के बाद जैसे ही मैंने उसके बदन से पूरे कपड़े उतार दिए तो उसने मेरे लंड को दोबारा अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया। काफी देर तक उसने मेरे लंड को चूसा उसे भी बड़ा मजा आ रहा था और मुझे भी आनंद आने लगा था। मेरा जोश भी पूरी तरीके से चरम सीमा पर पहुंच चुका था मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जाते ही उसके मुंह से आह की आवाज निकलने लगी और उसकी मादक आवाज निकल रही थी। मैं उसे अपनी बाहों में लेने लगा और मुझे बड़ा मजा आता उसकी चूत के मजे मै ले रहा था। जिस प्रकार से मैंने उसकी योनि के अंदर बाहर लंड को किया तो मेरे अंदर की उत्तेजना में इतनी ज्यादा बढोतरी हो गई थी कि मैंने कुछ ही देर बाद अपने वीर्य को शांति की चूत में गिरा दिया और उसे मैंने अपनी बाहों में भर लिया।
 
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